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Agri Business Idea: गांव से परवान चढ़ते हैं ये 4-5 बिजनेस, शहरों की भागदौड़ से दूर आजाद वातावरण में होती है जबरदस्त कमाई

Business Idea: शहर की भागदौड़, 9 टू 5 जॉब और लैपटॉप के इर्द-गिर्द घूमती जिंदगी से सुकून नहीं मिलता, इसलिए लोग वापस गांव की ओर बढ़ रहे हैं. यहां की हवा में सुकून भी है और मुनाफा भी. जानें कैसे?

By: ABP Live | Updated at : 23 Dec 2022 06:55 AM (IST)

टॉप 5 एग्री बिजनेस आइडिया, जो शहरों की भागदौड़ से दूर आजाद वातावरण में सुकून के साथ देंगे मुनाफा ( Image Source : Pixabay )

Agri सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है Business: हर किसी के जीवन में कृषि का अहम रोल है. ये सिर्फ किसानों का ही काम नहीं है. अगर आप अपने घर पर गार्डनिंग करते हैं तो ये भी अर्बन फार्मिंग की श्रेणी में आता है. वैसे तो देश की बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है, लेकिन कृषि उत्पादों पर पूरी दुनिया की निर्भरता है. भारत में उगे कृषि उत्पाद आज विदेशों तक निर्यात किए जा रहे हैं. कोरोना महामारी के समय जब हर नौकरी-बिजनेस ठप पड़ा था. उस समय सिर्फ खेती और किसानों ने ही एक आस बचाए रखी.

लोगों ने इस सेक्टर के महत्व को समझा और शहरों की भागदौड़ भरी जिंदगी को पीछे छोड़कर कृषि आधारित किसी ना किसी गतिविधि से जुड़ गए. ये सिलसिला अभी भी जारी है. कई लोग गांव में आकर खेती और एग्री बिजनेस से जुड़ना चाहते हैं, लेकिन ये नहीं समझ पाते कि कौन-सा बिजनेस सबसे ज्यादा सफल और मुनाफा देने वाला है, इसलिए आज हम उन एग्री बिजनेस की जानकारी देने जा रहे हैं, जो आपको ना सिर्फ आज, बल्कि भविष्य में भी अच्छा मुनाफा कमाकर देंगे.

ऑर्गेनिक फल-सब्जियों की खेती
भारत की मिट्टी में उपजे फल-सब्जियों की डिमांड को विदेशों तक है. कैमिकलों से उपजे फल-सब्जी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं, इसलिए भारत और दुनिया की एक बड़ी आबादी ऑर्गेनिक फल और सब्जियों का सेवन कर रही है.भविष्य में ऑर्गेनिक फल-सब्जियों की डिमांड और बढ़ेगी, इसलिए आप ऑर्गेनिक फल-सब्जियों की खेती के साथ-साथ शहरों में इसकी मार्केटिंग का बिजनेस कर सकते हैं.

इसके लिए आपको सरकार से ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन और FSSAI से भी एक सर्टिफिकेट लेना होगा. फिर आप चाहें तो अपने ऑर्गेनिक फल और सब्जियों को विदेश में भी एक्सपोर्ट कर सकते हैं.अच्छी बात तो ये है कि जैविक खेती के लिए तो सरकार भी कई योजनाओं के जरिए ट्रेनिंग, तकनीकी मदद और आर्थिक सहायता देती है.

दूध-डेयरी का बिजनेस
सेहत के प्रति लोग जागरूक होते जा रहे हैं. अच्छी हेल्थ के लिए प्रोटीन को डाइट में शामिल करना बेहद जरूरी है और दूध इसका सबसे अच्छा और नेचुरल सोर्स है. भारत में दूध-डेयरी का बिजनेस खूब चलता है. शहरों में गाय-भैंस के दूध और इससे बने हेल्दी प्रोडक्ट्स की काफी डिमांड रहती है. गांव में आमतौर पर वातावरण खुला और साफ होता है, जहां पशु और डेयरी का काम करना आसान होता है.

