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Bitcoin को भारत में मुद्रा के तौर पर पहचान देने का नहीं है कोई प्रस्ताव- FM सीतारमण ने किया साफ

इसी बीच, बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? सरकार को निर्देश दिया कि वह क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक पेश करने और इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई के बारे में 17 जनवरी, 2022 को उसे अवगत कराए। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ ने कहा कि वह संसदीय विधायिका को कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकती।

Bitcoin को भारत में मुद्रा के तौर पर पहचान देने का नहीं है कोई प्रस्ताव- FM सीतारमण ने किया साफ

नई दिल्ली में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। (एक्सप्रेस आर्काइव फोटोः अनिल शर्मा)

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बिटक्वॉइन (Bitcoin) को भारत में मुद्रा के तौर पर पहचान देने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। यह बात उन्होंने सोमवार (29 नवंबर, 2021) को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कही। उनके मुताबिक, सरकार के पास देश में बिटक्वॉइन को मुद्रा के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। साथ ही सरकार बिटक्वॉइन लेन-देन पर डेटा एकत्र नहीं करती है।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार के पास देश में बिटक्वॉइन को मुद्रा के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव है? वित्त मंत्री ने जवाब दिया, “नहीं, सर”। सीतारमण की तरफ से यह बात ऐसे वक्त पर साफ की गई है, जब सरकार संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक 2021 के क्रिप्टोकरेंसी और विनियमन को पेश करने की योजना बना रही है। विधेयक में अंतर्निहित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए कुछ निजी क्रिप्टोकरेंसी को छोड़कर सभी पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया गया है, जबकि आरबीआई द्वारा आधिकारिक डिजिटल मुद्रा की अनुमति दी गई है।

सांसद थिरुमावलवन थोल ने वित्त मंत्रालय से पूछा कि क्या सरकार को भारत में कारोबार की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पता है और क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग की कानूनी रूप से अनुमति है? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकार ने भारत में कानूनी रूप से अनुमत इकाई के रूप में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को अनुमति दी है?

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वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (एमओएस) पंकज चौधरी ने जवाब दिया, “सरकार क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार पर जानकारी एकत्र नहीं करती है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी अनियंत्रित हैं। बता दें कि बिटक्वॉइन को साल 2008 में प्रोग्रामर के एक अज्ञात समूह द्वारा पेश किया गया था। डिजिटल मुद्रा किसी बैंक या सरकार से जुड़ी नहीं है और उपयोगकर्ताओं को गुमनाम रूप से पैसा खर्च करने की अनुमति देती है।

‘केंद्र क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक पेश करने के बारे में बताए’: इसी बीच, बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक पेश भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? करने और इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई के बारे में 17 जनवरी, 2022 को उसे अवगत कराए। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ ने कहा कि वह संसदीय विधायिका को कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकती।

अदालत अधिवक्ता आदित्य कदम की उस जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र सरकार को देश के भीतर क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल और कारोबार को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। कदम ने देश में क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित कारोबार पर प्रकाश डालते हुए दावा किया है कि यह निवेशकों के अधिकारों को प्रभावित करता है, क्योंकि उनकी शिकायतों के निवारण के लिए कानून में कोई तंत्र नहीं है।

Cryptocurrency क्या है – संक्षिप्त जानकारी।

Cryptocurrency kya hai

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में जानने से पहले यह जान लेते हैं करेंसी क्या होती है। करेंसी एक प्रकार की मुद्रा प्रणाली है। ऐसी मुद्रा प्रणाली जो धन के रूप में इस्तेमाल की जाती हो, देश की सरकार द्वारा उसे मान्यता मिली हो, जिसका कोई मूल्य हो और जिसके माध्यम से वस्तुओं को ख़रीदा या बेचा जा सके।

