नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) मुंबई में स्थित भारत का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है। NSE की स्थापना 1992 में देश में पहले डिम्युचुअलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज के रूप में हुई थी। एनएसई एक आधुनिक, पूरी तरह से स्वचालित स्क्रीन-आधारित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम प्रदान करने वाला देश का पहला एक्सचेंज था, जो आसान ट्रेडिंग की पेशकश करता थासुविधा देश भर में फैले निवेशकों के लिए।
शेयर बाजार में कैसे काम करता है बुल मार्केट, जानें स्टाक पर क्या होता है इसका प्रभाव
जब स्टॉक की प्राइस 20-20 प्रतिशत की दो अवधियों की गिरावट के बाद भी 20 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। वहीं ट्रेडर बुल मार्केट का लाभ उठाने के लिए खरीद में बढ़ोतरी होल्ड या रिट्रेसमेंट जैसी कई रणनीतियों को अपना लेता हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बुल मार्केट (Bull Market) किसी फाइनेंशियल मार्केट की वह स्थिति होती है जिसमें किसी एसेट या सिक्योरिटी की प्राइस बढ़ रही होती है या बढ़ने की उम्मीद होती है। ‘बुल मार्केट' शब्द का उपयोग अक्सर स्टॉक मार्केट के लिए किया जाता है लेकिन इसे किसी भी चीज के लिए प्रयोग किया जा सकता है जिसे ट्रेड किया जा सकता है जैसे कि बॉन्ड्स, रियल एस्टेट, करेंसी और कमोडिटीज। हालांकि, ट्रेडिंग के दौरान सिक्योरिटीज की प्राइस अनिवार्य रूप से घटती और बढ़ती रहती हैं। बुल मार्केट' को विशेष रूप से विस्तारित अवधि के लिए उपयोग में लाया जाता है जिसमें सिक्योरिटी मूल्यों का बड़ा हिस्सा बढ़ रहा होता है।
बुल मार्केट के लक्षण
बुल मार्केट इन्वेस्टर के आत्मविश्वास और उम्मीदें को लंबे समय तक बनाए रखता है। साथ ही, इसका अनुमान लगाना मुश्किल होता है कि मार्केट में ट्रेंड में कब बदलाव आएगा।हाल के वर्षों में बुल मार्केट 2003 और 2007 की अवधि के दौरान देखा गया था जब एसएंडपी 500 में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई थी। आम तौर पर यह तब होता है जब अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही होती है या पहले से ही मजबूत होती है।
बुल मार्केट का लाभ कैसे उठाएं?
जो इन्वेस्टर बुल मार्केट का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें बढ़ती प्राइस का लाभ उठाने के लिए आरंभ में ही खरीद कर लेनी चाहिए और जब वे अपनी पीक पर पहुंच जाएं तो उन्हें बेच डालना चाहिए। हालांकि यह तय करना मुश्किल और रिस्क भरा होता है कि कब गिरावट आएगी और कब पीक पर जाएगा, अधिकांश नुकसान कम मात्रा में होते हैं और अस्थायी होते हैं।
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Share Market में करना चाहते हैं निवेश की शुरुआत, जानिए शेयर बाजार की ABCD
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 05, 2022 19:07 IST
Photo:INDIA TV Share Market में निवेश की शुरुआत करने से पहले ये जानें
What is Share Market: शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिमों से भरा होता है। अगर आप नए हैं, आपने इससे पहले कभी किसी स्टॉक (Stock) में निवेश नहीं किया है और आपको इस बात की जानकारी नहीं है कि शेयर मार्केट क्या होता है और यह कैसे काम करता है? क्या स्टॉक मार्केट में सिर्फ शेयर ही खरीदे-बेचे जाते हैं? तो आज हम आपके इन सभी सवालों का जवाब इस खबर में देने जा रहे हैं।
शेयर मार्केट क्या है?
शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है, जहां खरीदार BSE(Bombay Stock Exchange) और NSE(National Stock Exchange) पर सूचीबद्ध शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं। यह सेबी(Securities and Exchange Board of India) के देखरेख में काम करता है। सेबी भारत सरकार की संस्था है जो शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों पर नजर रखती है ताकि वह ग्राहक के साथ फ्रॉड ना कर सके। इसे दो भाग Share Market में क्या काम करता है में क्लासिफाइड किया गया है। प्राइमरी और सेकेंडरी।
जब कोई कंपनी शेयरों के माध्यम से धन जुटाने के लिए पहली बार स्टॉक एक्सचेंज में खुद को रजिस्टर करती है तो उसे प्राइमरी कैटेगरी में रखा जाता है, वहीं एक बार जब कंपनी की नई सिक्योरिटी को प्राइमरी मार्केट में बेच दिया जाता है, तब उसका कारोबार सेकेंडरी में किया जाने लगता है। यहां निवेशकों को बाजार की मौजूदा कीमतों पर शेयर खरीदने और बेचने का मौका मिलता है।
शेयर के आलावा इनमें भी कर सकते हैं निवेश
स्टॉक Share Market में क्या काम करता है एक्सचेंज में इन चार रूप (शेयर, बांड, म्यूचुअल फंड और Derivatives) में ट्रेडिंग होती है, जिसमें सबसे पहला स्थान शेयर का होता है। अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के उतने फीसदी के हिस्सेदार हो जाते हैं। कंपनी के नफा-नुकसान का असर सीधे आपके उपर पड़ता है।
बांड लंबी अवधि के लिए खरीदे जाते हैं। जब एक कंपनी को पर्याप्त पूंजी की आवश्यकता होती है। पूंजी जुटाने का एक तरीका जनता को बांड जारी करना होता है। ये बांड कंपनी द्वारा लिए गए "ऋण" का प्रतिनिधित्व करते हैं। बांडधारक कंपनी के लेनदार बन जाते हैं और कूपन के रूप में समय पर ब्याज भुगतान प्राप्त करते हैं।
क्या होता है IPO और कैसे किया जाता है इसमें निवेश, स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं तो जान लें ये बेसिक बातें
शेयर मार्केट को काफी रिस्की माना जाता है. ये जितनी तेजी Share Market में क्या काम करता है से मुनाफा करवाता है, उतनी ही तेजी से आपको पैसों का नुकसान भी करवा सकता है. इसमें पैसा लगाने से पहले Share Market में क्या काम करता है इसको लेकर स्टडी करना और बेसिक बातों को जानना जरूरी है.
क्या होता है IPO और कैसे किया जाता है इसमें निवेश (Zee Biz)
बीते कुछ समय से शेयर मार्केट को लेकर क्रेज काफी बढ़ गया है. तमाम लोग इसमें पैसा इन्वेस्ट करते हैं और बेहतर मुनाफा कमाते हैं. लेकिन शेयर मार्केट को काफी रिस्की माना जाता है. ये जितनी तेजी से मुनाफा करवाता है, उतनी ही तेजी से आपको पैसों का नुकसान भी करवा सकता है. इसलिए ये जरूरी है कि स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखने से पहले आप इसको लेकर स्टडी कर लें और कुछ बेसिक बातों को अच्छी तरह से जान Share Market में क्या काम करता है लें.
क्या होता है IPO
आईपीओ का मतलब है Initial Public Offering. जब कोई कंपनी पहली बार पब्लिक को अपने शेयर ऑफर करती है तो इसे IPO कहा जाता है. ऐसे समझें कि देश में तमाम प्राइवेट कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में काम करती हैं. जब इन कंपनियों को फंड की जरूरत होती है तो ये खुद को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवाती हैं और इसका सबसे बेहतर तरीका है आईपीओ. आईपीओ को जारी करने के बाद कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाती है. इसके बाद निवेशक उसके शेयर को खरीद और बेच सकते हैं.
कंपनी के आईपीओ खरीदने वालों की कंपनी में हिस्सेदारी हो जाती है और Share Market में क्या काम करता है कंपनी के पास फंड इकट्ठा हो जाता है. साधारण शब्दों में समझें तो आईपीओ को लाने के बाद उस कंपनी को चलाने वाला सिर्फ उसका मालिक या परिवार नहीं होता, बल्कि वो सभी निवेशक भी इसमें शामिल होते हैं जिनका पैसा उसके शेयर में लगा होता है. निवेशकों से आए फंड को कंपनी अपनी कंपनी की तरक्की और तमाम अन्य कामों में खर्च कर Share Market में क्या काम करता है सकती है.
