जानिए अगले हफ्ते कैसा रहेगा शेयर बाजार

शेयर मार्केट के नियम । शेयर मार्केट का गणित

share market ka ganit/niyam

शेयर मार्केट का गणित शब्द का कोई ऐसा अर्थ न निकल लीजियेगा की चलो हमको अब वह चीज़ मिलने वाली है जिसका use करके हम शेयर मार्केट के साथ ही गणित कर देंगे तो आपको मै बता दूँ की यह एक दिन में सपना देखने वाली बात होगी। यहां पर गणित का अर्थ है नियम,तरीका ,समझ और भी बहुत कुछ इस गणित में शामिल है। आइये समझते है की एक अच्छे शेयर trader and investor में क्या quality होनी चाहिए।

-: शेयर मार्केट के 7 महत्वपूर्ण नियम :-

(1) आपको शेयर मार्केट में investor की तरह long -term invest करना चाहिए न कि trader की तरह short – term मुनाफा के बारे में सोचना चाहिए क्योकि ट्रेडर को तुरंत फायदा चाहिए होता है जो की अधिकतम केस में नहीं होता है और ट्रेडर को माल नुकसान के ही काटना पड़ता है जिससे उसको नुकसान उठाना पड़ता है। अगर सोच लॉन्ग टर्म का होता तो आप वह सौदा hold कर लेते और जब आपको उसमे profit मिलता तो उसे sell करके मुनाफा कमा लेते। यही शेयर मार्केट का नियम /गणित है।

(2) जिस भी कंपनी के शेयर में आप पैसा लगा रहे हैं उसके बारे में कुछ जानकारी इकठ्ठा कर लीजिये मेरी समझ में आपको blue chip कंपनी के शेयर में ही निवेश करना चाहिए।

  • किसी भी शेयर का fundamental जानना बहुत ही जरुरी होता है।
  • शेयर quarter to quarter result क्या रिजल्ट दे रहा है
  • YEAR TO YEAR क्या GROUTH है
  • कंपनी के शेयर गिरवी तो नहीं रक्खे पड़े हैं
  • कंपनी का मार्केट कैप क्या है
  • कम्पनी का BOOK VALUE क्या है
  • कंपनी का PB /PE RATIO क्या है
  • उस SECTOR का PB /PE RATIO क्या है
  • कंपनी का 52 WEEK HIGH और 52 WEEK LOW कितना है
  • कंपनी का मार्केट में डिमांड कितना है

शेयर बाजार-शेयर मार्केट क्या है-STOCK MARKETजानने के लिए यहाँ क्लिक करें

(3) Diversification mode में investment करना चाहिए और diversified portfolio बनाना चाहिए शेयर मार्केट का नियम /गणित यही कहता है। Diversification mode का अर्थ है की विभिन्न sector के विभिन्न share में थोड़ी मात्रा में ही निवेश करना चाहिए। विभिन्न सेक्टर जैसे – FMCG ,software ,IT ,oil & gas ,hotel ,energy ,entertainment, Tour and Travels एंड many more sector हैं। इन सेक्टरों के अंतर्गत आने वाले विभिन्न शेयर में invest करना ही Diversification mode में investment करना कहलाता है।

(4) Research on stock: कोई भी शेयर खरीदने से पहले हमें अच्छी तरह से उस पर रिसर्च कर लेना चाहिए इसके कुछ बिंदु हैं

  • Chart देखने आना चाहिए Weekly Monthly and Yearly for long term investment.
  • Resistance level क्या है इस शेयर का देखने आना चाहिए।
  • Support level क्या है इस शेयर का देखने आना चाहिए।
  • Candle stick पढ़ने आना चाहिए।
  • RSI देखने आना चाहिए।
  • MACD को पढ़ने आना चाहिए।
  • Over brought /over sell zone का पता होना चाहिए।

(5) Live Market Practice:आपने सुना ही होगा “practice make a man perfect” यही फंडा शेयर मार्केट में काम आता है। आप केवल एक शेयर को प्रैक्टिस के लिए buy करें और इस एक शेयर को खरीदने में अपना सारा ज्ञान झोक दें ,फिर analysis करें की आपने जो कुछ सीखा है उसने आपको फायदा दिलाया है की नहीं ,आप निश्चित रूप से पहले Stock मार्किट का गणित क्या होता है के मुकाबले अब अच्छा निर्णय ले पा रहे होंगें। इसे जारी रखिये जब तक की आप शेयर के बेचने और खरीदने में माहिर नहीं हो जाते यही शेयर मार्केट का गणित /नियम है।

