किसानों की आय दोगुना करने की स्कीमों पर सरकार सक्रिय

किसानों की आय दोगुना करने की स्कीमों पर सरकार सक्रिय

नई दिल्ली (जेएनएन)। किसानों की आमदनी को दोगुना करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को पूरा करने वाली सात सूत्रीय कार्यनीति पर सरकार तेजी से आगे बढ़ी है। खेती में सुधार लाने के लिए गठित उप समितियों की रिपोर्ट दिसंबर में पेश की जाएंगी। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने यह जानकारी बृहस्पतिवार को कृषि मंत्रलय की सलाहकार समिति की बैठक में दी।

संसद भवन में आयोजित बैठक में सिंह ने पिछले दो सालों की उपलब्धियों और अगले तीन सालों की योजनाओं पर किये जाने वाले क्रियान्वयन का ब्यौरा दिया। उन्होंने सात सूत्रीय कार्यनीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सिंह ने कहा कि ‘हर बूंद से अधिक उपज’ लेने की योजना के तहत सिंचाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। मिट्टी की जांच और उसके अनुरूप खाद का प्रयोग व कटाई के बाद उपज के भंडारण की दिशा में कदम उठाये गये हैं।

खाद्य प्रसंस्करण के जरिये मूल्यवर्धन, राष्ट्रीय कृषि मंडी की स्थापना और ई-मंडी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृषि संबंधी जोखिम से बचाने के लिए फसल बीमा योजना शुरू कर दी गई है। खेती के साथ उससे जुड़े उद्यम पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिनमें मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन और मछली पालन के साथ अन्य व्यवसायों पर बल दिया गया है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए मार्च 2017 में एक सप्ताह तक गंभीर विचार-विमर्श किया गया।

इसी दौरान खेती के विभिन्न मुद्दों पर समग्रता में विचार करने के लिए 14 उप समितियां गठित की गईं। इनमें स्वतंत्रता से लेकर अब तक खेती की दशा सुधारने को लेकर किये गये प्रयासों को समेटना और वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की योजना का अध्ययन करना है। कृषि में अनुसंधान और विकास, ढांचागत जरूरतें और सुशासन समेत विभिन्न पक्षों पर उप समितियां अपनी राय रखेंगी।

कृषि मंत्री ने बताया कि दिसंबर महीने तक सभी समितियों की रिपोर्ट पेश हो चुकी है। हालांकि आधा दर्जन समितियों की अंतरिम सिफारिशें समय-समय पर पेश हुईं, जिसे उसी समय लागू भी कर दिया गया।

पैसिव इनकम और पोर्टफोलियो इनकम की जानकारी

Zerodha

पैसिव इनकम और पोर्टफोलियो इनकम, आमदनी के वे तरीके है, जिनसे आम आदमी परिचित नही होता, सच्चाई तो ये है कि वह आम आदमी सिर्फ और सिर्फ़ एक्टिव इनकम के बारे में ही जानता है,
एक्टिव इनकम का मतलब होता है “काम करो तो ही पैसे आएंगे” और “काम नही किये तो पैसे नही आएंगे”
और पैसिव इनकम और पोर्टफोलियो इनकम के बारे में इसी समझ की कमी के कारण ही आम आदमी , आम तौर पे आर्थिक रूप से अपना पूरा जीवन बहुत मुश्किलों में गुजार देता है, और कभी आर्थिक आजादी हासिल नही कर पाता,

तो इसलिए ये समझना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता हैं कि आखिर ये पैसिव इनकम और पोर्टफोलियो इनकम क्या होता है ?
और आर्थिक आजादी पाने के लिए इसका क्या महत्व है ?

अब आइये सबसे पहले समझते है कि –

पैसिव इनकम क्या होता है ?

Passive (पैसिव) शब्द निष्क्रिय आय और कमाई क्या है का हिंदी अर्थ होता है – निष्क्रीय, और इस तरह पैसिव इनकम का शाब्दिक अर्थ होता है – निष्क्रिय आमदनी,
और निष्क्रिय आमदनी से मतलब वह आमदनी जो आपको निष्क्रिय रूप से प्राप्त होती है, यानी जिस इनकम के लिए आपको एक्टिव रूप से लगातार काम नही करना पड़ता है,
जैसे – नौकरी से हमे जो इनकम मिलता है, उसे एक्टिव इनकम कहा जाता है, क्योंकि नौकरी से हमे तभी तक और उतने दिनों का ही पैसा मिलता है, जब तक हैम काम करते है,