आईपीओ में कैसे करें निवेश
आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी Share Market में क्या काम करता है है. डीमैट अकाउंट आप किसी भी ब्रोकिंग फर्म से खोल सकते हैं. आईपीओ जारी करने वाली कंपनी अपने आईपीओ को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है. उतने दिनों के अंदर ही निवेशक कंपनी की साइट पर जाकर या ब्रोकरेज फर्म की मदद से आईपीओ में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
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शेयर बाजार
भंडारमंडी सार्वजनिक बाजारों को संदर्भित करता है जो स्टॉक एक्सचेंज या ओवर-द-काउंटर पर व्यापार करने वाले शेयरों को जारी करने, खरीदने और बेचने के लिए मौजूद हैं। शेयर बाजार (शेयर बाजार भी कहा जाता है) पैसा निवेश करने के कई रास्ते देता है, लेकिन यह विश्लेषण के साथ किया जाना है (तकनीकी विश्लेषण ,मौलिक विश्लेषण आदि) और उसके बाद ही किसी को लेना चाहिएबुलाना कानिवेश.
स्टॉक, जिसे . के रूप में भी जाना जाता हैइक्विटीज, एक कंपनी में आंशिक स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं, और शेयर बाजार एक ऐसा स्थान है जहां निवेशक ऐसी निवेश योग्य संपत्तियों के स्वामित्व को खरीद और बेच सकते हैं। एक कुशलतापूर्वक कार्यशील शेयर बाजार को आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह कंपनियों को शीघ्रता से उपयोग करने की क्षमता देता हैराजधानी जनता से।
स्टॉक मार्केट में कौन काम करता है?
स्टॉक मार्केट से जुड़े कई अलग-अलग खिलाड़ी हैं, जिनमें ट्रेडर, स्टॉकब्रोकर, पोर्टफोलियो मैनेजर, स्टॉक एनालिस्ट और इनवेस्टमेंट बैंकर शामिल हैं। प्रत्येक की एक अनूठी भूमिका होती है।
शेयर दलालों
स्टॉकब्रोकर लाइसेंस प्राप्त पेशेवर हैं जो निवेशकों की ओर से प्रतिभूतियां खरीदते और बेचते हैं। ब्रोकर निवेशकों Share Market में क्या काम करता है की ओर से स्टॉक खरीद और बेचकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशकों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं।
पोर्टफोलियो प्रबंधक
ये ऐसे पेशेवर हैं जो ग्राहकों के लिए पोर्टफोलियो, या प्रतिभूतियों का संग्रह निवेश करते हैं। इन प्रबंधकों को विश्लेषकों से सिफारिशें मिलती हैं और पोर्टफोलियो के लिए खरीदने या बेचने का निर्णय लेते हैं।म्यूचुअल फंड कंपनियां,हेज फंड, और पेंशन योजनाएँ निर्णय लेने के लिए पोर्टफोलियो प्रबंधकों का उपयोग करती हैं और उनके पास मौजूद धन के लिए निवेश रणनीतियाँ निर्धारित करती हैं।
आप शेयर Share Market में क्या काम करता है बाजार में कैसे निवेश करते हैं?
शेयर बाजार में निवेश करना बहुत ही आसान प्रक्रिया है। आपको दो खाते खोलने होंगे- डीमैट औरट्रेडिंग खाते.
