प्रतिदिन एक अंडा खाने से क्या होता है?
रोजाना सुबह एक उबला अंडा खाने से इम्यूनिटी को मजबूत बना सकते हैं. अंडे में एंटी ऑक्सीडेंट्स, विटामिन, प्रोटीन और कई पोषक तत्व होते हैं, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं. प्रोटीन शरीर के लिए जरूरी तत्वों में से एक माना जाता है. एक अंडे में 6 ग्राम से ज्यादा प्रोटीन होता है.

“आयुर्वेद की तरफ लौट रही है दुनिया” पीएम मोदी ने अब जो किया है वो कइयों को नहीं जमेगा

NIUM Ghaziabad Inauguration

NIUM Ghaziabad Inauguration: समय पुराना हो या फिर नया, भारत ने विश्व को कुछ न कुछ सिखाया ही है और आज के समय में भी यह देश अपने ज्ञान की गंगा से पूरे विश्व को सराबोर कर रहा है। चाहे योगासन की बात हो, सरल जीवन जीते हुए आनंद की अनुभूति करने की बात हो या फिर स्वास्थ्य संबंधी उन गूढ़ बातों को लोगों तक पहुंचाना हो, भारत ने हर क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व किया है। इन बातों का सबसे उत्कृष्ट साक्ष्य है आयुर्वेद, जी हां आयुर्वेद भारत के मूल में है। अब इसी आयुर्वेद को बढ़ावा देने संबंधी कदम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा एक बार फिर से उठाया गया है। उनका उठाया गया यह कदम कैसे भारत के संदर्भ में लाभकारी है आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

संस्थानों का अनावरण और लोकार्पण

बीते दिन रविवार को गाजियाबाद के राष्ट्रीय यूनानी औषधि संस्थान यानी NIUM का प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल रूप में लोकार्पण (NIUM Ghaziabad Inauguration) किया। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान यानी AIA पणजी और साथ ही राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान यानी NIH का भी उन्होंने अनावरण किया। उन्होंने इस दौरान अपने संबोधन में आयुर्वेद का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “आयुर्वेद ऐसा विज्ञान है, जिसका दर्शन सबका सुख, सबका स्वास्थ्य है। जिसके शरीर में संतुलन हो, सभी क्रियाएं संतुलित हों, मन प्रसन्न हो, वही संतुलित है। मतलब यह कि आयुर्वेद इलाज से आगे, वेलनेस की बात करता है।

NIUM Ghaziabad Inauguration पर प्रधानमंत्री ने विश्व और आयुर्वेद का उल्लेख साथ-साथ किया। उन्होंने कहा कि विश्व भी अब तमाम परिवर्तनों से निकालकर इस प्राचीन पद्धति की ओर लौट रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में इसके लिए काम पहले से शुरू हो चुका है। आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए यहां कई प्रयास किए गए। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि सरकार ने देश में अलग अद्भुत व्यापार प्रणाली से एक मंत्रालय ‘आयुष मंत्रालय’ की स्थापना की है।”

भारत की पारंपरिक चिकित्सा

यहां इस बात को समझना होगा कि भारत में आयुर्वेद का पूरा एक इतिहास है। आयुर्वेद से चिकित्सा करना भारत की पारंपरिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण भाग रहा है और यह लगभग 3,000 वर्षों से प्रचलन में है, आज भी अद्भुत व्यापार प्रणाली इसकी महत्ता को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। लेकिन समय बदला और हमारे सामने एलोपैथी का परिचय हुआ। वैसे तो एलोपैथी के उपचार को सिरे से नहीं नकारा जा सकता है लेकिन इस बात अद्भुत व्यापार प्रणाली अद्भुत व्यापार प्रणाली को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है कि त्वरित उपचार के लिए भले ही एलोपैथी को लोगों ने हाथों हाथ लिया हो लेकिन लंबे समय तक शरीर को स्वस्थ रखने का गुण तो आयुर्वेद अद्भुत व्यापार प्रणाली में ही छुपा है, वो भी बिना किसी साइड इफेक्ट के।

