Stock Broker Meaning in Hindi | स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है ? (Stock Broker kya hai):
एक स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज जैसे NSE यानि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और BSE यानि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य होता है।
कोई भी स्टॉक ब्रोकर अपने client यानि कोई निवेशक या ट्रेडर तथा स्टॉक एक्सचेंज के बिच की कड़ी की तरह होता है।
वह निवेशक और ट्रेडर को स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदने और बेचने की पूरी व्यवस्था करता है।
Stock Broker kya hai और का उसका काम क्या है ?
शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करने के लिए किसी भी व्यक्ति को ट्रेडिंग और डीमैट खाता खुलवाने की जरुरत होती है।
एक ब्रोकर यह दोनों खाते खोल कर निवेश और ट्रेडिंग करने की सुविधा देता है।
कई Banks जैसे SBI और HDFC भी एक ब्रोकर की तरह रजिस्टर्ड होते है।
ऐसी बैंक आपको Bank Account, Demat Account और Trading Account तीनो खाते एक साथ खुलवाने की सुविधा देती है।
नई टेक्नोलॉजी की वजह से अब सभी ब्रोकर अपने client को सीधा खरीद और बिक्री का प्लेटफॉर्म देती है।
इन प्लेटफॉर्म की वजह से अब लोगो को ब्रोकर को कॉल कर के शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने अपना ऑर्डर देने की जरुरत नहीं पड़ती।
बल्कि वह खुद सिर्फ अपने मोबाइल से भी अपना शेयर खरीद बिक्री का ऑर्डर सीधे स्टॉक एक्सचेंज को भेज सकते है।
इन सभी प्लेटफॉर्म की वजह से ही आज शेयर बाजार में हर सेकंड से भी कम समय में शेयर के दाम बदलते रहते है।
इन सारी सुविधाओं के बदले में वह हर एक खरीद बिक्री पर कुछ ब्रोकरेज लेता है।
अलग अलग तरह के ब्रोकर अलग अलग ब्रोकरेज चार्ज करते है। Stock Broker kya hai
स्टॉक ब्रोकर के प्रकार (Types of StockBroker) :
स्टॉक ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली सुविधा और ब्रोकरेज लेने के अनुसार उसके दो प्रकार है।
1) Full Service या Regular Broker :
इस प्रकार के ब्रोकर पुराने तरह के ब्रोकर है। Meaning of StockBroker
यह ब्रोकर खरीद बिक्री की सुविधा के साथ साथ निवेशको और ट्रेडरो को और भी बहुत सी सेवाए देते है।
- निवेश या ट्रेडिंग की सलाह देना , Stock Broker kya hai
- IPO भरने की सुविधा और उसके बारे में सलाह देना ,
- शेयर बाजार के संबंध में आने वाली खबरों के बारे में अवगत करवाना ,
- कॉल कर के शेयर की खरीद-बिक्री का ऑर्डर देने की सुविधा देना ,
- कि जाने वाली खरीद बिक्री के Contract Note की कॉपी देना।
और भी बहुत सुविधाए देता है। Stock Broker kya hai
यह सब सुविधा देने के कारण इस तरह के ब्रोकर का खर्च थोड़ा शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने ज्यादा होता है।
इस वजह से इस तरह के ब्रोकर अपने क्लाइंट (निवेशको और ट्रेडरो) से ज्यादा ब्रोकरेज लेते है।
2) Discount StockBroker : Meaning of StockBroker
डिस्काउंट ब्रोकर के नाम से ही पता चलता है, की वह regular broker से काफी कम ब्रोकरेज लेते है।
जैसे Upstox जो Intraday Trading पर कुल टर्नओवर के 0.05 % या फिर हर एक ऑर्डर के 20 रूपए दोनों में से जो कम हो उतना ब्रोकरेज लेता है। जबकि डिलीवरी ले कर ट्रेडिंग करने पर तो 0 ब्रोकरेज लेते है।
इनका मुख्य उद्देश्य निवेशकों और ट्रैडरो को कम से कम ब्रोकरेज पर खरीद बिक्री करने की सुविधा देना होता है।
इस वजह से ऐसे ब्रोकर निवेशको को सिर्फ खरीद के लिए जरुरी सुविधाए ही देते है .
