'2030 तक 73 फीसदी बढ़ सकता है हथियारों का बाजार', स्टडी में किया गया दावा
दावे के मुताबिक, भारत, पाकिस्तान और चीन अपने परमाणु आयुध भंडार को बढ़ाएंगे, जिससे यह वृद्धि तेज हो सकती है. इस वजह से बाजार का आकार 12,600 करोड़ डॉलर के पार जा सकता है.
By: ABP Live | Updated at : 05 Apr 2022 01:33 PM (IST)
अमेरिका की संस्था अलाइड मार्केट रिसर्च की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हथियारों का अंतरराष्ट्रीय बाजार 73 फीसदी तक बढ़ सकता है. ये बढ़ोतरी साल 2030 तक होने का दावा किया गया है. दावे के मुताबिक, भारत, पाकिस्तान और चीन अपने परमाणु आयुध भंडार को बढ़ाएंगे, जिससे यह वृद्धि तेज हो सकती है. इस वजह से बाजार का आकार 12,600 करोड़ डॉलर के पार जा सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में इस बाजार का आकार 7,300 करोड़ डॉलर था. कोरोना महामारी के दौरान पूरे रक्षा क्षेत्र पर असर हुआ और मंदी आई, लेकिन हालात अब बदल चुके हैं. उत्तरी अमेरिकी देश 2020 में आधे बाजार की खरीद करते थे, यहां भी अब बदलाव होंगे और भारत, पाकिस्तान और चीन प्रमुख खरीदार बन सकते हैं. उन्हें अपने परमाणु आयुध भंडार में वृद्धि की जरूरत महसूस होने लगी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक सालाना रक्षा बजट में 5.4 प्रतिशत वृद्धि हो सकती है. भू-राजनीतिक संघर्षों में वृद्धि और रक्षा बजट आवंटन में वृद्धि ने वैश्विक परमाणु मिसाइलों के विकास को बढ़ावा दिया है.
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बीते हफ्ते रिकॉर्ड शांतिकालीन राष्ट्रीय रक्षा बजट की मांग अमेरिका में की थी. इसका लक्ष्य परमाणु मिसाइलों, सबमरीन, बॉम्बर विमानों आदि का आधुनिकीकरण है. अनुमान है कि ज्यादातर खरीद छोटी मिसाइलों की होगी जो परमाणु बम ले जाने की क्षमता से युक्त हों. इन्हें विमान से लेकर जमीन से भी प्रक्षेपित किया जा सकता है.
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Published at : 05 Apr 2022 01:16 PM (IST) बाजार का अध्ययन Tags: India China Pakistan US arms market 73 percent हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
बाजार पर निबंध / Essay on Market in Hindi
बाजार हमारा निकटवर्ती सार्वजनिक स्थान है । यह हमारे पड़ोस में स्थित व्यापार का एक प्रमुख केन्द्र होता है । यहाँ व्यापारियों और ग्राहकों का जमावड़ा होता है । यहाँ से लोग अपने दैनिक जीवन की उपयोगी वस्तुएँ खरीदते हैं । बाजार लोगों की आवश्यकता की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।
बाजार शहरों, कस्बों और गाँवों में भी होते हैं । शहरों में स्थायी बाजार होते हैं । यहाँ साप्ताहिक बाजार भी लगते हैं । कस्बों और गाँवों के बाजार प्राय: अस्थायी होते
हैं । यहाँ के बाजार सप्ताह में एक या दो दिन लगा करते हैं । यहाँ अपराह्न लगने वाले बाजार सायंकाल तक समाप्त हो जाते हैं । शहरों के स्थायी बाजार सुबह से शाम तक सप्ताह के छह दिनों तक खुले होते हैं । ये बाजार सजे- धजे तथा सभी प्रकार की आवश्यक वस्तुओं से सज्जित होते हैं । यदि महानगरों के बाजार देखें तो यहाँ और भी रौनक रहती है । इनकी सजावट देखते ही बनती है ।
