Premature Withdrawal Of Fixed Deposit: समय से पहले तोड़नी है FD, कितना होगा नुकसान? ऐसे करें कैलकुलेट
Premature Withdrawal Of FD: भारत में फिक्स्ड रिटर्न देने वाले निवेश विकल्प लोग पसंद करते हैं. इनमें भी फिक्स्ड डिपॉजिट बेहद पॉपुलर हैं.
FD Pre Mature Withdrawal: भारत में फिक्स्ड रिटर्न देने वाले निवेश विकल्प लोग पसंद करते हैं. इनमें भी फिक्स्ड डिपॉजिट बेहद पॉपुलर हैं.
Premature Withdrawal Of Fixed Deposit: भारत में फिक्स्ड रिटर्न देने वाले निवेश विकल्प लोग पसंद करते हैं. इनमें भी फिक्स्ड डिपॉजिट बेहद पॉपुलर हैं. इसमें एक तो जोखिम कम होता है, वहीं रिटर्न की गारंटी मिलती है. एफडी में निवेश मार्केट से लिंक नहीं होता है, इसलिए इसमें बाजार के उतार चढ़ाव का असर नहीं होता है. वैसे तो एफडी की एक मेच्योरिटी अवधि होती है कि आपको इतने साल के लिए पैसा जमा करना होगा. लेकिन इसफा फायदा यह भी है कि जरूरत पड़ने पर समय से पहले भी पैसा निकाला जा सकता है. हालांकि मेच्योरिटी से पहले एफडी तोड़ने पर आपको ब्याज का नुकसान होता है, इस पर कुछ पेनल्टी भी देनी होती है. जो अलग अलग बैंकों में अलग अलग है. ऐसे में आपको जानना चाहिए कि समय से पहले एफडी तोड़ने पर ब्याज का कैलकुलेशन कैसे होता है.
क्या होता है प्रीमेच्योर बिद्ड्रॉल
एफडी में प्रीमेच्योर बिद्ड्रॉल निवेशकों को जरूरत पड़ने पर मेच्योरिटी से पहले निवेश का पैसा निकालने की सुविधा देता है. ज्यादातर ऐसा इमरजेंसी में होता है, जब अचानक से पैसों की जरूरत पड़ती है. इसके लिए निवेशकों को पेनल्टी के रूप में एक तय अमाउंट बैंक को देना होता है. यह अमूमन 0.5 फीसदी से 1 फीसदी की रेंज में होता है. हालांकि कुछ बैंक जीरो पेनल्टी पर भी इसकी सुविधा देते हैं. वहीं, अगर मेच्योरिटी से सिर्फ 7 दिन पहले एफडी तोड़ते हैं तो कई बैंक इस पर कोई चार्ज नहीं लेते हैं.
कैसे कैलकुलेट होता है ब्याज
केस—1: जब मेच्योरिटी पीरियड पर मिलने वाला ब्याज, एफडी तोड़ने वाले समय से ज्यादा हो.
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उदाहरण: 5 साल की मेच्योरिटी, लेकिन 1 साल में निकालना है पैसा. यहां समय से पहले पैसे निकालने पर 1 फीसदी पेनल्टी है.
निवेश: 1 लाख रुपये
एफडी की अवधि: 5 साल
5 साल पर ब्याज: 7 फीसदी
1 साल पर ब्याज: 6.5 फीसदी
7 फीसदी की दर से 1 साल पर अमाउंट: 1,07,186 रुपये
अगर 1 साल बाद निकलते हैं तो प्रभावी ब्याज दर 6.5 फीसदी मानी जाएगी. वहीं, इस पर 1 फीसदी पेनल्टी भी लगेगी. यानी आपको यहां 5.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.
आपको मिलने वाली रकम: 1,05,614 रुपये
केस—2: जब मेच्योरिटी पीरियड पर मिलने वाला ब्याज, एफडी तोड़ने वाले समय से कम हो.
उदाहरण: 2 साल की मेच्योरिटी, लेकिन 1 साल में निकालना है पैसा. लेकिन 2 साल की एफडी पर ब्याज 1 साल की एफडी से कम है. यहां भी समय से पहले पैसे निकालने पर 1 फीसदी पेनल्टी है.