- ऐसे ब्रोकर निवेश या ट्रेडिंग की सलाह नहीं शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने देते।
- IPO के बारे में सलाह या सुविधा भी नहीं देते।
- कॉल कर के ट्रेडिंग की सुविधा भी नहीं देते और देते है तो उसके लिए अलग चार्ज लेते है।
- कागज़ पर Contract Note चाहिए तो इसके लिए भी अलग चार्ज लेते है।
- हलाकि ईमेल पर Electronic Contract Note मिलता है।
यह सभी सुविधाए न देने के कारण उनका खर्च Regular Broker से बहुत कम हो जाता है।
और इस वजह से वह बहुत कम ब्रोकरेज में शेयर की खरीद बिक्री करने की सुविधा देते है।
दोनों तरह के ब्रोकर के अपने अपने लाभ और हानी है। Stock Broker kya hai
आप अपनी जरुरत के हिसाब से अपने लिए इन दोनों में से अपने लिए ब्रोकर चुन सकते है।
तो दोस्तों यह था स्टॉक ब्रोकर का मतलब (Meaning of StockBroker).
उम्मीद करता हु की आपको StockBroker के बारे में सब समझ आ गया होगा।
दोस्तों अभी Upstox जो की एक Discount Broker है, उसमे Trading और Demat अकाउंट free मे खोलने का offer चल रहा है।
अगर आप शेयर बाज़ार से जुड़ी एसी ही जानकारी की Update free मे चाहते है, तो नीचे दिए गए Blue Color के (Subscribe to Updates) के Button को Click करके जो स्क्रीन खुलेगी उसमे yes का विकल्प select कर दीजिए।
By Gaurav
Gaurav Popat एक निवेशक, ट्रेडर और ब्लॉगर है, जो की शेयर बाज़ार मे बहुत रुचि रखता है। वह साल 2015 से शेयर बाज़ार मे है। पिछले 7 साल मे खुद अलग अलग जगह से सीख कर और अनुभव के आधार पर शेयर बाज़ार और निवेश के विषय मे यहा पर जानकारी देता है।
शून्य ब्रोकरेज शुल्क में भी जोखिम नहीं कम, पहले चेक करें ब्रोकर का ट्रैक रिकॉर्ड
शून्य ब्रोकरेज शुल्क भारत में स्टॉक ब्रोकिंग का एक आकर्षक मॉडल बनकर उभरा है। इसने इक्विटी निवेशकों के लिए लागत में कटौती करके पारंपरिक पूर्ण सेवा मॉडल को चुनौती दी है। इस मॉडल को खासतौर पर कोरोना.
