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BCCL was incorporated in January, 1972 to operate coking coal mines operating in the Jharia & Raniganj Coalfields, taken over by the Govt. of लिमिट ऑर्डर क्या है? India on 16th Oct,1971 to ensure planned development of the scarce coking coal resources in the country.It is a Public Sector Undertaking engaged in mining of coal and allied activities. It occupies an important place in as much as it produces bulk of the coking coal mined in the country.

खाने का तेल सस्ता करने को लेकर हुई अहम बैठक

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने 8 फरवरी, 2022 को एक बैठक की, जिसमें तीन फरवरी, 2022 को जारी उपरोक्त आदेश को क्रियान्वित करने की लिमिट ऑर्डर क्या है? योजना पर चर्चा की गई.

खाने का तेल सस्ता करने को लेकर हुई अहम बैठक

केंद्र सरकार (Central Government) ने तीन लिमिट ऑर्डर क्या है? फरवरी, 2022 को एक आदेश को अधिसूचित किया था, जिसके तहत खाद्य तेल (Edible Oil) और तिलहनों की भंडारण सीमा मात्रा 30 जून, 2022 तक बढ़ा दी गई है. इसका उद्देश्य है देश में खाद्य तेलों की कीमतें स्थिर करने के लिये सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न पहलों में तेजी आ सके. भंडारण सीमा आदेश (Stock Limit Order), केंद्र सरकार के साथ-साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह अधिकार देता है कि वे खाद्य तेलों और तिलहनों के भंडारण तथा वितरण को नियमबद्ध कर सकें. इससे देश में खाद्य तेलों और तिलहनों की जमाखोरी रोकने के सरकारी प्रयासों को बल मिलेगा. सभी लिमिट ऑर्डर क्या है? राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने 8 फरवरी, 2022 को एक बैठक की, जिसमें तीन फरवरी, 2022 को जारी उपरोक्त आदेश को क्रियान्वित करने की योजना पर चर्चा की गई.

बैठक के दौरान इस बात पर बल दिया गया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी बिना सप्लाई चेन और वैधानिक कारोबार में अड़चन पैदा किये भंडारण सीमा मात्रा आदेश लागू कर सकते हैं.

खाद्य तेलों के संबंध में तय की गई भंडारण सीमा

खाद्य तेलों के संबंध में भंडारण सीमा तय कर दी गई है. भंडारण सीमा खुदरा व्यापारियों के लिये 30 कुंतल, थोक व्यापारियों के लिये 500 कुंतल, बड़े रिटेलरों की दुकानों की श्रृंखला के लिये 30 कुंतल और उनके डिपो के लिये 1000 कुंतल तय की गई है.

तिलहनों के सम्बंध में खुदरा व्यापारियों की भंडारण सीमा 100 कुंतल और थोक व्यापारियों के लिये 2000 लिमिट ऑर्डर क्या है? कुंतल है. तिलहनों का प्रसंस्करण करने वालों के लिये उत्पादित खाद्य तेल का भंडारण 90 दिनों तक किया जा सकता है, जो प्रतिदिन के हिसाब से उत्पादन क्षमता पर निर्भर होगा. निर्यातकों और आयातकों को कुछ शर्तों के साथ इस लिमिट ऑर्डर क्या है? आदेश के दायरे से बाहर रखा गया है.

भंडारण सीमा की निगरानी करेंगे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश

बैठक में बताया गया कि यदि सम्बंधित वैधानिक प्रतिष्ठानों के पास भंडारण तय सीमा से अधिक हुआ, तो उसे खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल portal (https://evegoils.nic.in/eosp/login) पर घोषित करना होगा. इसके अलावा यह घोषणा करने के बाद भंडारण सीमा को 30 दिनों के भीतर तय सीमा में लाना होगा. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पोर्टल तक पहुंच बना दी गई है, ताकि वे प्रतिष्ठानों द्वारा घोषित भंडारण की निगरानी कर सकें. इसके साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे पोर्टल के जरिये भंडारण सीमा की नियमित निगरानी करते रहें.

आशा की जाती है कि उपरोक्त उपाय से जमाखोरी, काला-बाजारी आदि अवैधानिक कृत्यों को रोका जा सकेगा तथा खाद्य तेलों की कीमतों में इजाफा नहीं होगा. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य की भी जानकारी दी गई और यह भी बताया गया कि इससे भारतीय बाजार किस तरह प्रभावित होता है.

New Speed Limit: वाहनों के लिए क्या लागू होगी नई स्पीड लिमिट? केंद्रीय मंत्री गडकरी ने राज्यसभा में दिया ये जवाब

Nitin Gadkari News: केंद्रीय मंत्री ने अफसोस जताया कि सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है और यहां हर साल पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं. उन्होंने कहा कि इन दुर्घटनाओं में जितने लोग मरते हैं, उतने किसी महामारी, लड़ाई या दंगों में नहीं मरते.