दुनिया में प्रारंभ में कोई भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? मुद्रा भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? या करेंसी प्रचलन में नहीं थी। उस समय वस्तु विनिमय प्रणाली का चलन था। इसी प्रणाली द्वारा खरीदने और बेचने का काम होता था। वस्तु विनिमय प्रणाली में एक वस्तु देकर दूसरी वस्तु ली जाती थी। इसके बाद सिक्कों का दौर आया। विभिन्न प्रकार की धातुओं के सिक्कों के द्वारा लेन – देन होने लगा।

सिक्कों के बाद कागज़ के नोट आये जिससे हमारे लेन – देन का तरीका बिलकुल बदल गया। इन सब प्रणालियों के अलावा भी एक मुद्रा है, जिसे क्रिप्टोकरेंसी के नाम से जाना जाता है, जो वर्तमान में धीरे – धीरे प्रचलित हो रही है।

क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल (DIGITAL) मुद्रा है। यह एक ऐसी मुद्रा प्रणाली है जो ब्लोकचेन (BLOCKCHAIN) तकनीक पर आधारित है। अर्थात यह एक ऐसी तकनीक पर आधारित है जिसमे बहुत से ब्लोक होते हैं जो एक दुसरे से जुड़े होते हैं। क्रिप्टो-करेंसी एक पियर टू पियर (PEER TO PEER) धन प्रणाली है।

पियर टू पियर प्रणाली से तात्पर्य है जिसमे एक कंप्यूटर सिस्टम से दुसरे कंप्यूटर सिस्टम में डाटा भेज सकते हैं बिना किसी केंद्रीकृत सर्वर के माध्यम से। यह मुद्रा प्रणाली कंप्यूटर अल्गोरिथम पर आधारित है, अर्थात शारीरिक रूप से इसका अस्तित्व नहीं है, यह सिर्फ आंकड़ों के रूप में ऑनलाइन रहती है।

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल या क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य

क्रिप्टोकरेंसी का भी बाकि करेंसी की तरह मूल्य है। क्रिप्टो-करेंसी से भी हम सामान खरीदने और बेचने का कार्य कर सकते हैं। इसका हम कहीं निवेश भी कर सकते हैं। लेकिन जैसा की उपरोक्त वर्णित है यह एक डिजिटल मुद्रा है इसलिए हम इसको छू नहीं सकते इसलिए इसको हम तिजोरी या बैंक के लॉकर इत्यादि में नहीं रख सकते।

क्रिप्टो-करेंसी की मूल्य की बात करें तो इसकी कीमत बाकी मुद्राओं से बहुत ज्यादा है। कुछ श्रेष्ठ क्रिप्टो-करेंसी की बात करें तो इनकी कीमत डॉलर से भी हजारों गुना ज्यादा है। लेकिन क्रिप्टो-करेंसी का मूल्य घटता बढ़ता रहता है। क्रिप्टो-करेंसी बाजार में उतार चढाव आते रहते हैं, इसलिए इसकी कीमत दिन में ही कई बार बदलती रहती है।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है

जैसा की हमने आपको बताया क्रिप्टोकरेंसी ब्लोकचेन (Cryptocurrency block chain)तकनीक पर आधारित है। इसमें जब भी कोई लेन – देन होता है तो उसका रिकॉर्ड रख लिया जाता है, और इनको बड़े पावरफुल कंप्यूटरों की निगरानी में रखा जाता है। इस प्रक्रिया को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कहा जाता, और जो ये काम करता है उसे माइनर कहते हैं।

इसके बाद ब्लोकचेन में रिकॉर्ड उस लेन – देन को एक ब्लॉक में रखा जाता है जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी माइनर की होती है। माइनर उस लेन – देन को सुरक्षित रखने के लिए एक क्रिप्टोग्राफिक पहेली को हल करके एक कोड का पता लगते हैं, जिसका पता लगने के बाद उसे ब्लोकचेन में जोड़ा जाता है। इसके बाद नेटवर्क में उपस्थित दुसरे कंप्यूटर द्वारा उसको सत्यापित किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी के लाभ

