आवश्यक जानकारी :~
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भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक रुपए से लेकर बीस रुपए तक समस्त सिक्के देश की वैध मुद्रा है। किसी व्यक्ति द्वारा इन सिक्के को (बंद हो गया है या नकली है) कहते हुए अस्वीकार करने पर आप उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम व आइपीसी के तहत FIR दर्ज करा सकते है। — NCIB Headquarters (@NCIBHQ) December 8, 2022

दुकानदार और व्यापारियों के लिए जरूरी जानकारी, अगर आपने की ये गलती तो पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) देश में चलने वाली करेंसी को जारी करता है. हमारे देश में अभी 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये की करेंसी चलन में हैं. इनमें 1, 2, 5, 10 और 20 करेंसी में कंफ्यूजन रुपये करेंसी नोट के साथ ही सिक्के के रूप में भी चलन में हैं. हमारे देश में सिक्कों को स्वीकार करने को लेकर कई तरह की कंफ्यूजन देखने को मिलती है. छोटे-मोटे दुकानदार ही नहीं पेट्रोल पंप ऑपरेटर भी सिक्कों को स्वीकार करने में काफी आना-कानी करते हैं. इन सिक्कों में 1 रुपये का छोटा सिक्का और 10 रुपये का सिक्का शामिल है, जिनके असली-नकली होने को लेकर काफी कंफ्यूजन रहता है.

दुकानदार के खिलाफ दर्ज कराई जा सकती है FIR

अगर आप कभी किसी दुकानदार के पास जाएं और वो ये कहकर 1 रुपये या 10 रुपये का सिक्का लेने से इंकार कर दे कि ये सिक्का नहीं चलता है या ये सिक्का नकली है तो आप उस दुकानदार के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ही इन सभी सिक्कों को जारी करता है जो कानूनन वैध हैं और अगर कोई भी दुकानदार इन वैध सिक्कों को लेने से इंकार करता है तो ऐसी स्थिति में उसके खिलाफ शिकायत की जा सकती है, जिसके जरिए उस दुकानदार को सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

लीगल टेंडर को स्वीकार नहीं करने पर हो सकती है सजा

NCIB (नेशनल क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) के मुताबिक जो दुकानदार लीगल टेंडर को स्वीकार नहीं करता है तो उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम और आइपीसी की धारा 489(A) से 489(E) के तहत FIR दर्ज कराई जा सकती है. जिसमें दोषी पाए जाने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. NCIB ने ट्वीट कर बताया कि वैध सिक्के स्वीकार न करने की स्थिति में आप तत्काल सहायता के लिए पुलिस को भी कॉल कर सकते हैं.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में करेंसी में कंफ्यूजन कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

bitcoins 650

कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में करेंसी में कंफ्यूजन पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?

यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.

दुकानदार और व्यापारियों के लिए जरूरी जानकारी, अगर आपने की ये गलती तो पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा

Legal Tender: अगर आप कभी किसी दुकानदार के पास जाएं और वो ये कहकर 1 रुपये या 10 रुपये का सिक्का लेने से इंकार कर दे कि ये सिक्का नहीं चलता है या ये सिक्का नकली है तो आप उस दुकानदार के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं.

दुकानदार और व्यापारियों के लिए जरूरी जानकारी, अगर आपने की ये गलती तो पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा (PTI)

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) देश में चलने वाली करेंसी को जारी करता है. हमारे देश में अभी 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये करेंसी में कंफ्यूजन और 2000 रुपये की करेंसी चलन में हैं. इनमें 1, 2, 5, 10 और 20 रुपये करेंसी नोट के साथ ही सिक्के के रूप में भी चलन करेंसी में कंफ्यूजन में हैं. हमारे देश में सिक्कों को स्वीकार करने को लेकर कई तरह की कंफ्यूजन देखने को मिलती है. छोटे-मोटे दुकानदार ही नहीं पेट्रोल पंप ऑपरेटर भी सिक्कों को स्वीकार करने में काफी आना-कानी करते हैं. इन सिक्कों में 1 रुपये का छोटा सिक्का और 10 रुपये का सिक्का शामिल है, जिनके असली-नकली होने को लेकर काफी कंफ्यूजन रहता है.

दुकानदार के खिलाफ दर्ज कराई जा सकती है FIR

अगर आप कभी किसी दुकानदार के पास जाएं और वो ये कहकर 1 रुपये या 10 रुपये का सिक्का लेने से इंकार कर दे कि ये सिक्का नहीं चलता है या ये सिक्का नकली है तो आप उस दुकानदार के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ही इन सभी सिक्कों को जारी करता है जो कानूनन वैध हैं और अगर कोई भी दुकानदार इन वैध सिक्कों को लेने से इंकार करता है तो ऐसी स्थिति में उसके खिलाफ शिकायत की जा सकती है, जिसके जरिए उस दुकानदार को सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

आवश्यक जानकारी :~
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भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक रुपए से लेकर बीस रुपए तक समस्त सिक्के देश की वैध मुद्रा है। किसी व्यक्ति द्वारा इन सिक्के को (बंद हो गया है या नकली है) कहते हुए अस्वीकार करने पर आप उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम व आइपीसी के तहत FIR दर्ज करा सकते है।