सबसे पहले, एक खोलने के लिएडीमैट खाता ऑनलाइन आपको कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता है जैसे-
डीमैट खोलने के बाद, आप ऑनलाइन ब्रोकरों के साथ ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं।
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Explainer : शेयर मार्केट में गारंटीड और हाई रिटर्न के दावे! जानिए क्या है Algo Trading और कैसे करती है काम
एल्गो ट्रेडिंग क्या है, जिसमें किया जा रहा हाई रिटर्न का दावा
- इसे ऑटोमेटेड ट्रेडिंग, प्रोग्राम्ड ट्रेडिंग या ब्लैक बॉक्स ट्रेडिंग भी कहते हैं
- भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रही है एल्गो ट्रेडिंग
- ट्रेडिंग एक्टिविटीज को भावनाओं से रखती है दूर
- बेस्ट पॉसिबल प्राइसेज पर पूरे होते हैं ट्रेड
1. बेस्ट पॉसिबल प्राइसेज पर ट्रेड पूरे होते हैं।
2. चाहे गए स्तरों पर ट्रेड ऑर्डर प्लेसमेंट तत्काल और सटीक होता है।
3. कीमतों में होने वाले बदलाव से बचने के लिए ट्रेड्स समय पर और तुरंत हो जाते हैं।
4. लेनदेन की लागत में कमी आती है।
5. कई बाजार स्थितियों पर एक साथ ऑटोमेटिक रूप से नजर बनाई जा सकती है।
6. ट्रेड्स प्लेस करते समय गलती की गुंजाइश का जोखिम काफी कम हो Share Market में क्या काम करता है जाता है।
7. उपलब्ध ऐतिहासिक और रियल-टाइम डेटा का उपयोग करके एल्गो ट्रेडिंग का बैकटेस्ट किया जा सकता है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि यह एक व्यवहार्य ट्रेडिंग रणनीति है या नहीं।
8. ह्यूमन ट्रेडिंग में होने वाली भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक आधारित गलतियों की गुंजाइश नहीं रहती।
Forex Trading Fraud: फॉरेक्स ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का झांसा, फर्जी ऐप के जरिए लोगों से ऐसे की 15 करोड़ की ठगी
सेबी ने जारी किये दिशानिर्देश
पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने हाल ही में निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग से जुड़ी सेवाएं देने वाले ब्रोकर्स के लिये दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस पहल का उद्देश्य ‘उच्च रिटर्न’ का दावा कर शेयर बिक्री पर रोक लगाना है। सेबी ने एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा दे रहे ब्रोकर्स के लिए कुछ जिम्मेदारी तय की है। एल्गोरिदम ट्रेडिंग सेवाएं देने वाले ब्रोकरों को पिछले या भविष्य के रिटर्न को लेकर कोई भी संदर्भ देने से मना किया गया है। साथ ही ऐसे किसी भी प्लेटफॉर्म से जुड़े होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो एल्गोरिदम के पिछले या भविष्य के लाभ के बारे में कोई संदर्भ देता है। सेबी के सर्कुलर में कहा गया, ‘‘जो शेयर ब्रोकर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से एल्गोरिदम के पिछले या भविष्य के रिटर्न या प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हैं या इस प्रकार की जानकारी देने वाले मंच से जुड़े हैं, वे सात दिन के भीतर उसे वेबसाइट से हटा देंगे। साथ ही इस तरह के संदर्भ प्रदान करने वाले मंच से खुद को अलग कर लेंगे।
एल्गो ट्रेडिंग गारंटीड रिटर्न देती है, यह धारणा गलत
ट्विटर पर जेरोधा के को-फाउंडर नितिन कामत ने लिखा, “मुझे लगता है कि SEBI ने ऐसा इसलिए किया है, क्योंकि इस तरह के प्लेटफॉर्म ग्राहकों को लुभाने के लिए बैक-टेस्टिंग के जरिए असाधारण रिटर्न का लालच दे रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “एक धारणा गलत है कि एल्गो ट्रेडिंग गारंटीड रिटर्न देती हैं। ऐसी रणनीतियां (Strategies) खोजना जो लाभदायक प्रतीत होने के लिए अधिक बार ट्रेड करती हैं, कठिन नहीं है। लेकिन लगभग सभी मामलों में, हाई रिटर्न में तेजी से गिरावट Share Market में क्या काम करता है आती है या एक बार जब आप इस पर होने वाली लागतों का हिसाब लगाते हैं तो रिटर्न दिखता ही नहीं।”
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