छात्रों ने कक्षा 12 को कम से कम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण किया होगा।

What is Risk Management in Hindi-जोखिम प्रबंधन क्या है?

अगर आप Risk Management में जोखिम प्रबंधन क्या है? कोर्स करना चाहते हैं और इसके बारे में सारी डिटेल्स जैसे की Risk Management क्या है, Risk Management कोर्स करने के क्या फायदे हैं और Risk Managementका सिलेबस,स्कोप और इसको करने के बाद जॉब और सैलरी क्या मिलती है इन सब चीजों को अच्छे से डिटेल्स में इस पोस्ट में कवर किया गया है।

What is Risk Management in Hindi-जोखिम प्रबंधन क्या है?

किसी भी तरह के हादसों की घटने की निगरानी और नियंत्रण के लिए संसाधनों के समन्वित और किफायती अनुप्रयोग के बाद जोखिम की पहचान, मूल्यांकन और प्राथमिकता की प्रक्रिया को Risk Management न कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण शाखा है क्योंकि यह एक संगठन की रक्षा करता है और पैसे बचाता है।

Risk Management एक संगठन के सभी कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है। एक व्यवसाय की स्थिरता बढ़ जाती है, और कानूनी दायित्व कम हो जाता है।

जोखिम की पहचान, जोखिम विश्लेषण, जोखिम मूल्यांकन और मूल्यांकन, जोखिम न्यूनीकरण, जोखिम निगरानी की स्थापना Risk Management के सभी चरण हैं। Risk Management में नौकरियों में व्यापक नौकरिया शामिल है, और इसमें मिलने वाला वेतन भी काफी अच्छा होता है।

बैंकिंग और बीमा, रसद और विमानन, इंफ्रास्ट्रक्टर, सार्वजनिक स्वास्थ्य और निर्माण क्षेत्र Risk Management स्नातकों की भर्ती करते हैं। भारत और विदेशों में विभिन्न कॉलेजों में Risk Management में स्टडी किया जा सकता है।

Eligibility Criteria (UG & PG) of Risk Management

छात्रों को Risk Management पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा। मापदंड कॉलेज से कॉलेज और विश्वविद्यालय से विश्वविद्यालय जोखिम प्रबंधन क्या है? तक भिन्न हो सकते हैं।

    छात्रों ने कक्षा 12 को कम से कम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण किया होगा।

Postgraduate Level

  • 10 और 12 कक्षा में कम से कम 50% अंक आवश्यक हैं।
  • किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी बैक-लॉग के साथ संबंधित क्षेत्र में स्नातक की डिग्री।
  • CAT / MAT / XAT जैसी प्रवेश परीक्षाओं की मंजूरी की जरूरत है। प्रत्यक्ष प्रवेश उपलब्ध हैं, लेकिन महंगे हैं।

Scope of Risk Management in India and Abroad

दुनिया भर के व्यवसाय और संगठन जोखिमों को कम करने और नकारात्मक प्रभावों को नियंत्रित करने की दिशा में काम करते हैं। अस्पतालों से लेकर खेल तक, बीमा से लेकर लॉजिस्टिक्स और सुरक्षा तक हर जगह रिस्क मैनेजमेंट का स्कोप होता है। यह आपको कॉर्पोरेट क्षेत्र, रियल एस्टेट, निवेश, बैंकिंग और अन्य सभी औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार पाने में मदद करता है।

Risk Management Course Subjects

Risk Management में स्नातक अध्ययन तीन वर्षीय पाठ्यक्रम हैं। पाठ्यक्रम और विषय संस्थान और कॉलेज पर निर्भर करते हैं। पाठ्यक्रम में शामिल विषय नीचे बताया गया हैं।

व्यक्तिगत वित्त के संदर्भ में जोखिम प्रबंधन पर जोर

यूक्रेन में भारतीय छात्रों एवं अन्य कार्यरत लोगों को भारत सरकार द्वारा सकुशल वापस लाया जा चुका है। यह इनके माता-पिता तथा परिजनों के लिए अत्यंत सुखद अनुभूति है किंतु साथ ही साथ अब इन्हें छात्रों के भविष्य की चिंता भी सताने लगी है। यह स्वाभाविक है। व्यक्तिगत वित्त के संदर्भ में इसीलिए जोखिम प्रबंधन पर अधिक बल दिया जाता है। भविष्य की अनिश्चितता एवं मानवीय व्यवहार की अस्थिरता ने ही जोखिम प्रबंधन को तार्किक एवं सुदृढ़ बनाने में प्रोत्साहन दिया है। जीवन के अन्य पहलुओं की भांति वित्तीय जोखिम विभिन्न परिमाणों, विभिन्न संभावनाओं के साथ आ सकता है। ऐसे जोखिम जो हमें कम प्रभावित करते हैं, उन्हें हम अनदेखा कर देते हैं, ऐसे जोखिम जो हमें डराते हैं अधिक नुकसान कर सकते हैं। हम किसी न किसी रूप में जूझने का प्रयास करते हैं।