लेकिन – बैंक में जमा धन पर मिलने वाले व्याज के लाभ यानी इनकम को पैसिव यानी निष्क्रिय इनकम कहा जता है, क्योंकि बैंक में जमा धन पर व्याज प्राप्त करने के लिए हमे कुछ अतिरिक्त काम नही करना होता है, सिर्फ एक बार बैंक में व्याज कमाने के लिए पैसे जमा करने होते है,

ठीक इसी तरह – किराये से मिलने वाला इनकम भी पैसिव इनकम कहा जाता है क्योंकि किराये के इनकम के लिए हमे सिर्फ अपनी प्रॉपर्टी/घर/दुकान को सिर्फ एक बार किराएदार से अनुबंध करके , प्रॉपर्टी/घर/दुकान को किराये पर चढ़ाना होता है,

इसे भी जरूर पढ़ें –
1) आमदनी का सही मतलब क्या है?
2) आमदनी के प्रकार

पोर्टफोलियो इनकम क्या होता है ?

पोर्टफोलियो इनकम से मतलब है – निवेश से मिलने वाला इनकम, पोर्टफोलियो निवेश के अलग अलग प्रकार को मिला कर बनाया जाने वाला एक प्रारूप है, जिसमे निवेशक अपनी रिस्क उठाने की क्षमता के अनुसार रिस्क कम पर नियंत्रण करते हुए निवेश करके लाभ कमाने की आशा करता है,

Investment After Retirement: रिटायरमेंट के बाद निवेश करने के ये हैं 5 विकल्प, जिसमें होगी अच्छी कमाई, जानिए- क्या हैं ऑप्शन?

Investment After Retirement: रिटायरमेंट के बाद निवेश करने के 5 विकल्पों के बारे में चर्चा की गई है, जिसमें अच्छी कमाई होगी.

Updated: August 27, 2021 12:39 PM IST

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Investment After Retirement: कई लोगों के लिए, सेवानिवृत्ति का मतलब है कि अगर वे सलाहकार, फ्रीलांसर और शिक्षक के रूप में काम करना नहीं चुनते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे कि पैसा कमाने की उम्र पार कर ली है. सेवानिवृत्त निष्क्रिय आय और कमाई क्या है लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपनी सेवानिवृत्ति की संपत्ति का उपयोग इस तरह से करें कि उन्हें नियमित आय हो और उन पर कर का बोझ भी कम हो. हालांकि, कई वरिष्ठ नागरिकों के लिए, निश्चित आय और बाजार से जुड़े निवेश के संयोजन के साथ सेवानिवृत्ति पोर्टफोलियो बनाना एक चुनौती है. आदर्श स्थिति यह है कि किसी की सेवानिवृत्ति का पैसा तब तक रहना चाहिए जब तक वह जीवित है – एक व्यक्ति 50 या 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होता है, जबकि जीवन प्रत्याशा 80 वर्ष तक हो सकती है.

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निष्क्रिय आय चाहने वाले सेवानिवृत्त लोग इन निवेशों पर विचार कर सकते हैं. और आप इन निवेशों को अपने सेवानिवृत्ति पोर्टफोलियो में रख सकते हैं.

किराए से आय

घरों की मांग बढ़ रही है, जिसका मुख्य कारण भारत की बढ़ती जनसंख्या और खर्च करने की क्षमता में वृद्धि है. इससे यह संकेत मिलता है कि आप एक वाणिज्यिक या आवास संपत्ति किराए पर लेकर आय का दूसरा स्रोत बना सकते हैं. हालांकि, ऐसा करने के लिए, आपको उन जगहों पर निवेश करने की ज़रूरत है जो उच्च मांग और उच्च कीमतों से शुरू होती हैं.

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), जो कि अधिकांश वरिष्ठ नागरिकों का पहला विकल्प है, उनके वित्तीय पोर्टफोलियो में होना चाहिए. जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, यह कार्यक्रम बुजुर्ग वरिष्ठ नागरिकों और हाल ही में सेवानिवृत्त लोगों तक ही सीमित है. एससीएसएस 60 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति के लिए डाकघर या बैंक के माध्यम से उपलब्ध है. हाल ही में सेवानिवृत्त व्यक्ति अपनी सेवानिवृत्ति निधि प्राप्त करने के बाद एससीएसएस में निवेश कर सकते हैं, बशर्ते, यह निधि प्राप्त करने के तीन महीने के भीतर किया गया हो. SCSS का कार्यकाल पांच साल का होता है जिसे योजना की परिपक्वता के बाद और तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. वर्तमान में, यह प्रति वर्ष 7.4% की ब्याज दर की पेशकश कर रहा है.

