शॉर्ट टर्म, पोजीशनल और लॉन्ग टर्म के लिए संदीप जैन के 3 बेहतरीन मिडकैप Picks Short Term- Udaipur Cement Works Positional Term- Poddar Pigments Long Term- Star Paper#SPLMidcapStocks | #MidcapStocks | #StocksToBuy | @AnilSinghvi_ @SandeepKrJainTS pic.twitter.com/hZEfq92WiQ — Zee Business (@ZeeBusiness) January 5, 2022

अनिल सिंघवी के साथ चुनें 6 दमदार मिडकैप, मिलेगा शानदार रिटर्न, ऐसे तैयार करें मुनाफे की स्ट्रैटेजी

Best Midcap Stocks: मिडकैप शेयरों में आज भी अच्छा एक्शन देखने को मिला है. आज बीएसई पर मिडकैप इंडेक्स में 100 अंकों से ज्यादा की तेजी रही है और यह 25,378 के स्तर तक पहुंच गया. साल 2021 में मिडकैप सेग्मेंट ने शानदार प्रदर्शन किया था. 2022 में भी मिडकैप शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है. मैक्रो कंडीशंस सुधरने और डिमांड रिकवरी के चलते देश की मिड साइज कंपनियों को फायदा होगा. अगर आपके बेहतर मिडकैप की तलाश है तो लिस्ट तैयर है. लिस्ट में शमिल शेयरों के फंडामेंटल अच्छे हैं और वैल्युएशन भी आकर्षक हैं. ये शेयर शॉर्ट टर्म से लॉन्ग टर्म में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. आज इनमें Indo Rama Syn, Happiest Minds, SP Apparels, Star Paper, Poddar Pigments और Udaipur Cement Works जैसे शेयर शामिल हैं. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के साथ बात चीत में मार्केट एनालिस्ट संदीप जैन और मार्केट एक्सपर्ट हिमांशु गुप्ता ने अपनी पसंद के रूप में इन्हें चुना है. आप भी इनमें पैसे लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

हिमांशु गुप्ता की पसंद

लॉन्ग टर्म: Indo Rama Syn

हिमांशु गुप्ता ने लॉन्ग टर्म के लिए Indo Rama Syn में निवेश की सलाह दी है. उन्होंने शेयर के लिए 98 रुपये से 100 रुपये का टारगेट दिया है. जबकि 57 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाने की सलाह है. यह शेयर 66 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है. कल के सेशन में स्टॉक ने 14 साल का रेजिस्टेंस पार किया है. ब्रेकआउट अच्छे खासे वॉल्यूम के साथ हुआ था.

पोजिशनल: Happiest Minds

हिमांशु गुप्ता ने पोजिशनल पिक के रूप में Happiest Minds में निवेश की सलाह दी है. उन्होंने शेयर के लिए 1450 रुपये, 1480 रुपये और 1520 रुपये का 3 टारगेट दिया है. जबकि 1280 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाने की सलाह है. जुलाई के बाद कंसोलिडेशन फेज में है. लेकिन चार्ट से यह संकेत मिल रहा है कि स्टॉक में कंसोलिडेशन अब पूरा हुआ है. यहां से अच्छी तेजी बनती नजर आ रही है.

शॉर्ट टर्म, पोजीशनल और लॉन्ग टर्म के लिए हिमांशु गुप्ता के 3 बेहतरीन मिडकैप Picks

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शॉर्ट टर्म: SP Apparels

हिमांशु गुप्ता ने शॉर्ट टर्म के लिए SP Apparels में निवेश की सलाह दी है. उन्होंने शेयर के लिए 490 रुपये से 500 रुपये का टारगेट दिया है. जबकि 415 रुपये से नीचे स्टॉप लॉस लगाने की सलाह है. शेयर में जबरदस्त अपट्रेंड बना हुआ है.