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New Speed Limit: वाहनों के लिए क्या लागू होगी नई स्पीड लिमिट? केंद्रीय मंत्री गडकरी ने राज्यसभा में दिया ये जवाब

Speed Limit of Vehicles:देशभर में वाहनों के लिए नई स्पीड लिमिट लागू हो सकती है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विभिन्न राजमार्गों पर वाहनों की नई स्पीड लिमिट के संबंध में जल्दी ही फैसला किया जाएगा.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियम के आधार पर और राज्य सरकारों को विश्वास में लेकर टू लेन और फोर लेन सहित विभिन्न राजमार्गों पर नई स्पीड लिमिट का जल्दी ही निर्धारण किया जाएगा.

हर साल पांच लाख दुर्घटनाएं
गडकरी ने अफसोस जताया कि सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है और यहां हर साल पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं. उन्होंने कहा कि इन दुर्घटनाओं में जितने लोग मरते हैं, उतने किसी महामारी, लड़ाई या दंगों में नहीं मरते.

केंद्रीय ने कहा कि सरकार ऐसे हादसों पर काबू पाने के लिए लगातार कदम उठा रही है और लोगों के बीच जागरूकता एवं अन्य कदमों के साथ ही मशहूर हस्तियों का भी सहयोग लिया जा रहा है.

सरकार नई उच्च-स्तरीय सड़कें बना रही है
गडकरी ने कहा कि सरकार नई उच्च-स्तरीय सड़कें बना रही है जिससे कई शहरों के बीच की दूरी कम हो जाएगी. उन्होंने इस क्रम में कहा कि इन नई सड़कों के बन जाने के बाद दिल्ली लिमिट ऑर्डर क्या है? से चंडीगढ़ की दूरी घटकर ढाई घंटे की रह जाएगी जबकि दिल्ली से जयपुर, लिमिट ऑर्डर क्या है? देहरादून एवं हरिद्वार दो घंटे में पहुंचा जा सकेगा.

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महंगे एडिबल ऑयल से नहीं बिगड़ेगा खाने का जायका, कीमत कंट्रोल में रखने के लिए स्टॉक लिमिट का आदेश जारी

Stock limit on edible oil: लगातार दूसरे दिन सरकार ने एडिबल ऑयल की कीमतें काबू करने के लिए कदम उठाया है.

स्टॉक लिमिट के लिए उपभोग पैटर्न के आधार पर राज्य निर्णय लेंगे. (फोटो: pixabay)

Stock limit on edible लिमिट ऑर्डर क्या है? oil: पिछले कुछ समय से खाने के तेल की कीमतें बढ़ती जा रही हैं, वहीं इसे लेकर सरकार काफी गंभीर है. खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों पर काबू करने के लिए केंद्र सरकार ने शनिवार (09 अक्टूबर, 2021) को एक और बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution) ने तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट लागू करने का आदेश जारी किया है. खास बात ये है कि स्टॉक लिमिट 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी. राज्यों को कहा गया है कि आदेश जारी कर इसका सख्ती से पालन कराएं.

लगातार दूसरे दिन उठाया कदम
खाने के तेल की कीमतें काबू करने के लिए लगातार दूसरे दिन सरकार द्वारा उठाया गया यह दूसरा कदम है. इससे पहले शुक्रवार को सेबी ने आदेश जारी कर सरसों के वायदा कारोबार पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. अब स्टॉक लिमिट के आदेश के मुताबिक सभी तेल और तिलहन के विक्रेता, लिमिट ऑर्डर क्या है? रिफाइंड, प्रोसेसर्स, इंपोर्टर्स पर सीमा लागू होगी. इंपोर्ट किए गए तेल के स्टॉक को भी घोषित करना होगा. हालांकि इंपोर्टर्स को सीमा से छूट मिल सकेगी. आपको बता दें कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपलब्ध स्टॉक के आधार लिमिट ऑर्डर क्या है? पर स्टॉक लिमिट लगाने को कहा गया है. राज्य उपभोग पैटर्न के आधार पर इस बारे में फैसला लेंगे.

आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद
3 हफ्ते पहले ही केंद्र ने तेल का आयात बढ़ाने के लिए इम्पोर्ट डयूटी में कटौती की थी. साथ ही तेल और तिलहनों के स्टॉक की जानकारी और निगरानी के लिए केंद्र ने पोर्टल भी चालू किया है जिसपर हर लिमिट ऑर्डर क्या है? माह स्टॉक घोषित करना होगा. उसकी निगरानी और कार्रवाई का जिम्मा राज्य सरकार का होगा. सरकार के इस कदम से अब त्योहारी सीजन में खाने के तेल की कीमतें काबू में आ सकती है. केंद्र के नोटिफिकेशन के बाद स्टॉक लिमिट प्रभाव में आ गई. अब देखना होगा कि राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश इसके पालन के लिए कदम कब तक उठाते हैं. वहीं स्टॉक लिमिट से मंडी में सोयाबीन की खरीदी और दामों में भी कमी आ सकती है.

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