Yogasanas to Remove Anxiety: क्या आपको भी हो रही है बिना किसी वजह से घबराहट? करें ये योगासन
अगर आप भी एंग्जायटी की समस्या से जूझ रहें हैं तो कुछ आसान योग अपना सकते हैं.
By: ABP Live | Updated at : 18 Apr 2022 02:32 PM (IST)
Yoga Asanas to Stay Fit: आजकल लोगों के दिमाग में चिंता यानी एंग्जायटी बनी रहती है. एंग्जायटी के दौरान दिमाग में अलग अलग तरह के विचार लगातार आते रहते हैं. ऐसी स्थिति में व्यक्ति की सांसों की गति भी तेज हो जाती है. साथ ही साथ हाथ पैर भी ठंडे पड़ जाते हैं. अगर आप भी एंग्जायटी की समस्या से जूझ रहें हैं तो हम आपकी इस समस्या का ले आएं हैं समाधान. आप एंग्जायटी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कुछ योग आसान अपना सकते हैं. चलिए जानते हैं.
- बुद्ध कोणासन - इस आसान को बटरफ्लाई पोज़ भी कहते हैं. इस आसान के लिए आप सीधे बैठ जाएं और अपने दोनों पैरों को सामने की और सीधा रखें. इसके बाद पैरों को मोड़ लें फिर हाथों की उंगलियों को पैरों के पंजो के ऊपर ला के मिला लें. इस दौरान आपकी एड़ियां शरीर से सटी हुई होने चाहिए. सांस लेते हुए दोनों पैरों को एक साथ बटरफ्लाई की तरह ऊपर ले जाएँ और फिर निचे ले आएं. आप इसे रोज़ाना 15 से 20 बार कर सकते हैं.
- दण्डासन - यह आसान करने के लिए आप सीधे बैठ जाएं और अपनी टांगों को सीधा फैला लें. इसके बाद पैरों की उंगलियों को अंदर की तरफ मोड़ ले लेकिन तलवों को बाहर की ओर ही रहने दे. अब अपने बाजुओं को कमर के बराबर सीधा रखें और कूल्हे को जमीन पर बराबर सटा ले. उसके बाद अपने सिर को नीचे की ओर झुका कर अपनी नज़र को नाक पर फोकस करने का प्रयास करें. इस प्रक्रिया को आप रोजाना 6 से 7 बार कर सकते हैं.
- उत्तरासान - इस आसान में आपको अपने शरीर को ऊंट की मुद्रा में रखना होगा. इस मुद्रा के लिए आप अपने पैरों को पिछली दिशा की ओर मोड़ कर सीधा कर ले. अपने शरीर को पीछे की ओर ले जाने की कोशिश करें और दोनों हाथों को एड़ियों पर रख लें. अब इस बात का ध्यान रखें कि इस आसन को करते समय अपने दोनों बाजुओं को सीधा रखें. रोजाना इस आसन को सुबह-सुबह करें. इससे आपको काफी फायदा मिल सकता है.
- पश्चिमोत्तानासन- यह आसन भी आपको एंग्जाइटी से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है. इस आसन को करने के लिए अपने दोनों पैरों को आगे की दिशा में फैला ले अपने बाजुओं को सीधा करें और उन्हें आगे की ओर ले जाएं. इसके दौरान अपने दोनों पैरों की उंगलियां यानी अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें और अपनी नाक से घुटने को टच करने की कोशिश करें. इस बीच अपने घुटनों और दोनों बालों को सीधा रखें. रोजाना आसन को तीन से चार बार करने से आपको फायदा मिल सकता है.
