ये हैं शेयरों में निवेश के 3 तरीके, जानिए इन्हें लेकर क्या हैं टैक्स नियम
शेयरों में निवेश करने से पहले कुछ चीजों पर ध्यान देना जरूरी है. इनमें कंपनी की पसंद, शेयर की कीमत, निवेश योग्य रकम इत्यादि शामिल हैं. इसके बाद आप नीचे बताए गए 3 तरीकों की मदद से शेयरों में निवेश कर सकते हैं.
शेयरों में सीधे निवेश
इसके लिए आपको कंपनी के बारे में रिसर्च करने की जरूरत पड़ती है. आपको निवेश करने के लिए ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट के साथ डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. बैंक अकाउंट और केवाईसी कंप्लायंस भी अनिवार्य है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड
इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश करने के लिए आपको केवाईसी की जरूरतों को पूरा करना पड़ता है. साथ ही फंड हाउस के एप्लीकेशन फॉर्म को भरना होगा जिसमें आप अपनी पसंद की स्कीम के बारे में बताते हैं. एप्लीकेशन स्वीकार होने के बाद आपको यूनिटें आवंटित हो जाती हैं. निवेश की पोर्टफोलियो वैल्यू दिन के अंत में निकाली जाती है. इसका कैलकुलेशन करने के लिए एनएवी के साथ यूनिटों को गुणा किया जाता है.
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस
शेयर बाजार में बहुत ज्यादा पैसा (50 लाख रुपये से अधिक) लगाने की चाहत रखने वाले निवेशकों के पास पोर्टफोलियो मैनेजर्स की सेवाएं लेने का भी विकल्प है. इसके लिए पोर्टफोलियो मैनेजमेंट एग्रीमेंट किया जाता है. यह एग्रीमेंट निवेशक और पोर्टफोलियो मैनेजर के बीच होता है. इसमें निवेश का मकसद, जोखिम, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट चार्ज की शर्तों के साथ इस बात का भी उल्लेख किया जाता है कि पोर्टफोलियो मैनेजर किस तरह की प्रतिभूतियों में निवेश करेंगे. शेयरों का स्वामित्व निवेशक के पास उसके डीमैट खाते में रहता है. इस तरह निवेशक को अपने खाते में ही डिविडेंड/बोनस एलॉटमेंट का पैसा मिलता है.
किन बातों का रखें ध्यान
1-म्यूचुअल फंड पर कैपिटल गेंस टैक्स यूनिटों को भुनाने के वक्त ही लगता है. म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो के भीतर फंड मैनेजर प्रतिभूतियों में जो खरीद-फरोख्त करते हैं, उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
2- पोर्टफोलियो मैनेजर जिन शेयरों में निवेश करते हैं, उन पर ट्रांजेक्शन के वक्त कैपिटल गेंस टैक्स लगता है. इस टैक्स को भरने की जिम्मेदारी निवेशक के पाले में आती है.
3- म्यूचुअल फंड स्कीम के मुकाबले पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस यानी पीएमएस में पोर्टफोलियो को कस्टमाइज करने का खर्च ज्यादा आता है. म्यूचुअल फंड में स्टैंडर्ड पोर्टफोलियो होता है. यह स्कीम के निवेश उद्देश्यों की तर्ज पर होता है.
Web Title : these are 3 ways to invest in stocks, know what are the tax rules regarding them
Hindi News from Economic Times, TIL Network
बड़ा पैसा बनाने में शेयर आप शेयर बाजार में कैसे निवेश करते हैं मार्केट कर सकता है मदद, लेकिन इन बातों का जरूर रखें ख्याल!
शेयर मार्केट निवेशकों को ज्यादा पैसा कमाने का मौका देता है. स्टॉक की कीमत समय के साथ बढ़ती या घटती है. शेयर मार्केट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेशकों को कम समय में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है जो बैंक एफडी जैसे अन्य निवेशों में नहीं होती है.
देवयानी इंटरनेशनल में शेयरखान ने 231 के लक्ष्य के साथ निवेश की सलाह दी है, स्टॉक फिलहाल 184 के स्तर पर है. यानि यहां से 25 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद है.
