LIC IPO: एलआईसी का शेयर लेना है तो घर बैठे खुलवाएं डीमैट अकाउंट, जान लीजिए पूरी प्रक्रिया

खाता वापस पाने के चरणों को पूरा करने से जुड़ी सलाह

अगर आप साइन इन नहीं कर पा रहे हैं, तो अपने Google खाते में वापस जाने के लिए यह तरीका अपनाएं:

  1. खाता वापस पाने के लिए इस्तेमाल होने वाले पेज पर जाएं.
  2. यह तरीका अपनाने के दौरान, नीचे दी गई ज़्यादा से ज़्यादा सलाहों का इस्तेमाल करें. (हो सकता है कि आपको यहां दिए गए सभी सवाल न दिखें.)

अगर आप पहले ही अपना खाता वापस पाने की कोशिश कर चुके हैं और आपको "Google पुष्टि नहीं कर सका कि यह खाता आपका है" टेक्स्ट वाला मैसेज मिला है, तो दोबारा कोशिश करें.

ज़्यादा से ज़्यादा सवालों के जवाब दें

सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करें. अगर आपको किसी सवाल का जवाब पक्के तौर पर नहीं पता है, तो दूसरे सवाल पर जाने के बजाय सबसे अच्छा अनुमान लगाकर जवाब दें.

साइन इन करने के लिए जानी-पहचानी जगह और डिवाइस का इस्तेमाल करना

  • ऐसे कंप्यूटर, फ़ोन या टैबलेट का इस्तेमाल करें जिससे आप अक्सर साइन इन करते अपने लिए सबसे अच्छा डीमैट खाता कैसे चुनें हैं
  • वही ब्राउज़र इस्तेमाल करें जिसे आप आम तौर पर इस्तेमाल करते हैं (जैसे कि Chrome या Safari)
  • ऐसी जगह चुनें जहां से आप आम तौर पर साइन इन करते हैं. जैसे कि घर या दफ़्तर

सही पासवर्ड इस्तेमाल करें और सुरक्षा सवालों के सही जवाब दें

बारीकियां मायने रखती हैं. इसलिए, लिखने में कोई गड़बड़ी न करें. साथ ही, अंग्रेज़ी के बड़े और छोटे अक्षरों के इस्तेमाल का ध्यान रखें.

पासवर्ड

अगर आपसे पिछला पासवर्ड डालने के लिए कहा जाता है, तो सबसे हाल का कोई पासवर्ड डालें, जो आपको याद हो.

  • अगर आपको अपना पिछला पासवर्ड याद नहीं है, तो: उससे पहले का पासवर्ड डालें, जो आपको याद है. हम आपको सबसे हाल का पासवर्ड डालने की सलाह देते हैं.
  • अगर आपको कोई भी पिछला पासवर्ड पक्के तौर पर याद नहीं आ रहा है, तो: अपना सबसे अच्छा अनुमान लगाएं.

सुरक्षा सवालों के जवाब

अगर आपसे सुरक्षा से जुड़ा सवाल पूछा गया है और आपको:

  • जवाब याद नहीं है: अपना सबसे अच्छा अनुमान लगाएं.
  • जवाब पता है, लेकिन आप पहली कोशिश में अपना खाता वापस नहीं पा सके हैं: उसी जवाब को किसी और तरह से लिखें. उदाहरण के लिए, "नई दिल्ली" के बजाय "दिल्ली" या "अमिताभ" के बजाय "अमित" आज़माकर देखें.

अपने खाते से जुड़ा ईमेल पता डालना

अगर आपसे ऐसा ईमेल पता डालने के लिए कहा जाता है जिसे आप अभी देख सकें, तो वह पता डालें जिसे आपने अपने खाते में जोड़ा है. यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

  • अगर आप अपने लिए सबसे अच्छा डीमैट खाता कैसे चुनें खाता वापस पाने के लिए ईमेल पता जोड़ते हैं, तो आपको खाता वापस पाने में मदद मिलती है. साथ ही, इसी पते पर हम आपको सुरक्षा से जुड़ी सूचनाएं भेजते हैं.
  • दूसरा ईमेल पता वह पता होता है जिसे इस्तेमाल करके, आप अपने खाते में साइन इन कर सकते हैं.
  • संपर्क ईमेल पता वह पता होता है जहां आपको उन ज़्यादातर Google सेवाओं के बारे में जानकारी मिलती है जिन्हें आप इस्तेमाल करते हैं.