इसके लिए अच्छी-खासी जगह आवश्यक है, इसलिए आप चाहें तो गाय, भैंस या बकरी पालन करके दूध उत्पादन कर सकते हैं. खुद की दूध प्रोसेसिंग और डेयरी फार्म खोल सकते हैं, जहां आकर लोग खुद भी दूध खरीदते हैं. आप चाहें तो खुद का ब्रांड बनाकर दूध और इससे बने उत्पादों की सप्लाई कर सकते हैं.

हर्बल फार्मिंग
कोरोना के बाद से आयुर्वेद में लोगों का विश्वास और भी बढ़ गया है. अब बीमारियों में सुबह-शाम दवाईयां खाने के बजाए लोग औषधियों/जड़ी-बूटियों का सेवन कर लगे हैं. कई बड़ी-बड़ी कंपनियां औषधियों और जड़ी-बूटियों से देसी दवाएं और हेल्दी फूड प्रोडक्ट्स बनाकर बेच रही है. देश की बड़ी दवा कपंनियां जैसे हिमालया हर्ब्स, पतंजली और भी आयुर्वेद का कांसेप्ट फॉलो करती हैं.

ये कंपनियां किसानों के साथ कांट्रेक्ट करती हैं और खेती की कुछ लागत को आपस में बांटकर किसानों से सारी जड़ी-बूटी या औषधी खरीद लेती हैं. औषधीय खेती की सबसे खास बात तो सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है यह है कि इसमें लागत ना के बराबर आती है. आप चाहें बंजर जमीन खरीदकर या पट्टे पर लेकर औषधियां उगा सकते हैं. बीमारियों के दौर में औषधीय खेती और इसकी प्रोसेसिंग का बिजनेस भी आपको कम खर्च में बंपर मुनाफा दिला सकता है.

पोल्ट्री फार्मिंग
पिछले कुछ सालों में अंडे और मांस की खपत भी बढ़ गई है. लगभग हर घर में सुबह-सुबह अंडे खाने का चलन बढ़ गया है. वहीं शहरों में चिकन की मांग भी बढ़ गई है. ऐसे में पोल्ट्री का बिजनेस किसी भी साधारण काम से ज्यादा मुनाफा दे सकता है. आपके पास पोल्ट्री फार्मिंग की ट्रेनिंग सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है नहीं भी है तो नेशनल लाइवस्टॉक स्कीम या आत्मा योजना में अप्लाई कर दीजिए.

इसके बाद, सेंट्रल और स्टेट गवर्मेंट मिलकर आपको पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए फंड तो देंगी ही, तकनीकी ट्रेनिंग की भी सुविधा देंगी. आप चाहें तो सीधा अंडा-मांस के प्रोडक्शन वाले पोल्ट्री फार्म खोलने के बजाए ब्रायल पोल्ट्री फार्म खोल सकते हैं, जहां चूजों का प्रोडक्शन लिया जाता है और उन्हें दूसरे पोल्ट्री फार्म्स को बेच सकते हैं, जल्द यूपी सरकार जल्द राज्य को पोल्ट्री हब के तौर पर विकसित करने जा रही है. ये नया बिजनेस शुरू करने का अच्छा मौका हो सकता है.

वर्मीकंपोस्ट यूनिट
अब किसान भी कैमिकलों से मिट्टी को हो रह नुकसान से वाकिफ़ हो चुके हैं, इसलिए जैविक खेती और प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. इन दोनों तरह की खेती के जरिए कम खर्च में बेहतर उत्पादन और अच्छी आमदनी पक्की है. अब जैविक खेती के लिए ऑर्गेनिक खाद-उर्वरकों की काफी डिमांड रहती है. वर्मीकंपोस्ट भी एक खेती और गार्डनिंग में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख जैविक खाद है.