  1. यह एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है इसलिए इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं
  2. इसमें फ्रॉड की सम्भावना बहुत कम है
  3. इसमें निवेश करना फायदेमंद है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत उछाल होता है
  4. इस मुद्रा को संभालने के लिए बैंक की आवश्यकता नहीं है
  5. इसको खरीदना बेचना और इसमें निवेश करना आसान है
  6. यह एक सुरक्षित मुद्रा है
  7. क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 24 घंटे ऑनलाइन खुला रहता है

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान

  1. क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मुद्रा है जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए इसकी कीमतों में स्थिरता नहीं होती। इसकी कीमतों में उतर चढाव लगा ही रहता है यहाँ तक की इसकी कीमतें एक दिन में ही कई बार बदल जाती हैं
  2. इस मुद्रा का इस्तेमाल अवैध कार्यों में किया जा सकता है
  3. यह एक डिजिटल मुद्रा है और ऑनलाइन उपलब्ध है इसलिए इसको हैक किया जा सकता है
  4. यह मुद्रा सब देशों में वैध नहीं है, बीटकोइन की प्रसिद्धी के कारण कुछ देशों ने इसको मान्यता दे दी है लेकिन अब भी बहुत देशों में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं मिली है
  5. क्रिप्टोकरेंसी कोई भौतिक मुद्रा नहीं है अर्थात इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, इसलिए इस मुद्रा पे भरोसा करना मुश्किल है।

क्या क्रिप्टोकरेंसी कानूनी है ?

क्रिप्टोकरेंसी को सीधे शब्दों में कहे तो अब तक कानूनी मान्यता नहीं मिली है। पूरी दुनिया के कुछ देशों ने ही भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? इसको मान्यता दी है, जबकि दुनिया के बहुत से देशों में तो ऐसी कोई मुद्रा होती है ये भी नहीं पता है। लेकिन धीरे धीरे क्रिप्टो-करेंसी का प्रचलन बढ़ रहा है, दिन प्रतिदिन हम क्रिप्टोकरेंसी से सम्बंधित खबर सुनते हैं। जिस गति से क्रिप्टो-करेंसी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उसको देखते हुए हम कह सकते हैं की आने वाले समय में क्रिप्टो-करेंसी हर जगह पूर्ण रूप से मान्य होगी।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित किया गया था, लेकिन अब भारत में क्रिप्टो-करेंसी को मान्य दे दी गई है। क्रिप्टो-करेंसी मुद्रा प्रणाली में उपस्थित जोखिम को देखते हुए भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कमर कस ली है ताकि इसको हैक होने से बचाया जा सके।

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने भारतीय निवेशकों के निवेश की सुरक्षा के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भी सोंपे हैं। आने वाले समय में किसी संसद के सत्र में भारत सरकार क्रिप्टो-करेंसी या डिजिटल मुद्रा से सम्बंधित कोई विधेयक पास कर सकती है। क्रिप्टो-करेंसी को लेकर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया और भारत सरकार का रुख सख्त हुआ है, क्योंकि पिछले कुछ समय से भारत में क्रिप्टो-करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या में बहुत इजाफा हुआ है।

भारत में तक़रीबन 1.5 करोड़ निवेशक हैं जो किसी न किसी क्रिप्टो-करेंसी विनमय में पंजीकृत हैं। भारत में बढ़ते हुए निवेशकों की संख्या के कारण भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया सचेत है और निवेशकों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रही है।

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भारत में क्या है क्रिप्टो का खेल, सरकार करेगी कंट्रोल, सदन में आ रहा है क्रिप्टोकरेंसी बिल

हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. अब इसी कड़ी में सरकार एक ऐसा बिल लाने वाली है जो क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल कर सकेगा. केंद्र भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लेकर आने वाली है. इससे सभी प्रकार की क्रिप्टकरेंसी को कंट्रोल किया जा सकेगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2021,
  • (Updated 24 नवंबर 2021, 12:25 PM IST)

केंद्र सरकार Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 लेकर आने वाली है.

शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया बिल

पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर हो रहा है विचार

पिछले 4-5 साल से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को लेकर चर्चा तेज हुई है, इसे एक ऐसी करेंसी के रूप में देखा जाता है जिसके ऊपर किसी का कंट्रोल नहीं होता है. जैसे यूएस डॉलर को यूएस का सेंट्रल बैंक कंट्रोल करता है, भारतीय रुपये को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया कंट्रोल करता है, ऐसे ही बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन कंट्रोल नहीं करता है. अब इसी को लेकर भारत सरकार चिंता में है.

हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. अब इसी कड़ी में सरकार एक ऐसा बिल लाने वाली है जो क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल कर सकेगा. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लेकर आने वाली है. इससे सभी प्रकार की क्रिप्टकरेंसी पर बैन लगाया जा सकेगा.

18 नवंबर को भी सिडनी डायलॉग में भाषण देते हुए, पीएम मोदी ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि क्रिप्टोकरेंसी “गलत हाथों में न जाये.”

शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया बिल

केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने और 25 अन्य कानूनों के साथ सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए एक विधेयक पेश करेगी.

क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल को अभी तक आधिकारिक तौर पर कैबिनेट द्वारा अप्रूव नहीं किया गया है. इस बिल के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक देश में आधिकारिक डिजिटल करेंसी के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगा.

पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर हो रहा है विचार

सेंट्रल बैंक जल्द ही ऑफिशियल डिजिटल करेंसी के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर विचार कर रहा है. लोकसभा बुलेटिन में प्रस्तुत किये गए इस नए बिल के अनुसार, बिल भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करेगा. हालांकि, इसमें कुछ अपवाद के चलते क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग में लाई जाने वाली टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकेगा.

हालांकि, अब तक, इस विधेयक के बारे में ज्यादा जानकारी किसी को नहीं है. अभी तक इसकी कोई सटीक रूपरेखा पब्लिक डोमेन में नहीं है और न ही इसपर अभी कोई सार्वजनिक परामर्श किया गया है.

बिटकॉइन की कीमत पहुंची 60 हजार डॉलर के पास

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को लेकर "गंभीर चिंता" व्यक्त की है. इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन की कीमत, 60,000 डॉलर के आसपास पहुंच गयी है. इस साल की शुरुआत से इसकी कीमत दोगुनी से अधिक हो गई है, जो इन्वेस्टर्स को काफी आकर्षित कर रही है.

देश में इस वक्त 1.5 से 2 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स

दरअसल, कई लोग जहां क्रिप्टो करेंसी को इन्वेस्टमेंट के रूप में प्रयोग करते हैं तो कुछ लोग इसे अल्टरनेटिव करेंसी (Alternative currency) के रूप में लेते हैं. इंडस्ट्री का अनुमान है कि भारत में भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? 1.5 करोड़ से 2 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स हैं, जिनकी कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स लगभग ₹40,000 करोड़ रुपये तक है.

दुनिया की बन रही है पहली बिटकॉइन सिटी

आज लाखों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि जिस तरह से हम सोने का उपयोग करेंसी के रूप में करते हैं ठीक उसी तरह क्रिप्टो का कर पाएंगे. हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है. आपको बता दें, वर्तमान में, एल साल्वाडोर अकेला ऐसा देश है जिसने क्रिप्टोकुरेंसी को कानूनी मान्यता दी है, उन्होंने हाल ही में दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी बनाने की भी घोषणा की है.