शून्य ब्रोकरेज शुल्क भारत में स्टॉक ब्रोकिंग का एक आकर्षक मॉडल बनकर उभरा है। इसने इक्विटी निवेशकों के लिए लागत में कटौती करके पारंपरिक पूर्ण सेवा मॉडल को चुनौती दी है। इस मॉडल को खासतौर पर कोरोना संकट काल के दौरान ग्राहकों ने खासा पसंद किया है। शेयरों में निवेश के लिए कई कंपनियां शून्य ब्रोकरेज की पेशकश करती हैं, लेकिन इसमें जहां ग्राहकों का फायदा है तो जोखिम भी कम नहीं। ऐसे में अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ब्रोकर का साथ आपके लिए बेहद जरूरी है।
ऐसे काम करता है शून्य ब्रोकरेज शुल्क मॉडल
शून्य ब्रोकरेज शुल्क, जीरोदा जैसी कंपनियों द्वारा अग्रणी डिस्काउंट ब्रोकिंग मॉडल का हिस्सा है। इस मॉडल में लेन-देन पर शून्य या बिल्कुल कम ब्रोकरेज शुल्क लगाया जाता है। उदाहरण के लिए, जीरोदा डिलीवरी ट्रेडों के लिए कोई शुल्क नहीं लेता है। ये ऐसे ट्रेड हैं जिनमें आप वास्तव में अपने डीमैट खाते में स्टॉक की डिलीवरी लेते हैं या ऐसे स्टॉक बेचते हैं जो आपके डीमैट खाते में हैं। ये ट्रेड आमतौर पर खुदरा निवेशकों द्वारा किए जाते हैं। प्रौद्योगिकी डिस्काउंट ब्रोकिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह लागत में कमी कर ब्रोकरों को मुफ्त सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देता है।
इसलिए पसंदीदा है यह मॉडल
इस मॉडल में शून्य या फिर न्यूनतम शुल्क लगता है, जबकि डिस्काउंट ब्रोकर अन्य प्रकार के ट्रेडों, वायदा और विकल्प (एफ एंड ओ) या इंट्रा-डे के लिए पैसे लेते हैं। इसमें आप उसी दिन स्टॉक खरीदते और बेचते हैं, इसलिए डिलीवरी नहीं लेते। जिस श्रेणी में ब्रोकरेज शुल्क शामिल है, वह एक से दूसरे में अलग-अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए, कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड ने गुरुवार को एक जीरो ब्रोकरेज इंट्रा-डे प्लान लॉन्च किया। इसमें अन्य सभी एफ एंड ओ ट्रेडों के लिए 20 रुपये प्रति ऑर्डर शुल्क है।
अन्य शुल्क का करना होता है भुगतान
ब्रोकरेज, स्टॉक ट्रेडिंग में शामिल एकमात्र शुल्क नहीं है। इसके अलावा भी आपको प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी), स्टांप ड्यूटी, स्टॉक एक्सचेंज से लेन-देन शुल्क, दलाली पर जीएसटी और लेनदेन शुल्क, सेबी शुल्क का भुगतान करना होता है। डीमैट खाते से संबंधित शुल्क भी हैं, जैसे कि वार्षिक रखरखाव शुल्क और डीमैट खाते से डेबिट लेनदेन पर शुल्क। हालांकि इनमें से ज्यादातर काफी कम हैं। उदाहरण के लिए डिलिवरी लेनदेन पर एसटीटी 0.1% और एनएसई लेनदेन शुल्क 0.00325% है।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
एक डिस्काउंट ब्रोकर इक्विटी निवेश की लागत में काफी कटौती कर सकता है। हालांकि, सभी डिस्काउंट ब्रोकरों पास स्थायी व्यापार मॉडल नहीं हो सकते हैं। यह भविष्य में जोखिमकारक हो सकता है। इसलिए एक बेहतर और स्थापित ट्रैक रिकॉर्ड वाले ब्रोकर का चयन करना जरूरी है। इक्विटी अनुसंधान और पोर्टफोलियो विश्लेषण के संबंध में, आप सलाह प्राप्त करने के लिए सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (आरआईए) से संपर्क कर सकते हैं। यह दृष्टिकोण ब्रोकरेज फ़ंक्शन से अनुसंधान फ़ंक्शन को अलग करता है और आपको उच्च गुणवत्ता वाले निष्पक्ष शोध तक पहुंच प्रदान कर सकता है।