शेयर मार्केट और जनरल मार्केट में ज्यादा अंतर नहीं है. जनरल मार्केट में जिस तरह से चीजें खरीदी और बेची जाती हैं उसी तरह से शेयर मार्केट में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं.
शेयर मार्केट क्या है?
शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिस पर खरीदार और विक्रेता कुछ निश्चित घंटों के दौरान पब्लिक लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते हैं.
शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है?
शेयर मार्केट में निवेश करने के कई फायदे हैं. यह निवेशकों को ज्यादा पैसा कमाने का मौका देता है. स्टॉक की कीमत समय के साथ बढ़ती या घटती है. शेयर मार्केट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेशकों को कम समय में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है जो बैंक एफडी जैसे अन्य निवेशों में नहीं होती है. और लंबी अवधि में शेयर किसी भी दूसरी तरह के निवेश की तुलना में ज्यादा रिटर्न देते हैं.
शेयरों को लिक्विड एसेट माना जाता है क्योंकि उन्हें आसानी से कैश में बदला जा सकता है. इसके अलावा शेयर मार्केट को रेगुलेट करने के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी (नियामक संस्था) होती है, जो निवेशकों के हितों का भी ध्यान रखती है.
निवेश की शुरुआत कैसे करें
स्टॉक में या शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए सबसे पहले डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल शेयर या बांड खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है. वहीं एक डीमैट अकाउंट बैंक अकाउंट की तरह काम करता है, जहां आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में जमा होते हैं.
जब आप शेयर खरीदते और बेचते हैं तो यह आपके अकाउंट में क्रेडिट और डेबिट हो जाते हैं. ट्रेडिंग अकाउंट में लॉग इन करके आप उस स्टॉक को चुन सकते हैं जिसे आप खरीदना या बेचना चाहते हैं. खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके अकाउंट में शेयर खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा है. फिर वह कीमत तय करें जिस पर आप शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं.
शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति
शेयर मार्केट में निवेश करते समय इस बात को अपने दिमाग से निकाल दें कि यह कोई जादू की छड़ी है जो निवेश करते ही आपको करोड़पति बना देगी. शेयर मार्केट में निवेश करने के बाद अपने सेट किए हुए टारगेट के पूरा होने तक मार्केट में बने रहें. जैसे आप ब्रोकर से यह नहीं पूछते कि घर खरीदने के बाद हर दिन घर का रेट कितना बढ़ा या घटा, वैसे ही पोर्टफोलियो को हर दिन हरा और लाल होते देखकर निराश न हों.
Investment Tips: क्या आप भी हैं स्टॉक मार्केट में नए? तो सही शेयरों का चुनाव करने के लिए इन मापदंडों को अपनाएं, नहीं होगा जोखिम
कोरोना महामारी के चलते हमारे जीवन में कई तरह के बदलाव आए हैं। ऐसे में निवेश बाजार में भी एक बदलाव देखने को मिला है। छोटी बचत योजनाओं व बैंक जमा में ब्याज के घटने से अब छोटे निवेशकों ने शेयर बाजार की ओर रुख किया है। खास बात ये है कि एक ओर जहां छोटी बचत योजनाओं में निवेशकों की संखया घटी है, वहीं दूसरी ओर डीमैट खातों की संख्या बढ़कर दस करोड़ के पार पहुंच गई है। बेहतर मुनाफे के चलते भले ही निवेशकों ने इसे अपनाया है, लेकिन इसमें जोखिम भी उतना ही ज्यादा है। कई बार शेयर बाजार और शेयरों की सही समझ नहीं होने के चलते निवेशकों को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा है। अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं। लेकिन इसके जोखिम को लेकर निवेश करने में हिचकिचा रहे हैं, तो आप इन मापदंडों के आधार पर अपने शेयरों का चुनाव कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि सही शेयर का चुनाव करने के कुछ मापदंड, जिनसे आपके निवेश को जोखिम भी कम होगा और बेहतर रिटर्न दिलाने में भी मदद होगी।
मजबूत फंडामेंटल कंपनी को कैसे पहचानें
किसी भी कंपनी में निवेश से पहले कंपनी का कारोबार और वित्तीय स्थिति का आकलन करना बेहद जरूरी है। आप उस कंपनी के बीते दो साल के वित्तीय परिणाम, कारोबार का क्षेत्र और बाजार में हिस्सेदारी को देखें। इसके आप शेयर बाजार में कैसे निवेश करते हैं बाद कंपनी के बीते चार तिमाही मुनाफे के स्टेटस को देखें। आप ये सारी जानकारी ऑनलाइन आसानी से पता कर सकते हैं। साथ ही कंपनी के शेयर पर ब्रोकरेज हाउस और विशेषज्ञों की राय को जरूर पढ़ें। ऐसा करके आप एक सही कंपनी के शेयर का चुनाव कर सकते हैं। इसके अलावा कभी भी किसी पेनी स्टॉक में निवेश न करें।
शेयरों में निवेश के लिए भी कर सकते हैं सिप का इस्तेमाल, जानिए कैसे
लंबी अवधि में निवेश के लिए सिप एक बेहतरीन विकल्प है. शेयरों के मूल्य में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. लेकिन, आप शेयर बाजार में कैसे निवेश करते हैं जब आप सिप के माध्यम से शेयरों में निवेश करते हैं तो आप शेयर की कीमत पर ध्यान नहीं देते.
