भुगतान बैंकों के लिए ऑनलाइन और मोबाइल लेनदेन में वृद्धि समेत अन्य लेनदेन की मात्रा में बढ़ोतरी की उम्मीद है। भुगतान बैंक अपनी पहुंच और लेनदेन की मात्रा बढ़ाने के लिए अपने साथ ज्यादा से ज्यादा माइक्रो-एटीएम को जोड़कर अपने इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार सुधार कर रहा है। हालांकि, भुगतान बैंक की लाभप्रदता न केवल समान डोमेन में काम करने वाले अन्य बाजार के खिलाड़ियों से प्रतिस्पर्धा के लिए बल्कि उत्पाद मिश्रण में बदलाव के लिए भी उन्मुख रहती है। अप्रत्यक्ष लागत के समान स्तर के साथ कम-उपज वाले उत्पादों के शेयर में वृद्धि भुगतान बैंक की लाभप्रदता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सीमा पार से भुगतान सकती है। इसके अलावा, भुगतान बैंक भी परिचालन जोखिमों से ग्रस्त है, जिसमें उच्च नकदी प्रबंधन गतिविधियों और बाहरी व्यापारी/एजेंट संचालित व्यापार मॉडल को देखते हुए नकदी कुप्रबंधन और धोखाधड़ी शामिल है।

UPI Payment Daily Transaction Limit In India, See Details

भुगतान बैंकों के लेन-देन में हुई बढ़ोतरी: आईसीआरए

Opportunity India Desk

भुगतान बैंक से होने वाले लेन-देन की मात्रा में सुधार देखा गया, जिसकी वजह से उनकी परिचालन क्षमता बेहतर हुई है। इससे वित्त वर्ष 2022 में उद्योगों में भी लाभ देखा गया है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में इनके मुनाफे में और ज्यादा बढ़ोतरी होगी।

भारत में भुगतान बैंक सीमा पार से भुगतान सीमा पार से भुगतान देश में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने में सहायता कर रहे हैं, जिस उद्देश्य के लिए उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा लाइसेंस प्रदान किया गया था। बता दें कि वित्तीय समावेशन समाज के पिछड़े एवं कम आय वाले लोगों को सीमा पार से भुगतान सीमा पार से भुगतान वित्तीय सेवाएं प्रदान करना है, जो उनके वहन करने योग्य मूल्य पर मिल सके।

वित्तीय समावेशन हमारे देश में काम के तरीके में साल-दर-साल सुधार कर रहा है। आरबीआई के वित्तीय समावेशन सूचकांक को गौर से देखें तो हमें मालूम होगा कि मार्च 2021 में यह 53.9 था, जो मार्च 2022 में बढ़कर 56.4 हो गया। आईसीआरए के विश्लेषण के अनुसार, बैंकिंग क्षेत्र में औसत मासिक लेनदेन वित्त वर्ष 2023 में 310 ट्रिलियन रुपये हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2022 में 273 ट्रिलियन रुपये था और वित्त वर्ष 2019 में 266 ट्रिलियन रुपये था।

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CIP किसी भी सामान के आयात / निर्यात के लिए सभी क्लीयरेंस संबंधी प्रक्रियाओं, कर्तव्यों, शुल्क और शुल्कों की जानकारी के लिए एक स्टॉप सॉल्यूशन है।

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'इंडिया कस्टम्स सिंगल विंडो' आयातकों और निर्यातकों को अपने निकासी दस्तावेजों को एक बिंदु पर ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा देगा।

सिंगल विंडो

यह सीमा पार से भुगतान आयात किए गए या उनके द्वारा निर्यात किए गए माल पर लागू कस्टम ड्यूटी की गणना करने के लिए व्यापार को सेवा प्रदान करता है।

RBI ने पेमेंट बैंक में अधिकतम बैलेंस की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया, RTGS और NEFT पर भी हुई बड़ी घोषणा

