आज के लाइव ट्रेडिंग सत्र में, हमने पिछले शुक्रवार को प्रमुख मुद्रा जोड़े के लिए तैयार किए गए सेटअपों पर एक नज़र डाली। एक त्वरित रूप से पता चलता है कि कई बड़ी कंपनियों ने बहुत थोड़ा पीछे हट गए हैं, लेकिन कम प्रवेश करने के अवसर प्रदान किए हैं। अंतिम .
यूएस की currency monitoring list से बाहर होने के क्या हैं मायने, जानें- इससे जुड़े हर सवाल का जवाब
भारत में होने वाले जी-20 सम्मेलन से पहले ही भारत को अमेरिका द्वारा currency monitoring list से बाहर करने की खबर वास्तव में राहत भरी है। इससे आने वाले समय में दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते और मजबूत होंगे।
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। अमेरिका ने भारत को भारत का नाम अपनी मुद्रा निगरानी प्रमुख मुद्रा जोड़े सूची से हटा दिया है। ये भारत के लिए एक बड़ी राहत मानी जा रही है। अमेरिका ने इसकी घोषणा ऐसे समय में की है जब अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन भारत के दौरे पर हैं और कुछ समय बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की पीएम नरेन्द्र मोदी से जी-20 सम्मेलन में मुलाकात होनी तय मानी जा रही है। ऐसे में अमेरिका के इस फैसले के कई बड़े अर्थ भी निकाले जा रहे हैं। अमेरिका ने ये फैसला अपने ट्रेजरी विभाग की दी गई रिपोर्ट के आधार पर लिया है। हाल ही में ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने एक रिपोर्ट कांग्रेस सौंपी थी। इस द्विवार्षिक रिपोर्ट प्रमुख मुद्रा जोड़े में कहा गया था कि भारत का नाम अब मुद्रा निगरानी सूची से हटा दिया गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को होगा। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच व्यापार और बढ़ेगा।
इन देशों का नाम भी हटाया गया
भारत के अलावा जिन देशों का नाम इस सूची से हटाया गया है उसमें इटली, मैक्सिको, थाईलैंड और वियतनाम का नाम भी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया प्रमुख मुद्रा जोड़े है कि इन देशों ने तीन मानदंडों में से एक को पूरा किया है, जिसके चलते इनका नाम इस लिस्ट से हटाया गया है। लगातार दो रिपोर्ट में भारत और दूसरे देशों के बारे में इसी तरह की रिपोर्ट सामने आई थी।
बता दें कि अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने इसी वर्ष जून में अपने महत्वपूर्ण द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष (trade surplus) के कारण भारत को करेंसी मैनिपुलेटर की निगरानी सूची में रखा था। विश्व में फैली कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद भारत का नाम तीसरी बार इस सूची में शामिल किया गया था।
किस रिपोर्ट के बाद भारत को इस लिस्ट से निकाला
गौरतलब है कि अमेरिका का ट्रेजरी डिपार्टमेंट अपने प्रमुख भागीदारों की मुद्रा पर निगरानी के लिए इस सूची को तैयार करता है। इसमें वो प्रमुख व्यापारिक भागीदारों की मुद्रा को लेकर गतिविधियों और उनकी दूसरी मोनेटरिंग पालिसी पर काफी बारीकी से नजर रखता है। पिछले दो साल से भारत अमेरिकी की इस मुद्रा निगरानी सूची में शामिल था।
ये देश अब भी इस लिस्ट में शामिल
अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट की लिस्ट में फिलहाल चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान का नाम इस सूची में बरकरार रखा गया है। चीन को लेकर रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि वो अपने विदेशी विनिमय हस्तक्षेप को प्रकाशित करने में विफल रहा है। विनिमय दर तंत्र में पारदर्शिता की कमी के बारे में भी इस रिपोर्ट में कहा गया है।
दुनिया में सिर्फ इन करेंसी की है अपनी पहचान, जानिए किसके क्या हैं प्रतीक चिह्न
दुनिया में कुछ भी खरीदना हो तो उसके बदले आपको एक निश्चित कीमत अदा करनी होती है। यह कीमत जिस देश में आप रहते हैं अथवा जिस देश में आप खरीदारी कर रहे हैं, वहां की मुद्रा में होती है। मुद्रा यानी करेंसी, पैसे या धन के उस रूप को कहते हैं, जिससे दैनिक जीवन में क्रय और विक्रय या लेन-देन होती है। इसमें कागज के नोट और सिक्के दोनों आते हैं। दुनिया के प्रमुख देशों की मुद्रा की अपनी एक अलग और खास पहचान है। इस पहचान को उस देश की मुद्रा का प्रतीक चिह्न कहा जाता है। अभी तक दुनिया में सिर्फ पांच आधिकारिक करेंसी चिह्न हैं। आइए जानते हैं दुनिया की प्रमुख करेंसी, उनके प्रतीक चिह्न के बारे में.
दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा देश का विदेशी मुद्रा भंडार
यूक्रेन संकट के बाद से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में $80 बिलियन से अधिक की कमी दर्ज हुई है. अकेले वर्तमान हफ्ते में $ 2 बिलियन से ज्यादा की गिरावट सामने प्रमुख मुद्रा जोड़े आई है. इसकी मुख्य वजह डॉलर के भाव को 80 रुपए प्रति डॉलर से ऊपर जाने से रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मुद्रा बाजार में डॉलर की बिकवाली को बताया जा रहा है. इसके साथ ही इसकी दूसरी वजह देश के चालू खाते के घाटा भी है, जिसकी वजह से देश का विदेशी मुद्रा रोकने में मदद नहीं मिल सकी. आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 9 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार $ 2.234 बिलियन प्रमुख मुद्रा जोड़े गिरकर $550.871 बिलियन ही रह गया है, जो एक सप्ताह पहले $553.105 बिलियन था. देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस वक्त दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.
कुकी और गोपनीयता सेटिंग्स
हम आपके डिवाइस पर कुकीज़ सेट करने का अनुरोध कर सकते हैं। जब आप हमारी वेबसाइट पर जाते हैं, तो आप हमारे साथ बातचीत कैसे करते हैं, अपने उपयोगकर्ता अनुभव को समृद्ध करने के लिए, और हमारी वेबसाइट पर अपने रिश्ते को अनुकूलित करने के लिए हम कुकीज़ का उपयोग करते हैं।
अधिक जानने के लिए विभिन्न श्रेणी के शीर्षकों पर क्लिक करें। आप अपनी कुछ वरीयताओं को भी बदल सकते हैं। ध्यान दें कि कुछ प्रकार की कुकीज़ को अवरुद्ध करना हमारी वेबसाइटों और हमारे द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर आपके अनुभव को प्रभावित कर सकता है।
ये कुकीज़ आपको हमारी वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध सेवाएं प्रदान करने और इसकी कुछ विशेषताओं का उपयोग करने के लिए सख्ती से आवश्यक हैं।
क्योंकि ये कुकीज़ वेबसाइट को वितरित करने के लिए कड़ाई से आवश्यक हैं, आप हमारी साइट के काम करने के तरीके को प्रभावित किए बिना उन्हें मना नहीं कर सकते। आप अपनी प्रमुख मुद्रा जोड़े ब्राउज़र सेटिंग्स को बदलकर उन्हें ब्लॉक या डिलीट कर सकते हैं और इस वेबसाइट पर सभी कुकीज़ को ब्लॉक कर सकते हैं।
प्रमुख मुद्रा जोड़े
Q. Consider the following statements regarding Special Drawing Rights, sometime seen in the news,
Which of the statements given above is/are incorrect?
Q. प्रायः चर्चा में रहने वाले विशेष आहरण अधिकार के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 377