पांच लाख के निवेश पर लागत विश्लेषण (रुपये में)
फुल सर्विस मॉडल डिस्काउंट मॉडल
ब्रोकरेज (0.5%) 2500 रुपये 0
ट्रांजेक्शन शुल्क (0.00325%) 16.25 16.25
ब्रोकरेज पर जीएसटी (18%) 452.93 2.93
एसटीटी (0.1%) 500 500
स्टांप ड्यूटी (0.015%) 75 75
सेबी शुल्क (5 रुपये प्रति करोड़) 0.25 0.25
BEST STOCK BROKER चुनने की प्रक्रिया
सबसे पहले आपको अपनी BEST STOCK BROKER की परिभाषा तैयार करनी होगी,
ऐसा इसलिए क्योकि हर स्टॉक ब्रोकर, शेयर खरीदने और बेचने के अलावा अपनी तरफ से अपनी बेस्ट सर्विसेज देने की कोशिस करते है, ऐसे में जब हम यह तय कर लेते है कि हमें अपने स्टॉक ब्रोकर से कौन कौन सी सुविधा चाहिए, तो हम अपनी सुविधानुसार BEST STOCK BROKER का चुनाव कर सकते है,
यह सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट है, की आपको किस तरह की सुविधा चाहिए, ये आपको सबसे पहले तय करना होगा,
अगर आप स्टॉक मार्केट में नए है तो आपके मन में बहुत सारे सवाल होंगे, जो आपको फुल सर्विस प्रोवाइडर स्टॉक ब्रोकर के पास जाकर आप उन सवालों के जवाब समझ सकते है, क्योकि FULL SERVICE PROVIDER आपको CONSULATNCY सर्विसेज भी देता है,
दूसरी तरफ अगर आप नए है और अपने डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर की तरफ से या LOW FEES वाला स्टॉक ब्रोकर CONSULTANCY की सुविधा नहीं देता है,
जरुरी नहीं की जो स्टॉक ब्रोकर आपके दोस्त के लिए सही है, वो आपके लिए भी सही हो, यही कारण है कि हम यहाँ आपको DIRECTLY किसी कंपनी का नाम नहीं बता सकते कि कौन सा स्टॉक ब्रोकर आपके लिए बेस्ट होगा.
इसलिए सबसे पहले आप अपनी सुविधाओ और सेवाओ की लिस्ट बनाइये, जो आपको अपने स्टॉक ब्रोकर से चाहिए, फिर आप उस लिस्ट के अनुसार ये देख सकते है की कौन सा स्टॉक ब्रोकर आपको वो सुविधा दे रहा है, और उसके बदले CHARGES भी कम ले रहा है,
सुविधओ की लिस्ट का एक नमूना आपको HINT के तौर पे दे देते है-
आप जब चाहे अपना स्टॉक ब्रोकर बदल (SWITCH) सकते है,
ऐसी कोई नियम नहीं कि आपने एक स्टॉक ब्रोकर सेलेक्ट कर लिया, तो अब हमेशा के लिए उसी स्टॉक ब्रोकर के साथ काम करना है, आप जब चाहे अपना स्टॉक ब्रोकर अपनी सुविधानुसार बदल सकते है,
जब भी हमें लगता है कि जिस स्टॉक ब्रोकर के पास मेरा अकाउंट है, वो हमें उस तरीके से सर्विस नहीं दे रहा, जैसा कि हमें चाहिए तो हम दुसरे स्टॉक ब्रोकर के पास जा सकते है, हम चाहे तो पहला अकाउंट बंद कर सकते है, और अपनी सुविधानुसार दुसरे स्टॉक ब्रोकर के पास अकाउंट ओपन कर सकते है,
आप अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास MULTIPLE DEMAT और TRADING अकाउंट खोल सकते है ,
आप अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास अलग अलग ACCOUNT खोल सकते है, जिस तरह आज हम सभी के पास अलग अलग बैंक में अकाउंट खुले हुए है, ठीक वैसे ही हम अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास अपनी जरुरत के मुताबिक अकाउंट खोल सकते है,
एक ही स्टॉक ब्रोकर के पास एक ही पैन कार्ड से दो अकाउंट नहीं ओपन कर सकते, लेकिन आप एक पैन कार्ड से शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास अकाउंट खोल सकते है,