बाजार में सब कुछ बिकता है । सब्जियाँ, कपड़े, अनाज, फल, रसोई की अन्य चीजें, घरेलू आवश्यकता की वस्तुएँ, स्टेशनरी की चीजें, गहने आदि यहाँ उपलब्ध होते हैं । यहाँ घड़ियाँ, टेलीविजन सेट, रेडियो, फर्नीचर, कृषि यंत्र, सजावटी वस्तुएँ, खिलौने, मोबाइल फोन, बिजली के सामान, मिठाइयाँ, नमकीन तथा खाने-पीने की सभी चीजें मौजूद होती हैं । बड़े बाजारों में साइकिल, स्कूटर, मोटर साइकिल, कार आदि वाहन भी बिकते हैं । जिसे जो चाहिए, खरीद ले । एक बाजार का अध्ययन पसंद न हो तो दूसरी खरीद ले । कपड़ों, जूतों की दस दुकानें हैं, मिठाइयों की भी अनेक दुकानें हैं । कतारों में फलों और सब्जियों की दुकानें हैं ।
पर गाँवों, कस्बों तथा शहरों के साप्ताहिक अस्थायी बाजारों में सब कुछ नहीं मिलेगा । यहाँ सब्जियाँ, फल, कपड़े, घरेलू उपकरण तथा खाने-पीने की चीजें ही मिलेंगीं । यहाँ वे चीजें ही मिलेंगीं जिनकी आवश्यकता गृहणियों को हर रोज होती है । व्यापारी यहाँ आए, दुकानें सजाईं और आवाजें लगाकर अपनी वस्तुएँ बेचने लगे । ग्राहक आए, बाजार का चक्कर लगाया और दैनिक आवश्यकता की वस्तुएँ खरीदने लगे । मोल-तोल भी यहाँ खूब होता है । लोग जानते हैं कि दुकानदार बढा-चढ़ाकर कीमतें लगा रहे हैं । टमाटर 12 रु. किलो है तो 10 रु. किलो मिल सकता है । गोभी 20 रु. किलो है तो मोल-तोल के पश्चात् 16 रु. किलो मिल सकता है । अत: गृहणियों अच्छी तरह जाँच-परखकर ही खरीदारी करती हैं ।
अब चलें शहर के बाजार में जहाँ हर चीज उपलब्ध है । कुछ दुकानदार थोक में वस्तुएँ बेचते हैं । थोक बाजार में एक ही प्रकार की वस्तु अधिक मात्रा में लेने पर सस्ती पड़ती है । छोटे व्यापारी तथा खुदरा व्यापारी थोक में वस्तुएँ खरीद लेते हैं और मुनाफा सहित खुदरा बेच देते हैं । आपस में इनका सामंजस्य होता है । वस्तुओं की कीमतें घटती-बढ़ती रहती हैं । यहाँ माँग और पूर्ति का नियम काम करता है । माँग में वृद्धि हुई तो कीमतें बढ़ गईं और माँग में कमी आई तो कीमतें घट गईं । सजग व्यापारी कीमतों में उतार-चढ़ाव पर प्रतिदिन नजर रखते हैं ।
महानगरों में बड़े-बड़े बाजार होते हैं । यहाँ की चमक-दमक देखते ही बनती हैं । इन बड़े और भव्य बाजारों को सुपर बाजार कहा जाता है । यहाँ आवश्यकता की सभी
चीजें एक ही स्थान पर अर्थात् एक ही परिसर में मिल जाती हैं । अब तो मॉल बन गए हैं । बड़े-बड़े मॉल्स शहरों की पहचान बनते जा रहे हैं । इक्कीसवीं सदी में शॉपिंग माँल्स बाजारवाद को बढ़ावा देने में बहुत मदद कर रहे हैं । बड़ी-बड़ी कंपनियाँ भी अब सब्जियाँ, फल तथा परचून की वस्तुएँ बेच रही हैं ।
बाजार का महत्त्व सब जानते हैं । बाजार देश की अर्थव्यवस्था के आधार होते हैं । यहाँ क्रेताओं और विक्रेताओं का सम्मिलन होता है । यहाँ लाखों, करोड़ों के वारे-न्यारे होते हैं । यहाँ समाज के हर श्रेणी के लोग आते हैं । हर कोई अपनी जेब देखकर खरीदारी करता है । बाजारों के अलग- अलग नाम और कोटियाँ हैं । बाजारों की अपनी पहचान है । बाजार हमारी आवश्यकता की पूर्ति में बहुत मददगार होते हैं ।
Sensex Opening Bell: हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन घरेलू शेयर बाजार में हुई बढ़ोतरी, मजबूत होकर खुला रुपया
Budget 2021 : बजट के बाद बाजार में तेजी, सेंसेक्स 48000 के पार, निफ्टी में लगभग 500 अंक की बढ़त