संदीप जैन की पसंद

लॉन्ग टर्म: Star Paper

संदीप जैन ने लॉन्ग टर्म के लिए Star Paper में निवेश की सलाह दी है. उन्होंने शेयर के लिए 160 रुपये से 180 रुपये का टारगेट दिया है. यह एक मजबूत पेपर स्टॉक है. रीओपनिंग थीम का भी इसे फायदा मिलेगा. यह 7 के पीई मल्टीपल पर ट्रेड कर रहा है. कंपनी डिविडेंड भी देती है. यह जीरो डेट कंपनी है.

पोजिशनल: Poddar Pigments

संदीप जैन ने पोजिशनल पिक के लिए Poddar Pigments में निवेश की सलाह दी है. उन्होंने शेयर के लिए 320 रुपये से 330 रुपये का टारगेट दिया है. शेयर का वैल्युएशन बहुत आकर्षक है. यह जीरो डेट कंपनी है. एफआईआई और डीआईआई का भी अच्छा खासा स्टेक है.

शॉर्ट टर्म, पोजीशनल और लॉन्ग टर्म के लिए संदीप जैन स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें के 3

बेहतरीन मिडकैप Picks

Short Term- Udaipur Cement Works

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शॉर्ट टर्म: Udaipur Cement Works

संदीप जैन ने शॉर्ट टर्म के लिए Udaipur Cement Works में निवेश की सलाह दी है. उन्होंने शेयर के लिए 43 रुपये से 45 रुपये का टारगेट दिया है. जबकि 34 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाने की सलाह है. यह बेहतरीन सीमेंट कंपनी है. जेके लक्ष्मी सीमेंट की सब्सिडियरी है. शेयर में अच्छा खासा करेक्शन आ चुका है.

गांठ के लक्षण और घऱेलू इलाज - Ganth Ke Lakshan Aur Gharelu Upchar in Hindi

गांठ के लक्षण और घऱेलू इलाज - Ganth Ke Lakshan Aur Gharelu Upchar in Hindi

शरीर में गांठ के लक्षण कई प्रकार के होते हैं. कभी-कभी किसी छोटी-मोटी बीमारी के कारण भी गांठ बनती है. पर कभी-कभी अनायास ही बिना किसी कारण के शरीर में कहीं भी गांठ निकल आती है. कभी ये गांठ दर्द के साथ होते हैं तो कभी ये गांठ बिना दर्द के भी होते हैं. यदि गांठ के साथ खून आ रहा हो तो यह कैंसर का लक्षण हो सकता है. अधिकतर कैंसर की शुरुआत गांठ से ही होती है. शुरुआती में गांठ छोटा होता है और उसमें दर्द नहीं रहता है तो लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. पर इसे नजरअंदाज न करके तुरत अपने चिकित्सक से इसकी जाँच करानी चाहिए व उचित ईलाज करानी चाहिए.

आइये आगे शरीर में होने वाले गांठ के बारे में जानते हैं.