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Published at : 18 Apr 2022 02:32 PM (IST) Tags: Health Tips Health news Health Care Tips हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi
एक्सपर्ट एडवाइस: लंबी अवधि के इक्विटी निवेश के लिए यह बेहतर समय, जल्द ही बन सकती है लाभ की स्थिति
बिजनेस डेस्क। कोरोनावायरस से संबंधित घटनाक्रमों और इससे उपजी चिंताओं के मद्देनजर बाजार ने घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वर्तमान में, इक्विटी मूल्यांकन सस्ते हैं और निवेशकों में घबराहट का माहौल है। अतीत में इस तरह की घटनाएं लंबी अवधि के इक्विटी निवेश के लिए आकर्षक साबित हुए हैं। निमेश शाह (एमडी एवं सीईओ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ) कहते हैं कि ऐसा अवसर एक दशक में एक बार आता है। पिछली बार निवेशकों को ऐसा मौका 2008 और 2001 में मिला था।
3 से 5 निवेश में फायदा
निमेश शाह अनुसार तीन से पांच साल तक के निवेशक भारतीय शेयरों से उम्मीद से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। याद रखें, जब भी बाजार बुरे दौर से गुजरता है तो समाचार का प्रभाव बेहद नकारात्मक होता है और कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता है कि आगे क्या होगा। इसका पता तो अतीत में जाने के बाद ही लगता है। यहां तक कि डेट मार्केट वर्तमान में आकर्षण दिखाई पड़ता है और साथ ही निवेश का एक दिलचस्प अवसर प्रस्तुत करता है। इसका कारण अच्छे क्रेडिट का प्रसार है। इसलिए, यहां भी हमारे पास एक दशक में एक बार कॉर्पोरेट पेपर में निवेश करने और इस समय इक्विटी में निवेश करने का अच्छा अवसर आया है।
कोरोना के बाद जल्द ही बाजार में होगा सुधार
हमारे इक्विटी वैल्यूएशन इंडेक्स (फैक्टशीट में प्रकाशित) के अनुसार, बाजार ओवरसोल्ड क्षेत्र में है और अब यह संकेत दे रहा है कि इक्विटी में निवेश करने का समय आ गया है। हमारा मानना है कि कोरोनावायरस पर बाजार में सुधार होने की संभावना है। कोरोनावायरस पर अच्छा समाचार मिलते ही बाजार में सुधार होने लगेगा। इस धारणा को बाधित करने वाला कारक यह है कि फिलहाल बाजार में 21 दिन की अवधि से आगे के लॉकडाउन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। साथ ही हमें नहीं पता कि कोरोनावायरस का प्रभाव कब तक चलेगा। आपूर्ति और मांग दोनों पर व्यवधान उत्पन्न हो गया है, इसलिए निकट भविष्य में मोटे तौर पर मंदी की संभावना हो सकती है। कॉर्पोरेट इंडिया भी कोरोना महामारी की चपेट में आ रहा होगा और इसका प्रभाव आने वाली तिमाहियों निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं? की आय में दिखाई देगा। तो, निकट भविष्य में बाजार में तेजी की संभावना नहीं दिख रही है।
शेयरों की कीमतों में हो रहा सुधार