लेखक : करुणेश देव

ऐसे जोखिम जिन्होंने हमें 2020-22 में प्रभवित किया अथवा भविष्य में कर सकते हैं…

वित्तीय जोखिम:

1. मुद्रास्फीति का जोखिम:
मुद्रा स्फीति जैसे हमने पहले भी समझा है। हमारे पैसे के जोखिम प्रबंधन क्या है? लिए सबसे बड़ा खतरा है, जो समय के साथ हमारे पैसे के मूल्य को कम करता रहता है। इसकी दर कम या अधिक हो सकती है किंतु यह निरंतर हमारे पैसे की क्रय शक्ति व रिटर्न को कम करता रहता है।

2. ब्याज दर का जोखिम:
कम ब्याज दरें भी इस वास्तविकता का प्रमाण हैं कि अपना नुकसान उठा कर कोई भी संस्था ग्राहकों का भला नहीं कर सकती। ब्याज दरों को समग्र आर्थिक वास्तविकता के साथ जोडऩा एक सच्चाई है। यदि हम यह कहें कि आज से उक्त वर्ष पहले दरें अधिक थीं, तो यह तुलना गलत होगी, क्योंकि हमें कई अन्य कारकों को भी ध्यान में रखना होगा। पिछली पीढ़ी की कमाई की तुलना में आज वेतन कई गुना बढ़ गया है। चाहे सार्वजनिक हो या निजी क्षेत्र।

3. बाजारों का जोखिम:
पहले कोरोना और अब यूक्रेन-रूस युद्ध संबंधित विश्व व्यापी बाजारों की गिरावट, यह ऐसा जोखिम है, जिसे पहले से जानना अथवा अनुमान लगाना कठिन है। बाजारों में निवेश वैसे भी जोखिम के अधीन होते हैं, किंतु इस तरह की पूरी तरह से अप्रत्याशित घटनाएं तेजी से गिरावट का कारण बनती हैं।

व्यक्तिगत जोखिम:
1. वित्तीय क्षति का जोखिम:
व्यापार में हानि, बैंक का बंद होना, गलत निवेश, वित्तीय धांधली, ऑनलाइन फ्रॉड, अवांछनीय वित्तीय उत्पाद में लंबी अवधि के लिए निवेशित रहना। ये सब वित्तीय क्षति पहुंचाने वाले हैं तथा इनसे कोई भी वर्ग आज अछूता नहीं है। मुद्रा स्फीति की अधिक दर भी आपके धन को धीरे-धीरे क्षति पहुंचाती है।

2. आय जोखिम:
यह जोखिम व्यापारियों, अपना व्यवसाय करने वालों अथवा कर्मचारियों, सभी के लिए है किंतु निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को अधिक सताता है। आय का जोखिम दो प्रकार से चिंता बढ़ाता है। पहला है आय का पूर्णतया या आंशिक रूप में रुक जाना तथा दूसरा समय के साथ एवं खर्चों के अनुपात में आय का न बढऩा।

3. खर्च का जोखिम:
जिन परिवारों ने ऋण लेकर अपने बच्चों को पढ़ाई करने यूक्रेन भेजा था, वे बच्चों के भविष्य के साथ-साथ ऋण अदायगी व अपने खर्चे को लेकर भी अत्यधिक चिंतित हैं। इसी प्रकार कुछ खर्चे जो अप्रत्याशित रूप से आते हैं, आपके सुनियोजित एवं सुचारू वित्तीय जीवन में कभी भी जोखिम बढ़ा सकते हैं।

4. शारीरिक क्षति जोखिम:
व्यक्तिगत रूप में देखें तो जीवन जोखिम, स्वास्थ्य जोखिम, सुरक्षा जोखिम ये ऐसे जोखिम हैं, जिनसे हमें हर दिन जूझना पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप बीमारी, शारीरिक नुकसान अथवा जीवन हानि भी हो सकती है। यह केवल हमारी अपनी ही नहीं अपितु दूसरे की गलती से भी हो सकता है। इसके अन्य कारण पर्यावरण, जिस देश में आप रह रहे हैं या जो पेशा आप चुनते हैं, ये भी जोखिम प्रबंधन क्या है? हो सकते हैं।

चलते चलते

पहले 2020 और आज 2022 हमें सतर्क रहने के साथ मानवीय मूल्यों को समझने तथा भविष्य के प्रति सजग रहने का संदेश दे रहा है। वित्तीय जोखिम व प्रबंधन हमारे जीवन मूल्यों का ही अभिन्न अंग है।

सोचिए, समझिए व जागरूक बनिए।

नोट : यहां दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य से दी गई है। किसी भी निवेश से पहले उसकी पूरी जानकारी अवश्य लें।

म्यूचुअल फंड किस तरह से जोखिम प्रबंधन में सहायता करते हैं?

