Data Visualization Chart in Hindi

कैंडलस्टिक चार्ट की जानकारी – 1, कैंडलस्टिक चार्ट सीखिए

जापानी कैंडलस्टिक चार्ट क्या है और कैंडलस्टिक चार्ट कैसे पढ़े जाते है – 1

A beginner’s guide to Candlestick charts in Hindi

जापानी कैंडलस्टिक चार्ट का अध्ययन किसी शेयर की भविष्य की दिशा का पता लगाने के लिए किया जाता है. इसकी खोज जापान में आज से 200 साल पहले हुई थी. पीछे कई सालों से पूरे विश्व में कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग कई ट्रेडर्स शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए करते है. कैंडलस्टिक चार्ट को देख कर किसी शेयर में चल चार्ट के प्रकार रही खरीदारी और बिकवाली का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. कई ट्रेडर्स कैंडलस्टिक चार्ट को देख कर यह अंदाजा लगाते है की अब यह शेयर ऊपर जायेगा और इसलिए वह उस शेयर को खरीद लेते है. इसी प्रकार कई बार ट्रेडर्स कैंडलस्टिक चार्ट को देख कर यह अंदाज़ा लगाते है अब यह शेयर नीचे गिरेगा, तो वह ट्रेडर्स उस शेयर को बेच देते है. इस वेबसाइट में हम कैंडल स्टिक चार्ट के बारे में आपको सिखायेंगे की किस प्रकार से कैंडलस्टिक चार्ट को पढ़ा जाता है.

कैंडलस्टिक चार्ट अलग-अलग प्रकार की कैंडल से बनते है. एक कैंडल, किसी एक शेयर में आमतौर पर किसी एक दिन की हुई ट्रेडिंग की जानकारी देती है. वैसे आप चाहे तो यह कैंडल एक दिन की न हो कर, 5 मिनट, एक हफ्ते आदि किसी भी समय के लिए बनायीं जा सकती है. भारत में ज्यादातर शेयर ब्रोकर कंपनियों के सॉफ्टवेर में कैंडलस्टिक चार्ट बने हुए होते है. कैंडलस्टिक चार्ट में आम तौर पर दो तरह की कैंडल होती है, लाल रंग की कैंडल और हरे रंग की कैंडल. हरे रंग की कैंडल यह बताती है की उस दिन शेयर में खरीदारी हुई और उस शेयर का भाव ऊपर बंद हुआ. लाल रंग की कैंडल यह बताती है की उस दिन शेयर में बिकवाली हुई और उस शेयर का भाव नीचे बंद हुआ. नीचे हमने उदाहरण के लिए एक कैंडलस्टिक चार्ट दिया हुआ है.

यह कैंडल किसी भी शेयर के उस दिन के ओपन (open) यानि शेयर के खुलने के समय का भाव, क्लोज (close) यानि शेयर के बंद होने के समय का भाव, हाई (high) यानि उस दिन का सबसे ऊँचा भाव, लो (low) यानि उस दिन का सबसे निचला भाव, आदि के हिसाब से बनती है. किसी शेयर के open, high, low और close के भाव के अनुसार उस दिन की कैंडल का रंग का आकार होता है. अब, चूंकि इन भाव में हर दिन बदलाव होते रहते है तो इसलिए यह कैंडल का रंग और आकार प्रकार भी उसी प्रकार से बदलता रहता है. अब हम आपको कैंडल के बारे में समझायेंगे की कैंडल को किस प्रकार से पढ़ा जाता है और यह कैसे बनती है.

अब हम यह देखेंगे की कैंडलस्टिक चार्ट की हरे रंग की कैंडल किस प्रकार से बनती है.

इसके लिए हम मान लेते है किसी एक शेयर में एक दिन के open, high, low और close के भाव इस प्रकार है.

Date open high low close
01-01-2017 100 104 98 103

इसमें ऊपर 01-01-2017 का open का भाव 100 रूपये है, इसी प्रकार high price यानि दिन भर का सबसे ज्यादा का भाव 104 रूपये है, उस का low price यानि दिन भर का सबसे कम भाव 98 रूपये है और close price 103 रूपये है. अब आप यहाँ पर देख सकते है की 01-01-2017 को यह शेयर 100 रूपये पर खुल कर शाम को 103 रूपये पर बंद हुआ तो इसकी कैंडल हरे रंग की बनेगी. यह कैंडल कुछ इस प्रकार की होगी.