2008-2009 की मंदी से सबक यह सीखा गया है कि जब आय में कटौती होती है तो फिक्र की कोई बात नहीं क्योंकि बाजार आगे का रूख अपनाएगा। आपको याद रखना होगा कि शेयर की कीमतों में 30-40 प्रतिशत तक का सुधार हो चुका है। इसलिए, आय की तरफ ध्यान देने का कोई औचित्य कोई नहीं है। जब शेयर की कीमतों में इस तरह के भारी सुधार देखने को मिल रहे हों। महामारी फैलने से पहले भारतीय बाजार का मूल्यांकन बुलंदी पर था। इसलिए, हम निवेशकों को डायनामिक असेट अलोकेशन उत्पादों और डेट योजनाओं का विकल्प चुनने की सलाह दे रहे थे। शेयरों को भुनाने का शायद ही कोई दबाव रहा हो। हमें लगता है कि भारतीय निवेशक 2008 में देखे गए पिछले संकट के बाद से काफी परिपक्व हुए हैं। हम इस सुधार में खरीदारी कर रहे हैं। सभी क्षेत्रों में काफी सुधार हुआ है और ये फिलहाल 2008 के मूल्यांकन के स्तर से भी कम पर हैं। हमारा मानना है कि यह एक दशक में एक बार के लिए इस तरह के सस्ते मूल्यांकन पर खरीदने का अच्छा अवसर है। अस्थिरता इक्विटी में निवेश का एक हिस्सा है। बाजार में हुआ यह सुधार पिछले कुछ वर्षों में बाजार में प्रवेश किए उन निवेशकों के लिए अपनी तरह का अनुभव का पहला होगा। हालांकि, अगर ये निवेशक वर्तमान दौर की अनिश्चितता में अगर बने रह गए तो हमारा मानना है कि ऐसे निवेशक आने वाले वर्षों में उम्मीद से ज्यादा लाभ कमाने का अवसर प्राप्त करेंगे।
डेट मार्केट निवेश के हिसाब से बेहतर
ऐतिहासिक रूप से यह देखा गया है कि जब भी बाजार में सुधार होता है तो वे निवेशक जो उठापटक के दौरान निवेश में बने रहते हैं वो तेजी से लाभान्वित होते हैं। हमारा मानना है कि वर्तमान में ऋण बाजार (डेट मार्केट) अल्प से मध्यम अवधि के नजरिए से अच्छी कीमत पर हैं। निवेशकों को लाभ से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए ऋण अर्थात डेट में निवेश करना चाहिए। रूढ़िवादी या परंपरागत निवेशक कम, लघु और मध्यम अवधि के ऋण उत्पादों में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। उच्च जोखिम क्षमता वाले निवेशक अक्रूअल फंडों में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं क्योंकि अक्रूअल को रेपो सबसे आकर्षक बना रहा है। हाल ही में सुधार के बाद, समूचा मूल्यांकन आकर्षक हो गया है। मेटल, माइनिंग, टेलीकॉम और बिजली के क्षेत्र में अच्छी संभावनाएं हैं जबकि कंज्यूमर, नॉन-ड्यूरेबल्स, ऑटो और बैंकिंग के क्षेत्र में सुधार की गुंजाइश है। बैंकिंग में मूल्यांकन - सार्वजनिक और सार्वजनिक उपक्रम - में काफी सुधार हुआ है। हम कॉर्पोरेट ऋण बैंकों, अच्छी देयता वाले फ्रेंचाइजी और ग्राहक केंद्रित गैर ऋण फ्रेंचाइजी जैसे विषयों पर हमेशा चुनिंदा रूप से सकारात्मक रहे हैं। हमने उन चुनिंदा बैंकों में सुधार किया है जिनके पास अच्छी असेट लाइबिलिटी मैनेजमेंट उच्च कासा और व्यापक वित्तीय सेवाओं की उपस्थिति है। हमें विश्वास है कि एनबीएफसी तंग ऋण बाजार के कारण ऋण वृद्धि में नरमी देखना जारी रखेंगे। लेकिन हम चुनिंदा गोल्ड फाइनेंसरों और इंश्योरेंस पर पॉजिटिव हैं, जिन्हें भारत की लॉन्ग टर्म स्ट्रक्चरल ग्रोथ से फायदा हो सकता है।
एसआईपी में किए गए निवेशों को टॉप-अप करना चाहिए
पिछले 12 महीनों से, एसआईपी में औसतन प्रवाह 8,200 करोड़ रुपये से अधिक का रहा है। हमारा मानना है कि यह प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है क्योंकि एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए खुदरा निवेशकों के पसंदीदा मार्ग के रूप में उभर रहा है। ऐतिहासिक रूप से, यह देखा गया है कि कोई भी वैश्विक घटना जिसके कारण बाजार में मंदी आई है, निवेश के आकर्षक अवसर साबित हुए हैं। ऐसे समय में यह महत्वपूर्ण