(6) किसी विशेष शेयर से प्यार ,लगाव,मोह को त्यागें क्युकी मार्केट में बहुत अधिक option हैं। अगर आपको शेयर मार्केट से कामना है तो आपको धैयशील होना पड़ेगा। हो सकता है आपके इन्वेस्ट करते ही मार्केट गिर जाय और शेयर का दाम भी गिर जाएगा इस समय अगर आप पैनिक होकर माल बेच देंगें तो आपको loss हो जायेगा इसीलिए long term investment करिये और धैर्य धारण कीजिये। यदि इसका उल्टा हो जाये invest करते ही मार्केट और शेयर बढ़ जाए तो भी आप panic होकर शेयर तुरंत बेच देते हैं अगर हमें शेयर बाजार से कामना है तो मार्केट के उतार -चढाव पर धैर्य धारण करना होगा। इसे ही शेयर मार्किट का गणित /शेयर मार्केट का नियम कहते हैं।

(7) Risk management by stop-loss :पहले अपने शेयर के price का analysis करिये फिर decide करिये की कितना loss आप सहन कर सकते है और इसके निचे के पॉइंट पर अपना स्टॉप लॉस लगा लीजिये इसके निचे प्राइस जाते ही अपने आप आपका शेयर sell हो जायेगा और आप एक निश्चित नुकसान को ही सहन करना पड़ेगा। इसे ही Risk management कहते है अगर आप स्टॉप लॉस नहीं लगते तो शेयर के निचे जाने पर आपको जयादा नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसे ही शेयर मार्किट का गणित /शेयर मार्केट का नियम कहते हैं।

क्या होते हैं भंगार शेयर? सिर्फ सस्ती कीमत देखकर ना खरीदें, जानिए Penny Stocks का गणित

क्या होते हैं भंगार शेयर? सिर्फ सस्ती कीमत देखकर ना खरीदें, जानिए Penny Stocks का गणित

पेनी स्टॉक्स में सिर्फ उनकी सस्ती कीमत देखकर ही पैसा नहीं लगाना चाहिए. कंपनी के बारे में अच्छे से जानकारी ले लेनी चाहिए. पेनी स्टॉक बहुत से लोगों के पैसे डुबाने के लिए बदनाम हैं.

शेयर बाजार (Share Market) में जब भी कोई नया-नया निवेश (Investment) करना शुरू करता है, तो उसे पेनी स्टॉक (Penny Stocks) बहुत आकर्षक लगते हैं. लगें भी क्यों नहीं, ये शेयर बहुत सस्ते होते हैं और नए निवेशकों को लगता है कि वह अधिक शेयर खरीद सकते हैं. पेनी स्टॉक को भंगार शेयर या चवन्नी शेयर भी कहा जाता है. ये शेयर लोगों को तगड़ा रिटर्न देने के लिए तो जाने ही जाते हैं, बहुत से लोगों को बर्बाद तक करने के लिए पेनी स्टॉक बदनाम हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ और समझते हैं इनमें निवेश (Investment in Penny Stocks) करना चाहिए या नहीं.

जानिए क्या होते हैं पेनी स्टॉक्स?

पेनी स्टॉक्स वह शेयर होते है, जिनकी कीमत बहुत ही कम होती है. अमूमन 10 रुपये से कम के शेयर को पेनी स्टॉक कहा जाता है. बहुत कम कीमत होने की वजह से ही इन शेयरों को भंगार शेयर या चवन्नी शेयर कहा जाता है. हालांकि, इन शेयरों में लिक्विडिटी काफी कम होती है, क्योंकि कीमत कम होने की वजह से लोग कम पैसों में बहुत अधिक शेयर खरीद लेते हैं.

पेनी स्टॉक में पैसे लगाने चाहिए या नहीं?

वैसे तो बहुत से लोग पेनी स्टॉक में सिर्फ उसकी सस्ती कीमत देखकर ही पैसा लगा देते हैं. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आपको ऐसा करने से नुकसान झेलना Stock मार्किट का गणित क्या होता है पड़ सकता है. पेनी स्टॉक में निवेश करना बहुत ही जोखिम का सौदा हो सकता है. पेनी स्टॉक्स में तगड़ा रिटर्न भी देखने को मिलता है, लेकिन इनमें ही तगड़ा नुकसान भी होता है. अगर आप किसी पेनी स्टॉक में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको शेयर की कीमत या उसके रिटर्न को देखकर उसमें पैसे नहीं लगाने चाहिए. पेनी स्टॉक में पैसे लगाने से पहले कंपनी की अच्छे से फंडामेंटल एनालिसिस करें. पता करें कंपनी का बिजनस कैसा चल रहा है, उसका मैनेजमेंट कैसा है, उसके फ्यूचर प्लान क्या हैं, कंपनी पर कर्ज तो नहीं आदि. अगर सारी बातें सही हों तभी पेनी स्टॉक में पैसे लगाएं.