शरीर में गांठ के लक्षण - Sharir Mein Ganth Ke Lakshan in Hindi

  1. बगल में गांठ: - जब शरीर में कहीं घाव होता है तो बगल में हल्का गांठ हो जाता है. घाव होने पर इस प्रकार के होने वाले गांठ घाव के ठीक होने के बाद खुद धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं. पर यदि घाव ठीक होने के बाद भी यदि यह गांठ नहीं ठीक हो तो इसे चिकित्सक से जाँच करानी चाहिए. या बिना किसी कारण के ही बगल में या कहीं भी गांठ हो जाये तो उसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि तुरत अपने चिकित्सक से जाँच करानी चाहिए ताकि समय रहते गंभीर बीमारी से बचा जा सके.
  2. स्तन में गांठ: - स्तन में गांठ होने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि तुरत चिकित्सक से जाँच करानी चाहिए. कई बार इस प्रकार के गांठ को महिला शर्म के कारण नजरअंदाज कर देती है व ईलाज नहीं कराती है. पर नजरअंदाज कराने पर यही गांठ भयानक रूप ले लेता है और फिर आगे यह कैंसर का रूप ले लेता है. खुद स्तन की जाँच हमेशा करते रहना चाहिए कि कहीं कोई गांठ तो नहीं है. यदि स्तन में कोई गांठ पाया जाता है तो तुरत अपने चिकित्सक से जाँच करानी चाहिए.
  3. सिर में गांठ: - सिर में यदि गांठ पाया जाता है तो इसका असर अंदर मस्तिस्क तक भी हो सकता है. जो समय पर उचित ईलाज नहीं कराने पर गंभीर रूप ले सकता है. अतः सिर पर के गांठ को नजरअंदाज न कर समय पर उचित ईलाज करानी चाहिए.
  4. पेट में गांठ: - पेट में गांठ बढ़कर अंदर आंत या लीवर तक जाकर अंदर इन्फ़ैकशन पैदा कर सकता है या बढ़कर अंदर ही बड़ा घाव या फिर कैंसर के रूप में बदल सकता है. अतः पेट में यदि गांठ पाया जाता है तो अपने चिकित्सक के सलाह पर

उचित इलाज करानी चाहिए - Sharir Mein Ganth Ka Ilaj in Hindi

शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द के साथ या बिना दर्द के गांठ: -
शरीर के किसी भी हिस्से में यदि बिना किसी कारण यों ही गांठ निकल आए तो उसका उचित ईलाज करानी चाहिए. कई बार इस प्रकार के गांठ में कोई दर्द नहीं होता है. बिना दर्द वाला गांठ ज्यादा खतरनाक स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें होता है. बिना दर्द वाले गांठ को कई लोग नजरअंदाज कर देते हैं. पर यही बाद में घाव या कैंसर का रूप ले लेता है. अतः बिना कारण से होने वाले किसी भी तरह के गांठ स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

गांठ होने पर की जाने वाले कुछ घरेलू नुस्खे - Sharir Ki Ganth Ka Gharelu Upchar in Hindi

  1. कचनार का छाल: कचनार के छाल को सुखाकर इसे अच्छी तरह पीस कर पावडर बना लें. अब इस पावडर को एक गिलास पानी में डालकर 3 से 4 मिनट उबालकर इसमें थोड़ा सा गोरखमुंडी डालें. अब इस पानी को पुनः उबालकर छानकर ठंडा करके रख लें. अब इस पानी को दिन में 2 बार करके पीना चाहिए. एक महिना तक इसका सेवन करने से शरीर के किसी भी हिस्से का गांठ समाप्त हो जाता है.
  2. आंकड़े का दूध: गांठ में आंकड़े का दूध भी फायदेमंद है. मिट्टी में आंकड़े का दूध मिलाकर गांठ पर लगाना चाहिए. इस प्रकार आंकड़े का दूध गांठ पर लगाने से कुछ ही दिनों में गांठ ठीक हो जाती है.
  3. हल्दी: स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें हल्दी का सेवन से गांठ को बढ़ने से रोका जा सकता है. इसलिए गांठ होने पर हल्दी का सेवन करना चाहिए. इसके लिए दूध में हल्दी मिलाकर पीना चाहिए. पर यदि गांठ से खून आ रहा स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें हो तो चिकित्सक से सलाह लेकर ही इसका प्रयोग करना चाहिए क्योंकि हल्दी खून को थक्का बनने से रोकता है.

ध्यान देने योग्य महत्तवपूर्ण बातें:

गांठ होने पर किसी भी प्रकार के घरेलू नुस्खा करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए तथा किसी भी तरह का ईलाज चिकित्सक के सलाह पर उनके देखरेख में ही करनी चाहिए. चूँकि मामूली सा दिखने वाला गांठ कई बार खतरनाक रूप ले लेता है अतः इस बात पर जरूर ध्यान दिया जाना चाहिए.