है कि मौजूदा निवेश के साथ बने रहें। वर्तमान बाजार की स्थिति के मद्देनजर निवेशकों को अपने मौजूदा एसआईपी और म्यूचुअल फंड में किए गए अन्य निवेशों को टॉप-अप करना चाहिए क्योंकि अब अपेक्षाकृत कम कीमत पर अधिक इकाइयों को जमा करने का अवसर है। अनिश्चितता बाजार में अस्थिरता पैदा करती है। इसलिए उन उत्पादों में निवेश किया जाए जो बाजार में अस्थिरता से सबसे अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। असेट अलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड का विकल्प चुनें और साथ ही डेट में निवेश की अनदेखी न करें। डेट बाजार भी निवेश के आकर्षक अवसर पेश कर रहे हैं।
पर्सनल फाइनेंस: शेयर बाजार में दिख रही है अनिश्चतता, आप निवेशक हैं तो जानिए कैसे हैंडल करके आप इससे जीत सकते हैं
शेयर बाजार की अस्थिरता से हर कोई निवेशक डरता है। यह पता नहीं होता है कि अगले घंटे में बाजार हमें लाभ देगा या घाटा देगा। हालांकि इस अनिश्चितता या उतार-चढ़ाव का कई कारण होता है। इन कारणों का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता। अगर आप इस उतार-चढ़ाव का सही आंकलन कर लाभ कमाना चाहते हैं तो आपको इसके निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं? लिए लंबी अवधि की निवेश की रणनीति अपनानी होगी।
स्टॉक मार्केट की इस अस्थिरता से निपटने के लिए आवश्यक पहलुओं के बारे में एंजल ब्रोकिंग के सीनियर रिसर्च जयकिशन परमार ने बताया। जानते हैं बाजार की ऐसी स्थिति में क्या रणनीति आपको अपनानी चाहिए।
अस्थिर बाजार को देखना सीखें
स्टॉक मार्केट की अस्थिरता से निपटना है तो पहला सबक यह है कि आपको इसे स्पॉट करना समझना होगा। तभी आप आगे बढ़ने के लिए सही तरीका तय कर सकेंगे। पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात, अस्थिर मार्केट की दो प्रमुख विशेषताएं हैं- कीमत में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव और बहुत ज्यादा ट्रेडिंग। आमतौर पर, यह ट्रेड ऑर्डर्स में असंतुलन दिखाता है। कुछ मामलों में कंपनी से जुड़ी खबरें या आईपीओ से भी ऐसा होता है। ऐसे बाजार का शुरुआती आंकलन डे ट्रेडर्स, शॉर्ट-सेलर्स और संस्थागत निवेशकों की गतिविधियों को देखकर भी किया जा सकता है।
निवेश करने से बचें
अस्थिरता को हैंडल करने की सही रणनीति यह है कि इसमें ट्रेडिंग करने से बचें। कम कीमतें बाजार में निवेश का सही संकेत नहीं हैं। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कम मूल्य वाले शेयरों में तेजी होगी। कभी-कभी ऐसी स्थितियां आगे चलकर आपको घाटा दे सकती हैं। किसी भी स्टॉक के ट्रैक रिकॉर्ड और बुनियादी बातों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करें। रेवेन्यू, डेट टू इक्विटी का अनुपात और भविष्य की क्षमता जैसे फैक्टर्स पर विचार करें। इससे यह समझना आसान होगा कि क्या स्टॉक में अस्थिरता है, जिससे हमें इसमें निवेश करने से बचना चाहिए।
बाजार में अंदर-बाहर होने से बचें
एक अस्थिर बाजार का शिकार बनने से बचने और स्थिरता के साथ खड़े होने का एक और सबक है आपकी इंट्री और सही तरह से उसमें से बाहर निकलना। चूंकि, यहां कई फैक्टर महत्वपूर्ण होते हैं। अनुभवी निवेशकों के लिए भी बाजार में सही समय का चुनाव करना एक चुनौती हो सकता है। शुरुआत में, आपको कोई भी एक्शन घबराहट में नहीं लेना चाहिए। इससे बचें। निवेश की सुरक्षा के लिए अपने स्टॉक को जल्दी से न बेचें।