स्टॉक सिप करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि सिप हमेशा अच्छे स्टॉक यानी जो बुनियादी रूप से मजबूत शेयर हैं, उन्हीं में करें.
सिप दो तरीके से होता है. एक तय समय के लिए होता है तो दूसरा लगातार. निश्चित समय अंतराल में सिप 6 महीने, आप शेयर बाजार में कैसे निवेश करते हैं 1 साल, दो, तीन या इससे ज्यादा साल के लिए हो सकता है. दूसरी स्थिति यानी लगातार सिप में हम जब चाहे अपने सिप को रोक सकते हैं.
लंबी अवधि में निवेश के लिए सिप एक बेहतरीन विकल्प है. शेयरों के मूल्य में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. लेकिन, जब आप सिप के माध्यम से शेयरों में निवेश करते हैं तो आप शेयर की कीमत पर ध्यान नहीं देते. कीमत चाहे कम हो या ज्यादा, आप उस शेयर को एक निश्चित समय अंतराल पर खरीदते रहते हैं.
मान लीजिए कि 2,000 रुपये की राशि का मासिक निवेश आप शेयर में करना चाहते हैं. फिर हर महीने 2,000 में उस कंपनी के जितने भी शेयर आएंगे, उसे आप खरीद लेंगे. शेयर के मूल्य में उतार-चढ़ाव के कारण खरीदे गए शेयर की संख्या कभी कम भी हो सकती है और कभी ज्यादा भी.
जिस निश्चित अवधि के लिए हमने निवेश किया था, उस समय शेयर के मूल्य और खरीदे गए शेयर की संख्या के अनुसार हमें लाभ होता है. पर, अब सवाल यह उठता है कि आखिर हम स्टॉक सिप कैसे कर सकते हैं.
यहां हमें यह जान लेना चाहिए की म्यूचुअल फंड में सिप हमेशा फंड मैनेजर की ओर से किया जाता है. लेकिन, स्टॉक सिप जिसे 'ई-सिप' भी कहते है, उसमें निवेश खुद ही करना होता है या फिर ब्रोकर से इसे कराया जा सकता है.
कितनी राशि के शेयर आप शेयर बाजार में कैसे निवेश करते हैं कितने समय में खरीदने हैं, यह ब्रोकर को बताना पड़ता है. ब्रोकर उस निश्चित राशि के शेयर तय समय अंतराल में खरीद लेते आप शेयर बाजार में कैसे निवेश करते हैं है. स्टॉक सिप या ई-सिप किसी एक शेयर या फिर शेयर के समूह (3,4,5) के लिए किया जा सकता है.
स्टॉक सिप करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि सिप हमेशा अच्छे स्टॉक यानी जो बुनियादी रूप से मजबूत शेयर हैं, उन्हीं में करें. म्यूचुअल फंड की ही तरह इनमें भी डायवर्सिफिकेशन यानी विविधता अच्छी होती है. इसका मतलब है कि निवेश की पूरी रकम एक ही शेयर में न लगा दें, बल्कि अलग-अलग सेगमेंट के शेयर में निवेश करें.