भारतीय रिज़र्व बैंक P C : Reuters

आरबीआई ने पेमेंट बैंकों के लिए डिपॉजिट लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है। आरबीआई ने यह राहत तत्काल प्रभाव से दी है। गौरतलब है कि पेमेंट बैंक काफी समय से डिपॉजिट लिमिट बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की है। मौद्रिक नीति में केंद्रीय बैंक ने डिजिटल पेमेंट्स बैंक को बड़ा प्रोत्साहन दिया है। आरबीआई ने पेमेंट बैंकों के लिए डिपॉजिट लिमिट बढ़ा दी है। आरबीआई ने पेमेंट बैंकों के लिए डिपॉजिट लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है। आरबीआई ने यह राहत तत्काल प्रभाव से दी है। गौरतलब है कि पेमेंट बैंक काफी समय से डिपॉजिट लिमिट बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इससे पहले सरकार ने डिपॉजिट इंश्‍योरेंस लिमिट को 5 लाख रुपये तक बढ़ाया था।

UPI लेनदेन की लिमिट को लेकर RBI के साथ बातचीत कर रहा सीमा पार से भुगतान है NPCI, बाजार में 80% हुई Google Pay और PhonePe की हिस्सेदारी

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) थर्ड पार्टी (टीपीएपी) द्वारा सीमा पार से भुगतान चलाई जाने वाली यूपीआई पेमेंट सर्विस के लिए कुल ट्रांजैक्शन की लिमिट को 30 प्रतिशत तक तय करने के फैसले पर भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के साथ सीमा पार से भुगतान बातचीत कर रहा है.

UPI लेनदेन की लिमिट को लेकर RBI के साथ बातचीत कर रहा है NPCI, बाजार में 80% हुई Google Pay और PhonePe की हिस्सेदारी (PTI)

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) थर्ड पार्टी (टीपीएपी) द्वारा चलाई जाने वाली यूपीआई पेमेंट सर्विस के लिए कुल ट्रांजैक्शन की लिमिट को 30 प्रतिशत तक तय करने के फैसले पर भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के साथ बातचीत कर रहा है. एनपीसीआई ने इस फैसले को लागू करने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा तय की है. इस समय लेनदेन की कोई सीमा नहीं है. ऐसे में दो कंपनियों गूगल पे (Google Pay) और फोनपे (PhonePe) की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर करीब 80 प्रतिशत हो गई है.

NPCI ने दिया था 30 प्रतिशत लेनदेन की सीमा तय करने का प्रस्ताव

NPCI ने सीमा पार से भुगतान नवंबर 2022 में एकाधिकार के जोखिम से बचने के लिए थर्ड पार्टी के ऐप प्रोवाइडर्स (टीपीएपी) के लिए 30 प्रतिशत लेनदेन सीमा पार से भुगतान की सीमा तय करने का प्रस्ताव दिया था. इस संबंध में सूत्रों ने बताया कि सभी पहलुओं पर व्यापक रूप से विचार करने के लिए एक बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में एनपीसीआई के अधिकारियों के अलावा वित्त मंत्रालय और आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया.

सूत्रों ने बताया कि फिलहाल एनपीसीआई सभी संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहा है और 31 दिसंबर की डेडलाइन बढ़ाने पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि एनपीसीआई को समय सीमा बढ़ाने के लिए इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स से अनुरोध मिले हैं और उनकी जांच की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक एनपीसीआई इस महीने के अंत तक यूपीआई मार्केट लिमिट लागू करने के मुद्दे पर फैसला कर सकता है.

आईसीआईसीआई बैंक ऑनलाइन सीमा शुल्क के भुगतान की सुविधा ग्राहकों को करता है प्रदान

आईसीआईसीआई बैंक ऑनलाइन सीमा शुल्क के भुगतान की सुविधा ग्राहकों को करता है प्रदान


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NEW DELHI-आईसीआईसीआई बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए खुदरा और कॉर्पोरेट दोनों के अंतर्गत डिजिटल रूप से सीमा शुल्क का भुगतान करने की सुविधा शुरू करने की घोषणा की है।

कॉर्पोरेट ग्राहक बैंक के कॉर्पोरेट इंटरनेट बैंकिंग (CIB)और मोबाइल बैंकिंग ऐप InstaBIZ के माध्यम से सीमा शुल्क का भुगतान कर सकते हैं, जबकि खुदरा ग्राहक बैंक के खुदरा इंटरनेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऐसा कर सकते हैं।

ग्राहक भारतीय सीमा शुल्क इलेक्ट्रॉनिक गेटवे (ICEGATE) की वेबसाइट पर बैंकों की सूची से आईसीआईसीआई बैंक का चयन करके ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं।

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