भावनाओं से बचिए
स्टॉक मार्केट में गिरावट होने पर निवेशक भावुक हो जाता है और उसे लगता है कि उसने पैसा गंवा दिया। हालांकि, ध्यान रखें कि जब तक आप किसी स्टॉक को बेचते नहीं है, तब तक आपका एक भी पैसा कम नहीं हुआ है। जब तक सेल-एक्शन पूरा नहीं होता, तब तक स्टॉक केवल कागज पर ही घटता है। इस वजह से आपको डर में शेयरों को बेचने और समय से पहले बाहर निकलने से बचना चाहिए।
पोर्टफोलियो में विविधता
पोर्टफोलियो में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन) भी कोई फूल-प्रूफ उपाय नहीं है। क्योंकि यह हर बार मुनाफे की गारंटी नहीं दे सकता है। हालांकि, इसका एक अच्छा पहलू यह है कि इससे आप के पोर्टफोलियो पर अस्थिरता का प्रभाव कम होता है। पोर्टफोलियो में विविधता के साथ, आप ओवर-एक्सपोजर का खामियाजा भुगतते हैं। ऐसे में आप कई सेक्टर के शेयरों में निवेश करें।
अपने फाइनेंशियल प्रोफेशनल से सलाह लें
बाजार को समझने के लिए समय लें और भावनाओं के आधार पर जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं। यह भी उचित नहीं है कि आप किसी इंडस्ट्री इवेंट के आधार पर फैसले लें, वह भी प्रोफेशनल के इनपुट का लाभ उठाए बिना। आपको चाहिए कि आप एक फाइनेंशियल प्लानर से इस बारे में सलाह लें। अपनी आयु और रिटायरमेंट प्लान्स के आधार पर अलग-अलग असेट अलोकेशन करें। यह एक ऐसी चीज है जिसे आपको एक निवेशक के रूप में जरूर देखना चाहिए। क्योंकि आपकी उम्र जितनी कम होगी, उतना ही आपकी जोखिम सहने की क्षमता अधिक होगी।
यदि आप युवा हैं, तो आपके पास अधिक समय है। दूसरी ओर, यदि आप 60 साल के हैं तो पूंजी को बचाए रखना आपके लिए एक प्राथमिकता होगी क्योंकि आप रिटायर होने वाले हैं।
फाइनल नोट
निवेशकों को अस्थिर बाजार के संभावित जोखिमों पर गहरी नजर रखने और सावधान रहने की जरूरत है। यदि आपके पास आजमाई हुई स्ट्रैटेजी है, तो आप निवेश करते रह सकते हैं। सही स्ट्रैटेजी, आने वाले समय के लिए तैयारी और आश्चर्यचकित करने वाली घटनाओं से बचने की क्षमता ही आपको सफल बना सकती है।
बैक-अप या पैक-अप, इस अनिश्चित समय में क्या होनी चाहिए आपकी प्लानिंग?
निवेशकों को यह बताना आसान है कि वे बाजार की उठा-पटक से घबरायें नहीं और घबराहट में बाहर न निकलें, लेकिन इसे अमल में लाना मुश्किल है.
साल 2020 का आधा से ज्यादा हिस्सा कोविड-19 के साए में बीत चुका है. चीन में संक्रामक वायरस से शुरू होकर, आज यह एक वैश्विक महामारी बन चुका है.
साल 2020 का आधा से ज्यादा हिस्सा कोविड-19 के साए में बीत चुका है. चीन में संक्रामक वायरस से शुरू होकर, आज यह एक वैश्विक महामारी बन चुका है. ऐसा हमने पहले कभी नहीं देखा था. विकसित और उभरती दोनों ही देशों में आर्थिक गतिविधियां कई महीने तक ठप हो गईं.
कई सालों के वित्तीय अनुशासन से हासिल लाभ मिट्टी में मिल गये हैं, क्योंकि निवेशकों की घबराहट और आत्मविश्वास में कमी के कारण बाजार धराशायी हो गये हैं. इसमें नौकरियों के खत्म होने और वेतन में कटौती को जोड़ लीजिये. वर्ष 2020 कई लोगों के लिए अपना अस्तित्व बनाये रखने की चुनौती है.
