कितना करना होगा निवेश
माध्यम वर्गीय लोगों की निवेश के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान पहली पसंद के रूप में देखी गई है. एसआईपी में आप हर महीने केवल 6500 रुपये का निवेश करते हैं तो पांच साल में पांच लाख रूपए जमा हो जाएंगे. यह योजना मासिक अंतराल में आपको निवेश करने पर जोर देती है. हर महीने 6500 रुपये का निवेश करने पर आपका सालाना निवेश 78 हजार हो जाएगा. जिसे आपको पांच साल तक जरी रखना है. यानी पांच साल में आपका कुल निवेश 3 लाख 90 हजार हो जाएगा. इसमें यदि आपको 12 प्रतिशत का भी ब्याज मिल रहा है तो आपको लगभग ढेड लाख तक रिटर्न मिलेगा. यानी पांच साल बाद आपकी कुल राशी पांच लाख से भी ज्यादा हो जाएगी.
LIC Invest Plan: इस प्लान में सिर्फ 71 रुपये के निवेश पर मिलेगा 48 लाख रुपये का गारंटीड रिटर्न, जानें क्या है प्लान
LIC New Endowment Plan में आपको कई तरह की सुविधा मिलती हैं. एलआईसी के इस प्लान में आप रोजना 71 रुपये का निवेश करते है तो आपको लगभग 48 लाख रुपये मैच्योरिटी के तौर पर मिलते हैं.
By: ABP Live | Updated at : 06 Nov 2022 10:47 PM (IST)
इंवेस्टमेंट प्लान (प्रतीकात्मक तस्वीर)
LIC New Endowment Plan : अगर आप भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) की पॉलिसी में निवेश करने का प्लान बना रहे है. साथ ही आपको सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न भी चाहिए. तो आपके लिए एलआईसी न्यू एंडोमेंट प्लान (LIC New Endowment Plan) लेकर आई है. इस प्लान में आपको कई तरह की सुविधा मिलती हैं. एलआईसी के इस प्लान में आप रोजना 71 रुपये का निवेश करते है तो आपको लगभग 48 लाख रुपये का कोष मैच्योरिटी के तौर पर मिलता है.
इस उम्र में करें निवेश
एलआईसी न्यू एंडोमेंट प्लान में निवेश के लिए आपकी उम्र 18 साल से उम्र 52 साल के बीच होनी चाहिए. इस प्लान में व्यक्ति अपने करियर की शुरूआत में निवेश करता है. तो उसे भविष्य में अच्छी खासी रकम मिलती है, जिसका इस्तेमाल वह किसी भी काम में कर सकता है.
क्या है प्लान
एलआईसी न्यू एंडोमेंट प्लान में आप 18 साल की उम्र में 10 लाख के सम अश्योड लेते हैं, जिसकी अवधि 35 साल है, तो आपको पहले साल 26,534 रुपये सालाना प्रीमियम देना होगा, जबकि दूसरे साल आपको 25,962 रुपये के प्रीमियम का भुगतान करना होगा. इस प्लान के तहत आप क्वॉटरली या फिर एनुअली मोड में प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं. अगर आप रोजाना 71 रुपये की बचत करते हैं, तो आपको 48.75 लाख रुपये की मैच्योरिटी मिल जाएगी.
मिलेगा लाइफ इंश्योरेंस कवर
अगर इस प्लान को लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु प्लान की मैच्योरिटी से पहले हो जाती है, तो पॉलिसी होल्डर के उत्तराधिकारी को इंश्योरेंस की राशि और लाइफ कवर की राशि का भुगतान किया जाएगा. यह कवर पॉलिसी का पहला प्रीमियम जमा कराने के बाद शुरू इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? हो जाता है. पॉलिसी धारक की मृत्यु होती है. तो कंपनी नॉमिनी को प्रीमियम के आधार पर 10,45,000 से 48,75,000 के बीच की राशि का भुगतान करेगी. आपको इस प्लान के तहत निवेश करने पर प्रीमियम के तौर पर सिर्फ 9,09,242 रुपये का भुगतान करना होता, जिस पर कंपनी आपको मैच्योरिटी के समय पर 48,75,000 रुपये देगी.
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Published at : 06 Nov 2022 09:51 PM (IST) Tags: lic Investments financial Planning LIC Of India LIC New Endowment Plan LIC Insurance हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
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कितना करना होगा निवेश
माध्यम वर्गीय लोगों की निवेश के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान पहली पसंद के रूप में देखी गई है. एसआईपी में आप हर महीने केवल 6500 रुपये का निवेश करते हैं तो पांच साल में पांच लाख रूपए जमा हो जाएंगे. यह योजना मासिक अंतराल में आपको निवेश करने पर जोर देती है. हर महीने 6500 रुपये का निवेश करने पर आपका सालाना निवेश 78 हजार हो जाएगा. जिसे आपको पांच साल तक जरी रखना है. यानी पांच साल में आपका कुल निवेश 3 लाख 90 हजार हो जाएगा. इसमें यदि आपको 12 प्रतिशत का भी ब्याज मिल रहा है तो आपको लगभग ढेड लाख तक रिटर्न मिलेगा. यानी पांच साल बाद आपकी कुल राशी पांच लाख से भी ज्यादा हो जाएगी.
