Gold ETF Dhanteras 2022: गोल्ड ईटीएफ सोने में निवेश करने का एक सुविधाजनक तरीका
शुभ अवसरों पर सोना खरीदने की परंपरा हमेशा से भारतीय परंपरा का हिस्सा रही है और इस फेस्टिव सीजन में भारतीय परिवार एक बार फिर फेस्टिव सीजन में गोल्ड की खरीदारी के लिए बाहर निकलने लगे हैं। एक भारतीय निवेशक के रूप में सोने के खरीदारों के पास कई प्रकार के सोने के प्रोडक्ट खरीदकर इसमें निवेश करने के मौके होते हैं। उपलब्ध सभी विकल्पों या प्रोडक्ट्स में से खरीदार को यदि गहनों की आवश्यकता नहीं है, तो जो विकल्प जो सबसे अधिक उम्दा है और जो सबसे बढ़िया निवेश विकल्प के रूप में सामने आता है वह है गोल्ड ईटीएफ।
गोल्ड ईटीएफ गोल्ड बुलियन में निवेश करना फिजिकल मेटल में निवेश करने जितना ही अच्छा है, लेकिन इसे इलेक्ट्रोनिक रूप में म्यूचुअल फंड यूनिट्स जैसा रखा जाता है, जो एक डीमैट खाते में संग्रहीत होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की प्रत्येक यूनिट बहुत उच्च शुद्धता के फिजिकल गोल्ड जैसी होती है। हर दूसरे ईटीएफ की तरह, गोल्ड ईटीएफ भी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टिंग और ट्रेडिंग होती है। इसलिए, कोई भी व्यक्ति किसी भी समय गोल्ड ईटीएफ को आसानी से खरीद और बेच सकता है। इसलिए, यदि आप निवेश के दृष्टिकोण से सोना खरीदना चाह रहे हैं, तो गोल्ड ईटीएफ एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। पोर्टफोलियो आवंटन के नजरिए से भी, गोल्ड ईटीएफ बेहतर स्थिति में हैं।
Dhanteras 2022: इन तीन तरह से करें गोल्ड में निवेश, हो जाएंगे मालामाल
धनतेरस पर लोग तरह-तरह के धातु से बनी हुई चीजों को खरीदना पसंद करते हैं। सोने से बने हुए सामानों को धनतेरस पर खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। अगर बात करें सोने में निवेश की तो कई लोग सोने में निवेश करते हैं। सोने में निवेश करने के कई तरह के ऑप्शन होते हैं।
इससे आपको कई तरह के फायदे तो होते ही हैं और साथ ही आपको भविष्य में आर्थिक परेशानी का सामना करने में भी मदद मिलती है। अगर आप इस धनतेरस पर निवेश करने की सोच रहे हैं तो हम गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड आपको बताएंगे तीन तरीकों के बारे में जिसमें आप निवेश करके लाभ उठा सकते हैं।
1)गोल्ड ईटीएफ में निवेश करें
अगर आप स्टॉक एक्सचेंज की अच्छी समझ रखते हैं तो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने का फायदा आपको बेहतर तरीके से मिल सकता है। आपको बता दें कि डी मैटेरियलिज्ड फॉर्म में सोने में निवेश करने की सुविधा इसमें मिलती है। इसका मतलब यह है कि आप इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद और बेच सकते हैं।
आपको बता दें कि इसकी कीमत के बारे में आप अपडेट पा सकते हैं। आपको बता दें कि पेपर गोल्ड में निवेश करने का यह सबसे अच्छा तरीका माना जाता है क्योंकि यह कॉस्ट इफेक्टिव होता है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए डिमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं।
2)सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में रखें सोना
आपको बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी एसजीबी एक सरकारी सिक्योरिटी होती है। इसमें निवेश करने वाले को इश्यू प्राइस का भुगतान कैश में करना होता है और जब बांड मैच्योरिटी होती है तो निवेशक को रिडीम करने में आसानी होती है। अगर आप लगभग 10 सालों के लिए निवेश करना चाहते हैं तो यह सुरक्षित तरीका माना जाता है।