यहाँ पर कैंडल का सबसे निचला हिस्सा दिन भर का low price बताता है. कैंडल का वह हिस्सा जिसमे हरा रंग है वह कैंडल की बॉडी कहलाता है. हरे रंग की कैंडल की बॉडी का निचला हिस्सा open price और बॉडी का ऊपर का हिस्सा close price बताता है. कैंडल का सबसे ऊपर का हिस्सा दिन भर का high price बताता है. open और low के बीच की लाइन को कैंडल की टेल या विक (tail or wick) भी कहते है. इसी प्रकार close और high के बीच की लाइन को कैंडल की टेल या विक (tail or wick) भी कहते है.

Flowchart क्या होता है। Flowchart के प्रकार बताइये।

इस ब्लॉग में फ्लोचार्ट क्या होता है। फ्लोचार्ट में उपयोग होने वाले प्रतीक, फ्लोचार्ट का उदाहरण, फ्लोचार्ट कितने प्रकार के होते है। तथा फ्लोचार्ट के फायदे और नुकसान। इन चार्ट के प्रकार सब के बारे में जानने की कोशिश करते है। आशा करते है कि यह ब्लॉग आपको पसन्द आयेगा।

Flowchart क्या होता है।

यह Algorithm का ही सचित्र Representation होता है। क्योंकि Flowchart में हम प्राब्लम को Step By Step Graph के द्वारा हल करते है। इसको हम एक प्रकार का Diagram भी बोल सकते है। जो किसी काम या प्रोसेस को प्रदर्शित करता है। इसमें कई तरह के Symbol होते हैं। जिनका अपना अलग-अलग कार्य होता है। Flowchart का उपयोग प्रोसेस के विश्लेषण, डिजाइन, प्रबंधन या दस्तावेजो में किया जाता है।

Flowchart में उपयोग होने वाले प्रतीक।

फ्लोचार्ट में उपयोग होने वाले कुछ प्रमुख प्रतीक इस प्रकार है।

1. Start And End -

यह Flowchart का First और Last Symbol होता है। जो किसी प्रोसेस को Start या Stop करने को प्रदर्शित करता है। अर्थात् इसका उपयोग Flowchart में किसी ऑपरेशन को Start और Stop करने के लिये किया जाता है।

2. Input And Output

Flochart में इसका उपयोग Input लेने और Output प्रदान करने के लिये किया जाता है। मतलब Input भी इसी बॉक्स के द्वारा दिया जाता है। और Output भी इसी बॉक्स के द्वारा लिया जाता है।

3. Processing

Flowchart में इस बॉक्स का उपयोग किसी Input डाटा पर उसके सम्बंधित ऑपरेशन करने के लिये किया जाता है। मतलब Input डाटा के अनुसार जो भी ऑपरेशन Perform करना है, इसी बॉक्स में होता है।

4. Decision

यह Diamond आकार का होता है। Flowchart में इसका उपयोग Decison लेने के लिये किया जाता है। अर्थात् ऐसा Condition जिसमें Yes या No में से कोई एक Condition सही होता हो।

5. Flow Line

Flowchart में Flow Line यह दर्शाता है, कि डाटा किस Direction में जा रहा है। अर्थात् यह Flowchart की दिशा बताता है। मतलब Condition अगर True हो तो किधर जाना है, और False हो तो किधर जाना है।

6. Connector

फ्लोचार्ट में Connector का उपयोग फ्लोचार्ट के एक भाग को दूसरे भाग से जोड़ने के लिये किया जाता है। मान लीजिये आपके पास दो फ्लोचार्ट है, और इन दोनों फ्लोचार्ट को आपस में Connect कर दिखाना है। तो Connector का इस्तेमाल करते हैं।

Flowchart का उदाहरण।

Step 1- पहले Start किया गया है।
Step 2- Input A और B लिया गया है।
Step 3- A > B अगर True होता है। तो A बड़ा होगा।
Step 3- A > B अगर False होता है। तो B बड़ा होगा।
Step 5- अन्त में Stop किया गया है।

Flowchart के प्रकार।

Flowchart मुख्य रूप से 4 प्रकार के होते है
1- Document Flowchart
2- Data Flowchart
3- System Flowchart
4- Program Flowchart

1. Document Flowchart

Document फ्लोचार्ट व्यवसाय में कागज और Electronic दस्तावेजो के प्रवाह को प्रदर्शित करते हैं। यह फ्लोचार्ट किसी संगठन के भीतर विभिन्न कार्य प्रक्रियाओं को समझने, Analysis करने, दस्तावेज को सुधारने में सहायता प्रदान करते हैं।