मदद करने वाली जानकारी जोड़ें

अगर आपसे यह पूछा जाता है कि आप अपना खाता क्यों नहीं ऐक्सेस कर पा रहे हैं, तो अपने जवाब में ऐसी जानकारी शामिल करें जिससे हमें मदद मिले.

यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

  • आप यात्रा कर रहे हैं.
  • आपको गड़बड़ी का कोई मैसेज मिला है.
  • आपको लगता है कि मैलवेयर या किसी दूसरे तरीके से, आपके खाते के साथ छेड़छाड़ की गई है.
  • आपने पिछले हफ़्ते अपना पासवर्ड बदला था और आपको वह याद नहीं आ रहा है.

अगर आपने जो जानकारी दी है वह हमारे पास मौजूद जानकारी से मेल खाती है, तो आपको अपना खाता वापस पाने में मदद मिल सकती है.

किसी ईमेल के लिए अपना स्पैम फ़ोल्डर देखना

अहम जानकारी: Google कभी भी ईमेल, फ़ोन कॉल या मैसेज करके, आपसे पासवर्ड या पुष्टि करने के लिए कोड नहीं मांगता है. अपना पासवर्ड या पुष्टि करने के लिए मिले कोड सिर्फ़ accounts.google.com पर डालें.

अगर आपके पास हमारी टीम से कोई ईमेल आने वाला था, लेकिन वह आपको दिख नहीं रहा है, तो उसे स्पैम या जंक फ़ोल्डर में खोजें. इस ईमेल का विषय "आपके Google खाते से जुड़ी पूछताछ" होगा.

अब भी अपने खाते में साइन इन नहीं कर पा रहे हैं? इसके बदले कोई दूसरा Google खाता बनाने पर विचार करें.

डीमैट अकाउंट कैसे खोले?

आधुनिक डिजिटलीकरण के कारण, अब व्यक्तिगत निवेशकों के लिए डीमैट खाता खोलना आसान हैं। शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए शेयर बाजार में लेन-देन करने के लिए डीमैट खाता आवश्यक हैं। इस आर्टिकल में हम देखेंगे की डीमैट अकाउंट की परिभाषा क्या हैंं और डीमैट अकाउंट कैसे खोलें।

डीमैट खाता क्या हैं?

इससे पहले, जब निवेशक स्टॉक खरीदना और बेचना चाहते थे, तो उन्हे प्रत्यक्ष रूप से रसीदों/ प्रमाणपत्रों का आदान-प्रदान करके निवेश प्रक्रिया फिज़िकली करनी पडती थी। डिपॉजिटरी एक्ट 1996 ने डीमैटरियलाइजेशन या डीमैट की शुरुआत की, जिसके तहत इन भौतिक प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर्ड की जानेवाले असेट्स में बदल दिया गया। इस प्रक्रिया अपने लिए सबसे अच्छा डीमैट खाता कैसे चुनें की वजह से शेयर मार्केट्स में शामिल जोखिम ना के बराबर हो गायी हैंं।

डीमैट खाता मतलब

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ये जानने से पहले की डीमैट अकाउंट कैसे खोलें, आइये जानते हैंं की डीमैट खाता क्या होता हैंं| डीमैट अकाउंट आपके द्वारा खरीदे गए सभी शेयरों को स्टोर करता हैं। डीमैट खाता न केवल स्टॉक बल्कि अन्य निवेश एसेट्स जैसे म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, ईटीएफ आदि को संग्रहीत करता हैं। अनिवार्य रूप से तीन प्रकार के डीमैट खाते होते हैंं –

  1. रेगुलर डीमैट अकाउंट
  2. एनआरआई (NRI) डीमैट अकाउंट (रीपैटरीएबल)
  3. एनआरआई (NRI) डीमैट अकाउंट (नॉन-रीपैटरीएबल)

डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया क्या हैं?