क्या हैं स्टॉक सिप के फायदे:
1. एक छोटी राशि से निवेश शुरू कर लंबी अवधि में बड़ा निवेश किया जा सकता है.
2. बड़े वित्तीय लक्ष्य को सिप से पूरा किया जा सकता है.
3 .चूंकि निवेश की राशि कम होती है तो जोखिम भी ज्यादा नहीं होता है.
4. पैसे की जब कभी आकस्मिक जरूरत हो तो खरीदे गए शेयरों को बेच कर पैसा वापस पा सकते हैं.
5. सिप का सबसे बड़ा फायदा कम्पाउंडिंग यानी ब्याज पर ब्याज का है.
मुकुल अग्रवाल
(लेखक स्टॉक मार्केट एनालिस्ट और अग्रवाल कॉरपोरेट के संस्थापक हैं.)
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बड़ा पैसा बनाने में शेयर मार्केट कर सकता है मदद, लेकिन इन बातों का जरूर रखें ख्याल!
शेयर मार्केट निवेशकों को ज्यादा पैसा कमाने का मौका देता है. स्टॉक की कीमत समय के साथ बढ़ती या घटती है. शेयर मार्केट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेशकों को कम समय में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है जो बैंक एफडी जैसे अन्य निवेशों में नहीं होती है.
देवयानी इंटरनेशनल में शेयरखान ने 231 के लक्ष्य के साथ निवेश की सलाह दी है, स्टॉक फिलहाल 184 के स्तर पर है. यानि यहां से 25 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद है.
शेयर मार्केट और जनरल मार्केट में ज्यादा अंतर नहीं है. जनरल मार्केट में जिस तरह से चीजें खरीदी और बेची जाती हैं उसी तरह से शेयर मार्केट में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं.
शेयर मार्केट क्या है?
शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिस पर खरीदार और विक्रेता कुछ निश्चित घंटों के दौरान पब्लिक लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते हैं.
शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है?
शेयर मार्केट में निवेश करने के कई फायदे हैं. यह निवेशकों को ज्यादा पैसा कमाने का मौका देता है. स्टॉक की कीमत समय के साथ बढ़ती या घटती है. शेयर मार्केट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेशकों को कम समय में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है जो बैंक एफडी जैसे अन्य निवेशों में नहीं होती है. और लंबी अवधि में शेयर किसी भी दूसरी तरह के निवेश की तुलना में ज्यादा रिटर्न देते हैं.
शेयरों को लिक्विड एसेट माना जाता है क्योंकि उन्हें आसानी से कैश में बदला जा सकता है. इसके अलावा शेयर मार्केट को रेगुलेट करने के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी (नियामक संस्था) होती है, जो निवेशकों के हितों का भी ध्यान रखती है.
निवेश की शुरुआत कैसे करें
स्टॉक में या शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए सबसे पहले डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल शेयर या बांड खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है. वहीं एक डीमैट अकाउंट बैंक अकाउंट की तरह काम करता है, जहां आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में जमा होते हैं.
जब आप शेयर खरीदते और बेचते हैं तो यह आपके अकाउंट में क्रेडिट और डेबिट हो जाते हैं. ट्रेडिंग अकाउंट में लॉग इन करके आप उस स्टॉक को चुन सकते हैं जिसे आप खरीदना या बेचना चाहते हैं. खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके अकाउंट में शेयर खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा है. फिर वह कीमत तय करें जिस पर आप शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं.
शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति
शेयर मार्केट में निवेश करते समय इस बात को अपने दिमाग से निकाल दें कि यह कोई जादू की छड़ी है जो निवेश करते ही आपको करोड़पति बना देगी. शेयर मार्केट में निवेश करने के बाद अपने सेट किए हुए टारगेट के पूरा होने तक मार्केट में बने रहें. जैसे आप ब्रोकर से यह नहीं पूछते कि घर खरीदने के बाद हर दिन घर का रेट कितना बढ़ा या घटा, वैसे ही पोर्टफोलियो को हर दिन हरा और लाल होते देखकर निराश न हों.
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