2. Data Flowchart

Data फ्लोचार्ट यह दिखाता है कि डाटा को कैसे Processed किया जाता है। जब आप किसी सिस्टम को Design या Analyze करना चाहते हैं। तब यह Data फ्लोचार्ट काम आता है। अर्थात यह फ्लोचार्ट Information सिस्टम में डाटा के प्रवाह का सचित्र Representation होता है।

3. System Flowchart

System फ्लोचार्ट यह प्रदर्शित करने का एक तरीका है कि सिस्टम में डेटा कैसे प्रवाहित होता है। और उन निर्णयो को भी प्रदर्शित करता है। जो प्रोग्राम Logic के प्रवाह को बदलते है। System फ्लोचार्ट Data फ्लोचार्ट के समान ही होते है।

4. Program Flowchart

Program फ्लोचार्ट आधुनिक Computerized सिस्टम के आन्तरिक काम को दर्शाने के लिए उपयोग किये जाते है। Program फ्लोचार्ट के निर्माण के लिये चार Basic प्रतीक Start, Process, Decision और End का उपयोग किया जाता है। इस फ्लोचार्ट की सहायता से सॉफ्टवेयर Developer कम्प्यूटर प्रोग्राम के टुकड़ो में Bugs का पता लगाते है।

इसे भी पढ़ें।

Flowchart के फायदे।

फ्लोचार्ट के निम्नलिखित फायदे होते है।
1- फ्लोचार्ट से प्रोग्राम को आसानी से समझा जा सकता है।
2- फ्लोचार्ट से किसी नये सिस्टम को Design करना आसान होता है।
3- फ्लोचार्ट में डाटा कहॉ Flow हो रहा है। देखा जा सकता है।
4- फ्लोचार्ट हमें Debugging प्रक्रिया में मदद करता है।

Flowchart के नुकसान।

फ्लोचार्ट के निम्नलिखित नुकसान होते है।
1- फ्लोचार्ट को बनाने में काफी समय लगता है।
2- कुछ फ्लोचार्ट में Arrows का इस्तेमाल ज्यादा हुआ होता है। जिसको समझना थोड़ा कठिन होता है।
3- अगर फ्लोचार्ट में कुछ बदलाव करना है। तो फ्लोचार्ट को दोबारा बनाना पड़ सकता है।

Posted By- Pappu Singh

नमस्कार दोस्तो। मेरा नाम Pappu Singh है। मैं गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूँ। मैं इन्जीनियरिंग में कम्प्यूटर साइंस से Graduate हूँ। मुझे छात्रो तथा लोगो के साथ प्रोग्रामिंग, कम्प्यूटर, नेटवर्किंग, साइबर सिक्योरिटी और Science की अदभुत जानकारी Share करने में अच्छा लगता है।

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माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल में चार्ट कैसे बनाये ?

  • कॉलम चार्ट (Column Chart)
  • बार चार्ट (Bar Chart)
  • पाई चार्ट (Pie Chart)
  • लाइन चार्ट (Line Chart), इत्यादि

एक्सेल शीट में चार्ट बनाना

  1. चार्ट बनाने के लिए हम उस फाइल को ओपन (Open) करेंगे जिसमे चार्ट बनाना हैं | अब उस डेटा रेंज (Data Range) को सेलेक्ट करेंगे जिसका हमें चार्ट बनाना हैं |

चार्ट की फोर्मेटिंग

    जिस चार्ट की फोर्मेटिंग करनी हैं उस पर क्लिक करके उसे सेलेक्ट करे | चार्ट को सेलेक्ट करने पर व्यू टैब (View Tab) पीछे दायीं ओर (Right Side) चार्ट टूल्स (Chart Tools) प्रदर्शित होंगे | यहां हमे डिजाईन टैब (Design Tab) दिखाई देगा |

अभ्यास:

आइये अब एक नयी एक्सेल फाइल बनाये और उसमे डेटा को ऊपर सिखाये गए तरीके से चार्ट द्वारा दर्शाए

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डेटा विज़ुअलाइज़ेशन, किसी भी कार्य को और अधिक प्रोफेशनल , समझने में आसान और मजेदार बना देता है।