निवेश: 1 लाख रुपये
एफडी की अवधि: 2 साल
2 साल पर ब्याज: 6 फीसदी
1 साल पर ब्याज: 7 फीसदी
6 फीसदी की दर से 1 साल पर अमाउंट: 1,06,136 रुपये
अगर 1 साल बाद निकलते हैं तो प्रभावी ब्याज दर 6 फीसदी ही मानी जाएगी. वहीं, इस पर 1 फीसदी पेनल्टी भी लगेगी. यानी आपको यहां 5 फीसदी की दर से ब्याज IC Markets से पैसे निकालने में कितना समय लगता है? मिलेगा.
आपको मिलने वाली रकम: 1,05,095 रुपये
एसबीआई: एफडी तुड़वाने पर ये चार्ज
-5 लाख रुपये तक के रिटेल टर्म डिपॉजिट पर प्रीमेच्योर विदड्रॉल पर 0.50 फीसदी पेनाल्टी है.
-5 लाख रुपये से ज्यादा लेकिन 1 करोड़ रुपये से कम पर 1 फीसदी पेनाल्टी लागू है.
ICICI बैंक: एफडी तुड़वाने पर ये चार्ज
5 करोड़ से कम या ज्यादा की एफडी पर 1 साल से पहले विद्ड्रॉल पर 0.5 फीसदी पेनल्टी लगती है.
5 करोड़ से कम या ज्यादा की एफडी को 1 साल से 5 साल के पहले तोड़ने पर 1 फीसदी पेनल्टी.
5 करोड़ से कम और 5 करोड़ से ज्यादा की 10 साल की एफडी को 5 साल बाद और 10 साल से पहले तोड़ने पर 1 फीसदी और 1.5 फीसदी ब्याज लगता है.
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Tax Saving : ELSS में करते हैं निवेश तो अधिकतम कितना बचा सकते हैं टैक्स? जानें पूरी कैलकुलेशन
शेयर मार्केट से जुड़ाव के कारण ईएलएसएस में कभी भी एकमुश्त निवेश नहीं करना चाहिए.
Tax Saving Through ELSS : ईएलएसएस में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है. 80C में एक . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : January 20, 2022, 12:17 IST
नई दिल्ली. ईएलएसएस (Equity Linked Saving Scheme) में अगर आप निवेश (Investment) करते हैं तो इसके जरिये भी टैक्स बचा (Tax Saving) सकते हैं. कई लोग इसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी कहते हैं. इसमें तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है. इस दौरान आप स्कीम से पैसा नहीं निकाल सकते हैं. ईएलएसएस (ELSS) में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है. 80C में एक फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलती है.
ईएलएसएस में आप जो रकम निवेश करते हैं, उसके ज्यादातर हिस्से को म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट में लगाती हैं. इस कारण टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले इसमें अस्थिरता और जोखिम ज्यादा रहता है. टैक्स सेविंग एफडी के मामले में निवेश के समय ही यह पता चल जाता है कि आपको कितना रिटर्न मिलेगा. लेकिन ईएलएसएस में वास्तविक रिटर्न का अनुमान लगा पाना मुश्किल होता है क्योंकि इसका प्रदर्शन शेयर मार्केट से जुड़ा होता है.
एकमुश्त पैसा न लगाएं
ईएलएसएस म्यूचुअल फंड स्कीम्स में एसआईपी के जरिए या फिर एकमुश्त निवेश किया जा सकता है. निवेश एवं टैक्स सलाहकार (Investment and Tax Advisor) बलवंत बताते हैं कि शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ाव के कारण ईएलएसएस में कभी भी एकमुश्त निवेश नहीं करना चाहिए. एसआईपी (SIP) के जरिये हर महीने निवेश करें. इसमें जोखिम का खतरा कम होता है. फंड हाउस भी लोगों को मिनिमम 500 रुपये से ELSS में निवेश शुरू करने की सलाह देते हैं.
अधिकतम बचा सकते हैं 46,800 रुपये, ये रहा कैलकुलेशन
बलवंत जैन बताते हैं कि टैक्स सेविंग फंडों में निवेश की अधिकतम सीमा नहीं है, लेकिन 80C के तहत एक फाइनेंशियल ईयर में केवल 1.5 लाख रुपये तक ही डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. ELSS में एक IC Markets से पैसे निकालने में कितना समय लगता है? फाइनेंशियल ईयर में निवेश कर आप अधिकतम 48,600 रुपये की टैक्स बचत कर सकते हैं. इसमें निवेश की कोई सीमा नहीं है. मान लीजिए, आप ईएलएसएस में एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपये निवेश करते हैं तो 30 फीसदी के उच्च टैक्स स्लैब के हिसाब से आपको 45,000 रुपये का टैक्स बेनेफिट मिलेगा. इसके अलावा, 4 फीसदी सेस यानी 1,800 रुपये की और बचत होगी. इस तरह, आप ELSS में निवेश पर एक फाइनेंशियल ईयर में अधिकतम 46,800 रुपये बचा सकते हैं.