जब कोरोना ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में लिया तो भारत का आयुर्वेद ने एक बार फिर अपनी महत्ता को दर्शाया और पूरा विश्व आयुर्वेदिक उपचार की ओर देखने लगा। आयुर्वेद, लंबे समय से कई चुनौतियों से दो चार हो रहा है लेकिन कोरोना महामारी के दौरान दुनिया जान पायी कि कैसे आयुर्वेद स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखाता है।

आयुर्वेद भारत की धरोहर है

वहीं ध्यान इस बात पर भी देना होगा कि एलोपैथी के त्वरित उपचार के चक्कर में आयुर्वेद से ही नहीं बल्कि होम्योपैथी और यूनानी औषधि से भी लोगों का समय के साथ मोह भंग होता रहा है। लेकिन अब जिस तरह से मोदी सरकार की तरफ से एक-एक कर इस ओर कदम उठाए जा रहे हैं उससे यह स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है कि फिर से देश आयुर्वेद की अपनी धरोहर को न केवल समझेगा बल्कि उसे सहेजेगा भी, और तो और विश्व के सामने आयुर्वेद के रूप में एक बहुत अच्छे उपहार को भी प्रस्तुत करेगा। ऐसा होना पूरी तरह से भारत के पक्ष में होगा और विश्व आयुर्वेद और अन्य पुरानी उपचार पद्धतियों के लिए भारत की ओर देखेगा, यह भी कह सकते हैं कि पूरा विश्व भारत की तरफ देख रहा है और इससे भारत को लाभ ही लाभ होगा।

और अधिक समझने के लिए हमें इस ओर ध्यान केंद्रित करना होगा अद्भुत व्यापार प्रणाली कि जब से देश का नेतृत्व मोदी सरकार के हाथों में आया है तब से आयुर्वेद को बढ़ावा देने के क्षेत्र में और उपचार के अन्य तरीको जैसे कि होम्योपैथी, यूनानी औषधि को बढ़ावा देने के लिए कई काम किए गए हैं ताकि आयुर्वेद की महिमा को जाना जा सके।

आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार

आकार के आधार पर कंप्यूटर के अलग अलग प्रकार होते है. कोई बहुत बड़ा है तो कोई बहुत छोटा. चलिए कंप्यूटर की वर्गीकरण करते है.

कई लोगों को लगता है कि टेबल में समाने वालेे कंप्यूटर को ही कंप्यूटर कहते है. लेकिन असल में कुछ कंप्यूटर का आकार इतना छोटा होता है कि वे एक बैग में फिट हो सकते हैं. वहीं कुछ ऐसे भी कंप्यूटर हैं, जिन्हे स्टोर करने के लिए एक कमरे की आवश्यकता पड़ती है.

अगर आप भी जानना चाहते हैं Sizes के आधार पर कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं, तो आज हम इस लेख में आपको आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार की जानकारी डिटेल में इस लेख में देने वाले हैं.

इसमें कोई शक नहीं कि कंप्यूटर मानव की सबसे अद्भुत एवं शक्तिशाली खोज में से एक है. जिसका इस्तेमाल आज हम अपने दैनिक कार्यों मे करते हैं तो अगर आप भी एक कंप्यूटर यूजर है तो आपको इन सभी प्रकारों की जानकारी होनी चाहिए.

आकार के आधार पर कंप्यूटर के वर्गीकरण

पहले ही हमने आपको साधारण कंप्यूटर के प्रकार के बारे में जानकारी दे दी है. यहाँ आपको आकार के हिसाब से इसकी वर्गीकरण मिलेगा.

1. सुपर कंप्यूटर

कंप्यूटर की श्रेणी में सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर को सुपर कंप्यूटर कहा जाता है. बड़े बड़े Complex tasks को सेकेंड्स में करने वाले इस fasters कंप्यूटर का दाम जहां काफी अधिक होता है वही इसका आकार काफी बड़ा होता है. जो एक कमरे तक का स्थान घेरता है.

विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर वर्ष 1976 में बनाया गया था.

सुपर कंप्यूटर के उपयोग

कंप्यूटर का उपयोग बड़े बड़े कार्यों को करने हेतु किया जाता है जैसे Automobile,aircraft ,तथा spacecraft designing में मिलिट्री द्वारा रिसर्च करने तथा genetic engineering का अध्ययन करने हेतु किया जाता है .

देश दुनिया के मौसम का पूर्वानुमान करने या फिर मौसम परिवर्तन की जानकारी प्राप्त करने में!