Blood Clot Signs: त्वचा के रंग में बदलाव से लेकर सूजन तक, खून का थक्का जमने के इन संकेतों को नजरअंदाज न करें

ब्लड क्लॉटिंग यानी खून का थक्का जमने की बीमारी कई बार बेहद खतरनाक हो सकती है इसलिए इसके लक्षण और कारणों को समझना बेहद जरूरी है ताकि समय रहते इलाज की मदद से इसे जानलेवा होने से बचाया जा सके.

  • कटने, छिलने या चोट लगने पर खून का थक्का जमना है जरूरी
  • नसों में, धमनी में, फेफड़े या हृदय में क्लॉट होना बेहद खतरनाक
  • ब्लड क्लॉट जानलेवा हो सकता है, समय रहते करें लक्षणों की पहचान

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Blood Clot Signs: त्वचा के रंग में बदलाव से लेकर सूजन तक, खून का थक्का जमने के इन संकेतों को नजरअंदाज न करें

नई दिल्ली: जब भी आपको चोट लगती है (Injury) या किसी तरह का कट लगता है तो स्किन से खून बहने लगता है. इस दौरान ब्लड क्लॉट यानी खून का थक्का जमना (Blood Clot) अच्छा माना जाता है क्योंकि थक्का जमने पर बहुत अधिक ब्लीडिंग होने से रोकने में मदद (Stops Bleeding) मिलती है. खून में मौजूद कोशिकाएं और प्रोटीन इक्ट्ठा होकर क्लॉट बनाते हैं ताकि ब्लीडिंग को रोका जा सके. लेकिन अगर यह ब्लड क्लॉट अपने आप पिघल नहीं जाता (If clot does not dissolve) या फिर शरीर के अंदर किसी अंग में या नसों में बनने लगता है तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.

ब्लड क्लॉट के संकेतों की करें पहचान

ब्लड क्लॉट के इन संकेतों को पहचानना बेहद जरूरी है ताकि समय रहते ही इसका इलाज हो सके और इसे जानलेवा (स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें Life threatening) होने से रोका जा सके. अगर धमनी में खून का थक्का जम जाए तो हार्ट अटैक (Heart Attack) हो सकता है. अगर फेफड़ों में कभी क्लॉट की समस्या हो जाए तो इसे पल्मोनरी एम्बोलिज्म कहा जाता है और अगर शरीर के किसी नस में खून का थक्का जमने लगे तो उसे डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) कहा जाता है.

1. शरीर के किसी हिस्से में सूजन- जब शरीर की किसी नस या रक्तवाहिका में क्लॉट की वजह से खून का प्रवाह रुक जाता है (Blood flow) तो शरीर के उस हिस्से में सूजन होने लगती है (Swelling). अगर पैर के निचले हिस्से में सूजन होने लगे तो यह डीवीटी का संकेत होता है. ब्लड क्लॉट की समस्या ठीक होने जाने के बाद भी हर 3 में से 1 व्यक्ति को सूजन की और दर्द की समस्या बनी रहती है.

2. स्किन का स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें कलर चेंज होना- अगर हाथ या पैर की किसी नस में ब्लड क्लॉट हो जाए तो उस हिस्से की स्किन का रंग लाल या नीला हो जाता है (Skin red or blue). कई बार रक्तवाहिका को हुए नुकसान की वजह से भी स्किन का रंग बदल जाता है. इसके अलावा फेफड़ों में अगर ब्लड क्लॉट हो जाए तो इसकी वजह से भी आपकी त्वचा नीली पड़ सकती है.

3. तेज दर्द महसूस होना- अगर किसी को अचानक सीने में तेज दर्द (Chest pain) होने लगे तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि धमनी में क्लॉट की वजह से हार्ट अटैक आया है या फिर फेफड़ों में क्लॉट की समस्या बढ़ गई है. इसके अलावा खून का थक्का जमने की वजह से हाथ, पैर या पेट में भी दर्द महसूस हो सकता है.