डीमैट खाता ऑनलाइन खोलने के लिए आवश्यक प्रक्रिया और अत्यावश्यक दस्तावेज नीचे दिए गए हैंं –

डीमैट खाता ऑनलाइन कैसे खोलें?

डीमैट खाता ऑनलाइन खोलना पूरी तरह से सुरक्षित हैं क्योंकि यह सेबी द्वारा अनिवार्य सुरक्षा उपायों के अनुरूप हैं। डीमैट खाता खोलने की पूरी प्रक्रिया इस प्रकार हैंं –

  1. आपको डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को चुनना होगा।
  2. ऑनलाइन फॉर्म भरें|
  3. आपके मूल विवरण, पता विवरण, आर्थिक विवरण और बैंक विवरण की जानकारी भरे।
  4. आपके पास नॉमिनी जोड़ने का विकल्प भी हैं।
  5. इसके बाद आपको निचे बताए गए आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना होगा।
  6. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को पूरा करें|
  7. ई-साइन चुनें, जो आपकी खाता खोलने की प्रक्रिया को गति देता हैं।
  8. यदि आप का केवाईसी वेरिफाईड हैंं और आपने ई-साइन का विकल्प चुना हैं तो आपका पंजीकरण सफलतापूर्वक पूरा करने के लगभग 4 घंटे के भीतर आपको एक ट्रेडिंग कोड/क्लाइंट आईडी मिल जानी चाहिए।
  9. अंत में, आपको डीपी को पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी की हस्ताक्षरित प्रति को कुरियर करना होगा, जो पंजीकरण पूरा करने के समय आपके पंजीकृत ईमेल आईडी पर आपको मेल कर दी जाएगी।

डीमैट खाता खोलने के लिए अत्यावश्यक दस्तावेज

सेबी द्वारा डीमैट खाता खोलने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया हैं।

आधार कार्ड पहचान और पते दोनों के प्रमाण के रूप में कार्य करता हैं।

बैंक खाता होने के प्रमाण के रूप में आवश्यक। ये बैंक अकाउंट आपके डीमैट खाते से जोड़ा जाता हैंं|

अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) अनुपालन के लिए वैध पासपोर्ट फोटोग्राफ होना अनिवार्य हैंं।

डेरिवेटिव और कमोडिटी में व्यापार करने के लिए आवश्यक निम्नलिखित दस्तावेजों का उपयोग आय प्रमाण के रूप में किया जा सकता हैं –

  • अंतिम 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट
  • लेटेस्ट आईटीआर स्टेटमेंट
  • लेटेस्ट वेतन विवरण
  • डीपी होल्डिंग स्टेटमेंट

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निष्कर्ष

शेयर बाजार में निवेश करने और अन्य निवेश साधनों की तुलना में बेहतर मुनाफा कमाने की आपकी तलाश में ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने का तरीका सबसे महत्वपूर्ण हैं। किसी भी नामांकित ब्रोकर के साथ, ऑनलाइन डीमैट खाता खोलना अत्यंत आसान और सुविधाजनक हैं।

ऊपर बतायी गयी प्रक्रिया और विवरणों को ध्यान में रखते हुए, आप भी पूरी तरह से परेशानी मुक्त तरीके से डीमैट खाता खोल सकते हैंं। यदि आप इक्विटी में निवेश करना चाहते हैंं और लंबी अवधि के लिए निवेश करके कम्पाउंडिंग से लाभ प्राप्त करना चाहते हैंं, तो आगे बढ़ें और अभी अपना डीमैट खाता खोलें।