आपको बता दें कि फिजिकल गोल्ड रखने का यह एक बहुत अच्छा ऑप्शन होता है। आपको बता दें कि आरबीआई ने जब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की नई सीरीज शुरू की थी तो इसमें कम से कम 5147 रुपये प्रति एक ग्राम का निवेश किया जा सकता है।
साथ ही अगर आप चाहें तो डिजिटल फॉर्म में भी निवेश कर सकते हैं। आपको बता दें कि इसमें ऑनलाइन खरीदारी पर 50 रुपये की छूट भी मिलती है। इसमें अधिकतम सीमा 4 किलो सोना रखने की रखी गई है।
3)गोल्ड फंड ऑफ फंड्स में निवेश
अगर आप एफओएफ यानी गोल्ड फंड ऑफ फंड्स करते हैं तो आपको बता दें कि इसमें आपको सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ- साथ बेस्ट रिटर्न भी मिलता है। साथ ही इसे सोने में निवेश करने के लिए काफी बेहतर ऑप्शन माना जाता है। आपको अगर ज्यादा समय के लिए निवेश करना है तो इसके अलावा आपको ईटीएफ में निवेश करना चाहिए।
इन सभी तरह से आप इस बार धनतेरस पर सोने में निवेश करके भविष्य में कई तरह के फायदे उठा सकते हैं।
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Gold ने किया सबको इतना मालामाल, जानें कैसे
सोने में निवेश परंपरागत रूप से आकर्षक रहा है। पिछले साल स्वर्ण एक्सचेंज ट्रेडेट गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड फंड (गोल्ड ईटीएफ) ने 41 फीसदी तक रिटर्न के साथ सोने में सीधे निवेश को भी पीछे छोड़ दिया है। सोने में पिछले साल निवेशकों.
सोने में निवेश परंपरागत रूप से आकर्षक रहा है। पिछले साल स्वर्ण एक्सचेंज ट्रेडेट फंड (गोल्ड ईटीएफ) ने 41 फीसदी तक रिटर्न के साथ सोने में सीधे निवेश को भी पीछे छोड़ दिया है। सोने में पिछले साल निवेशकों को 28 फीसदी रिटर्न मिला है। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि निवेश में विविधता और उसपर जोखिम घटाने के लिए एक तय मात्रा में सोने में निवेश आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
क्या है गोल्ड ईटीएफ
सोने गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ईटीएफ कहते हैं। यह म्यूचुअल फंड की स्कीम है। इसमें सोने की खरीद यूनिट में की जाती है। इसे बेचने पर आपको सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर राशि मिलती है। यह सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्पों में से एक है। इसकी खरीद यूनिट में की जाती है। आमतौर पर ईटीएफ के लिए डीमैट खाता जरूरी होता है।
इन कंपनियों ने दिया तगड़ा रिटर्न
म्यूचुअल फंड कंपनी डीएसपी ब्लैक रॉक और कोटक वर्ल्ड गोल्ड के गोल्ड ईटीएफ ने पिछले साल सबसे अधिक रिटर्न दिया है। कोटक वर्ल्ड गोल्ड में निवेशकों को 41 फीसदी रिटर्न मिला है। जबकि डीएसपी ब्लैक रॉक में एक साल में 35 फीसदी रिटर्न मिला है। हालांकि, वर्ष 2015 में इन दोनों कंपनियों के गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों को तगड़ा नुकसान हुआ था। उस समय कोटक वर्ल्ड गोल्ड में 24 फीसदी और डीएसपी ब्लैक रॉक में 18 फीसदी का नुकसान हुआ था।
कभी भी बेचने की सुविधा
शेयरों की तरह बेचने की सुविधा की वजह से जरूरत पड़ने पर किसी भी कारोबारी दिन इसे बेच सकते हैं। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि ज्वैलरी में निवेश करने की बजाय गोल्ड ईटीएफ में निवेश ज्यादा फायदेमंद है। गोल्ड ईटीएफ में रखरखाव शुल्क कम है और तीन साल बाद बेचने लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर लगता है जिससे टैक्स बचत होती है। वहीं सोने को बेचने पर 30 फीसदी तक मेकिंग चार्ज का नुकसान होता है।