खेती में इसका इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए आप किसानों और पशुपालकों से गोबर और फसल अवशेष खरीदकर खुद की वर्मीकंपोस्ट, जैविक खाद और जैव उर्वरकों की प्रोडक्शन यूनिट लगा सकते हैं. ये पूरी तरह इकोफ्रैंडली बिजनेस है, जिसमें जीरो वेस्ट और आमदनी काफी अच्छी होती है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Published at : 23 Dec 2022 06:55 AM (IST) Tags: Business idea Agriculture News Agri Business हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Agriculture News in Hindi

2021 में IPO ही नहीं डिविडेंड ने भी भरी जेब, जानिये कहां हुई निवेशकों की कमाई

जानकारों के मुताबिक बेहतर नतीजे, ऊंची लिक्विडिटी, कमाई को लेकर सकारात्मक उम्मीदों की वजह से कंपनियां डिवि़डेंड बांट रही हैं

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: November 20, 2021 18:38 IST

2021 में कंपनियों ने जमकर. - India TV Hindi

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2021 में कंपनियों ने जमकर बांटे ऊंचे डिविडेंड

Highlights

  • पेज इंडस्ट्रीज, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, कोल इंडिया, सतलुज जल विद्युत निगम ने दिये अच्छे डिविडेंड
  • जानकारों की सलाह डिविडेंड की रकम की जगह डिविडेंड यील्ड पर रखें नजर

नई दिल्ली। अगर हाल में आए पेटीएम की लिस्टिंग को छोड़ दें तो साल 2021 में कमाई में सबसे आगे आईपीओ रहे हैं। हालांकि बाजार के जानकारों से पूछें तो इस साल आमतौर पर कम आकर्षक दिखने वाले डिविडेंड यानि लाभांश भी निवेशकों को कमाई कराने में आगे रहे हैं। जानकार मान रहे हैं कि साल 2021 बंपर आईपीओ के साथ साथ लिस्टेड कंपनियों के द्वारा दिये गये ऊंचे डिविडेंड के लिये भी याद किया जायेगा।


बाजार के जानकारों के मुताबिक तेजी से उठाये गये आर्थिक सुधार के साथ-साथ स्वस्थ मांग और बेहतर मार्जिन की वजह से ऑरम प्रॉपटेक, क्लैरिएंट केमिकल्स, भारत पेट्रोलियम, गुडइयर टायर एंड रबर कंपनी, पीएनबी गिल्ट्स इस साल भारी लाभांश देने में सक्षम रहे। कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च के लीड ऑफ टेक्निकल रिसर्च विजय धनोटिया ने कहा, "इन कंपनियों की एक आम बात है कि उन्होंने लगातार अच्छा मुनाफा कमाया है और लगातार अच्छे नतीजे मिल सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है रहे हैं और इसलिए उन्होंने अपने शेयरधारकों को अच्छे लाभांश का तोहफा दिया है।" साथ ही उन्होने कहा "एक और कारण कंपनियों में नकदी की अधिकता है। इन कंपनियों के भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।" विशेष रूप से, पेज इंडस्ट्रीज, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, कोल इंडिया, सतलुज जल विद्युत निगम, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी कंपनियां अपने निवेशकों को अच्छे लाभांश प्रदान कर रही हैं।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ डेरिवेटिव और तकनीकी विश्लेषक नंदीश शाह ने कहा, "निवेशक लाभांश भुगतान को कंपनी की मजबूती के रूप में देखते हैं और इससे संकेत जाता है कि प्रबंधन को भविष्य की कमाई के लिए सकारात्मक उम्मीदें हैं।" उन्होंने कहा, "दूसरी तरफ, लाभांश का भुगतान करने का प्रमुख नुकसान यह है कि निवेशकों को दी गई नकदी का उपयोग व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नहीं किया जा सकता है।" स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा के अनुसार, "यह हमेशा अच्छा माना जाता है यदि कोई कंपनी नियमित रूप से लाभांश का भुगतान कर रही है तो इसका मतलब है कि वह अपने शेयरधारकों को लाभ साझा करके पुरस्कृत कर रही है। " हालांकि, आम तौर पर, परिपक्व अवस्था में अच्छी कंपनियां लाभांश के माध्यम से नियमित रूप से अपने मुनाफे को साझा करती हैं। वहीं बाजार के जानकार सलाह देते हैं कि निवेशकों को उच्च लाभांश के लिए किसी भी स्टॉक को चुनते समय राशि के बजाय यील्ड पर नजर रखनी चाहिए ।" डिविडेंड यील्ड एक ऐसा अनुपात है जो निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि कंपनी अपने शेयर की कीमत के मुकाबले हर साल कितना लाभांश देती है।