अगर आपको डीमैट अकाउंट कैसे खोले की जानकारी अच्छी लगी हो तो इस आर्टिकल को सोशल मीडिया नेटवर्क्स पर जरूर शेयर करें और अगर आपके कोई सवाल हैं तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं।

LIC IPO: एलआईसी का शेयर लेना है तो घर बैठे खुलवाएं डीमैट अकाउंट, जान लीजिए पूरी प्रक्रिया

आपको पता ही होगा कि बजट में देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ (Initial Public Offer) की घोषणा हुई है। एलआईसी के शेयर बेचने के लिए (LIC IPO) सरकार की तैयारी शुरू हो चुकी है।

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LIC IPO: एलआईसी का शेयर लेना है तो घर बैठे खुलवाएं डीमैट अकाउंट, जान लीजिए पूरी प्रक्रिया

डीमैट अकाउंट क्या है?

डीमैट अकाउंट (Demat Account) एक बैंक खाते की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन (Dematterialisation) के कंसेप्ट का इस्तेमाल करता है। डीमैटरियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। हम कह सकते हैं कि डीमैट अकाउंट एक छत की तरह है जिसके नीचे निवेशक अपने लिए सबसे अच्छा डीमैट खाता कैसे चुनें के सभी शेयरों को कलेक्ट करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है। इनमें सरकारी सिक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।

समझदारी से चुनें ब्रोकर

डिजिटल ब्रोकिंग फर्म (App or Web based digital broking firms) की तलाश करें जो सहज ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया, बेस्ट ब्रोकरेज चार्ज और वैल्यू-एडेड सेवाएं प्रदान करता है। कुछ ब्रोकरेज हाउसों के पास ट्रेड्स पर जीरो ब्रोकरेज चार्ज और दूसरों पर फ्लैट रेट्स हैं। ये दोनों फेक्टर आकर्षक हैं क्योंकि वे ट्रेडिंग करते समय आपको आवश्यक कॉस्ट-एडवांटेज प्रदान करते हैं। इसके अलावा, जब आप डिजिटल रूप से ट्रेड करने जा रहे हैं, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपके पसंदीदा प्लेटफ़ॉर्म से कोई तकनीकी गड़बड़ियां नहीं हुई हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसी कोई भी गड़बड़ आपके निवेश को संकट में डाल सकती है। ब्रोकरेज फर्म में आगे देखने के लिए इनडेप्थ रिसर्च और पर्सनलाइज्ड निवेश सिफारिशें भी प्रमुख विशेषताएं हैं।

खुद को रजिस्टर करें

सभी डिजिटल ब्रोकरेज फर्मों के पास ऑनलाइन कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया (Onboarding Process) है। डिजिटल खाता (Digital Account) खोलने का फॉर्म भरें और पहचान और पते के प्रमाण अपलोड करें। इन केवाईसी दस्तावेजों (KYC Documents) में पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट इत्यादि शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्म भी आपकी मुश्किलों का हल अपनी हेल्पलाइन के माध्यम से करने में आपकी सहायता करती हैं।

सत्यापन प्रक्रिया पूरी करें

आपके द्वारा प्रस्तुत क्रेडेंशियल्स को सत्यापित करने का काम एक एक्जीक्यूटिव को सौंपा जाएगा। यह एक सरल लेकिन महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो फोन कॉल या ब्रोकरेज फर्म के प्रतिनिधि से फिजिकल विजिट के माध्यम से किया जा सकता है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए टेली-वेरिफिकेशन (Tele verification) की अत्यधिक संभावना है। कुछ ब्रोकरेज फर्म शुरुआती एप्लिकेशन से एक घंटे से भी कम समय में पूरी प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

अकाउंट डिटेल्स प्राप्त करें

एक बार सत्यापित हो जाने के बाद आपके खाते को आधिकारिक रूप से शेयर ट्रेडिंग (Share Trading) के लिए मंजूरी मिल जाएगी। आपको एक वेलकम किट (Welcome Kit) प्राप्त होगी जिसमें अकाउंट डिटेल्स (Account Details) जैसे कि एक यूनिक आईडी और आपके खाते तक पहुंचने के लिए पासवर्ड होगा। आप शेयर बाजार में ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए तैयार हैं।