4. सांस लेने में तकलीफ- यह एक गंभीर लक्षण स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें है जो फेफड़ों में या हार्ट में खून का थक्का जमने का संकेत देता है. सांस लेने में तकलीफ (Breathing Trouble) के साथ ही बहुत अधिक पसीना भी आ सकता है या फिर हार्ट बीट भी तेज हो सकती है.

(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

"अनुच्छेद 26 (डी) का उल्लंघन": आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अहोबिलम मठ मंदिर पर कब्जा करने से रोका

अनुच्छेद 26 (डी) का उल्लंघन: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अहोबिलम मठ मंदिर पर कब्जा करने से रोका

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि कुरनूल में अहोबिलम मंदिर के मामलों को नियंत्रित और प्रबंधित करने के लिए एक 'कार्यकारी अधिकारी' नियुक्त करने का राज्य का निर्णय संविधान के अनुच्छेद 26 (डी) का उल्लंघन है और मथाडीपथियों के प्रशासन के अधिकार को प्रभावित करता है।

चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस डीवीएसएस सोमयाजुलु की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि मंदिर तमिलनाडु में स्थित अहोबिलम मठ का एक अभिन्न अंग है।

"अहोबिलम मंदिर अहोबिलम मठ का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, जिसे हिंदू धर्म के प्रचार और श्री वैष्णववाद के प्रचार के लिए आध्यात्मिक सेवा प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था।

जीयार अहोबिलम देवस्थानम के ट्रस्टी हैं और चूंकि सरकार अहोबिलम मठ के लिए एक कार्यकारी अधिकारी नियुक्त नहीं कर सकती है, उसके स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें पास अहोबिलम मंदिर के लिए, उसे मठ से अलग मानते हुए, एक कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने की कोई शक्ति नहीं है।

मंदिर के लिए एक कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति, जो मठ का एक हिस्सा है, संविधान के अनुच्छेद 26 ( d) का उल्लंघन है, क्योंकि यह जीयार/मथाडीपथियों के प्रशासन के अधिकार को प्रभावित करता है"।

कोर्ट ने राज्य के इस तर्क को खारिज कर दिया कि मंदिर और मठ अलग-अलग संस्थाएं हैं। पीठ ने कहा कि केवल इसलिए कि मंदिर आंध्र प्रदेश में है और मठ तमिलनाडु में है, इसलिए मंदिर मुख्य मठ से संबंधित धार्मिक पूजास्‍थल नहीं रह जाता है।

कोर्ट ने कहा, वास्तव में, एक समय में, मठ और मंदिर दोनों ही संयुक्त राज्य मद्रास में थे। "इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।"

यह भी पाया गया कि ऐतिहासिक पुस्तकें, साहित्य और पुरातात्विक आंकड़े बताते हैं कि मंदिर और मठ की स्थापना और प्रशासन प्राचीन काल से ही मठादिपथियों द्वारा किया गया था।

इसके अलावा, यह दिखाने के लिए कोई सामग्री नहीं रखी गई थी कि मंदिर की गतिविधियां, परंपराएं, प्रथाएं, संप्रदाय मठ से अलग हैं।

पीठ ने कहा कि मठ के पर्यवेक्षण और नियंत्रण की सामान्य शक्ति राज्य को नहीं दी जाती है और इसके मामलों में कुप्रबंधन आदि जैसे ठोस आधारों पर संयम से हस्तक्षेप किया जाना चाहिए।

हालांकि, इस मामले में यह पाया गया कि कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति किसी भी सामग्री द्वारा समर्थित नहीं थी जो इसे उचित ठहराएगी।

कोर्ट ने कहा, "मठादिपति को केवल एक कर्मचारी की स्थिति में कम नहीं किया जा सकता है या एक कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति से उसकी शक्तियों को नकारा या छीना नहीं जा सकता है, जो सभी कार्यों या नियंत्रण का प्रयोग करेगा।"