Gyrotonic Exercise: मांसपेशियों के लिए मालिश की तरह असरदार है ये व्यायाम, मिलते हैं कई लाभ

शरीर की मजबूती के लिए जरूरी है व्यायाम

शरीर और मन दोनों को फुर्तीला और स्वस्थ बनाने के लिए नियमित एक्सरसाइज बहुत जरूरी है । यूं भी कोरोना के आने के बाद से शरीर और स्वास्थ्य को लेकर लोगों में सजगता बढ़ी है। एक्सरसाइज के कई प्रकार हैं। इसे लेकर असमंजस होना लाजमी है कि कौन सी एक्सरसाइज अपनाई जाए या किस एक्सरसाइज का असर ज्यादा अच्छा होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि सबसे अच्छा एक्सरसाइज रूटीन वह होता है जिसमें शरीर के हिसाब से विभिन्न प्रकार के व्यायाम का मिश्रण हो। यानी कार्डियो, फ्लेक्सिबिलिटी, एंड्यूरेंस, बैलेंसिंग, स्ट्रेचिंग आदि का संतुलित मिश्रण।

कुछ व्यायाम ऐसे भी होते हैं जो एक साथ पूरे शरीर को लाभ दे सकते हैं। जैसे कि दौड़, ब्रिस्क वॉक, योगा आदि बस इसके लिए इन्हें सही तरीके से अपनाने की जरूरत होती है। जायरोटॉनिक एक ऐसी एक्सरसाइज है जो एकसाथ कई एक्सरसाइज के फायदे आपको दे सकती है। जरूरत बस इसको सही तरीके से सीखने और लागू करने की होती है।

शरीर को लचीला बनाने में मिलती है मदद

शरीर और मन दोनों की एक्सरसाइज

जायरोटॉनिक व्यायाम की एक ऐसी विधा है जो मुख्यतः विशेष मशीन या साधनों के साथ की जाती है। इसमें पूरे शरीर को एक निश्चित लय में गतिशील रखते हुए घुमाया जाता है और शरीर के हर जोड़ पर फोकस किया जाता है। भले ही यह तकनीक बाकी एक्सरसाइज जितनी प्रचारित न हो पाई हो लेकिन इसके फायदे किसी भी एक्सरसाइज से कम नहीं हैं, बल्कि यह एकसाथ पूरे शरीर और दिमाग दोनों की फिटनेस का टास्क पूरा करती है। साथ ही इससे पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग भी हो जाती है। जायरो एक ग्रीक शब्द है जिसका मतलब है 'स्पाइरल' या 'सर्कल' और टॉनिक से तात्पर्य है स्वस्थ मांसपेशियां। यानी शरीर की सभी मांसपेशियों पर इसका सकारात्मक असर होता है।