…तो 10 साल में बना सकते हैं इतने लाख का फंड
बलवंत जैन का कहना है कि ELSS शेयर मार्केट से लिंक्ड होता है, इसलिए रिटर्न का वास्तविक अंदाजा लगाना मुश्किल होता है. लेकिन, माना जाता है कि ईएलएसएस में निवेश पर हर साल औसतन 12 फीसदी तक रिटर्न मिल जाता है. ऐसे में अगर आप IC Markets से पैसे निकालने में कितना समय लगता है? ELSS में एक लाख रुपये डाल देते हैं तो 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से 10 साल में आप 3,10,584.82 रुपये के मालिक बन जाते हैं.
मैच्योरिटी पर पैसा निकालने पर टैक्स
ELSS में लॉकइन पीरियड खत्म होने के बाद स्कीम से पैसा निकालते हैं तो उस पर टैक्स लगता है. मौजूदा टैक्स नियमों के मुताबिक, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में एक साल से ज्यादा समय तक लगाए गए पैसे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है. एक फाइनेंशियल ईयर में अगर ईएलएसएस म्यूचुअल फंड से गेन्स एक लाख रुपये से ज्यादा हुआ है तो बिना इंडेक्सेशन बेनिफिट 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. एक लाख रुपये तक का गेन टैक्स के दायरे में नहीं आता है.
ऐसे कर सकते हैं निवेश
-ईएलएसएस में निवेश के लिए केवाईसी जरूरी है.
-फंड हाउस के ब्रांच ऑफिस या रजिस्ट्रार ऑफिस में चेक के साथ फॉर्म भरना पड़ता है. फंड हाउस की वेबसाइट या एग्रीगेटर्स के जरिये ऑनलाइन भी ईएलएसएस में निवेश कर सकते हैं.
-निवेश शुरू होने पर फोलियो नंबर मिलता है, जिसकी मदद से भविष्य में ईएलएसएस योजनाओं में निवेश कर सकते हैं.
-ईएलएसएस म्यूचुअल फंड में निवेश के वक्त निवेशकों के पास कुछ विकल्प रहते हैं. इनमें ग्रोथ, डिविडेंड और डिविडेंड रीइंवेस्टमेंट ऑप्शन शामिल हैं.
-ग्रोथ ऑप्शन में निवेशकों को डिविडेंड का भुगतान नहीं किया जाता है. स्कीम को भुनाते या इससे स्विच करते समय ही गेन्स/लॉस मिलता है.
-डिविडेंड ऑप्शन में निवेशकों को डिविडेंड का भुगतान होता है. हालांकि, डिविडेंड का डिक्लेरेशन पूरी तरह फंड हाउस पर निर्भर करता है. डिविडेंड टैक्सेबल होता है.
-डिविडेंड रीइंवेस्टमेंट ऑप्शन में फंड हाउस जिस डिविडेंड की घोषणा करते हैं, उसे दोबारा स्कीम में निवेश कर दिया जाता है.
-डिविडेंड के रीइंवेस्टमेंट का भी लॉकइन पीरियड होता है.
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NEFT Meaning in Hindi
NEFT Meaning in Hindi – एनईएफटी क्या है और इसमें पैसे कैसे ट्रान्सफर किये जाते हैं, एनईएफटी कैसे काम करता है हिंदी में विस्तार से जानते हैं. NEFT की जानकारी, इसके द्वारा पैसे IC Markets से पैसे निकालने में कितना समय लगता है? ट्रान्सफर करने में कितना समय लगता है और छुट्टी के दिन इसे कर सकते हैं या नहीं. एनईएफटी या नेफ्ट से पैसे ट्रान्सफर करने की लिमिट कितनी है और इसके बैच टाइमिंग्स क्या हैं। आम भाषा में इसे नेफ्ट भी कहते हैं। यहां विस्तार से पढ़ें बैंक से पैसे कैसे ट्रांसफर करें हमारी साइट पर।
NEFT Meaning in Hindi
NEFT Full Form in Hindi
NEFT का Full Form है National Electronic Funds Transfer नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स फण्ड ट्रान्सफर या हिंदी में कहें तो राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण है। जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि यह इलेक्ट्रॉनिक्स रूप से फंड ट्रांसफर करने की प्रणाली है।
NEFT Meaning In Hindi
भारत में बैंकों के द्वारा फण्ड ट्रान्सफर करने की प्रणाली को जिसे आरबीआई द्वारा संचालित किया जाता है उसे NEFT कहते हैं. इसकी शुरुआत सन 2005 से हुई थी. एनईएफटी भारत में बैंक के ग्राहकों को सुविधा प्रदान करता है जिससे बैंक का ग्राहक किसी दूसरे एनएएफटी-सक्षम बैंक खाते के बीच सीधे धन हस्तांतरण कर सकता है.
