“नशीले पेय और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थों के सेवन पर प्रतिबंध” में एक प्रावधान किया गया है

व्यवहारिक अर्थशास्त्र क्या है? [What is Behavioral Economics? In Hindi]

Govt plans a new version of Data Protection Bill

The Union Government is planning to introduce the Digital Data Protection Bill in the upcoming year’s budget session of the Parliament. As of today, the bill is placed in the public domain for consultations.https://theyouthedge.com/?s=Current+affairs

  1. Functions: The bill aims to issue the digital rights and duties of the Indian citizens, who are called as Digital Nagrik. The bill also contains provisions related to the collection and use of public data lawfully by the Data Fiduciary. Accordingly, this bill is based on six principles of the data economy.
  2. Importance: These principles of data economy have been used in several countries. They provide a better understanding of data protection along with the individual rights, public interest Ease of doing business, etc.

Principles-

  1. The first principle: It says about the collection and usage of the personal data of citizens of India. It says that the collection and usage of personal data should be lawful. And also, it must be protected from any cyber breach.
  2. Second principle: It points towards the Purpose and Usage. It says that the data collection must be for a legal purpose. Also, the collected data should be safely stored till the purpose is served.
  3. Third principle: This principle is about the data minimization. It says that only relevant data should be collected and the pre-defined purpose should be the only aim.
  4. The fourth principle: It is regarding Data Protection and Accountability. It says that the data collected should be safely processed and stored securely. The data should not have any access to unauthorized persons.
  5. Fifth principle: It is about the accuracy of data. The data of individuals stored should be accurate and should be updated with time. Also, the individual should have the authority to inspect/delete/update his data.
  6. Sixth principle: The last principle says about the rules related to reporting a data breach. In case of a data breach, it should be reported in a fair and transparent manner to the Data Protection Boards.

Behavioral Economics क्या है?

Behavioral Economics एक महत्वपूर्ण आर्थिक और मनोवैज्ञानिक अवधारणा है। कई सिद्धांतकारों, मनोवैज्ञानिकों और अर्थशास्त्रियों ने इस शब्द को परिभाषित करने का प्रयास किया है। सर्वोत्तम व्यवहारिक अर्थशास्त्र की परिभाषा इसे लोगों के तर्कहीन व्यवहार और निर्णयों के अध्ययन के रूप में वर्णित करती है, जैसे काम छोड़ना और खरीदारी की होड़ में जाना। विशेष रूप से, व्यवहारिक अर्थशास्त्री यह समझने की कोशिश करते हैं कि समाज कैसे और क्यों व्यवहार करता है। अवधारणा मनोवैज्ञानिक और आर्थिक तत्वों को जोड़ती है ताकि लोगों को "कैसे" कार्य करना चाहिए और वास्तविक दुनिया में वे वास्तव में कैसे व्यवहार करते हैं, के बीच असंगतता की जांच करें। व्यवहारिक अर्थशास्त्र भी लोगों तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत के निर्णयों के परिणामों का विश्लेषण करता है।

एक आदर्श दुनिया में, लोग हमेशा इष्टतम निर्णय लेते हैं जो उन्हें सबसे अधिक लाभ और संतुष्टि प्रदान करते हैं। अर्थशास्त्र में, तर्कसंगत विकल्प सिद्धांत कहता है कि जब मनुष्यों को कमी की शर्तों के तहत विभिन्न विकल्पों के साथ प्रस्तुत किया जाता है, तो वे उस विकल्प का चयन करेंगे जो उनकी व्यक्तिगत संतुष्टि को अधिकतम करता है। यह सिद्धांत मानता है कि लोग, उनकी प्राथमिकताओं और बाधाओं को देखते हुए, उनके लिए उपलब्ध प्रत्येक विकल्प की लागतों और लाभों को प्रभावी ढंग से तौल कर तर्कसंगत निर्णय लेने में सक्षम हैं। किया गया अंतिम निर्णय व्यक्ति के लिए सबसे अच्छा विकल्प होगा। तर्कसंगत व्यक्ति के पास आत्म-नियंत्रण होता है और वह भावनाओं और बाहरी कारकों से प्रभावित नहीं होता है और इसलिए, वह जानता है कि उसके लिए सबसे अच्छा क्या है। काश व्यवहार अर्थशास्त्र बताता है कि मनुष्य तर्कसंगत नहीं हैं और अच्छे निर्णय लेने में अक्षम हैं।

तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत

भारतीय ध्वज फोटो

भारत सरकार

  • शब्द का आकार बदलें

भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह

महात्मा के 150 साल पूरे होने का जश्न लोगो

शब्दावली विकसित करने के सिद्धांत

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा स्वीकृत शब्दावली निर्माण के सिद्धांत

1. अंतर्राष्ट्रीय शब्दों को यथासंभव उनके प्रचलित अंग्रेजी रूपों में ही अपनाना चाहिए और हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं की प्रकृति के अनुसार ही उनका लिप्यंतरण करना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय शब्दावली के अंतर्गत निम्नलिखित तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत उदाहरण दिए जा सकते हैं :

  • तत्वों और यौगिकों के नाम, जैसे - हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड आदि;
  • तौल और तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत माप की इकाइयाँ और भौतिक परिमाण की इकाइयाँ, जैसे - डाइन, कैलॉरी, ऐम्पियर आदि;
  • ऐसे शब्द जो व्यक्तियों के नाम पर बनाए गए है, जैसे - मार्क्सवाद (कार्ल मार्क्स), ब्रेल (ब्रेल), बायॅकाट(कैप्टन बॉयकाट), गिलोटिन (डॉ. गिलोटिन), गेरीमैंडर (मि. गेरी), एम्पियर (मि. एम्पियर), फारेनहाइट तापक्रम (मि. फारेनहाइट) आदि;
  • वनस्पति विज्ञान, प्राणिविज्ञान, भूविज्ञान आदि की द्विपदी नामावली;
  • स्थिरांक, जैसे -  , g आदि;
  • ऐसे अन्य शब्द जिनका आमतौर पर सारे संसार में व्यवहार हो रहा है, जैसे - रेडियो, पेट्रोल, रेडार, इलेक्ट्रॅान, प्रोटॉन, न्यूट्रॅान, आदि;
  • गणित और विज्ञान की अन्य शाखाओं के संख्यांक, प्रतीक, चिह्न और सूत्र, जैसे - साइन, कोसाइन, टेन्जेन्ट, लॉग, आदि (गणितीय संक्रियाओं में प्रयुक्त अक्षर रोमन या ग्रीक वर्णमाला के होने चाहिए)।

The Hindu Newspaper Analysis 24 December 2022

The Hindu Newspaper 24 December

Q) With reference to the SAMARTH Scheme, consider the following statements:

  1. It promotes skill upgradation in the traditional sectors of handlooms.
  2. Ministry of Skill Development and Entrepreneurship is implementing Samarth Scheme.

Which of the above statements is/are correct?

समर्थ योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. यह हथकरघा के पारंपरिक क्षेत्रों में कौशल उन्नयन को बढ़ावा देता है।
  2. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय समर्थ योजना लागू कर रहा है।

रामानुजन का विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत में महत्वपूर्ण योगदान : प्रो जटाशंकर

रामानुजन का विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत में महत्वपूर्ण योगदान : प्रो जटाशंकर

प्रयागराज, 22 दिसम्बर . प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत संचालित सिविल लाइन्स स्थित ज्वाला देवी इण्टर कॉलेज में गुरूवार को श्रीनिवास रामानुजन जयंती पर विशाल शैक्षिक प्रदर्शनी एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया.

मुख्य अतिथि इविवि के भूतपूर्व दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो0 जटाशंकर तिवारी ने कहा कि रामानुजन एक महान भारतीय गणितज्ञ थे. उन्हे गणित में कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला, फिर भी उन्होंने विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया. गणित के क्षेत्र में उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रयोग किये जो आज भी उपयोग किये जाते हैं.

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