प्रशिक्षक के साथ जायरोटॉनिक एक्सरसाइज

शरीर की भीतरी मालिश जैसा फायदा

जायरोटॉनिक में जिस प्रकार की गतिविधियां या एक्सरसाइज सम्मिलित की जाती हैं उनसे पूरा शरीर इस तरह से संचालित होता है कि हर एक जोड़ और शरीर की हर एक मांसपेशी को फैलने और रिलेक्स होने का मौका मिलता है। यह असर बहुत कुछ उसी तरह का है जैसा शरीर की ऊपरी मालिश करने पर मिलता है। इसलिए जायरोटॉनिक को विशेषज्ञ शरीर के भीतर से बाहर की मालिश के रूप में भी प्रचारित करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस एक्सरसाइज के एक सेशन में ही योगा, ताई ची और स्वीमिंग जैसा असर प्राप्त होता है। जोड़ों को सर्कल में घुमाने, शरीर को लय में फैलाने और संचालित करने की इस प्रक्रिया में दिमाग भी चूँकि पूरी तरह भाग लेता है। इसलिए इस एक्सरसाइज को शरीर और दिमाग दोनों की फिटनेस के लिहाज से अच्छा माना जाता है। सबसे अच्छी बात यह कि यह एक्सरसाइज चूँकि अपने आप में कई सारी एक्सरसाइज का मिश्रण है, ऐसे में यह अपने आप में एक सम्पूर्ण वर्कआउट है।

जायरोटॉनिक मशीन का एक प्रकार

एक साथ हो सकते हैं कई मूवमेंट्स

जायरोटॉनिक जिस मशीन पर किया जाता है वह मुख्यतः लकड़ी की बनी होती है। इससे एक साथ अनेक मूवमेंट्स किये जा सकते हैं। इसमें सामान्य पुली टॉवर भी होता है जो अक्सर जिम में देखने को मिलता है लेकिन जायरोटॉनिक में इस पुली के साथ बैले जैसे स्टेप्स एक्सरसाइज के रूप में किये जाते हैं। मशीन में साथ में जुड़ी होती है एक बेंच जिसपर बैठकर या अधलेटे रहकर एक्सरसाइज की जा सकती है। एक्सरसाइज की यह विधा काफी पुरानी है इसलिए वर्तमान में इसकी मशीनें भी जरूरत और एक्सरसाइज के हिसाब से और मोडिफाई की गई हैं। शरीर की संरचना, जरूरत और स्थिति के हिसाब से मशीन को एडजेस्ट किया जा सकता है। इसलिए इसे किसी प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति की देख रेख में ही करने की सलाह दी जाती है, जैसा कि जिमिंग के लिए भी कहा जाता है।

Gyrotonic Exercise: मांसपेशियों के लिए मालिश की तरह असरदार है ये व्यायाम, मिलते हैं कई लाभ

शरीर की मजबूती के लिए जरूरी है व्यायाम

शरीर और मन दोनों को फुर्तीला और स्वस्थ बनाने के लिए नियमित एक्सरसाइज बहुत जरूरी है । यूं भी कोरोना के आने के बाद से शरीर और स्वास्थ्य को लेकर लोगों में सजगता बढ़ी है। एक्सरसाइज के कई प्रकार हैं। इसे लेकर असमंजस होना लाजमी है कि कौन सी एक्सरसाइज अपनाई जाए या किस एक्सरसाइज का असर ज्यादा अच्छा होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि सबसे अच्छा एक्सरसाइज रूटीन वह होता है जिसमें शरीर के हिसाब से विभिन्न प्रकार के व्यायाम का मिश्रण हो। यानी कार्डियो, फ्लेक्सिबिलिटी, एंड्यूरेंस, बैलेंसिंग, स्ट्रेचिंग आदि का संतुलित मिश्रण।

कुछ व्यायाम ऐसे भी होते हैं जो एक साथ पूरे शरीर को लाभ दे सकते हैं। जैसे कि दौड़, ब्रिस्क वॉक, योगा आदि बस इसके लिए इन्हें सही तरीके से अपनाने की जरूरत होती है। जायरोटॉनिक एक ऐसी एक्सरसाइज है जो एकसाथ कई एक्सरसाइज के फायदे आपको दे सकती है। जरूरत बस इसको सही तरीके से सीखने और लागू करने की होती है।