NEFT Meaning in Hindi – सेटलमेंट का समय
एनईएफटी प्रणाली के जरिए फंड ट्रांसफर IC Markets से पैसे निकालने में कितना समय लगता है? वास्तविक समय के आधार पर नहीं होते हैं. एनईएफटी दिसंबर 2019 से 24 घंटे उपलब्ध है। NEFT की सुविधा बैंकों की शाखाओं में और ऑनलाइन बैंकिंग द्वारा ग्राहकों को उपलब्ध है और बैच में की जाती है. एनईएफटी के द्वारा होने वाले समय की बचत और आसान प्रक्रिया के कारण से यह बहुत लोकप्रिय है क्योंकि इसमें लेनदेन को ऑनलाइन बैंकिंग द्वारा बहुत आसानी से किया जा सकता है.
NEFT Meaning in Hindi – कैसे काम करता है
साधारण शब्दों में कहें तो NEFT द्वारा कोई भी बैंक खाता धारी किसी भी अन्य बैंक के ग्राहक के खाते में अपने खाते से आसानी से पैसे ट्रान्सफर कर सकता है. इसके लिए आप अपने बैंक में जाकर फॉर्म भर कर पैसे ट्रान्सफर करवा सकते हैं या स्वयं नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग से पैसे भेज सकते हैं.
ब्रांच में जा कर
ग्राहक जिसे पैसे भेजना है उसके नाम, IC Markets से पैसे निकालने में कितना समय लगता है? बैंक, शाखा का नाम, आईएफएससी, खाता प्रकार और खाता संख्या का विवरण अपने बैंक को उपलब्ध कराता हैं और भेजे जाने वाली राशि बताता है. साथ ही ग्राहक अपनी बैंक शाखा को अपने खाते को डेबिट करने और राशि भेजने के लिए अधिकृत करता है. यह सुविधा ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से भी उपलब्ध है और कुछ बैंक एटीएम के माध्यम से भी एनईएफटी सुविधा प्रदान करते हैं.
नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग से
नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग से नेफ्ट द्वारा पैसे भेजने के लिए आपको जिसे पैसे भेजने हैं उसे लाभार्थी या beneficiary के रूप में जोड़ना होता है. इसके लिए आपको लाभार्थी का बैंक खाता नम्बर, बैंक का नाम और शाखा और आईएफएससी संख्या IC Markets से पैसे निकालने में कितना समय लगता है? भर कर एक बार लाभार्थी को जोड़ना होता है. इसके बाद आप जब भी पैसे ट्रान्सफर करना चाहें अपने नेट बैंकिंग में पहले से जुड़े हुए लाभार्थी को चुन कर उसे पैसे भेज सकते हैं.
आसान, सुविधापूर्ण और सुरक्षित
एनईएफटी बैंक द्वारा ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली एक सुविधा है जो उन्हें सीधे किसी के बैंक खाते में धन आसानी से और सुरक्षित रूप से ट्रांसफर करने में सक्षम बनाती है। यह इलेक्ट्रॉनिक संदेश के माध्यम से किया जाता है. आप कितनी राशि ट्रान्सफर कर रहे हैं उसी के आधार पर बैंक आपसे एक छोटी सी राशि चार्जेज के रूप में ले सकता है. नेफ्ट से पैसे ट्रान्सफर करना चैक या ड्राफ्ट से पैसे भेजने से ज्यादा आसान, सुविधापूर्ण और सुरक्षित है और इसमें समय भी कम लगता है.
यह था NEFT Meaning in Hindi – एनईएफटी क्या है आसान हिंदी में समझाने के हमारा प्रयास.
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