नई दिल्ली : शेयर मार्केट के घरेलु बाजार में आज यानि हफ्ते के आखरी दिन हरे निशान पर कारोबार शुरू हुआ है। फिलहाल सेंसेक्स 133.84 अंकों (0.21%) की बढ़त के साथ 62,704.52 अंकों पर कारोबार बाजार का अध्ययन कर रहा है। वहीं निफ्टी 45.45 अंक (0.24%) चढ़कर 18654.80 अंकों पर कारोबार कर रहा है। शुक्रवार को सेंसेक्स 120 अंकों की बढ़त के साथ 62690 अंकों पर खुला। निफ्टी 53 अंकों की तेजी के साथ 18662 और बैंक निफ्टी 168 अंकों की तेजी के साथ 43765 के स्तर पर खुला। शुरुआती कारोबारी में सेंसेक्स 62700 के ऊपर और निफ्टी 18650 के ऊपर कारोबार करता दिख रहा है। वहीं बैंक निफ्टी 43700 के ऊपर ट्रेड कर रहा है। इक्विटी मार्केट में मेटल्स, PSU बैंक और ऑटो सेक्टर के शेयरों में तेजी दिख रही है। शुरुआती कारोबार में टाटा स्टील, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंडसइंड बैंक, NTPC जैसे शेयर हरे निशान पर कारोबार कर रहे हैं जबकि HCL टेक्नोलॉजी, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा और एक्सिस बैंक के शेयरों पर दबाव दिख रहा है। शुक्रवार को घरेलू मुद्रा रुपया मजबूती के साथ खुला। डॉलर के मुकाबले यह 12 पैसे मजबूत होकर 82.30 पर ओपन हुआ।
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छह लाख भारतीयों का डेटा चोरी कर बेचा गया: अध्ययन
बेंगलुरु: दुनिया के सबसे बड़े वीपीएन सेवा प्रदाताओं में से एक नॉर्डवीपीएन के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 50 लाख लोगों का डेटा चोरी करके बॉट बाजार में बेच दिया गया है. इनमें 6 लाख भारतीयों का भी डेटा शामिल है, जो इसे सबसे बुरी तरह प्रभावित देश बनाता है.
बॉट बाजार एक ऑनलाइन मार्केट होता है, जहां हैकर्स चोरी किए गए डेटा को बेचते हैं.
एक वीपीएन सेवा एक मोबाइल ऐप या अन्य सॉफ्टवेयर है, जो आपके डिवाइस और इंटरनेट के बीच कनेक्शन को एन्क्रिप्ट करता है. यह आपके इंटरनेट सेवा प्रदाता को यह देखने से रोकता है कि आप कौन से बाजार का अध्ययन ऐप या वेबसाइट का उपयोग कर रहे हैं. साथ ही यह उन अधिकांश वेबसाइट्स और ऐप्स को यह देखने से भी रोकता है कि आप किस भौगोलिक स्थान से ऑनलाइन जुड़ रहे हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, लिथुआनिया के नॉर्ड सिक्योरिटी के नॉर्डवीपीएन द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि चुराए गए डेटा में यूजर्स के लॉगिन, कुकीज़, डिजिटल फिंगरप्रिंट, स्क्रीनशॉट और अन्य जानकारियां शामिल हैं. एक व्यक्ति की डिजिटल पहचान की औसत कीमत प्रति व्यक्ति 490 भारतीय रुपये आंकी गई है.
नॉर्डवीपीएन ने पिछले चार वर्षों के डेटा को खंगाला है, जब से 2018 में बॉट बाजार की शुरुआत हुई थी.
भारत पिछले कुछ समय से साइबर सुरक्षा चिंताओं से जूझ रहा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि पिछले महीने 23 नवंबर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) – एक संघीय सरकारी अस्पताल जहां मंत्रियों, राजनेताओं और आम जनता का इलाज होता है – के कई सर्वरों पर हमला हुआ था.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एम्स पर रैनसमवेयर हमले के एक हफ्ते बाद भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को 30 नवंबर को 24 घंटे के भीतर हैकिंग के लगभग 6,000 प्रयासों का सामना करना पड़ा.
भारतीय साइबर सुरक्षा नियम इस साल की शुरुआत में ही कड़े हुए हैं, जिनके तहत भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी) के साथ तकनीकी कंपनियों को ऐसी घटनाओं को नोटिस करने के छह घंटे के भीतर डेटा उल्लंघन की रिपोर्ट करने और छह महीने के लिए आईटी व संचार लॉग बनाए रखने की आवश्यकता होती है.