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इसके माध्यम से आप जितना ज्यादा राशी का निवेश करेंगे उतना ज्यादा रिटर्न हासिल करेंगे. इसीलिए निवेश की शुरुआत करने से पहले आपना आर्थिक लक्ष्य निर्धारित कर लें और फिर उसे पाने के लिए प्रयास करें.
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड
म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –
- इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
- इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
- हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
- डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं
शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।
1.म्युचुअल फंड्स की जानकारी
अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।
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और ये कैसे काम करते हैं?
- म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना बनाम डायरेक्ट इक्विटी
- . म्युचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान
- टैक्स सेविंग(ईएलएसएस) फंड्स
2.म्युचुअल फंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो बनाना
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना । एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर। इस सेक्शन में, हम यह सीखेंगे कि म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाता है।
- पोर्टफोलियो इन्वेस्टिंग क्या है कैसे तैयार किया जाए
- अपने पोर्टफोलियो के लिए सही म्युचुअल फंड चुनना
- म्युचुअल फंड को कब बेचें
3.म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना
कईं शुरुआती इन्वेस्टर्स म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने की प्रक्रिया को मुश्किल मानकर उसमें इन्वेस्ट करने से कतराते हैं। ये आर्टिकल्स ऐसे ही शुरुआती इन्वेस्टर्स को म्युचुअल फंड को समझने में और इन्वेस्टमेंट शुरू करने में मदद करेंगे।
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और ये म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए ज़रूरी क्यों है (SIP) के द्वारा इन्वेस्ट करना
4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।
- म्युचुअल फंड्स पर टैक्स
- म्युचुअल फंड्स से पैसे निकालने पर एग्ज़िट लोड
- म्युचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेशो
- इन्वेस्टमेंट से जुड़ी भाषा की जानकारी
जहाँ म्युचुअल फंड्स की बात आती है वहाँ आमतौर पर लिस्ट में दिए गए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । हालाँकि शुरुआती इन्वेस्टर्स को इन सभी शब्दों को याद रखने की ज़रूरत नहीं है, आप किसी भी शब्द को सीखने के लिए, ग्लोसरी (डिक्शनरी) के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में क्या है अंतर, निवेश के लिए क्या है सही?
म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट और रेगुलर प्लान की नेट एसेट वैल्यू अलग होती है.
2013 में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों की ओर से उनकी सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए डायरेक्ट प्लान लॉन्च किए गए थे. इसका मकस . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 28, 2022, 12:34 IST
हाइलाइट्स
डायरेक्ट और रेगुलर प्लान की नेट एसेट वैल्यू (NAVs) अलग-अलग होती है.
डायरेक्ट प्लान में निवेशक को लॉन्ग टर्म में काफी अच्छा रिटर्न मिल जाता है.
डायरेक्ट प्लान में किसी भी एजेंट को सलाह के लिए कमीशन नहीं दिया जाता है.
नई दिल्ली. अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो यकीनन आप डायरेक्ट और रेगुलर प्लान के बीच के अंतर से पहले से ही वाकिफ होंगे. अगर आपको दोनों के बीच अंतर नहीं पता है तो यहां दोनों प्लान के बीच का अंतर बताने जा रहे है. साथ ही यह भी बताएंगे कि दोनों की नेट एसेट वैल्यू अलग क्यों होती है? इसके अलावा यह भी बताएंगे कि डायरेक्ट प्लान लेना सही है या रेगुलर प्लान ही बेहतर है?
2013 में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों की ओर से उनकी सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए डायरेक्ट प्लान लॉन्च किए गए थे. इसका मकसद यह था कि अगर कोई इन्वेस्टर अपने दम पर निवेश करने के काबिल है, तो वह सीधे बिना एजेंटों की मदद से डायरेक्ट इन्वेस्ट कर सकता है. इसमें इन्वेस्टर को किसी तरह के कमीशन देने इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? करने की जरूरत नहीं होती है. दूसरी ओर रेगुलर प्लान में कोई भी इन्वेस्टर एजेंटों के जरिए निवेश करता है. इसमें निवेशकों से कुछ प्रतिशत कमीशन लिया जाता है.
क्यों अलग होती है नेट एसेट वैल्यू?
डायरेक्ट प्लान की नेट एसेट वैल्यू हमेशा रेगुलर प्लान की नेट एसेट वैल्यू से ज्यादा होती है. यह भविष्य में मिलने वाले रिटर्न को काफी प्रभावित करता है. उदाहरण के तौर पर देखें तो अगर आपने 10 साल पहले एक पॉपुलर लार्ज कैप फंड में दोनों तरीकों से समान निवेश किया होता, तो अब 2022 में रिटर्न के हिसाब से रेगुलर की तुलना में डायरेक्ट प्लान की वैल्यू ज्यादा होगी. जबकि निवेश शुरू किया गया था तो रेगुलर और डायरेक्ट दोनों प्लान का NAV एक जैसा था, लेकिन कम खर्च के कारण डायरेक्ट प्लान तेजी से बढ़ता गया.
