Share Market Open: लुढ़के Kotak Bank, Wipro के स्टॉक, खुलते ही बिखरा शेयर बाजार – Indian share market BSE Sensex NSE Nifty pressure continue global exchanges trend wall street tuts – Aaj Tak
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Stock Market Today: पिछले सप्ताह के अंत में शेयर बाजारों पर फिर से बना प्रेशर आज सोमवार को भी हावी रहा. सप्ताह के पहले दिन कारोबार डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ की शुरुआत होते ही बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) दोनों बिखर गए. टाटा स्टील, एशियन पेंट, विप्रो जैसे शेयरों में आज के कारोबार में भारी गिरावट देखने को मिली. इस कारण दोनों प्रमुख सूचकांक 1.50 फीसदी तक लुढ़क गए.
प्री-ओपन सेशन में ही गिर गया बाजार
घरेलू बाजार प्री-ओपन सेशन (Pre-Open Session) से ही प्रेशर में है. प्री-ओपन सेशन में सेंसेक्स करीब 280 अंक की गिरावट में था और 59,350 अंक के पास कारोबार कर रहा था. एनएसई निफ्टी 75 अंक से ज्यादा के नुकसान के साथ 17,700 अंक से नीचे आ चुका था. वहीं, सिंगापुर में एसजीएक्स निफ्टी (SGX Nifty) का फ्यूचर कांट्रैक्ट सुबह के नौ बजे 47.5 अंक गिरकर 17,696.5 अंक पर कारोबार कर रहा था. इससे संकेत मिल रहा था कि घरेलू बाजार आज कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ कर सकता है. सुबह के 09:20 बजे सेंसेक्स करीब 290 अंक के नुकसान के साथ 59,360 अंक के पास कारोबार कर रहा था था. वहीं निफ्टी 95 अंक से ज्यादा के नुकसान के साथ 17,655 अंक के पास कारोबार कर रहा था.
बड़ी कंपनियों के शेयरों में हाहाकार
बाजार को पूरे दिन के कारोबार में कभी भी संभलने का मौका नहीं मिला. कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 872.28 अंक (1.46 फीसदी) की भारी गिरावट के साथ 58,773.87 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी 267.75 अंक (1.51 फीसदी) लुढ़ककर 17,490.70 अंक पर आ गया. सेंसेक्स की कंपनियों की बात करें तो सिर्फ आईटीसी और नेस्ले इंडिया को छोड़ बाकी की सभी 28 कंपनियों के शेयर आज नुकसान में बंद हुए. सबसे ज्यादा नुकसान टाटा स्टील को हुआ, जिसका शेयर 4.50 फीसदी टूट गया. एशियन पेंट को भी 3.51 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा. विप्रो, सन फार्मा, एलएंडटी, बजाज फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर 2.96 फीसदी तक के नुकसान में रहे.
पिछले सप्ताह के अंत में बदला ट्रेंड
इससे पहले पिछले सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 651.85 अंक (1.08 फीसदी) के नुकसान के साथ 59,646.15 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी 198.05 अंक (1.10 फीसदी) गिरकर 17,758.45 अंक पर रहा था. गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 37.87 अंक (0.06 फीसदी) की हल्की बढ़त के साथ 60,298 अंक पर और निफ्टी 12.25 अंक (0.068 फीसदी) की मामूली तेजी के साथ 17,956.50 अंक पर रहा था. बुधवार को सेंसेक्स 417.92 अंक (0.70 फीसदी) की बढ़त के साथ 60,260.13 अक पर और निफ्टी 119 अंक (0.67 फीसदी) मजबूत होकर 17,944.25 अंक पर बंद हुआ था. मंगलवार को सेंसेक्स 379.43 अंक (0.64 फीसदी) मजबूत होकर 59,842.21 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी 127.10 अंक (0.72 फीसदी) चढ़कर 17,825.25 अंक पर रहा था. सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बाजार में कारोबार नहीं हुआ था. पूरे सप्ताह के दौरान सेंसेक्स को 183.37 अंक का और निफ्टी को 60.30 अंक का फायदा हुआ.
ग्लोबल मार्केट का ऐसा है हाल
ग्लोबल मार्केट की बात करें तो अमेरिकी बाजार शुक्रवार को ठीक-ठाक नुकसान में रहे थे. डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones Indutrial Average) 0.86 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ था. वहीं टेक फोकस्ड इंडेक्स नास्डैक कंपोजिट (Nasdaq Composite) में 2.01 फीसदी की और एसएंडपी 500 में (S&P 500) 1.29 फीसदी की बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. सोमवार के कारोबार में एशियाई बाजार भी नुकसान का शिकार हो गए. जापान का निक्की (Nikkei) 0.43 फीसदी की गिरावट में . वहीं हांगकांग के हैंगसेंग (Hangseng) में 0.01 फीसदी की मामूली गिरावट और चीन के शंघाई कंपोजिट (Shanghai Composite) में 0.47 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है.
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What we can say that our sincere, determined team of journalists has changed the lifestyle of many people, suffering from various social and political injustices. In fact, we have started this Daily news paper in view to create awareness among people, who are less informed about the happening going around them in today’s life.