— NCIB Headquarters (@NCIBHQ) December 8, 2022

लीगल टेंडर को स्वीकार नहीं करने पर हो सकती है सजा

NCIB (नेशनल क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) के मुताबिक जो दुकानदार लीगल टेंडर को स्वीकार नहीं करता है तो उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम और आइपीसी की धारा 489(A) करेंसी में कंफ्यूजन से 489(E) के तहत FIR दर्ज कराई जा सकती है. जिसमें दोषी पाए जाने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. NCIB ने ट्वीट कर बताया कि वैध सिक्के स्वीकार न करने की स्थिति में आप तत्काल सहायता के लिए पुलिस को भी कॉल कर सकते हैं.

Budget 2022: क्रिप्टोकरेंसी पर कंफ्यूजन, क्या सरकार ने लगा दिया टैक्स? जानें पूरी कहानी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण (Budget 2022) में कहा कि डिजिटल वर्चुअल एसेट्स पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा और इसके ट्रांसफर पर 1 परसेंट का टीडीएस लगेगा.

Budget 2022: क्रिप्टोकरेंसी पर कंफ्यूजन, क्या सरकार ने लगा दिया टैक्स? जानें पूरी कहानी

सरकार क्रिप्‍टोकरेंसी एंड रेगुलेशन बिल लाने में तो विफल रही है, लेकिन वर्चुअल डिजिटल असेट (Virtual digital asset) पर टैक्‍स लगाने जा रही है. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण (Budget 2022) में वर्चुअल डिजिटल असेट से होने वाली आय पर 30 फीसद टैक्‍स लगाने का ऐलान किया है. वर्चुअल डिजिटल असेट को टैक्‍स के दायरे में लाने के लिए एक निश्चित सीमा से अधिक के लेनदेन पर इस असेट पर एक फीसदी टीडीएस (TDS) भी काटा जाएगा. वर्चुअल डिजिटल असेट से होने वाले किसी भी घाटे को लाभ के साथ सेट-ऑफ नहीं किया जा सकेगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण (Budget 2022) में कहा कि डिजिटल वर्चुअल एसेट्स पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा और इसके ट्रांसफर पर 1 परसेंट का टीडीएस लगेगा. वित्त मंत्री के इस बयान को स्पष्ट करते हुए ‘मनी9’ के संपादक अंशुमान तिवारी ने कहा, लोगों ने इसे समझा कि क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार ने टैक्स लगा दिया है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है. फाइनेंस बिल में भी यह बात पूरी तरह से क्लियर कर दिया गया है कि केवल डिजिटल वर्चुअल एसेट्स में नॉन फंजिबल टोकन्स (NFT) आएंगे, जिन पर ये टैक्स लगाया जाएगा.

क्या कहा एक्सपर्ट ने

अंशुमान तिवारी ने करेंसी में कंफ्यूजन कहा, ये क्रिप्टो पर टैक्स इसलिए नहीं है क्योंकि सरकार से क्रिप्टो को अभी कानूनी मान्यता नहीं है, ऐसे में सरकार बिना कानूनी मान्यता के टैक्स नहीं लगा सकती है. अगर ऐसा होता है तो कानूनी रूप से भी अजीब बात सी होगी. जो फाइनेंस बिल का प्रोविजन है उसमें डिजिटल/वर्चुअल करेंसी की परिभाषा बताई गई है. उसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि टैक्स नॉन फंजिबल टोकन्स (NFT) पर लागू होगा. NFT भी धीरे-धीरे आ रहे हैं जिसमें बहुत सारे दिग्गज और आर्टिस्ट अपनी कला का वैल्यूएशन करते हैं और उसे डिजिटल एसेट्स बनाकर सेल करते हैं. वो एक्सक्लूसिव एसेट होती है.

क्या होगा टैक्स का नियम

वर्चुअल डिजिटल असेट में क्रिप्‍टोग्राफ‍िक के जरिये जनरेटेड कोई भी इंफोर्मेशन या कोड या नंबर या टोकन को शामिल किया गया है, जो एक डिजिटल रिप्रजेंटेशन प्रदान करता है. वर्चुअल डिजिटल असेट में एनएफटी को भी शामिल किया गया है. इतना ही नहीं वर्चुअल असेट को गिफ्ट के रूप में हासिल करने वाले को भी टैक्‍स देना होगा. निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करेंसी को लेकर भी बड़ी घोषणा की है. आरबीआई 2022-23 में ब्‍लॉकचेन और अन्‍य टेक्‍नोलॉजी पर करेंसी में कंफ्यूजन करेंसी में कंफ्यूजन आधारित डिजिटल करंसी लॉन्‍च करेगा. सरकार का मानना है कि इससे इकोनॉमी को बड़ा बूस्‍ट मिलेगा.