पहले ट्रेडिंग से जुड़ी अपने लिए सबसे अच्छा डीमैट खाता कैसे चुनें बातें जान लें

अंत में, यह आपका पहला ट्रेड करने का वक्त है! चूंकि आप ट्रेडिंग में नए हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप रेफरेंस मटेरियल के माध्यम से जाएं और ट्रेडिंग फंडामेंटल के वेबिनार में भाग लें। जरूरत पड़ने पर आप कई बैंक खातों को ट्रेडिंग खाते से लिंक भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको अपने टाइम-सेंसिटिव ट्रेड्स के लिए तुरंत टॉप-अप में मदद मिलती है। इस नए अकाउंट के साथ, आप निवेश की आदतों विकसित करने और बेहतर आरओआई की यात्रा पर निकले हैं। सुनिश्चित करें कि आप निवेश करते समय अनुशासित रहें और जब तक कि दुनिया लॉकडाउन से वापस आ जाए, अपने निवेश को बढ़ते देखें।

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डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है.

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?

शेयर मार्केट में निवेश ( इन्वेस्टमेंट ) शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट ( खातों ) की जरूरत होती है . ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट , ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट . हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है , लेकिन ट्रांजैक्शन ( लेन – देन ) को पूरा करने के लिए तीनों एक – दूसरे पर निर्भर होते हैं . शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए .

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है . जैसे एक सेविंग अकाउंट ( बचत खाता ) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है , वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है . डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है . ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैटरियलाइज्ड फॉर्म में स्टोर ( संग्रहित ) करते हैं . फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म ( रूप ) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया ( प्रोसेस ) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है . जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है . डीमैट अकाउंट के प्रकार ( टाइप ) डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव सावधानी से करना चाहिए . कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है . निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . 5 पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर अपने लिए सबसे अच्छा डीमैट खाता कैसे चुनें सकते हैं . डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं .

1)- रेगुलर डीमैट अकाउंट एक रेगुलर डीमैट अकाउंट भारतीय निवासी निवेशकों के लिए होता है जो केवल शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं और सिक्योरिटीज को जमा ( डिपॉजिट ) करना चाहते हैं . जब आप शेयर बेचते हैं तो शेयर अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं . इसी तरह जब आप शेयर खरीदेंगे तो वह आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे . यदि आप फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह की डील के लिए स्टोरेज की कोई जरूरत नहीं होती है .

2)- बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट यह एक नए तरह का डीमैट अकाउंट है , जिसे बाजार नियामक ( मार्केट रेगुलेटर ) सेबी (SEBI) ने पेश किया है . छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए यह अकाउंट शुरू किया गया है . 50,000 रुपये से कम के स्टॉक और बॉन्ड रखने के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज ( रखरखाव शुल्क ) नहीं देना होगा . 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की सिक्योरिटी रखने पर सिर्फ 100 रुपये का चार्ज लगेगा .

3)- प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat Account) प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट NRI ( अनिवासी भारतीयों ) के लिए है . इसके जरिए वे भारतीय बाजार में निवेश कर सकते हैं और विदेश में भी पैसा भेज सकते हैं . हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट अकाउंट को NRI (Non-Resident External) अकाउंट से जोड़ना होगा .

4)- गैर प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट (Non-repatriable Demat Account) अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए एक गैर – प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट भी मौजूद है . हालांकि इस अकाउंट के जरिए विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता .

डीमैट अकाउंट के फायदे

डीमैट अकाउंट बिना किसी परेशानी के शेयरों को तेजी से ट्रांसफर करने की सुविधा देता है . शेयर या सिक्योरिटीज सर्टिफिकेट एक डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म से रखे जाते हैं . ऐसे में उनकी चोरी , जालसाजी और नुकसान होने की संभावना बहुत कम होती है . ट्रेडिंग एक्टिविटीज को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है . डीमैट अकाउंट को कभी भी और कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है . बोनस स्टॉक , राइट्स इश्यू , स्प्लिट शेयर अपने आप अकाउंट में जमा हो जाते हैं .

डीमैट अकाउंट कैसे खोलें

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खोलना अनिवार्य है . आप किसी वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के जरिए डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . सबसे पहले आपको इसके लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) को चुनना होगा . यह एक वित्तीय संस्थान , अधिकृत बैंक या ब्रोकर हो सकता है . आप उनके साथ एक डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . DP को ब्रोकरेज चार्ज , सालाना चार्ज और लीवरेज के आधार पर चुना जाना चाहिए . DP का चयन करने के बाद आपको अकाउंट खोलने का फॉर्म , KYC फॉर्म भरना होगा और उसे जमा करना होगा . इसके साथ आपको कुछ दस्तावेज भी देने होंगे . इनमें पैन कार्ड , रेजिडेंस प्रूफ , आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं .

Demat Account होल्डर्स को राहत! सेबी ने Two-factor authentication की बढ़ाई डेट

डीमैट अकाउंट-होल्डर्स को राहत

सेबी ने डीमैट अकाउंट-होल्डर्स के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (two-factor authentication) क . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 01, 2022, 17:02 IST

नई दिल्ली. पूंजी बाजार नियामक सेबी ने डीमैट अकाउंट-होल्डर्स के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (two-factor authentication) को लागू करने की तारीख को बढ़ा दिया है. सेबी ने एक परिपत्र में कहा कि इस संबंध में नया मसौदा अगले साल 1 अप्रैल 2023 से लागू किया जाएगा. बता दें कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 14 जून, 2022 को डीमैट अकाउंट-होल्डर्स के लिए एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को लागू करने के लिए एक शेड्यूल तैयार किया गया था.

NSE ने कहा है कि डीमैट अकाउंट-होल्डर्स को 30 सितंबर 2022 तक टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल करना होगा. ऐसा नहीं करने पर आप अपने अकाउंट में लॉग-इन नहीं कर पाएंगे.

क्या होता है डीमैट अकाउंट?
कोई भी व्यक्ति जो भारत में शेयर बाजार में निवेश करना चाहता है यानी शेयर खरीदना या बेचना चाहता है, उसे डीमैट खाते की जरूरत होती है. यह निवेशकों के लिए अपने शेयरों और प्रतिभूतियों जैसे म्यूचुअल फंड, बॉन्ड आदि को डिजिटल रूप से रखने का एक प्लेटफॉर्म है. एक व्यक्ति का डीमैट खाता उसके ट्रेडिंग खाते से जुड़ा होता है.

एनएसई ने अपने सर्कुलर में कहा है कि यूजर्स को बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को नॉलेज फैक्टर या पजेशन फैक्टर के साथ ऑथेंटिकेशन फैक्टर में से किसी एक को सिलेक्ट करना होगा.

जानें कैसे करें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल
सर्कुलर के मुताबिक बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का उपयोग पासवर्ड/पिन या ओटीपी/सिक्योरिटी टोकन के साथ किया जाएगा. अगर बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन संभव न हो, तो ओटीपी/सिक्योरिटी टोकन के साथ पासवर्ड/पिन के कॉम्बिनेशन का उपयोग करके डीमैट अकाउंट में लॉगिन की अनुमति दी जानी चाहिए.

NSE के अनुसार टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन एक बार का काम है. एक बार जब आप इसे पूरा कर लेते हैं, तो आप अपनी लॉग-इन आईडी, पासवर्ड और एक जरूरी सिक्योरिटी इमेज का उपयोग करके अपने अकाउंट में लॉग-इन कर सकते हैं. इसके साथ ही आपके डिपॉजिटरी को किसी भी अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता हो सकती है.

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