कायर बाइडेन के बोल से अमेरिकी शेयर मार्केट मुस्कराया, पिछलग्गू भारत भी हराभरा!
कल युद्ध की शुरुआत पर भारतीय शेयर बाज़ार चार प्रतिशत गिर गया जिससे हाहाकर मच गया। जब भारत में रात बारह बजे और अमेरिका में दोपहर तो अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की प्रेस कांफ्रेंस शुरू हुई। तब तक अमेरिकी मार्केट नीचे गिरने की दौड़ लगा रहा था। सब देखना चाहते थे अमेरिका क्या स्टैंड लेगा यूक्रेन पर?
अगर अमेरिका बहादुरी दिखाता और रूस की सबक़ सिखाने हेतु नाटो की सेना भेजने का एलान करता तो मार्केट बुरी तरह गिरता और कई दिन गिरता। लेकिन बुजुर्ग बाइडन ने समझदारी का परिचय दिया। या यूँ कहिए कि कायर निकले और संकट में यूक्रेन को अकेला छोड़ दिया।
बाइडन ने हमला न करने का एलान किया। रूस से न लड़ने की घोषणा की। नाटो सैनिक न भेजने का फ़रमान सुनाया।
बाइडन की इस घोषणा का अमेरिकी शेयर मार्केट पर फ़ौरन असर हुआ। बाज़ार की गिरती सुई थम गई और वापसी की राह पकड़ ली। बाज़ार बंद होते होते डाउ ज़ोंस अच्छी ख़ासी हरियाली समेट कर मुस्कुरा रहा था।
अमेरिकी पिछलग्गू भारत में भी आज बाज़ार में बहार रहने की उम्मीद है और कल जो गिरावट हुई थी उसके रिकवर करने की उम्मीद है।
पत्रकार शशि सिंह लिखते हैं-
जो कल दलाल स्ट्रीट पर फैली लाली को तबाही का मंजर बता रहे थे आज वहॉं उगी हरियाली को शांति का संदेश क्यूँ नहीं कह रहे? ये शेयर बाज़ार जो होता है न यह राजनीति से भी क्रूर व्यवस्था का नाम है, जहॉं बात-बात बकरे काटे जाते हैं। कल रूस-यूक्रेन का नाम पर जो बकरे कटे थे आज उनकी गोश्त कसाइयों में बंट रही है। बस यही है उन गलियों में लाल और हरे का सच। जाओ सब चादर तानकर सो जाओ। रूस-यूक्रेन में जो हो रहा है वह स्क्रिप्टेड ड्रामा है। इसकी राइटिंग टीम में अमेरिका, चीन, रूस और भारत सब शामिल हैं। हैरान मत होना यदि चीन ताइवान पर और भारत बलूचिस्तान एवं आज़ाद कश्मीर के लिए पाकिस्तान पर हमला बोल दे। ये नया वर्ल्ड ऑर्डर बन रहा है दोस्त। इस व्यवस्था में वो सब हो सकता है जो हमने और आपने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। ये डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ सफ़र कोरोना से शुरू हुआ है। अभी इसके कई रंग हमें देखने को मिलेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार विमल कुमार लिखते हैं-
अमरीकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कल रात कह दिया वे अपनी सेना यूक्रेन को नहीं भेजेंगे।इससे विश्वयुद्ध तो टल गया अब यह केवल रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई है जिसमे रूस की जीत होगी।क्या अमरीका ने यूक्रेन को धोखा दिया या उसकी मजबूरी थी कि रूस के खिलाफ सेना न भेजने का फैसला उसे करना पड़ा।मुझे लगता है अफगानिस्तान से जिस तरह अमरीकी सेनाएं वापस लौटी हैं उसे देखते हुए अब अमरीका दोबारा सेना नहीं भेजना चाहता हो।संभव है उसकी सेना में बगावत न हो जाये या वहां की जनता उसके खिलाफ न हो जाये।बहरहाल अमरीका का यह फैसला सही है डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ कि वह सेना नहीं भेजेगा लेकिन यूक्रेन के साथ उसे धोखा नहीं देना चाहिए था। नाटो देशों के बहकावे में यूक्रेन उछल रहा था।दरअसल यह वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा है।इस युद्ध से यह एक बार फिर सिद्ध हुआ संयुक्त राष्ट्र केवल दिखावे की संस्था है और हर राष्ट्र को अपनी रक्षा खुद करनी है।कोई किसी की मदद नहीं करनेवाला है लेकिन कोरोना काल में यह युद्ध इस बात का सबूत है कि शासकों को मनुष्य की तकलीफों से कोई मतलब नहीं है, केवल उसे अपनी सत्ता से मतलब है।अपने देश मे भी हमने देखा शासकों के लिए चुनाव ही अधिक महत्वपूर्ण है। पूरी दुनिया में इंसानियत मानवीय संवेदना खतरे में है,क्रूरता और पाशविकता बढ़ी है।यह कैसा विकास और आर्थिक प्रगति है जिसमें मनुष्य के दुख दर्द को कोई सुननेवाला नहीं है।यूक्रेन में बच्चे फंसे है।माँ बाप रो रहे हैं।टीवी पर उनको रोते देख द्रवित हो गया।
डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ
अमेरिका न्यूज डेस्क . दशकों में सबसे आक्रामक ब्याज दर वृद्धि के बावजूद अमेरिका में नवंबर में नौकरियों की संख्या में वृद्धि जारी रही।शुक्रवार को प्रकाशित श्रम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, गैर-फार्म पेरोल पिछले महीने 263,000 चढ़ गए, बेरोजगारी दर 3.7 प्रतिशत थी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर की वृद्धि अक्टूबर की संशोधित 284,000 नौकरियों की तुलना में एक छोटी सी गिरावट थी। नौकरियों में वृद्धि फेडरल रिजर्व की आक्रामक दर वृद्धि पर अंकुश लगाने की संभावना नहीं है, जिसका उद्देश्य गर्म अर्थव्यवस्था को धीमा करना और 40 वर्षों में सबसे खराब मुद्रास्फीति को कम करना है।
नवंबर के लिए प्रति घंटे औसत मजदूरी में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह डॉव जोन्स द्वारा सर्वेक्षण किए गए अर्थशास्त्रियों के अनुमान से दोगुना है, और इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक द्वारा दरों में बढ़ोतरी को कम करने की संभावना नहीं है।आय में साल-दर-साल आधार पर 5.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह अर्थशास्त्रियों के 4.6 प्रतिशत पूवार्नुमानों से कहीं अधिक थी।ब्याज दर में वृद्धि अमेरिकी शेयर बाजार के साथ कहर बरपा रही है और संभावित खरीदारों के लिए घर खरीदना अधिक कठिन बना रही है।नौकरियों की रिपोर्ट जारी होने के बाद डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 200 अंक से अधिक गिर गया, इस डर से कि एक नौकरी बाजार फेड को और भी आक्रामक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
प्रिंसिपल एसेट मैनेजमेंट की मुख्य वैश्विक रणनीतिकार सीमा शाह ने सीएनबीसी को बताया, नीतिगत दरों में 375 आधार अंकों की वृद्धि के बाद भी 263,000 नौकरियां पैदा करना कोई मजाक नहीं है।नीति दरों में वृद्धि जारी रखने के लिए फेड पर श्रम बाजार काफी तेजी और दबाव है।फेड को मुद्रास्फीति को धीमा करने और मंदी को ट्रिगर करने से बचने के बीच एक नाजुक संतुलन बनाना चाहिए। हालांकि, कई अर्थशास्त्री इस बात से सहमत हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका में अगले साल मंदी देखने को मिलेगी, भले ही यह अल्पकालिक और हल्की हो।
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पश्चिम देशो द्वारा रूस पर नए प्रतिबंध लगाने के बाद अमेरिकी शेयरों में तेजी
रूस के खिलाफ पश्चिम देशो द्वारा नए प्रतिबंध लगाने के बाद, अमेरिकी बाजारों में सुधार हुआ है। एक उल्लेखनीय बाजार उलटफेर में, अमेरिकी शेयर गुरुवार को काफी अधिक बंद हुए, नैस्डैक में 3 प्रतिशत की वृद्धि से प्रेरित, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने रूस के खिलाफ कठोर नए प्रतिबंध जारी किए, जब मास्को ने यूक्रेन पर एक चौतरफा आक्रमण शुरू किया।
एसएंडपी 500 इंडेक्स 1 प्रतिशत से अधिक चढ़ गया। डॉव ने भी दिन को काले रंग में बंद किया।
डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 92.07 अंक या 0.28 प्रतिशत बढ़कर 33,223.83 हो गया, एसएंडपी 500 63.2 अंक या 1.50 प्रतिशत बढ़कर 4,डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ 288.7 हो गया, और नैस्डैक कंपोजिट 436.10 अंक या 3.34 प्रतिशत बढ़कर 13,473.59 हो गया। नैस्डैक अपने नवंबर के समापन रिकॉर्ड उच्च दोपहर से 20 प्रतिशत से अधिक नीचे था। अगर यह उस स्तर पर बंद होता तो यह साबित होता कि यह एक भालू बाजार में था।
सात देशों के समूह के समकक्षों के साथ बात करने के बाद, बिडेन ने दुनिया की प्रमुख मुद्राओं में व्यापार करने की रूस की क्षमता में बाधा डालने के उपायों के साथ-साथ बैंकों और राज्य के स्वामित्व वाली फर्मों के खिलाफ दंड का प्रस्ताव रखा।
व्हाइट हाउस ने चेतावनी दी है कि संघर्ष के परिणामस्वरूप संयुक्त राज्य में उच्च ईंधन लागत हो सकती है, लेकिन अमेरिकी अधिकारी अन्य देशों के समकक्षों के साथ मिलकर वैश्विक रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार से अतिरिक्त तेल जारी करने के लिए समन्वित तरीके से काम कर रहे हैं।
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