दो अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास अकाउंट खोलने से आपको उन दोनों स्टॉक ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली दो अलग अलग तरह की सेवाओ का लाभ मिलता है, खास तौर से जब आपके पास एक FULL SERVICE STOCK BROKER और एक DISCOUNT STOCK BROKER के पास अकाउंट हो,
आशा है, आप समझ पाए होंगे की कैसे आप BEST STOCK BROKER का चुनाव कर सकते है, और अपनी स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट यात्रा को सुनहरा बना सकते है, अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट द्वारा पूछ सकते है,
LIC Share Listing: LIC के इन्वेस्टर्स पहले ही दिन नुकसान में, 8.62% की गिरावट के साथ हुई शेयरों की लिस्टिंग
बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) पर डिस्काउंट लिस्टिंग के बाद एलआईसी का मार्केट कैप (LIC MCap) 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहने के अनुमान थे. हालांकि प्री-ओपन में 12 फीसदी से ज्यादा गिरने के बाद एमकैप 5 लाख करोड़ रुपये से कुछ ही ज्यादा रह पाया.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 17 मई 2022,
- (अपडेटेड 17 मई 2022, 10:37 AM IST)
- प्री-ओपन में आई 13% तक गिरावट
- ग्रे मार्केट में भी गिरा हुआ है प्रीमियम
महीनों के इंतजार के बाद सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी के शेयर (LIC Share) आज ओपन मार्केट में लिस्ट हो गए. हालांकि शेयर बाजार में एलआईसी की शुरुआत ठीक नहीं हुई. बीएसई (BSE) पर एलआईसी का शेयर 8.62 फीसदी के भारी-भरकम डिस्काउंट (Discount) पर सेटल हुआ. यह तो पहले से ही लग रहा था कि एलआईसी की लिस्टिंग (LIC Share Listing) डिस्काउंट पर होने वाली है, लेकिन किसी को इतनी बड़ी गिरावट के साथ शुरुआत का अनुमान नहीं था.
प्री-ओपन में शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने ही आई भारी गिरावट
एलआईसी के शेयर ने बीएसई पर आज पहले दिन की शुरुआत 81.80 रुपये (8.62%) की गिरावट के साथ 867.20 रुपये पर सेटल होने के साथ की. इससे पहले एलआईसी के शेयर ने बीएसई पर प्री-ओपन सेशन में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट में ट्रेड की शुरुआत की थी. प्री-ओपन में एलआईसी के शेयर ने पहले दिन की शुरुआत 12.60 फीसदी यानी 119.60 रुपये के नुकसान के साथ 829 रुपये पर की. एक समय प्री-ओपन में यह शेयर 13 फीसदी तक गिर गया था.
सम्बंधित ख़बरें
34 गुना भरा था IPO, अब GMP में भारी उछाल, शानदार लिस्टिंग की तैयारी!
आखिरी दिन टूटे निवेशक, 34 गुना भरा ये आईपीओ, QIB ने जमकर लगाया पैसा
अगले हफ्ते दोहरी कमाई का मौका, खुलने वाले हैं ये दो नए IPO
आज से इस IPO में लगा सकते हैं पैसे, GMP से मोटी कमाई के संकेत
पैसा रखें तैयार, छठ के बाद खुलेगा Medanta Hospital का IPO
सम्बंधित ख़बरें
डिस्काउंट लिस्टिंग का संकेत दे रहा था जीएमपी
एलआईसी का यह पहला इश्यू भारत के इतिहास में अभी तक का सबसे बड़ा आईपीओ साबित हुआ है. इस आईपीओ के लिए 902-949 रुपये का प्राइस बैंड तय किया गया था. पहली बार कोई आईपीओ वीकेंड के दोनों दिन भी खुला रहा. रिकॉर्ड 6 दिनों तक खुले रहे एलआईसी के आईपीओ को लगभग हर कैटेगरी में बढ़िया रिस्पॉन्स मिला. हालांकि ग्रे मार्केट में एलआईसी आईपीओ का प्रीमियम (LIC IPO GMP) लिस्टिंग से पहले निगेटिव में था, जिससे यह पता चल रहा था कि इन्वेस्टर्स को पहले ही दिन नुकसान होने वाला है.