गोल्ड इटीएफ (Gold ETF) क्या है | गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में क्या अंतर है
गोल्ड इटीएफ और गोल्ड बांड की जानकारी- वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन और आर्थिक मंदी के इस दौर में जमा पर ब्याज दरें तेजी से घटी हैं। पिछले महीनों में देश के कई बड़े बैंकों ने जमा पर ब्याज दरों को घटाया है। इसके साथ ही निवेश से मिलनें वाले रिटर्न में भी भारी कमी आई है। इन सभी के बीच एक ऐसा निवेश उत्पाद है, जिसनें इस बीच बेहतर रिटर्न दिया है और यह है सोना जिसे हम गोल्ड (Gold) कहते है| जिन लोगो नें सोनें में निवेश किया था, उन्हें 40 फीसद तक रिटर्न मिला है। इस समय सोनें की कीमतों में उछाल का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जिसके कारण इसके निवेशकों का रिटर्न भी बढ़ता जा रहा है। हालाँकि सोने में निवेश के लिए मार्केट में कई विकल्प उपलब्ध हैं, इन्ही में से एक गोल्ड इटीएफ भी है| तो आईये जानते है, गोल्ड इटीएफ (Gold ETF) क्या है, गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में क्या अंतर है?
गोल्ड ईटीएफ क्या है (What Is Gold ETF)
Gold ETF Kya Hai- गोल्ड ईटीएफ अर्थात गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold Exchange Traded Fund) के माध्यम से सोने में निवेश किया जाता है| वर्तमान समय में गोल्ड ईटीएफ की ट्रेडिंग गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड देश के सभी बड़े एक्सचेंज के ऊपर हो रही है| यहां निवेशक इलेक्ट्रॉनिक रुप में सोने में निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ एक्सचेजों पर लिस्टेड होते हैं। यहां इसे डीमेट अकाउंट के जरिए खरीदा और बेचा जा सकता है।
गोल्ड ईटीएफ्स 99.5 फीसद शुद्धता वाला वास्तविक भौतिक सोना खरीद कर अपने एसेट्स बनाते हैं। यह भौतिक सोना बैंकों के संरक्षण में रहता है और सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार समय-समय पर इसका मूल्य लगता है। गोल्ड ईटीएफ का भौतिक रूप से सोना रखना निवेशकों को एक अलग विश्वास देता है। खास बात यह है कि निवेशक भी सोने की भौतिक डिलीवरी ले सकते हैं।
गोल्ड ईटीएफ में निवेश कैसे करते है (How To Invest In Gold ETF)
Gold ETF Me Nivesh Kaise Kare- गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड अर्थात गोल्ड ईटीएफ में निवेशक को निवेश करनें के लिए सबसे पहले ट्रेंडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाना होता है। अकाउंट खुलवानें के बाद ब्रोकर के ऑनलाइन पोर्टल पर लॉगिन कर ईटीएफ विकल्प को चुनें। आप जितनी यूनिट खरीदना चाहें, उतनी यूनिट के लिए खरीद का ऑर्डर दे सकते हैं। कुछ समय पश्चात यूनिट्स आपके डिमेट अकाउंट में आ जायेंगे और आपके खाते से पैसा कट जाएगा। निवेशक एकमुश्त या एसआईपी द्वारा भी निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड गोल्ड इटीएफ में अंतर (Difference Of Gold Bond And Gold ETF)