अंतत: यह नोट किया गया कि 1927 के बंदोबस्ती अधिनियम से शुरु होकर 1951, 1959 और 1966 के अधिनियमों से होते हुए 1987 के अधिनियम तक, मंदिर मथाडीपथियों के प्रबंधन के अधीन रहा, जिसका नामांकन न तो निहित था और न ही सरकार द्वारा प्रयोग किया गया था।

याचिकाकर्ताओं, भक्तों ने तर्क दिया था कि राज्य के पास एपी चैरिटेबल और हिंदू धार्मिक संस्थानों और बंदोबस्ती अधिनियम के अनुसार मठ या मंदिर के लिए कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने अधिनियम के अध्याय पांच पर यह प्रस्तुत करने के लिए भरोसा किया कि मठ को एक विशेष दर्जा दिया गया है और उनके मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार दिया गया है।

यह प्रस्तुत किया गया था कि सरकार ने 2014 में ही माना था कि मंदिर में गैर-वंशानुगत ट्रस्टियों की नियुक्ति के लिए कोई प्रथा नहीं है।

सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता एस श्रीराम ने तर्क दिया था कि अहोबिलम मठ और मंदिर अलग-अलग संस्थाएं हैं।

उन्होंने प्रस्तुत किया कि मंदिर मठ के विपरीत सार्वजनिक धार्मिक पूजा का स्थान है जो एक निश्चित समूह या लोगों के वर्ग को पूरा करता है, जो आध्यात्मिक सेवाओं आदि में लगे हुए हैं।

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया,

"आंध्र प्रदेश राज्य के पास कानून के तहत श्री अहोबिला मठ परम्परा आधिना श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी देवस्थानम (अहोबिलम मठ मंदिर) के कार्यकारी अधिकारी को नियुक्त करने का कोई अधिकार, अधिकार क्षेत्र या अधिकार नहीं है।"

गांठ के लक्षण और घऱेलू इलाज - Ganth Ke Lakshan Aur Gharelu Upchar in Hindi

गांठ के लक्षण और घऱेलू इलाज - Ganth Ke Lakshan Aur Gharelu Upchar in Hindi

शरीर में गांठ के लक्षण कई प्रकार के होते हैं. कभी-कभी किसी छोटी-मोटी बीमारी के कारण भी गांठ बनती है. पर कभी-कभी अनायास ही बिना किसी कारण के शरीर में कहीं भी गांठ निकल आती है. कभी ये गांठ दर्द के साथ होते हैं तो कभी ये गांठ बिना दर्द के भी होते हैं. यदि गांठ के साथ खून आ रहा हो तो यह कैंसर का लक्षण हो सकता है. अधिकतर कैंसर की शुरुआत गांठ से ही होती है. शुरुआती में गांठ छोटा होता है और उसमें दर्द नहीं रहता है तो लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. पर इसे नजरअंदाज न करके तुरत अपने चिकित्सक से इसकी जाँच करानी चाहिए व उचित ईलाज करानी चाहिए.

आइये आगे शरीर में होने वाले गांठ के बारे में जानते हैं.