अभी इतना निगेटिव है ग्रे मार्केट प्रीमियम
लिस्टिंग से एक दिन पहले सोमवार को एलआईसी आईपीओ का जीएमपी शून्य से 25 रुपये तक नीचे गिरा हुआ था. आज इसमें कुछ सुधार आया और लिस्टिंग से पहले यह 20 रुपये निगेटिव में ट्रेड कर रहा है. एक समय यह ग्रे मार्केट में 92 रुपये के प्रीमियम के साथ ट्रेड कर रहा था. टॉप शेयर ब्रोकर (Top Share Broker) के आंकड़ों के अनुसार, अभी एलआईसी आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम (LIC Grey Market Premium) शून्य से 20 रुपये नीचे है. जीएमपी से इसी बात का इशारा मिल रहा था कि इन्वेस्टर्स को पहले ही दिन नुकसान उठाना पड़ सकता है. एनालिस्ट भी मान रहे थे कि एलआईसी की लिस्टिंग डिस्काउंट के साथ होने वाली है.
लिस्टिंग समारोह में मौजूद रहे ये अधिकारी
सुबह 08:45 बजे सरकारी बीमा कंपनी के लिस्टिंग का समारोह शुरू हो गया. लिस्टिंग समारोह में बीएसई के सीईओ एवं एमडी आशीष कुमार चौहान, दीपम सचिव तुहिन कांत पांडेय समेत एलआईसी के तमाम अधिकारी मौजूद रहे.
हर कैटेगरी में मिला शानदार रिस्पॉन्स
आपको बता दें कि देश के सबसे बड़े आईपीओ में 16,20,78,067 शेयर ऑफर किए गए थे और इनके लिए 47,83,25,760 बोलियां प्राप्त हुई थीं. पॉलिसी होल्डर्स की कैटेगरी में आईपीओ को 6.12 गुना सब्सक्राइब किया गया था. इसी तरह एलआईसी के कर्मचारियों (LIC Employees) के लिए रिजर्व रखे गए हिस्से को 4.4 गुना सब्सक्राइब किया गया था. रिटेल इन्वेस्टर्स (Retail Investors) का हिस्सा भी 1.99 गुना सब्सक्राइब किया गया था. इनके अलावा QIB के लिए रखे गए हिस्से को 2.83 गुना और NII के हिस्से को 2.91 गुना सब्सक्राइब किया गया था. कुल मिलाकर एलआईसी आईपीओ को 2.95 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था.
डिस्काउंट ब्रोकरेज से ब्रोकर इंडस्ट्री की नींद हराम
[ राजेश मैस्करेनस | मुंबई ]इनवेस्टर्स के बीच डिस्काउंट ब्रोकिंग मॉडल की बढ़ती लोकप्रियता कई ट्रेडिशनल स्टॉक ब्रोकर्स को बहुत परेशान कर रही है। बीएसई.