नॉर्डवीपीएन के अध्ययन ने तीन प्रमुख बॉट बाजारों- उत्पत्ति बाजार, रूसी बाजार और 2ईजी- ध्यान केंद्रित किया और गूगल, माइक्रोसॉफ्ट व फेसबुक एकाउंट्स से चोरी की गईं लॉगिंस जानकारी पाई.
नॉर्डवीपीएन के मुख्य तकनीकी अधिकारी मारिजस ब्राइडिस ने कहा, ‘बॉट मार्केट्स को अन्य डार्क वेब मार्केट्स से जो अलग बनाता है, वह यह है कि वे एक ही स्थान में एक व्यक्ति के बारे में बड़ी मात्रा में डेटा प्राप्त करने में सक्षम होते हैं.’
उन्होंने बताया, ‘और बॉट बेचे जाने के बाद, वे खरीददार को गारंटी देते हैं कि पीड़ित की जानकारी तब तक अपडेट की जाएगी, जब तक कि उनका डिवाइस बॉट से संक्रमित है.’
नॉर्डवीपीएन के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में 667 मिलियन कुकीज, 81000 डिजिटल फिंगरप्रिंट, 5,38,000 ऑटो-फिल फॉर्म, कई डिवाइस स्क्रीनशॉट और वेबकैम स्नैप पाए.
इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
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व्यवहार्यता अध्ययन | Feasibility Study In Hindi
साहसिक सुअवसरों की पहचान एवं व्यवहार्यता अध्ययन महत्वपूर्ण चैप्टर हैं। व्यवहार्यता अध्ययन के बारे में जानना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है इससे एग्जाम में प्रश्न बनते हैं तो स्टूडेंट कैसे हैं आप एग्जाम की तैयारी कैसी चल रहा है नीचे कमेंट करके बताएं।
आज के इस पोस्ट में आप व्यवहार्यता अध्ययन यानी कि Feasibility Study In Hindi क्या हैं, मुख्य बिंदु तथा अन्य सभी बातों को जानेंगे। व्यवहार्यता अध्ययन के बारे में जाने से पहले आपको व्यवहार्यता क्या होता है उसके बारे में जाना होगा तो स्टूडेंट चलिए जानते हैं व्यवहार्यता क्या होता हैं।
व्यवहार्यता क्या है
एक साहसी या उद्यामी बहुत ही मेहनती व्यक्ति होता हैं। वह हमेशा कुछ ना कुछ अवसर की तलाश करते रहता हैं। उद्यमी द्वारा अपने लिए खोजे गए अवसर को कार्यरूप में परिवर्तित करना होता है इसके लिए वह सभी आवश्यक संसाधन जुटाने का प्रयास करता है तथा वह संसाधन एकत्रित करने से पहले अपने द्वारा खोजे गए अवसर को व्यवहारिक जीवन बाजार में इसका क्या मूल्य है उसे जाने का प्रयास करता है।
अतः साहसी द्वारा अपने अवसर को ढूंढने के पश्चात यह जानना कि उसका बाजार में वास्तविक मूल्य क्या होगा इसी को ‘व्यवहार्यता’ कहा जाता है।
अध्ययन – अध्ययन से आशय किसी भी वस्तु यानी कि वह सजीव हो या फिर निर्जीव उसके बारे में जानकारी प्राप्त करने से है यदि यही जानकारी काफी डीप में किया जाए तो उसे गहन अध्ययन कहा जाता हैं।
उदाहरण – एक व्यापारी को अपने व्यापार के कुल लाभ- हानि को जानने के लिए प्रतिदिन के लेनदेन को रिकॉर्ड करना होगा । इस रिकॉर्ड की गई डाटा से वह मोटा- मोटी कितना लाभ तथा हानि हुआ है उसे जान सकता है लेकिन बिल्कुल करेक्ट जानकारी के लिए उसे वित्तीय विवरण तैयार करना होगा । यहां प्रतिदिन सौदों के रिकॉर्ड करना व उससे लाभ- हानि जानना अध्ययन है और इसे वित्तीय विवरण के द्वारा जानना गहन अध्ययन है।
व्यवहार्यता अध्ययन की परिभाषा क्या है