सरकार स्पष्ट करती है कि क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा का दर्जा नहीं मिलेगा

Govt clarifies Cryptocurrencies won

भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक बड़ी हार में, सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि उन्हें किसी भी तरह से कानूनी निविदा का दर्जा नहीं दिया जाएगा। केंद्रीय वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा, "फिलहाल, मैं केवल इतना कह सकता हूं कि क्रिप्टोकरेंसी कानूनी निविदा नहीं बनेगी।" सोना और चांदी भारत में वैध मुद्रा नहीं हैं, लेकिन भारतीय रुपया है। शेष बिल द्वारा निर्धारित किया जाएगा।"

वित्त मंत्रालय भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा और निजी क्रिप्टोकरेंसी को छोड़कर एक नियामक वातावरण स्थापित करने पर आगे के विचार-विमर्श के लिए एक कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है।

इससे पहले 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त और अन्य मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी। बैठक में सबसे महत्वपूर्ण इनपुट भारतीय रिजर्व बैंक से आया

पीएम की बैठक के तुरंत बाद सरकार ने घोषणा की कि हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ बातचीत चल रही है, और युवाओं को "अति-वादा और गैर-पारदर्शी क्रिप्टोकुरेंसी विज्ञापन" द्वारा गुमराह करने के प्रयासों को रोकने की जरूरत है।

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bharat jodo yatra : राहुल के साथ पदयात्रा में शामिल हुए सुक्खू

bharat jodo yatra: दौसा। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह शुक्रवार को राहुल गांधी के साथ ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में कदमताल करते हुए दिखे।

by Mahesh Kumar Shiva

bharat jodo yatra

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bharat jodo yatra: दौसा। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह शुक्रवार को राहुल गांधी के साथ ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में कदमताल करते हुए दिखे। राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के 100 दिन पूरे हो गए हैं और यात्रा भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? अब भी जारी है।

bharat jodo yatra

शुक्रवार सुबह चाय के लिए विराम के बाद सुक्खू के अलावा अग्निहोत्री और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एचपीसीसी) की प्रमुख प्रतिभा सिंह, उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह और राज्य के कुछ अन्य नवनिर्वाचित विधायक तथा राज्य में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रभारी राजीव शुक्ला भी यात्रा में शामिल हुए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इसने लोगों से जुड़े मुद्दों को उजागर किया है।

राहुल, वेणुगोपाल, राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को यहां मीना उच्च न्यायालय से यात्रा के सुबह के चरण की शुरुआत की।

पदयात्रियों के साथ कदमताल करते वेणुगोपाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इसके माध्यम से देश के आम लोगों से जुड़े मुद्दों को उजागर किया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी की छवि को खराब करने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कोशिश को भी हमने बर्बाद कर दिया है।’’ कांग्रेस महासचिव (संगठन) ने इस बात पर भी जोर दिया कि यात्रा का संदेश 26 जनवरी से पार्टी द्वारा चलाए जाने वाले एक अन्य अभियान के माध्यम से फैलाया जाएगा।

कन्याकुमारी से सात सितंबर को शुरू हुई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने अब तक आठ राज्यों-तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान से गुजर चुकी है।

2,800 किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर चुके राहुल अपने समर्थकों के साथ-साथ आलोचकों का भी ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहे हैं।

विवाद भी यात्रा का हिस्सा रहे हैं और कांग्रेस तथा भाजपा ने कई मौकों पर एक-दूसरे की आलोचना की है। यात्रा 24 दिसंबर को दिल्ली में प्रवेश करेगी और लगभग आठ दिनों के विराम के बाद उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और अंत में जम्मू-कश्मीर की ओर बढ़ेगी।

इसमें पूजा भट्ट, रिया सेन, सुशांत सिंह, स्वरा भास्कर, रश्मि देसाई, आकांक्षा पुरी और अमोल पालेकर जैसी फिल्मी और टीवी हस्तियों के साथ-साथ समाज के कई अन्य वर्गों के लोगों की भागीदारी देखी गई है।

पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल एल रामदास, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सुप्रिया सुले और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन सहित कई अन्य हस्तियां भी समय-समय पर इस पदयात्रा में शामिल हुई हैं।

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