[ राजेश मैस्करेनस | मुंबई ]
इनवेस्टर्स के बीच डिस्काउंट ब्रोकिंग मॉडल की बढ़ती लोकप्रियता कई ट्रेडिशनल स्टॉक ब्रोकर्स को बहुत परेशान कर रही है। बीएसई के ब्रोकर्स सभी ट्रांजैक्शंस का मिनिमम ब्रोकरेज फिक्स कराने के लिए सेबी के पास लॉबीइंग कर रहे हैं। जीरोधा और आरकेएसवी जैसी ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म्स बहुत कम ब्रोकरेज रेट ऑफर कर रही हैं, जिसे बहुत से ट्रेडर्स चुन रहे हैं।
बीएसई ब्रोकर्स फोरम ने सेबी को भेजे लेटर में कहा है, 'बहुत कम ब्रोकरेज ऑफर करने से कैपिटल मार्केट्स की कुल ग्रोथ पर नेगेटिव असर हो रहा है। इससे स्पेकुलेशन बढ़ता है, वोलैटिलिटी ज्यादा होती है, फुल सर्विस और डिस्काउंट में फर्क नहीं रह जाता है। इसके अलावा इनवेस्टमेंट क्लाइमेट, कंप्लायंस की चुनौती पैदा हो जाती है। क्वॉलिफाइड प्रोफेशनल्स और पूंजी संबंधी दिक्कत भी आती है।' सेबी ने ब्रोकरेज रेट स्लैब्स पर ब्रोकर्स एसोसिएशन से सुझाव मांगे थे, लेकिन उसने कोई कारवाई करने का आश्वासन नहीं दिया था।
बीएसई ब्रोकर्स फोरम के चेयरमैन सिद्धार्थ शाह ने कहा, 'हम फिलहाल मिनिमम ब्रोकरेज फीस का फॉर्मूला फाइनल करने पर काम कर रहे हैं। सभी मेंबर्स के राजी होने पर हम अपने सुझाव रेगुलेटर को भेज देंगे।' फ्लैट फी या डिस्काउंट ब्रोकरेज स्ट्रक्चर में ट्रेडर्स अपने ट्रेड्स खुद ऑनलाइन करता है। इससे यह उस ट्रेडिशनल सिस्टम से सस्ता पड़ता है, जिसमें ब्रोकर्स को वह अपने लिए ट्रेड करने के लिए कहता है। ऑनलाइन ब्रोकर्स अमेरिका में डिस्काउंट ब्रोकर्स कहलाते हैं।
कम से कम दर्जनभर डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म्स 5 से लेकर 20 रुपये तक का फ्लैट ब्रोकरेज ऑफर कर रहे हैं। इसमें ट्रांजैक्शन साइज कितना भी हो सकता है। पिछले तीन साल में ये ब्रोकरेज फर्म्स बहुत बड़ा वॉल्यूम हासिल कर चुकी हैं। ट्रेडर्स के लिए ये सस्ते पड़ते हैं। मिसाल के लिए, ट्रेडर्स को ब्रोकर या रिलेशनशिप मैनेजर के जरिए निफ्टी ऑप्शंस के एक लॉट में ट्रेडिंग पर आमतौर पर 100 रुपये ब्रोकरेज देना होता है। इसलिए अगर वह 10 लॉट खरीदता है तो ब्रोकरेज 1,000 रुपये होगा, लेकिन अगर वह यही डील डिस्काउंट ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म पर करता है तो उसे ब्रोकर के हिसाब से सिर्फ 10 से 20 रुपये देना होगा।
बीएसई ब्रोकर्स फोरम का कहना है कि ब्रोकिंग इंडस्ट्री को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ब्रोकरेज यील्ड घट रही है जबकि कॉस्ट में बढ़ोतरी हो रही है। लेटर में लिखा है, 'सबसे कॉम्पिटिटिव रेट पाने का हक कस्टमर्स को है और सर्विस प्रोवाइडर को सबसे कम रेट ऑफर करने की आजादी है। लेकिन कैपिटल मार्केट को परमानेंट डैमेज से बचाने के लिए इंडस्ट्री पार्टिसिपेंट्स को क्लाइंट से मिलने वाले मिनिमम कमीशन में चेंज करना चाहिए।'
डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म्स का मानना है कि मिनिमम रेट इनवेस्टर्स के हितों के खिलाफ होगा। जीरोधा के फाउंडर और सीईओ नितिन कामत के मुताबिक, 'बिजनेस डायनेमिक्स ऐसा हो गया है कि कैसे एंड यूजर को फायदा पहुंचाने के लिए ज्यादा इफिसिएंशी के साथ कॉस्ट कम किया जाए।'
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 752