Gold Bond Aur Gold ETF Me Antar- निवेश के दृष्टिकोण से सोने को हमेशा से निवेश का एक अच्छा साधन माना जाता है| लेकिन अधिकांश लोग भौतिक रूप से सोना खरीदना ही पसंद करते हैं, जैसे ज्वैलरी, कॉइन्स, बिस्किट आदि| यदि हम गोल्ड में निवेश को लेकर बात करे तो गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ भी माध्यम हैं| ऐसे में सोने में निवेश के लिए कौन सा जरिया फायदेमंद है, इसके लिए हम आपको गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में अंतर बता रहे है, जो इस प्रकार है-
गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond)गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड
1. कोई भी व्यक्ति गोल्ड बॉन्ड के रूप में 1 ग्राम से लेकर 4 किलो तक ही सोना खरीद सकते है
2. गोल्ड बॉन्ड में पांच वर्षों का लॉक-इन पीरियड है, इसके बाद ही इसे भुनाया जा सकता है
3. गोल्ड बॉन्ड खरीदने के 3 साल बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगता है| यदि तीन वर्ष से पहले विक्रय करते है, तो एप्लीकेबल स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगेगा
4. गोल्ड बॉन्ड पर गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड कैपिटल गेन और ब्याज दोनों का लाभ लिया जा सकता है, साथ ही इस पर सॉवरेन गारंटी भी रहती है
5. गोल्ड बॉन्ड की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसे सेकंडरी मार्केट में बेचने पर लिक्विडिटी का इश्यू आता है
गोल्ड इटीएफ (Gold ETF)
1. गोल्ड इटीएफ के रूप में कोई भी व्यक्ति न्यूनतम 1 ग्राम सोने से लेकर कितना भी निवेश कर सकता है, क्योंकि इसमें कोई अपर लिमिट नहीं है|
2. Gold ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है
3. गोल्ड इटीएफ पर भी 3 साल का होल्डिंग पीरियड पूरा करने के बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगता है, वहीं 3 साल से पहले बेचने पर एप्लीकेबल स्लैब रेट से टैक्स लगता है
4. Gold ETF में खरीद और बिक्री कभी भी की जा सकती है
5. गोल्ड इटीएफ की सबसे बड़ा माईनस पॉइंट यह है कि डीमैट चार्ज देना अनिवार्य है और कभी-कभी इसका वॉल्यूम बहुत लो रहता है
गोल्ड ईटीएफ निवेश करने से पहले ध्यान रखने वाली जरूरी बातें
जैसा कि आप पहले से ही जानते हैं कि सोना एक बेहतरीन पोर्टफोलियो को विविधताओं से भर देता है। यह मुद्रास्फीति और मुद्रा में उतार-चढ़ाव की स्थिति में बचाव का काम भी करता है। पश्चिमी देशों में सभी तरह के ईटीएफ काफी लोकप्रिय हैं और वे इसमें कैसे निवेश कर रहे हैं, यह हमारे लिए भी बहुत प्रासंगिक हो सकता है।
गोल्ड-समर्थित ईटीएफ की इकाइयों का किसी भी व्यक्तिगत स्टॉक के रूप में एक्सचेंज में कारोबार किया जाता है, और गोल्ड ईटीएफ सोने के व्यूत्पन्न अनुबंध होते हैं। गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते समय, आप किसी भी भौतिक सोने के मालिक नहीं होते हैं, और न ही इसे बेचने पर भौतिक रूप से पाते ही हैं। गोल्ड ईटीएफ आपको भौतिक रूप से सहेजने के बारे में किसी भी तरह की चिंता किए बिना सोने में इजाफा करने देता है।
सोना खरीदने के लिए आपके पास अनेकानेक कारण गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड होते हैं, लेकिन गोल्ड ईटीएफ खरीदते समय आपको कई बातों को ध्यान में रखना होगा।
गोल्ड ईटीएफ व्यय अनुपात