मिनी कंप्यूटर और माइक्रो कंप्यूटर में अंतर

तो यह थी साइज के अनुसार सभी computers के नाम, लेकिन यहां अब आपके मन में यह प्रश्न उठ सकता है कि आखिर एक मिनी कंप्यूटर और माइक्रो कंप्यूटर में क्या फर्क है? तो आइए जानते हैं.

माइक्रो कंप्यूटर और मिनी कंप्यूटर दोनों की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं. एक मिनी कंप्यूटर साइज में बड़ा होता है, क्योंकि इसके अद्भुत व्यापार प्रणाली CPU का भार 90 पाउंड तक का हो सकता है.

मिनी कंप्यूटर मेनफ्रेम कंप्यूटर की तुलना में Less Complex होते हैं. जो अलग-अलग उपयोगकर्ताओं को मल्टीपल टर्मिनल उपलब्ध कराते हैं.

दूसरी तरफ बात कि जाए microcomputers की तो जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है यह ऐसे कंप्यूटर हैं, जो बड़े कंप्यूटर्स का ही काम करने योग्य हैं बस इनका साइज कम कर दिया गया है.

कंप्यूटर की शुरुआत में जहां कंप्यूटर पूरे कमरे का स्थान गिरता था. वहीं अब इसका स्थान एक छोटी सी सिलीकान चिप ने ले लिया है. जिस वजह से इसे अब किसी बैग में भी फिट किया जा सकता है.

मध्यप्रदेश की बदलती सूरत से साकार होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना : गडकरी

रीवा : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि मध्यप्रदेश की बदलती तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करेगी.

गडकरी शनिवार को मध्य प्रदेश के रीवा जिले के बरसैता में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. केंद्रीय मंत्री ने 2443.89 करोड़ रुपये की संयुक्त लागत से 204.81 किलोमीटर लंबी सात सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

केंद्रीय मंत्री ने चार लेन के चुरहट बाइपास, छह लेन की सुरंग, सतना से बेला तक चार लेन की सड़क (पक्की कंधा सहित), रीवा अद्भुत व्यापार प्रणाली शहर में सीआरआईएफ के तहत कंक्रीट-सीमेंट सड़क, गजानन तक दो लेन की सड़क का भी उद्घाटन किया. , मगरवार, इटौर, खम्हरिया गोरैया और सज्जनपुर।

Winter Superfood Eggs: हड्डियों में दर्द और बालों के झड़ने जैसी कई गंभीर बीमारियां होंगी दूर, अगर रोज खा लें एक अंडा

Winter Superfood Eggs: हड्डियों में दर्द और बालों के झड़ने जैसी कई गंभीर बीमारियां होंगी दूर, अगर रोज खा लें एक अंडा

डीएनए हिंदीः प्रेग्नेंसी से लेकर हाई कोलेस्ट्रॉल तक में अंडे खाना फायदेमंद होता है. हाई प्रोटीन और विटामिन डी से भरा अंडा कई रोगों में दवा की तरह काम करता है. ये इम्युनिटी को स्ट्रॉग करने के साथ ही हड्डियों की कमजारी और बाल झ़ड़ने से रोकने में भी जबरदस्त तरीके से काम करता है.

अगर आप हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीज हैं तो आपको अंडे के पीले पार्ट को नहीं खाना चाहिए. वेट लॉस के लिए भी अंडा किसी दवा से कम नहीं, क्योंकि इसे खाने के बाद लंबे समय तक पेट भरे होने का अहसास होता है. यही कारण है कि अंडे का सुपरफूड माना गया है. रोज एक अंडा डाइट में शामिल करने से बच्चे का शारिरीक ही नहीं, मानसिक विकास भी तेज होता है. तो चलिए आप आपको अंडे खाने से जुड़ी सभी जानकारी दें और इसके फायदे भी बताएं.

58 साल पुरानी भू-राजस्व संहिता खत्म होगी, नया भूमि प्रबंधक कानून लेगा इसका स्थान

18 अक्टूबर 2017। 58 साल पुऱानी मप्र भू-राजस्व संहिता 1959 खत्म होने जा रही है तथा इसका स्थान नया मप्र भूमि प्रबं.

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