* देश में राजनीतिक स्थिरता (बहुमत की सरकार या गठबंधन की), राजनीतिक वातावरण जैसे कारण भी निवेशकों के निर्णय को काफी हद तक प्रभावित करते हैं. राज्यों के विधानसभा नतीजे भी शेयर बाजार पर असर डालते हैं. मौजूदा सरकार की जीत से उसकी नीतियों के जारी रहने का भरोसा बना रहता है, इससे निवेशक खरीदारी शुरू करते हैं जिससे बाजार में तेजी आती है.

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क्यों डूबता है शेयर बाजार में निवेशकों का पैसा? एक्‍सपर्ट से जानें क्‍या है मुनाफा कमाने का फंडा

Wealth Creation Tips शेयर बाजार में अमीर से गरीब बनने के किस्से गरीब से अमीर बनने के किस्सों से कई ज्यादा है। शेयर बाजार हमें जमीन पर रहना सिखाता है। निवेशक अपने उद्देश्य पर नजर रखेंगे तो वे शायद बेहतर महसूस करेंगे और लॉन्ग टर्म में अच्छा करेंगे

नई दिल्‍ली, वैभव अग्रवाल। शेयर बाजार में निवेश करना समय के साथ धन सृजन (Wealth Creation) करने के बेहतरीन विकल्‍पों में से एक है। हालांकि, शॉर्ट टर्म निवेश में नुकसान होना आम क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट बात है। निवेश मूल्यों में उतार-चढ़ाव होना भी स्‍वाभाविक है। यदि आपके निवेश का मूल्य गिरता है तो निवेश करने से घबराने के बजाय धैर्य की आवश्यकता होती है। बाजार क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट की अस्थिरता के दौरान पैनिक सेलिंग जैसी गलतियां निवेशक अक्सर करते हैं, जो उन्हें लॉन्ग टर्म में नुकसान पहुंचा सकती है। आइए, जानते हैं कि प्रचलित नकारात्मक व्यवहारों को क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट कैसे पहचानें और उनसे कैसे बचें।

अस्थिर हालातों के दौरान डर

जब भय हावी हो जाता है तो निवेशक इतने परेशान हो जाते हैं कि उन्हें आगे कुछ नहीं सूझता। हर कोई यह भूल जाता है कि स्टॉक फिर से बढ़ भी सकता है। चारों ओर निराशा छा जाती है और हर कोई पूंजी की सुरक्षा चाहता है। इन हालातों में तार्किक सोच वाला दिमाग भी भ्रमित हो जाता है। हर किसी के पास स्टॉक के और ज्यादा गिरने का ही पूर्वानुमान होता है। ऐसे समय पर ज्यादातर निवेशक अपने शेयरों को घाटे में बेच देते हैं और कंपनियों के अच्छे बिजनेस की संभावना की अनदेखी करते हैं।

सुझाव: महान निवेशक वॉरेन बफे कहते हैं कि 'शेयर बाजार बेसब्री से सब्र करने वाले व्यक्ति को धन हस्तांतरित करने का एक उपकरण है।' और यहीं पर डर एक अहम भूमिका निभाता है।

स्टॉक टिप्स के चक्कर में फंसना

अपने पूंजी को डूबाने का एक और तरीका है ब्रोकर, दोस्तों, रिश्तेदारों या सहकर्मियों द्वारा दिए गए स्टॉक टिप्स पर एक्शन लेना। जब आप स्टॉक टिप्स के अनुसार काम करते हैं तो आपका ब्रोकर पैसा कमा रहा होता है, न कि आप। कारण यह है कि ये स्टॉक टिप्स फाइनेंशियल रिचर्स के बजाय अनुमानों पर आधारित होते हैं। जिन शेयरों की सलाह आपको दी जाती है उनपर बहुत ज्यादा कर्ज, आय में अस्थिर वृद्धि और वे सभी विशेषताएं होती है जो नहीं होनी चाहिए। यह स्टॉक की कीमतों में सिर्फ उच्च अस्थिरता की स्थिति होती है, जो निवेशकों के बीच सट्टा ब्याज को बढ़ावा देती है।

पीटर लिंच फिडेलिटी मैगलन म्युचुअल फंड के मैनेजमेंट के लिए जाने जाते हैं। मैगलन म्‍युचुअल फंड अमेरिका में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले म्‍युचुअल फंड में से एक हैं। उनका कहना है कि वह सबसे चर्चित सेक्टर के शेयरों में निवेश से बचने की कोशिश करते हैं। किसी दूसरे को देखकर स्टॉक में निवेश करने से बचना चाहिए।

IPOs: पैसा कमाने का आसान क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट तरीका?

निवेशकों के बीच यह बात आम है कि कंपनियों के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPOs) में निवेश करने से पैसा नहीं डूबेगा। लगभग सभी यही सोचते हैं कि पब्लिक इश्यू निर्गम मूल्य के प्रीमियम पर खुलेगा और वे उच्च कीमतों पर इसे बेचकर लिस्टिंग के दिन अपनी होल्डिंग से बाहर निकल सकते हैं।

लेकिन ऐसा नहीं है। कई कंपनियां निर्गम क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट मूल्य पर छूट के साथ सूचीबद्ध होकर शेयर बाजार में शुरुआत करती है। कई ऐसे भी होते हैं जो निर्गम मूल्य से नीचे के स्तर पर होते हैं। हालांकि, कम कीमत वाली कंपनियों के IPO मजबूत बिजनेस की बुनियादी बातों के साथ पैसा बनाने के अच्छे अवसर प्रदान करते हैं। लेकिन निवेशकों को हर नए IPO पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

  • शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
  • अगर कंपनी अच्छा क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
  • राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर

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कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश

आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.

डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्‍थितियों में शेयरों का मूल्‍य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.

Eye Opener: शेयर बाजार में क्यों लगाना चाहिए पैसा? ये 7 कारण खोल देंगे आपकी आंखें!

बाजार में बिकवाली, डाउनटर्न, क्रैश से सबको डर लगता है. ये हर बाजार चक्र का हिस्सा हैं.

बाजार में बिकवाली, डाउनटर्न, क्रैश से सबको डर लगता है. ये हर बाजार चक्र का हिस्सा हैं.

एक्सपर्ट कहते हैं कि इक्विटी में लगा पैसा किसी दूसरे एसेट में लगे पैसे की तुलना में तेजी से बढ़ता है. लेकिन आमतौर पर वे . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 10, 2022, 16:16 IST
व्यक्ति को निवेशक बनना चाहिए न कि केवल बचतकर्ता (Saver).
निवेशक के तौर पर आपके एसेट की कीमत भी महंगाई के साथ-साथ बढ़ती है.
बढ़ती जनसंख्या के दौर में बेहतर काम करने वाली कंपनियां मूल्यवान हो जाती है.

नई दिल्ली. निवेश करने वाले अधिकतर लोग मानते हैं कि लगातार बढ़ती महंगाई दर को मात देने के लिए निवेश का सबसे अच्छा साधन इक्विटी (शेयर मार्केट) है. एक्सपर्ट कहते हैं कि इक्विटी में लगा पैसा किसी दूसरे एसेट में लगे पैसे की तुलना में तेजी से बढ़ता है. एक्सपर्ट्स इक्विटी के पुराने रिटर्न को देखते हुए ऐसा कहते हैं, लेकिन अधिकतर लोग इस बात पर आंखें मूंदकर भरोसा कर लेते हैं. वे यह नहीं पूछते कि इस बात की क्या गारंटी है कि यदि इतिहास में अच्छा रिटर्न दिया है तो भविष्य में भी अच्छा रिटर्न मिलेगा ही?

आखिर क्यों गिर रहे हैं भारतीय शेयर बाजार? हर निवेशक को जानने चाहिए ये कारण

ग्लोबल संकट की वजह से न केवल भारत बल्कि दूसरे देशों के बाजारों में भी भारी बिकवाली हो रही है.

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ग्लोबल संकट की वजह से न केवल भारत बल्कि दूसरे देशों के बाजारों में भी भारी बिकवाली हो रही है. इसके पीछे कई फैक्टर काम क . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 12, 2022, 15:54 IST

नई दिल्ली. आप सोच रहे होंगे कि भारतीय शेयर बाजार पिछले कुछ महीनों से क्यों गिर रहे हैं? सेंसेक्स 2022 में ही 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दिखा चुका है. इसी तरह निफ्टी में भी लगभग इसी समय के दौरान इतनी ही गिरावट आई है. आज, 12 मई, गुरुवार को भी निफ्टी और सेंसेक्स गैपडाउन खुले और फिर और गिर गए. खबर लिखे जाने तक (2:35 बजे तक) सेंसेक्स 1280 और निफ्टी 418 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे थे. दरअसल, यह गिरावट केवल भारत के शेयर बाजार में ही नहीं है, दुनियाभर के बाजारों में इसी तरह का संकट है.

चूंकि ये संकट दुनियाभर के तमाम बाजारों में है तो इसके लिए किसी एक देश के हालातों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. इसे ग्लोबल संकट कहा जाए तो गलत नहीं. और इसमें कोई एक फैक्टर काम नहीं कर रहा है, बल्कि कई अलग-अलग फैक्टर हैं. तो इस खबर में आपको उन तमाम फैक्टर्स के बारे में बताएंगे, जो फिलहाल बाजार को सिर उठाने नहीं दे रहे.

शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों होता है?

शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों होता है?

अब हम आपको बताते हैं कि किस वजह से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आता है और शेयरों के भाव चढ़ते-गिरते हैं:
आम समझ यह है कि जब किसी कंपनी के शेयरों को खरीदने वाले लोग अधिक हों और उसके कम शेयर बिक्री के लिए उपलब्ध हों, तो शेयरों का भाव बढ़ जाता है. इसके साथ ही कई अन्य वजहें भी हैं, जिनकी वजह से शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव आता है.

यदि दो देशों के बीच कारोबारी और रणनीतिक संबंध बेहतर बनने की उम्मीद हो तो अर्थव्यवस्था की तरक्की के हिसाब से निवेशक शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं.

मसलन भारत-चीन के बीच क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट बेहतर कारोबारी संबंध से अमेरिकी या यूरोपीय निवेशकों को भारत की ग्रोथ रेट बेहतर होने की उम्मीद बढ़ जाती है. वे भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना शुरू करते हैं.

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