ईटीएफ इंडेक्स से संचालित होते हैं, और गोल्ड ईटीएफ के मामले में धन की वृद्धि सोने की हाजिर मूल्य से जुड़ी होती है। इससे साफ पता चलता है कि प्रत्यक्ष व्यापार की तुलना में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड ईटीएफ करना काफी सरल मामला है। उदाहरण के लिए। पश्चिमी ईटीएफ निवेशकों को इसी खास वजह से अपने ईटीएफ खाते पर अतिरिक्त शुल्क का भुगतान नहीं गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड करने की सलाह दी जाती है। अनुभव से अर्जित नियम यह है कि कितने भी शुल्क का, जिसे अक्सर ही "व्यय अनुपात" कहा जाता है, आप एक वर्ष में भुगतान करते हैं, ईटीएफ सिर्फ सोने के हाजिर मूल्य पर चलता है। इसलिए आप कम व्यय अनुपात का भुगतान करने का विकल्प चुन सकते हैं और उस वृद्धि को पाना जारी रख सकते हैं, जो सोने से हो रही है।
लेन-देन पर सोने का प्रसार
जब आप ईटीएफ खरीदते या गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड बेचते हैं, तो आपसे किसी ईटीएफ धन प्रबंधक कंपनी द्वारा अक्सर बहुत ही कम शुल्क यानी एक प्रतिशत ही लिया जाता है। हालांकि, यह आपके द्वारा किए गए हरेक ईटीएफ लेनदेन पर लगाया जाता है। इसलिए, ईटीएफ निवेशक आमतौर पर उस धन की तलाश करते हैं, जो आपके ईटीएफ लेनदेन पर कम लेनदेन शुल्क लेते हैं। आपको इस पर पूरा ध्यान देना चाहिए कि कम व्यय अनुपात वाला धन चुनते समय, लेनदेन की सीमा बहुत अधिक न हो। नहीं तो, आपके अपने बढ़ते खर्चों के कारण, आपको व्यय अनुपात में जो भी बचत हुई है, वह खत्म हो जाएगी।
गोल्ड सिक्योरिटी लेंडिंग फीस
यदि लेंडिंग की आय ईटीएफ धारक को मिलती है, तो सिक्योरिटी लेंडिंग उसके लिए फायदेमंद हो सकती है। इस नीति में अन्य निवेशक ईटीएफ जारीकर्ता को शुल्क के एवज में आपके ईटीएफ या उसके हिस्से को उधार ले सकते हैं। यदि जारीकर्ता आपके लिए शुल्क की अनदेखी करता है, तो आप अपने ईटीएफ पर की कमाई गंवा करते हैं। क्या आपका ईटीएफ जारीकर्ता आपके लिए इस लाभ की अनदेखी करता है, तो आपको किसी खास ईटीएफ में निवेश करने से पहले ध्यान देने की जरूरत होगी।
गोल्ड ट्रेडिंग वॉल्यूम
अपने लिए गोल्ड ईटीएफ चुनते समय, आपको उन ईटीएफ के ट्रेडिंग वॉल्यूम की जांच करनी चाहिए, जिन्हें आपने छांटा था। कम ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले ईटीएफ में विक्रेता द्वारा कोट किए गए मूल्य और खरीदार द्वारा दिए गए मूल्य के बीच में बड़ा अंतर मिलता है। दूसरे शब्दों में कहें तो, पूछे गए मूल्य और बोली लगे मूल्य के बीच का अंतर ज्यादा होगा। इसलिए, अधिक ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले गोल्ड ईटीएफ को चुनने में ही समझदारी है।
गोल्ड ईटीएफ ट्रैकिंग त्रुटि
सोने के हाजिर मूल्य और आपके द्वारा देखे गए ईटीएफ के अधिमूल्यन के बीच की अधिमूल्यन दर में अंतर की तुलना करें। इस अंतर को ट्रैकिंग त्रुटि कहा जाता है। इस अवधि में अंतर जितना कम था, ईटीएफ निवेशकों को उतना ज्यादा मिला।
गोल्ड ईटीएफ एसेट अंडर मैनेजमेंट
जैसा कि किसी भी म्युचुअल और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड के साथ होता है, इन गोल्ड ईटीएफ की कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी प्रबंधन के तहत संपत्ति या फंड की तुलना करें। सशक्त फंड हमेशा निवेशक के लिए एक आश्वस्ति वाला कारक होता है।
किसी भी निवेशक के लिए गोल्ड ईटीएफ से जुड़ी सुविधा, सुरक्षा और वृद्धि समझदारी भरा विकल्प है, बशर्ते कि वह अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाए या सोने में निवेश के पारंपरिक ढांचे से बाहर निकले। इन चेकप्वाइंटों का उपयोग करके और उपलब्ध गोल्ड ईटीएफ के प्रदर्शन की तुलना करके, आप अपने लिए सबसे उपयुक्त गोल्ड ईटीएफ को चुन सकते हैं।
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