शरीर को लचीला बनाने में मिलती है मदद

शरीर और मन दोनों की एक्सरसाइज

जायरोटॉनिक व्यायाम की एक ऐसी विधा है जो मुख्यतः विशेष मशीन या साधनों के साथ की जाती है। इसमें पूरे शरीर को एक निश्चित लय में गतिशील रखते हुए घुमाया जाता है और शरीर के हर जोड़ पर फोकस किया जाता है। भले ही यह तकनीक बाकी एक्सरसाइज जितनी प्रचारित न हो पाई हो लेकिन इसके फायदे किसी भी एक्सरसाइज से कम नहीं हैं, बल्कि यह एकसाथ पूरे शरीर और दिमाग दोनों की फिटनेस का टास्क पूरा करती है। साथ ही इससे पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग भी हो जाती है। जायरो एक ग्रीक शब्द है जिसका मतलब है 'स्पाइरल' या 'सर्कल' और टॉनिक से तात्पर्य है स्वस्थ मांसपेशियां। यानी शरीर की सभी मांसपेशियों पर इसका सकारात्मक असर होता है।

प्रशिक्षक के साथ जायरोटॉनिक एक्सरसाइज

शरीर की भीतरी मालिश जैसा फायदा

जायरोटॉनिक में जिस प्रकार की गतिविधियां या एक्सरसाइज सम्मिलित की जाती हैं उनसे पूरा शरीर इस तरह से संचालित होता है कि हर एक जोड़ और शरीर की हर एक मांसपेशी को फैलने और रिलेक्स होने का मौका मिलता है। यह असर बहुत कुछ उसी तरह का है जैसा शरीर की ऊपरी मालिश करने पर मिलता है। इसलिए जायरोटॉनिक को विशेषज्ञ शरीर के भीतर से बाहर की मालिश के रूप में भी प्रचारित करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस एक्सरसाइज के एक सेशन में ही योगा, ताई ची और सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है स्वीमिंग जैसा असर प्राप्त होता है। जोड़ों को सर्कल में घुमाने, शरीर को लय में फैलाने और संचालित करने की इस प्रक्रिया में दिमाग भी चूँकि पूरी तरह भाग लेता है। इसलिए इस एक्सरसाइज को शरीर और दिमाग दोनों की फिटनेस के लिहाज से अच्छा माना जाता है। सबसे अच्छी बात यह कि यह एक्सरसाइज चूँकि अपने आप में कई सारी एक्सरसाइज का मिश्रण है, ऐसे में यह अपने आप में एक सम्पूर्ण वर्कआउट है।

जायरोटॉनिक मशीन का एक प्रकार

एक साथ हो सकते हैं कई मूवमेंट्स

जायरोटॉनिक जिस मशीन पर किया जाता है वह मुख्यतः लकड़ी की बनी होती है। इससे एक साथ अनेक मूवमेंट्स किये जा सकते हैं। इसमें सामान्य पुली टॉवर भी होता है जो अक्सर जिम में देखने को मिलता है लेकिन जायरोटॉनिक में इस पुली के साथ बैले जैसे स्टेप्स एक्सरसाइज के रूप में किये जाते हैं। मशीन में साथ में जुड़ी होती है एक बेंच जिसपर बैठकर या अधलेटे रहकर एक्सरसाइज की जा सकती है। एक्सरसाइज की यह विधा काफी पुरानी है इसलिए वर्तमान में इसकी मशीनें भी जरूरत और एक्सरसाइज के हिसाब से और मोडिफाई की गई हैं। शरीर की संरचना, जरूरत और स्थिति के हिसाब से मशीन को एडजेस्ट किया जा सकता है। इसलिए इसे किसी प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति की देख रेख में ही करने की सलाह दी जाती है, जैसा कि जिमिंग के लिए भी कहा जाता है।

होम थिएटर खरीदने से पहले रखें इन बातों का ध्यान, बाद में नहीं होगा अफसोस

home theater buying guide

रास्ते में मोबाइल से और घर पर म्यूजिक सिस्टम से गाना सुनने का शौक लगभग हर किसी को होता है। खासकर वीकेंड वाले दिन कुछ बेहतरीन सॉन्ग के साथ खाना बनाना, घर की सफाई करना आदि काम करने का एक अलग ही मज़ा होता है। 'वीकेंड में मैं (लेखक) होम थिएटर में पसंदीदा गाना चालू करता हूं और 1 घंटे के अंदर इन सभी कामों खत्म कर लेते हूं'।