म्यूचुअल फंड किस तरह से जोखिम प्रबंधन में सहायता करते हैं?

जोखिम कई रूपों में दिखते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास किसी कंपनी के शेयर हैं तो मूल्य जोखिम या बाज़ार जोखिम या कंपनी विशिष्ट जोखिम होते हैं। उपरोक्त कारणों में से किसी एक या उनके मिश्रण से केवल उसी कंपनी के शेयर मूल्य गिर सकते हैं या बरबाद हो सकते हैं।

हालांकि किसी म्यूचुअल फंड में एक आम पोर्टफोलियो में अनेक प्रतिभूतियां होती हैं, जिससे “डाइवर्सिफिकेशन” मिलता है। वास्तव में डाइवर्सिफिकेशन म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे बड़ा लाभ है। यह इस बात को सुनिश्चित करता है कि किसी एक या कुछ प्रतिभूतियों के मूल्य में किसी प्रकार की गिरावट प्रोर्टफोलियो के प्रदर्शन में बहुत खतरनाक प्रभाव न जोखिम प्रबंधन क्या है? डालें।

तरलता जोखिम, ध्यान में रखने योग्य एक और महत्वपूर्ण जोखिम है। तरलता क्या है? यह किसी एसेट को नगद में बदलने की स्थिति है। मान लीजिए, किसी निवेशक के पास 10 वर्षों के लिए लॉक किया हुए एक निवेश है, और उसे तीसरे वर्ष में पैसों की जरूरत है। इससे एक तरलता वाली समस्या पैदा होती है। इस समय उसकी प्राथमिकता नगद है ना कि लाभ। अपने विनियमों और संरचना के आधार पर म्यूचुअल फंड बेहतर तरलता पेश करते हैं। पोर्टफोलियो को, निवेशक को निवेश और रिडंप्शन की सहजता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।

"जोखिम प्रबंधन" एक प्रक्रिया है जिसमें _____ शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु जोखिम प्रबंधन:

प्रक्रिया, मूल्यांकन से अलग, सभी इच्छुक पार्टियों के परामर्श से नीति विकल्पों को तौलना, जोखिम मूल्यांकन और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य संरक्षण के लिए प्रासंगिक अन्य कारकों पर विचार करना और उचित रोकथाम और नियंत्रण विकल्पों का चयन करते हुए उचित व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए भी है ।

महत्वपूर्ण बिंदु

जोखिम प्रबंधन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें नीति विकल्पों का मूल्यांकन शामिल है।

अनुक्रमांक विकल्प उत्तर
1. संकट अभिनिर्धारण यह जोखिम मूल्यांकन की एक प्रक्रिया है
2. सूचनाओं और विचारों का परस्पर आदान-प्रदान यह प्रक्रिया जोखिम संचार के अंतर्गत आती है।
3. संकट अभिलक्षण यह जोखिम मूल्यांकन की एक प्रक्रिया है।

अतिरिक्त जानकारी

जोखिम विश्लेषण, खाद्य सुरक्षा निर्णय लेने के लिए एक व्यवस्थित , अनुशासित दृष्टिकोण मुख्य रूप से पिछले दो दशकों में विकसित किया गया है।

कोडेक्स द्वारा जोखिम विश्लेषण के तीन मुख्य घटकों को निम्नानुसार परिभाषित किया गया है:

  • जोखिम मूल्यांकन
  • जोखिम प्रबंधन
  • जोखिम संचार

जोखिम मूल्यांकन: एक वैज्ञानिक रूप से आधारित प्रक्रिया जिसमें निम्नलिखित चरण होते हैं:

a) संकट अभिनिर्धारण

c) अच्छादन मूल्यांकन

जोखिम संचार: जोखिम, जोखिम से संबंधित कारकों से संबंधित जोखिम विश्लेषण प्रक्रिया के दौरान सूचनाओं और विचारों का परस्पर आदान-प्रदान।

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