उद्यमी द्वारा अपने उपक्रम के लिए वस्तु का चुनाव करने के बाद उसे साकार रूप देने के लिए विचार किया जाता है कि उसके उत्पाद के लिए जो उपक्रम बनाई जाएगी वह कैसी होगी, कहां होगी, कैसे संचालित होगी, क्या लागत आएगी, विक्रय मूल्य कितना होगा, पैकिंग कैसी होगी, विज्ञापन क्या हैं, इसका अन्य प्रतियोगियों पर क्या असर पड़ेगा, लाभ की क्या गुंजाइश होगी आदि पूरी संभावनाओं का अध्ययन किया जाता है कि उसके उत्पाद की कल्पना व्यवहारिक है या नहीं । इसे ही बाजार का अध्ययन ‘व्यवहार्यता अध्ययन’ कहा जाता हैं।
किसी भी व्यक्ति द्वारा वह जिस कार्य को करने जा रहा है उसके बारे में नाखून से बाल तक की पूरी संभावना का अध्ययन करना ही व्यवहार्यता अध्ययन कहलाता हैं।
व्यवहार्यता अध्ययन के लाभ
कोई भी चीज या कार्य हो उसके लाभ तो अवश्य ही होते हैं बिना लाभ के कोई भी व्यक्ति कोई कार्य नहीं करना चाहता है और ना ही करता है यह बात पूरी तरह से सत्य है। वैसे ही व्यवहार्यता अध्ययन के कुछ महत्वपूर्ण लाभ है जो नीचे के पंक्ति में दिए गए हैं-
- व्यवहार्यता अध्ययन करने से साहसी को अपने द्वारा चुने गए उत्पाद के संबंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त हो जाता हैं।
- यह व्यापार को सफलता की सीढ़ी चढ़ाने का पहला कदम हैं।
- इस अध्ययन में उस उत्पाद से संबंधित हर तरह के बातों को पता लगाया जाता है।
- व्यवहार्यता अध्ययन करने से वास्तविक जोखिम का पता चल पाता हैं।
- इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें उत्पाद का बाजार में क्या मूल्य होगा उसे सुनिश्चित किया जा सकता है।
व्यवहार्यता अध्ययन के प्रकार
व्यवहार्यता अध्ययन के निम्नलिखित प्रकार होते हैं जिनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं-
- आर्थिक व्यवहार्यता
- बाजार व्यवहार्यता
- पारिस्थितिक व्यवहार्यता
1.आर्थिक व्यवहार्यता – आर्थिक व्यवहार्यता सामाजिक दृष्टिकोण के आधार पर मूल्यांकन से संबंधित है। इसमें सामाजिक लागत एवं लाभ पर विशेष ध्यान दिया जाता हैं। इसे सामाजिक लाभ विश्लेषण के नाम से भी जाना जाता है।
2. बाजार व्यवहार्यता – उत्पाद का चुनाव करने से पहले उसके बाजार का निर्धारण कर लेना चाहिए कि उत्पाद का बाजार स्थानीय होगा या फिर अंतरराष्ट्रीय। यदि वह उत्पाद बाजार में उपलब्ध है तो देखना चाहिए कि उद्यमी अब जो उत्पाद लाने जा रहा है उसका कारण क्या है पुराने उत्पाद की तुलना में उसके नए उत्पाद के प्रति बाजार का क्या रुख रहेगा। अतः उत्पाद लाने से पूर्व बाजार का अध्ययन करना ही ‘बाजार व्यवहार्यता’ कहलाता हैं।
3. पारिस्थितिक व्यवहार्यता – पारिस्थितिक व्यवहार्यता उन परियोजनाओं के लिए आवश्यक है जिनका प्रभाव पर्यावरण पर प्रत्यक्ष रुप से पड़ता है। जैसे- सिंचाई, सीमेंट, रसायन उद्योग, विद्युत आदि। इनका उद्देश्य पर्यावरणीय प्रदूषण को रोकना हैं।
मुख्य बिंदु व्यवहार्यता अध्ययन
1. व्यवहार्यता अध्ययन की बाजार का अध्ययन आवश्यकता की व्याख्या आप कैसे करेंगे?
उत्तर – व्यवहार्यता अध्ययन का अर्थ परियोजना की लाभदायकता का मूल्यांकन करना होता हैं। इसमें प्लानिंग यानी कि नियोजन, विश्लेषण तथा मूल्यांकन को शामिल किया जाता है यह विनियोग पूर्ण जांच हेतु सूचना उपलब्ध कराने में सहायक होता है।
मुझे उम्मीद है कि अब आपको कोई भी डाउट नहीं होगा। यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आया होगा। अपना एक फीडबैक जरूर दें।
इस पोस्ट में व्यवहार्यता अध्ययन के बारे में कम्पलीट इनफार्मेशन दी गयी है ।
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