किसी विशेष मौके पर होम थिएटर से गाना सुनने का भी एक अलग ही मज़ा होता है। जिनके पास होम थिएटर नहीं होता वो छोटे-छोटे स्पीकर से ही काम चला लेते हैं। ऐसे में अगर आप भी अपने घर के लिए होम थिएटर लेने का प्लान बना रहे हैं और बाद में अफ़सोस नहीं करना चाहते हैं तो फिर आपको कुछ बातों पर ध्यान देने सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है की ज़रूरत है। आइए जानते हैं।

स्पेस का रखें ध्यान

Which home Theatre is best for home

होम थिएटर खरीदने से पहले आपको सबसे पहले किसी बात पर ध्यान देने की ज़रूरत है तो वो है स्पेस यानी जगह। जी हां, होम थिएटर सेट करने या लगाने के लिए जगह की ज़रूरत पड़ती है, क्योंकि एक होम थिएटर के साथ कई सारे छोटे-छोटे स्पीकर्स होते हैं। अगर घर में स्पेस काम है तो फिर आपको कम स्पीकर वाले होम थिएटर लेने की ज़रूरत है। ऐसे कई होम थिएटर मिल जाएंगे जो कम स्पीकर होने बाद भी साउंड क्वालिटी के मामले में बेस्ट होते हैं।

मार्केट का जायजा ज़रूर लीजिए

best Home Theater System

बोला जाता है कि किसी भी सामान को लेने से पहले मार्केट में जायजा लेना बहुत ज़रूरी होता है। ऐसा नहीं कि किसी दुकान में गए और बिना सोचे समझे किसी भी होम थिएटर को खरीद लिया। एक से दो दुकान में विजिट करें और कुछ होम थिएटर को कम्पेयर करने के बाद ही खरीदने का प्लान करें। इससे कीमत, फीचर और अन्य चीजों की जानकारी भी मिल जाती सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है हैं, जिसके बाद होम थिएटर खरीदना आसान होता है। (बेस्ट इन्वर्टर बैटरी खरीदने के टिप्स)

साउंड क्वालिटी चेक करें

Which home Theatre is best for home in hindi

घर के लिए होम थिएटर खरीदने से पहले साउंड क्वालिटी चेक करना बहुत ज़रूरी होता है, क्योंकि हर चीज इसी पर निर्भर है। इसके लिए आप जिस होम थिएटर को सेलेक्ट कर रहे हैं उसे टीवी और मोबाइल से बजाकर एक से दो बार ज़रूर चेक करें। अगर आवाज फटी-फटी आ रही हो या भी बेस साउंड सही नहीं तो फिर आपको खरीदने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि बेस साउंड किसी भी होम थिएटर के बहुत मनाये रखता है। (बेस्ट पेन ड्राइव खरीदने के टिप्स)

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एडवांस फीचर्स होना चाहिए

जी हां, आज के समय में एडवांस फीचर्स वाले होम थिएटर सबसे अधिक पसंद किए जाते हैं। एडवांस फीचर्स यानी टीवी से भी कनेक्ट हो जाए या फिर मोबाइल/ब्लूटूथ से भी कनेक्ट हो जाए। इसे अलावा साउंड को अपने अनुसार सेट करने का फीचर्स भी होना चाहिए। कई होम थिएटर में साउंड सेट करने का फीचर्स नहीं होता है। ऐसे में आप एडवांस फीचर्स वाला ही होम होम थिएटर खरीदने का प्लान करें।

गारंटी और वारंटी का रखें ध्यान

How to Choose a Home Theater System

होम थिएटर हो या फिर कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान हो, गारंटी और वारंटी चेक करना बहुत ज़रूरी होता है। अगर ख़राब होता है या फिर कोई दिक्कत होती है तो आप उसे आसानी से बनवा सकते हैं या फिर बदल भी सकते हैं।

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