सावधि जमा

फिक्स्ड डिपॉजिट पर ओल्ड इज़ गोल्ड की कहावत ठीक बैठती है. यह कभी भी आउट ऑफ फैशन नहीं होता है. सेवानिवृत्त लोगों के लिए एक प्लस प्वाइंट यह है कि एफडी गारंटीड ब्याज दरों के साथ आते हैं, जो उन्हें इक्विटी में निवेश की अस्थिरता से दूर रखता है.

मासिक आय योजना (MIS)

डाकघर मासिक आय योजना उन योजनाओं में से एक है जहां आप एक विशिष्ट राशि का निवेश कर सकते हैं और बदले में हर महीने एक निश्चित ब्याज राशि प्राप्त कर सकते हैं. व्यक्ति 4.5 लाख रुपये तक का योगदान कर सकते हैं, और एक संयुक्त में, आप पांच साल की अवधि में 9 लाख निष्क्रिय आय और कमाई क्या है रुपये तक का निवेश कर सकते हैं. इस योजना का मकसद पूंजी बचाना है.

जब कोई सेवानिवृत्त होता है, तो उसकी गैर-कमाई का चक्र लगभग दो दशकों या उससे अधिक तक रहता है, इसलिए सेवानिवृत्ति की संपत्ति का एक हिस्सा इक्विटी-लिंक्ड उत्पादों में रखना आवश्यक हो जाता है. याद रखें कि सेवानिवृत्ति आय (ब्याज, लाभांश) सेवानिवृत्ति के चरण के दौरान भी मुद्रास्फीति की चपेट में है. अध्ययन के अनुसार, इक्विटी अन्य परिसंपत्तियों की तुलना में बेहतर मुद्रास्फीति-समायोजित रिटर्न उत्पन्न करती है.

किसी की जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर, संपत्ति का एक विशिष्ट प्रतिशत इक्विटी म्यूचुअल फंड (MF) को आवंटित किया जा सकता है, जिसमें लार्ज-कैप और बैलेंस्ड फंड के माध्यम से अतिरिक्त विविधीकरण होता है.

मासिक आय योजनाओं में कुछ इक्विटी एक्सपोजर (MIP) भी शामिल हो सकते हैं. सेवानिवृत्त लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सेक्टोरल और थीम वाले फंडों के साथ-साथ मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों से बचें. इसका उद्देश्य विशेष रूप से उच्च लेकिन अनिश्चित रिटर्न पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय लगातार रिटर्न प्राप्त करना है.

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इक्विटी में निवेश निवेशक के जोखिम प्रोफाइल और उसके समय के क्षितिज पर निर्भर करता है. अगर ऐसी संभावना है कि 3-5 साल से पहले इन फंडों की जरूरत पड़ सकती है, तो इक्विटी से दूर रहना ही बेहतर है.

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Income Tax Raid: जनराज्य पार्टी के अध्यक्ष के घर पर मिले 2.5 लाख रुपये जब्त, 11 करोड़ से अधिक जुटाया गया चंदा

Income Tax Raid Kanpur चुनाव आयोग के निर्देश पर आयकर विभाग ने चुनावी गतिविधियों में सक्रिय न होने वाली पार्टियों द्वारा लिये जा रहे चुनावी चंदे के धंधे का पता लगाने के लिए कानपुर में जनराज्य पार्टी के दफ्तर राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत तीन स्थानों पर छापा मार हैं।

कानपुर, जागरण संवाददाता। Income Tax Raid kanpur : चुनाव आयोग द्वारा फर्जी राजनीतिक दलों की जांच के बाद फंडिंग पर आयकर विभाग ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आयकर विभाग ने 11 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा जुटाने वाली जनराज्य पार्टी के कार्यालय समेत तीन जगहों पर छापा मारकर दस्तावेज जब्त किए हैं। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास से 2.5 लाख रुपये नकद जब्त किया है। आयकर विभाग की कार्रवाई दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहने की बात सामने आ रही है।

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चुनाव आयोग के निर्देश पर आयकर विभाग ने ऐसे राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है जो लगातार चंदा वसूल रहे हैं, लेकिन उनकी चुनावी प्रक्रिया में कोई भागीदारी नहीं होती। शहर में आयकर विभाग की टीम ने जनराज्य पार्टी के केशव नगर स्थित कार्यालय, संस्थापक रविशंकर सिंह यादव के किदवई नगर स्थित आवास और राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक कृष्णन के काकादेव स्थित आवास पर छापा मारा। दोनों ही अपने घरों पर नहीं मिले। आयकर अधिकारियों की स्वजन से हुई बात में पता चला कि अभिषेक कृष्णा सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हैं, जबकि उनके पिता कानपुर कोर्ट में अधिवक्ता हैं।

