लुधियाना, चंडीगढ़ आदि बड़े-बड़े अस्पतालों से इलाज करवाने के बावजूद वह चलने फिरने से असमर्थ हो गया। सन्दीप कुमार ने बताया कि कई साल मां और छोटे भाई पर निर्भर हुई उसकी जिन्दगी को उसने खत्म करने के लिए सोचा। निराश हुए को एक समाज सेवी राजिन्द्र पपनेजा का सहारा मिला। उसने उसे जिन्दगी जीने के लिए हर संभव मदद करने का वायदा किया। इसलिए उसने उसे व्हील चेयर, एक साऊंड सिस्टम और अगरबत्तियां खरीद कर दी। उस दिन से वह चारपाई से उठकर अगरबत्तियां बेचकर 2 वक्त की रोजी-रोटी का जुगाड़ कर रहा है। सन्दीप कुमार क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है? का कहना है कि वह किसी से रूपये नहीं लेता बल्कि अपनी मेहनत से कमाकर खाने पर गर्व महसूस करता क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है? है। उल्लेखनीय है कि संदीप कुमार उन लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन रहा है जो फिट होने के बावजूद भी भीख मांगते हैं, ऐसे लोगों को कोई न कोई काम कर मेहनत करनी चाहिए।
हादसे के आगे भी नहीं हारा सन्दीप, व्हील चेयर पर कमा रहा रोजी-रोटी
मलोट। (सच कहूँ/मनोज) इन्सान की जिन्दगी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है? परंतु कई लोग ऐसी परिस्थितियों में जिंदगी की चुनौती के आगे घुटने टेककर दूसरों पर निर्भर होकर बाकी जिन्दगी जीने के लिए मजबूर हो जाते हैं, जबकि कई जिंदगी की मुश्किल समय की चुनौतियों के आगे डटकर खड़े ही नहीं बल्कि आतम-निर्भर होकर जिन्दगी जीते हैं। वह लोगों के लिए नयी मिसाल कायम करते हैं। कुछ ऐसा ही एक क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है? युवा सन्दीप कुमार कुछ साल पहले विवाहित जिंदगी का सफर शुरू कर परिवार के पालन-पोषण के लिए कबाड़ का काम करने लगा। पत्नी, 2 बच्चों, छोटे भाई और बुजुर्ग मां के सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करने लगा।
अचानक एक सड़क हादसे में उसके सपने सदा के क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है? लिए ही खत्म हो गए। हादसे में सदा के लिए अपाहिज हो चुका सन्दीप कई साल चारपाई पर बिताने के बाद अपनी जिंदगी से निराश हो गया। जिन्दगी से सदा के लिए किनारा करने का रास्ता ढूंढ़ने लगा परंतु एक संस्था के मैंबर ने सन्दीप को जिन्दगी की चुनौतियों के आगे डटकर खड़े होने के लिए प्रेरित किया। उसने उसकी आर्थिक मदद कर उसे व्हील चेयर दी, जिस पर आज वह अगरबत्तियां बेचकर दो वक्त की रोजी-रोटी कमा रहा है। मलोट की गलियों और दुकानों पर छोटे लाऊड स्पीकर के जरिये अगरबत्तियां बेचने की आवाज दे रहे सन्दीप कुमार ने बताया कि करीब 13 साल पहले लुधियाना में कबाड़ लेकर जा रहा था तो उसे एक कैंटर चालक ने टक्कर मार दी थी, जिस कारण उसके पैरों ने सदा के लिए काम करने से जवाब दे दिया।
कोई भी दिव्यांग व्यक्ति उनसे संपर्क कर सकता है : पपनेजा
समाज सेवी राजिन्द्र पपनेजा ने कहा कि उनका मिशन ही समाज सेवा करना है और कोई भी दिव्यांग व्यक्ति उनसे संपर्क कर सकता है। उसकी भी मदद कर कोई मेहनत का काम करवा दिया जाएगा तो वह किसी दूसरे पर बोझ न बनकर अपना गुजारा खुद कर सकेगा।
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