हमारे सामने मौजूद वित्तीय संकट की कोई ऐतिहासिक तुलना नहीं है. इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हम निश्चित नहीं हैं कि यह वक्त कब ठीक होगा. कोविड-19 ने जीवन और वित्त के प्रति नजरिए को बदल दिया है.
हालांकि, एक बात तय है, यह निराशाजनक वक्त अनुशासित और मजबूत उपायों की मांग करता है. हममें से प्रत्येक को शांत और सतर्क रहने, प्रत्येक निवेश निर्णय को सावधानीपूर्वक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से तौलने की जरूरत है.
हमें इस अस्थिर वक्त में प्रभावी रूप से मार्गदर्शन के लिए और आर्थिक रूप से मजबूत होकर उभरने के लिए एक योजना की आवश्यकता है. तो, इस योजना में क्या शामिल होगा और हम कैसे इसे अपनायेंगे? यहां हमें निम्न कार्य करने की जरूरत है -
अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें और उन्हें अलग-अलग करें
किसी भी निवेश का उद्देश्य, एक विशेष अवधि के भीतर कुछ वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करना होता है. इस संदर्भ में इन लक्ष्यों पर आपका ध्यान महत्वपूर्ण हो जाता है.
मौजूदा स्थिति जैसे वक्त में, जब तरलता कम होती है और आय अनिश्चित होती है, तो आपको ड्राइंग बोर्ड पर वापस जाने और अपने लक्ष्यों के फिर से आकलन करने की आवश्यकता होती है.
यह अपने लक्ष्यों को छोड़े जा सकने या अतिआवश्यक के रूप में अलग-अलग करने के लिए एक उपयुक्त समय है. अपने छोड़े जा सकने योग्य लक्ष्यों को कुछ वर्षों के लिए स्थगित कर दें.
उदाहरण के लिए, स्थिति सामान्य होने तक एक नयी कार खरीदने या विदेश में छुट्टी बिताने की योजना को स्थगित कर दें. इसी तरह, एक उद्यमी के रूप में, अपने स्वयं का कार्यालय खरीदने या विस्तार योजनाओं को तब तक के लिए स्थगित कर दें, जब तक कि बिल्कुल आवश्यक न हो.
छोड़े जा सकने वाले लक्ष्यों पर समझौता करना, आपके बच्चों की शिक्षा, आपकी सेवानिवृत्ति या यहाँ तक कि आपके कर्मचारियों या विक्रेताओं को भुगतान, जो कि अनिश्चित काल के लिए स्थगित नहीं हो सकते, जैसे आपके अतिआवश्यक लक्ष्यों के लिए जगह बनाता है.
जोखिम के प्रति अपनी सहनशक्ति का मूल्यांकन करें
यह एक विडंबना है, कि अक्सर, जोखिम सहने की शक्ति का आकलन सीमित प्रश्नों के एक सेट के जरिये किया जाता है. हालांकि, मौजूदा तरह की घटनाएँ, आपके जोखिम पचाने की सच्ची परीक्षा लेती हैं.
निवेशकों को यह बताना आसान है कि वे बाजार की उठा-पटक से घबरायें नहीं और घबराहट में बाहर न निकलें, लेकिन इसे अमल में लाना मुश्किल है. बाजार गिरने की स्थिति में, अपनी मेहनत की कमाई का मूल्य घटते हुए देखना, एक मंझे निवेशक के लिए भी अपने फैसलों पर सवाल उठाने के लिए काफी है.
हालांकि, रूप बदलने के लिए वर्तमान स्थिति एक वरदान है. कई मिथकों का भंडाफोड़ होने के साथ, निवेशकों को अब इसके अनुरूप निवेश करने के लिए अपनी जोखिम पचाने की शक्ति की वास्तविक समझ हो सकती है.
व्यवसाय में, व्यक्तिगत वित्त के रूप में, अपनी बचत और आय की तुलना में अपने खर्चों और देनदारियों का आकलन करें। अपनी लागतों को कम करने और पैसे बचाने के रास्ते खोजें.