शरीर में गांठ के लक्षण - Sharir Mein Ganth Ke Lakshan in Hindi

  1. बगल में गांठ: - जब शरीर में कहीं घाव होता है तो बगल में हल्का गांठ हो जाता है. घाव होने पर इस प्रकार के होने वाले गांठ घाव के ठीक होने के बाद खुद धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं. पर यदि घाव ठीक होने के बाद भी यदि यह गांठ नहीं ठीक हो तो इसे चिकित्सक से जाँच करानी चाहिए. या बिना किसी कारण के ही बगल में या कहीं भी गांठ हो जाये तो उसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि तुरत अपने चिकित्सक से जाँच करानी चाहिए ताकि समय रहते गंभीर बीमारी से बचा जा सके.
  2. स्तन में गांठ: - स्तन में गांठ होने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि तुरत चिकित्सक से जाँच करानी चाहिए. कई बार इस प्रकार के गांठ को महिला शर्म के कारण नजरअंदाज कर देती है व ईलाज नहीं कराती है. पर नजरअंदाज कराने पर यही गांठ भयानक रूप ले लेता है और फिर आगे यह कैंसर का रूप ले लेता है. खुद स्तन की जाँच हमेशा करते रहना चाहिए कि कहीं कोई गांठ तो नहीं है. यदि स्तन में कोई गांठ पाया जाता है तो तुरत अपने चिकित्सक से जाँच करानी चाहिए.
  3. सिर में गांठ: - सिर में यदि गांठ पाया जाता है तो इसका असर अंदर मस्तिस्क तक भी हो सकता है. जो समय पर उचित ईलाज नहीं कराने पर गंभीर रूप ले सकता है. अतः सिर पर के गांठ को नजरअंदाज न कर समय पर उचित ईलाज करानी चाहिए.
  4. पेट में गांठ: - पेट में गांठ बढ़कर अंदर आंत या लीवर तक जाकर अंदर इन्फ़ैकशन पैदा कर सकता है या बढ़कर अंदर ही बड़ा घाव या फिर कैंसर के रूप में बदल सकता है. अतः पेट में यदि गांठ पाया जाता है तो अपने चिकित्सक के सलाह पर

उचित इलाज करानी चाहिए - Sharir Mein Ganth Ka Ilaj in Hindi

शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द के साथ या बिना दर्द के गांठ: -
शरीर के किसी भी हिस्से में यदि बिना किसी कारण यों ही गांठ निकल आए तो उसका उचित ईलाज करानी चाहिए. कई बार इस प्रकार के गांठ में कोई दर्द नहीं होता है. बिना दर्द वाला गांठ ज्यादा खतरनाक होता है. बिना दर्द वाले गांठ को कई लोग नजरअंदाज कर देते हैं. पर यही बाद में घाव या कैंसर का रूप ले लेता है. अतः बिना कारण से होने वाले किसी भी तरह के गांठ को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

गांठ होने पर की जाने वाले कुछ घरेलू नुस्खे - Sharir Ki Ganth Ka Gharelu Upchar in Hindi

  1. कचनार का छाल: कचनार के छाल को सुखाकर इसे अच्छी तरह पीस कर पावडर बना लें. अब इस पावडर को एक गिलास पानी में डालकर 3 से 4 मिनट उबालकर इसमें थोड़ा सा गोरखमुंडी डालें. अब इस पानी को पुनः उबालकर छानकर ठंडा करके रख लें. अब इस पानी को दिन में 2 बार करके पीना चाहिए. एक महिना तक इसका सेवन करने से शरीर के किसी भी हिस्से का गांठ समाप्त हो जाता है.
  2. आंकड़े का दूध: गांठ में आंकड़े का दूध भी फायदेमंद है. मिट्टी में आंकड़े का दूध मिलाकर गांठ पर लगाना चाहिए. इस प्रकार आंकड़े का दूध गांठ पर लगाने से कुछ ही दिनों में गांठ ठीक हो जाती है.
  3. हल्दी: हल्दी का सेवन से गांठ को बढ़ने से रोका जा सकता है. इसलिए गांठ होने पर हल्दी का सेवन करना चाहिए. इसके लिए दूध में हल्दी मिलाकर पीना चाहिए. पर यदि गांठ से खून आ रहा हो तो चिकित्सक से सलाह लेकर ही इसका प्रयोग करना चाहिए क्योंकि हल्दी खून को थक्का बनने से रोकता है.

ध्यान देने योग्य महत्तवपूर्ण बातें:

गांठ होने पर किसी भी प्रकार के घरेलू नुस्खा करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए तथा किसी भी तरह का ईलाज चिकित्सक के सलाह पर उनके देखरेख में ही करनी चाहिए. चूँकि मामूली सा दिखने वाला गांठ कई बार खतरनाक रूप ले लेता है अतः इस बात पर जरूर ध्यान दिया जाना चाहिए.

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