रिजर्व बैंक लाएगा सीबीडीसी

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, आधिकारिक करेंसी का इलेक्‍ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन होगा. इसमें वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने की क्षमता है. हालांकि यह करंसी का एक सेंट्रालाइज्‍ड फॉर्म है. ऐसे में नागरिकों की प्राइवेसी को लेकर सवाल उठ सकते हैं. फ‍िलहाल सीबीडीसी डेवलपमेंट फेस में है और दुनियाभर के केंद्रीय बैंक इस पर विचार कर रहे हैं. सीबीडीसी लीगल टेंडर्स हैं और इन्‍हें बैंक जारी करेंगे.

भारत दुनिया में सबसे ज्‍यादा क्रिप्‍टो निवेशकों का देश है. डिस्‍कवरी प्‍लेटफॉर्म ब्रोकरचूजर के मुताबिक यहां 10.07 करोड़ क्रिप्‍टो निवेशक हैं. अमेरिका में 2.74 करोड़, रूस में 1.74 करोड़ और नाइजीरिया में 1.30 करोड़ क्रिप्‍टो ओनर्स हैं. अब अगर स्‍टॉक इनवेस्‍टर्स की बात करें तो भारत में बीएसई पर कुल रजिस्‍टर्ड निवेशक 9.55 करोड़ हैं. जो क्रिप्‍टो ओनर्स की तुलना में कम हैं. भारत में कुल जनसंख्‍या के मामले में क्रिप्‍टो ओनर्स को देखें तो यह 7.30 फीसद है.

10 Rupee Coin: 14 तरह के डिजाइन के साथ आता है ₹10 का सिक्का, कौन सा सिक्का है असली? सरकार ने दूर की कंफ्यूजन

10 Rupee Coin: 10 रुपए के सभी 14 डिजाइन के सिक्के मान्य और लीगल टेंडर (Legal Tender) हैं. फिर भी समय-समय करेंसी में कंफ्यूजन पर 10 रुपए के सिक्कों (Rs 10 Coin) को स्वीकार नहीं किए जाने की शिकायतें आती रही हैं.

10 Rupee Coin: 10 रुपए के सिक्कों को लेकर लोगों में लगातार कन्फ्यूजन रहा है. इसे लेकर सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया समय-समय पर अलर्ट करते रहे हैं. एक बार फिर ये मुद्दा उठा तो सरकार ने कंफ्यूजन दूर कर दिया है. वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि बाजार में 10 रुपए के जितने भी तरह के सिक्के चल रहे हैं वे सब वैध हैं. अबतक 14 डिजाइन (अलग-अलग तरह) के 10 रुपए के सिक्के बाजार में हैं और वे सभी पूरी तरह से लीगल टेंडर हैं. ये सभी सिक्के चलन में हैं, इन्हें लेने से कोई इनकार नहीं कर सकता.

सभी लेनदेन में हो सकता है इस्तेमाल

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने संसद में एक लिखित उत्तर में कहा है कि भारत सरकार के अधिकार के तहत ढाले गए और भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी विभिन्न आकारों और डिजाइनों के ₹10 के सिक्के (10 Rupee Coin) वैध मुद्रा हैं. कानूनी निविदा के रूप में इनका सभी लेनदेन में इस्तेमाल किया जा सकता है.

अलग डिजाइन की वजह से उठता है सवाल

चौधरी ने कहा कि सिक्कों की गलाई का काम भारत सरकार के मिंट में होता है और सभी सिक्कों पर समय-समय पर आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाया जाता है. दरअसल, लोगों के बीच अलग-अलग धारणाएं बनी हुई हैं, जिसके चलते लोग 10 रुपए के सिक्के (10 Rupee Coin) लेने से कतराते हैं. कोई मानता है कि ₹ के चिन्ह वाला सिक्का असली है तो कोई 10 धारियों वाले सिक्के के असली होने की कहानी गढ़ता है.

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RBI भी दे चुका है सफाई

बता दें इससे पहले RBI भी दो बार इस मसले पर सफाई दे चुका है. सेंट्रल बैंक ने इसके लिए अपनी वेबसाइट पर नोट डाला हुआ है, जिसमें 14 तरह के डिजाइन का जिक्र है. वहीं, एक IVRS टोल फ्री नंबर भी है, जिसमें 10 रुपए के सिक्के से संबंधित जानकारी दी जाती है. RBI का कहना है सभी तरह के सिक्के ठीक हैं और लोग उन्हें करेंसी में कंफ्यूजन लेने से इनकार न करें. 10 का सिक्का लेने से मना करने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.

14 designs of Rs 10 Coins are currently valid legal tender MoS finance Pankaj Chaudhary in Parliament

टोल फ्री नंबर 14440 पर मिलेगी जानकारी

प्रचलित सिक्कों की असलियत परखने के लिए रिजर्व बैंक ने टोल फ्री नंबर 14440 जारी किया है. इस पर कॉल करते ही फोन कट जाएगा. फिर इसी नंबर से तुरंत फोन आएगा, जिसमें आईवीआर द्वारा 10 के सिक्कों की पूरी जानकारी दी जाएगी. रिजर्व बैंक का कहना है कि देश में 10 रुपए कीमत के 14 प्रकार के सिक्के प्रचलित हैं. इन्हें स्वीकार करना सभी के लिए बाध्यकारी है. संदेह होने पर टोल फ्री नंबर डायल कर शंका दूर कर सकते हैं.

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