अपनी कार्यशील पूंजी के साथ विवेकपूर्ण रहें और इसे जितना संभव हो, उतना बढ़ायें। यह आपके लिए हर रुपए के लिए - कमाने और खर्च करने - दोनों के लिए पहले की तुलना में अधिक मेहनत करने का वक्त है.
समझदारी से करें निवेश
निवेश विशेषज्ञ एसेट् में निवेश के लिए बहुत नियमपूर्वक वैज्ञानिक पहलुओं का पालन करते हैं. सीधे शब्दों निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं? में कहें तो सही आवंटन आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है और किसी विशेष निवेश के कमजोर पड़ने की स्थिति में आपके पोर्टफोलियो को बढ़ाने के लिए अन्य एसेट्स को लगा सकता है.
हालांकि, निवेश के फैसलों को नियंत्रित करने वाले निहित पूर्वाग्रहों से न केवल इष्टतम रिटर्न घट सकते हैं, बल्कि नाखुशी के कारण भी बन सकते हैं. यह व्यक्तिगत निवेशकों या उद्यमियों के लिए सही है.
उदाहरण के लिए, हाल ही में जब इक्विटी की भारी गिरावट आई है, तो अभी बाजार से बाहर निकलना आपके काल्पनिक नुकसान को वास्तविक में बदल देगा. इसके साथ ही ओवरबोर्ड होने से बचना भी समान रूप से जरूरी है. सिर्फ इसलिए कि कुछ शेयर आकर्षक मूल्य पर उपलब्ध हो सकते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको उन्हें खरीदना होगा.
सर्वोच्च प्राथमिकता - वित्तीय हितों की रक्षा
इस पूरी अफरा-तफरी के बीच, अपने परिवार के वित्तीय हितों को नजरअंदाज करना आसान है. यदि आप अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य हैं, तो आपका उद्देश्य सबसे खराब स्थिति के लिए योजना बनाना होना चाहिए. किसी भी दबाव की स्थिति में खोई हुई आय में बदलाव का रास्ता तलाशें.
इस बीच, आप में से जो व्यवसायी हैं, मैं उनसे संगठनात्मक कामकाज में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए अपने कॉर्पोरेट प्रशासन ढाँचे को मजबूत करने का आग्रह करूँगा अपने व्यवसाय मॉडल पर चिंतन करें और जहां जरूरत हो, वहां सुधार करें.
महत्वपूर्ण लक्ष्यों से पैसा निकालने से बचें
अनिश्चितता के बड़ी होने पर, बड़े परिदृश्य की दृष्टि खोना आसान है. आप तरलता की वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने सेवानिवृत्ति जैसे आवश्यक लक्ष्यों से धन निकालने के लोभ में पड़ सकते हैं.
ऐसा करना हानिकारक है, चाहे आप व्यवसाय के स्वामी के रूप में हों या एक वेतनभोगी पेशेवर के रूप में हो क्योंकि यह आपके अतिआवश्यक लक्ष्यों को खतरे में डाल सकता है और आपको दीर्घकाल में कमजोर कर सकता है. इसकी बजाय, संकट को हल करने के लिए अपने आपातकालीन फंड का सहारा लें और एक बार चीजें ट्रैक पर वापस आ जाने पर, इसे फिर से पूरा कर दें.
निष्कर्ष
वक्त चुनौतीपूर्ण है और हमें ऐसे फैसलों का सामना करना पड़ रहा है जो हमारी दीर्घकालिक वित्तीय संभावनाओं को सीधे प्रभावित कर सकते हैं. यह शांत और विवेकपूर्ण रहने का समय है.
अपनी व्यक्तिगत बचत और निवेश को अपने व्यवसाय के साथ न मिलायें क्योंकि इससे हितों का संघर्ष हो सकता है औ कई निर्णय गलत हो सकते हैं. और इन दोनों के ही दीर्घकालिक नतीजे होते हैं. लक्ष्य पर ध्यान लगाये रहें और अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें.
(राहुल जैन एडलवाइज वेल्थ मैनेजमेंट के प्रमुख हैं. इस लेख दिए गए उनके विचार निजी हैं.)
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