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आयकर टीम अभिषेक कृष्णा के पिता व भाई को लेकर सर्वोदय नगर स्थित कोआपरेटिव बैंक और नीरक्षीर चौराहा स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया की शाखा भी गई। दोनों के बैंक खातों और लाकर की जांच की। टीम फिर घर आ गई और वहीं बैंक अधिकारियों को भी बुला लिया गया। देर शाम तक आयकर अधिकारियों की पूछताछ जारी थी। छापे की कार्रवाई के दौरान आयकर अधिकारियों को अभिषेक के घर से 2.5 लाख रुपये नकद मिले, जिसे कब्जे में ले लिया गया। वहीं केशव नगर स्थित पार्टी कार्यालय पर पहुंची टीम को वहां पार्टी से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिले। वहां एक लाकर मिला जिसे सीज कर दिया गया है।

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चंदा कहां से आ रहा इसकी जांच

आयकर अधिकारी यह बात जानने का प्रयास कर रहे हैं कि कोई राजनीतिक गतिविधि न होने के बाद भी पार्टी के फंड में आखिर कहां से चंदा आ रहा है। यह भी देखने का प्रयास किया जा रहा है कि कहीं काले धन को सफेद करने के लिए तो चंदा नहीं दिया गया। मनी लांड्रिंग का पहलू भी खंगाला जा रहा है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दी बड़ी वॉर्निंग, इस तारीख तक पैन को आधार से करा लें लिंक वर्ना

Income Tax अधिनियम 1961 के अनुसार, सभी पैन धारकों के लिए, जो छूट की श्रेणी में नहीं आते हैं, 31 मार्च 2023 से पहले अपने पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य है.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दी बड़ी वॉर्निंग, इस तारीख तक पैन को आधार से करा लें लिंक वर्ना

PAN-Aadhaar Card Link : अगर आपने अभी तक अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया है तो आप 31 मार्च 2023 से पहले अपने पैन को आधार से लिंक करा सकते हैं. आयकर विभाग ने ट्वीट कर लोगों को पैन कार्ड से आधार कार्ड (Aadhaar Card) को लिंक करने के बारे में कहा है. इनकम टैक्स विभाग ने ट्वीट करते हुए कहा कि आयकर अधिनियम (Income Tax Act) 1961 के अनुसार, सभी पैन धारकों के लिए, जो छूट की श्रेणी में नहीं आते हैं, 31 मार्च 2023 से पहले अपने पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य है. 1 अप्रैल 2023 से जो पैन आधार से लिंक नहीं किए हुए होंगे वे निष्क्रिय हो जाएंगे. आखिरी तारीख नजदीक है. देर न करें, आज ही लिंक करें.

बता दें कि अपनी पहचान साबित करने और अलग-अलग कामों के लिए सरकार की तरफ से कई दस्तावेज जारी किए जाते हैं. इन दस्तावेजों की सहायता से लोग अपने काम आसानी से करवा सकते हैं. आपको मालूम हो कि वित्तीय लेनदेन के रिकॉर्ड के लिए पैन कार्ड (PAN Card) को इस्तेमाल में लिया जाता है. देश में सरकार पैन कार्ड की मदद से वित्तीय लेनदेन का रिकॉर्ड रखती है. आयकर विभाग के जरिए पैन कार्ड जारी किया जाता है. हालांकि अब लोगों का पैन कार्ड निष्क्रिय भी हो सकता है. जिससे आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

स्थाई खाता संख्या

पैन भारत में सभी करदाताओं को दी गई एक पहचान संख्या है. पैन एक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति/कंपनी के लिए टैक्स संबंधी सभी जानकारी एक ही पैन नंबर में दर्ज की जाती है. ये सूचना के भंडारण के लिए प्राथमिक कुंजी के रूप में कार्य करता है और पूरे देश में साझा किया जाता है.

पैन कार्ड-आधार कार्ड लिंक

पैन कार्ड से आधार कार्ड को 31 मार्च 2023 से पहले लिंक करना बहुत जरूरी है. इनकम टैक्स विभाग की तरफ से कई बार लोगों को पैन कार्ड से आधार कार्ड लिंक करने को लेकर कहा जा चुका है. हालांकि अभी भी कई लोग पैन कार्ड से आधार कार्ड को लिंक नहीं कर पाए हैं. इसलिए आयकर विभाग ने लोगों को एक और मौका दिया है. इसलिए आप जल्दी से अपने आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक करा लें.

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English News Headline : Income Tax Department warning to PAN Aadhaar Card Link.

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