डेटा विज़ुअलाइजेशन की परिभाषा | Definition of Data Visualization in Hindi

डेटा विज़ुअलाइज़ेशन में, डेटा को चार्ट, इन्फोग्राफिक, डायग्राम या मानचित्र के रूप में दर्शाया जाता है।

डेटा विज़ुअलाइज़ेशन में डेटा को चार्ट, ग्राफ़ और मानचित्र आदि में दर्शाते हैं। बिग डेटा की दुनिया में, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन टूल और टेक्नोलॉजीज का उपयोग जानकारी का विश्लेषण करने और उसके आधार पर निर्णय लेने के लिए किया चार्ट के प्रकार जाता है।

चार्ट, ग्राफ़ और मानचित्र आदि डेटा विज़ुअलाइज़ेशन टूल कहते हैं इनके उपयोग से डेटा में ट्रेंड्स और पैटर्न को देखने और समझने में आसानी होती है।

डेटा विज़ुअलाइजेशन का इस्तेमाल कला और डेटा साइंस (Data Science) दोनों क्षेत्रों में किया जाता है।

डेटा विज़ुअलाइजेशन के प्रकार | Types of Data Visualizations in Hindi

डेटा विज़ुअलाइज़ेशन कई अलग-अलग प्रकार का हो सकता है। लोग डेटा को हमेशा नए और रचनात्मक तरीकों से दर्शाते आये हैं। डेटा विज़ुअलाइजेशन को आमतौर पर इन मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है –

इन्फोग्राफिक्स | Infographics in Hindi

नीचे दिए गए चित्र में भारत में ऑनलाइन एजुकेशन मार्केट ग्रोथ क्या रहेगी इस बारे में बताया गया है।

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(Image Source/Credit: prnewswire.com/)

एक इन्फोग्राफिक इमेजरी, चार्ट, और कम से कम टेक्स्ट का संग्रह है जो किसी विषय का सारांश बताता है। इन्फोग्राफिक अलग अलग प्रकार के हो सकते हैं जैसे

  • सांख्यिकीय इन्फोग्राफिक्स | Statistical Infographics
  • इन्फॉर्मेशनल इन्फोग्राफिक्स | Informational Infographics
  • टाइमलाइन इन्फोग्राफिक्स | Timeline Infographics
  • ज्योग्राफिक इन्फोग्राफिक्स | Geographic Infographics
  • प्रोसेस इन्फोग्राफिक्स | Process Infographics
  • लिस्ट इन्फोग्राफिक्स | List infographics

चार्ट | Chart in Hindi

एक चार्ट डेटा का एक ग्राफिकल रीप्रेजेंटेशन है। चार्ट के अंतर्गत डेटा को दर्शाने के लिए लाइन, बार, डॉट्स, स्लाइस और आइकन आदि का उपयोग करते हैं।

इसमें एक बात ध्यान देने योग्य यह है कि अलग अलग चार्ट द्वारा अलग अलग प्रकार का डेटा दर्शाया जाता है। कुछ सामान्य प्रकार के चार्ट इस प्रकार हैं –

  • बार चार्ट | Bar chart
  • लाइन चार्ट | Line Chart
  • पाई चार्ट | Pie Chart
  • बबल चार्ट | Bubble Chart
  • ट्रीमैप्स | Tree-maps
  • पिक्टोग्राफ | Pictograph
  • एरिया चार्ट | Area Chart

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डायग्राम | Diagram in Hindi

एक चार्ट के समान ही, डायग्राम इनफार्मेशन का एक Visual रीप्रेजेंटेशन है। डायग्राम, टू-डायमेंशनल और थ्री-डायमेंशनल दोनों प्रकार के हो सकते हैं।

डायग्राम अलग अलग प्रकार के हो सकते हैं जो डायग्राम इस प्रकार हैं –

  • फ्लो चार्ट | Flow Chart
  • वेन डायग्राम | Venn Diagrams
  • चार्ट के प्रकार
  • ट्री डायग्राम | Tree Diagram
  • स्वॉट एनालिसिस | SWOT Analysis
  • फिश बोन डायग्राम | Fish Bone Diagram
  • हिस्टोग्राम्स | Histograms
  • वायर फ्रेम | Wire Frame
  • साइट मैप | Site Map

डायग्राम का उपयोग प्रोसेस को मैप करने, निर्णय लेने में मदद करने, मूल कारणों की पहचान करने, विचारों को जोड़ने और परियोजनाओं की योजना बनाने के लिए किया जाता है।

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