रेगुलर या डायरेक्ट प्लान, कौन सा है बेहतर?
अगर आप अभी भी रेगुलर प्लान में निवेश कर रहे हैं, तो सोचें कि आपको हर साल कितने कमीशन का नुकसान हो रहा है. कुछ अनुमानों के अनुसार, रेगुलर प्लान के लिए एजेंट को 1 प्रतिशत से ज्यादा कमीशन का भुगतान किया जाता है. इसलिए, आप निवेश रिटर्न के मामले में इसका फायदा नहीं ले पा रहे हैं. अगर कोई इन्वेस्टर खुद से निवेश कर सकता है तो उसके लिए डायरेक्ट प्लान ज्यादा बेहतर हैं. इन्हें केवल कुछ कामों के लिए ही एजेंट की जरूरत पड़ सकती है, जिसमें कमीशन न के बराबर होता है.
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Mutual Fund क्या है? कैसे करें निवेश की शुरुआत? कितनी होगी कमाई?
म्यूचुअल फंड का यह सबसे बड़ा फायदा है कि आप ₹500 या ₹1,000 से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 04 अगस्त 2022,
- (अपडेटेड 04 अगस्त 2022, 6:53 PM IST)
हम सभी ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के बारे में कभी न कभी तो सुना ही होगा. लेकिन निवेश का फैसला सभी नहीं ले पाते हैं. ये भी सच है कि अधिकतर लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है. ऐसे लोग निवेश करना तो चाहते हैं, लेकिन डरते हैं कि कहीं पैसा डूब ना जाए? आज हम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आए हैं.
क्या हैं म्यूचुअल फंड?
म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है. इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड द्वारा इन पैसों को को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर निवेश किया जाता है.
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आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसे से बना एक फंड (Fund) होता है. यहां पर एक फंड मैनेंजर होता है, जो फंड को सुरक्षित तरीके से थोड़ा-थोड़ा करके अलग-अलग जगह पर निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं.
क्या है एैसेट मैनेजमेंट कंपनी(AMC)?
ऐसी कंपनियां विभिन्न निवेशकों के द्वारा जमा किए गए फंडों को विभिन्न जगहों जैसे इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड, आदि में निवेश करती हैं और इस निवेश से मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के अनुसार बांट देती हैं. एक अच्छा फंड मैनेजर फंड को सही तरीके से निवेश कर उसपर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकता है, जिससे निवेशक को अच्छे रिटर्न प्राप्त होंगे.
किस तरह से म्यूचुअल फंड काम करता है, ध्यान से समझते हैं?
म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा है कि आपको निवेश करने के लिए मोटी रकम की जरुरत नहीं है. आप केवल 500 रुपये से भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं. मान लीजिए की आप कोई किसी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उसके एक शेयर की कीमत 25000 रुपये है. लेकिन म्यूचुअल फंड के जरिये आप ऐसी कंपनियों में केवल 500 रुपये में भी निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड तमाम निवेशकों से 500-500 रुपये जमाकर इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? उस कंपनी में बड़ी रकम निवेश करती है.
म्यूचुअल फंड में निवेश के फायदे-
1. म्यूचुअल फंड में निवेश पर आपको यह सोचने की जरुरत नहीं होती है कि जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं, उसकी ग्रोथ क्या है, ये काम फंड मैनेजर करता है.
2. म्यूचुअल फंड का एक बड़ा फायदा होता है कि यह आपके पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में निवेश करता है. मान कि किसी सेक्टर जैसे बैंकिंग या ऑटो सेक्टर में किसी कारणवश मंदी आ जाती है तो इससे संपूर्ण पोर्टफोलियो पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस सेक्टर में थोड़ा-सा निवेश होगा, जिससे सम्पूर्ण पोर्टफोलियो पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.
3. म्यूचुअल फंड में आप 500 या 1000 रुपये से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. आप यह भी तय कर सकते हैं कि कितने अंतराल पर इसमें निवेश करेंगे. यह साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर हो सकता है. इस प्रकार कुछ समय के बाद आप एक बड़ी रकम जुटा सकते हैं.
म्यूचुअल फंड कैसे खरीदें?
- इसके लिए आप मोबाइल एप्प, एजेंट के माध्यम या फिर ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.
-आज कई ऐसे प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं, जिनके माध्यम से आप एक जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं, आप अपनी म्यूचुअल फण्ड स्कीम की ग्रोथ, रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी आसानी से कर सकते हैं. ऑनलाइन निवेश ने म्यूचुअल फंड को ओर आसान बना दिया है. (नोट: म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)
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