आसानी से ऑपरेट हो सकते हैं पेनी स्टॉक

पेनी स्टॉक में निवेश से पहले आपको ये समझना होगा कि किसी शेयर की कीमत क्यों बढ़ती है. जब किसी शेयर की मांग काफी बढ़ जाती है तो उसकी कीमत खुद-ब-खुद बढ़ने लगती है. पेनी स्टॉक्स की कीमत बहुत ही कम होने की वजह से कई बार इन्हें ऑपरेट करना आसान हो जाता है. बता दें कि हर्षद मेहता ने भी शुरुआत में पेनी स्टॉक्स को ऑपरेट कर के उनकी कीमत बढ़ाई थी और जब दाम अधिक हो गए तो उन्हें बेचकर मुनाफा कमा लिया. यानी अगर कंपनी के प्रमोटर्स ही शेयरों को भारी मात्रा में खरीदने लगें तो उनकी कीमत चढ़ने लगेगी. ऐसे Stock मार्किट का गणित क्या होता है में लोगों को लगेगा कि शेयर की वैल्यू बढ़ रही है, जबकि उसकी कीमत गलत तरीके से बढ़ाई जा रही होगी. ऐसी स्थिति में हमेशा रिटेल निवेशकों को नुकसान होता है. इसलिए पेनी स्टॉक में निवेश करते वक्त आपको अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत होती है.

ऐसे पेनी स्टॉक में कभी ना लगाएं पैसे

अगर किसी पेनी स्टॉक में बार-बार अपर या लोअर सर्किट लगता है तो उससे बचकर ही रहें. ऐसे शेयर आपको तगड़ा रिटर्न तो दिखा देंगे, लेकिन लगातार सर्किट लगने की वजह से आप इन शेयरों में बेच नहीं पाएंगे, जिससे नुकसान होगा. अगर आपने किसी पेनी स्टॉक में पैसे लगाए हैं तो आपने जो टारगेट सेट किया Stock मार्किट का गणित क्या होता है है, वह हासिल होते ही शेयर से बाहर निकल जाएं. अगर ज्यादा लालच करेंगे तो हो सकता है आपने जो पैसे लगाए हैं उस पर रिटर्न के बजाय नुकसान होना शुरू हो जाए.

ये 3 तरह के लोग गलती से भी ना लगाएं म्यूचुअल फंड में पैसे, फायदा होना तो दूर की बात है, उल्टा Stock मार्किट का गणित क्या होता है Stock मार्किट का गणित क्या होता है पछताना पड़ेगा

ITR Update : क्‍या शेयर बाजार में हुए नुकसान पर मिलेगी टैक्‍स छूट, क्‍या कहता है आयकर कानून? एक्‍सपर्ट से समझें पूरा गणित

आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है.

आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया जोरों पर है और करदाता इस समय टैक्‍स बचाने की जुगत में लगे हैं. ऐसे में आपको आयकर कानून का . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 28, Stock मार्किट का गणित क्या होता है 2022, 12:01 IST

हाइलाइट्स

शेयरों से मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स और लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स लगता है.
लांग टर्म कैपिटल लॉस का समायोजन सिर्फ लांग टर्म कैपिटल गेन के साथ ही किया जाता है.
शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस की भरपाई आप लांग टर्म और शॉर्ट टर्म दोनों ही तरह से कर सकते हैं.

नई दिल्‍ली. वैसे तो शेयर बाजार में कोई भी नुकसान उठाने के लिए निवेश नहीं करता है, लेकिन यहां पैसे लगाना और रिटर्न पाना अनिश्चितताओं का खेल है. अगर आपको फायदा होता है तो उस पर टैक्‍स चुकाना पड़ता है, लेकिन क्‍या नुकसान होने पर टैक्‍स छूट का लाभ भी मिलता है.

इस सवाल का जवाब टैक्‍स एक्‍सपर्ट से पूछा तो आयकर कानून के कई रोचक नियमों के बारे में जानकारी मिली. आयकर कानून कहता है कि अगर आपको किसी वित्‍तवर्ष में शेयर बाजार में नुकसान हुआ है तो टैक्‍स की गणना करते समय इसकी भरपाई की जा सकती है. आप अपने नुकसान को टैक्‍स में समायोजित कर अपनी Stock मार्किट का गणित क्या होता है देनदारी को घटा सकते हैं.

कैसे मिलती है टैक्‍स छूट
आयकर मामलों के जानकारी बलवंत जैन बताते हैं कि शेयर बाजार में किसी वित्‍तवर्ष में हुए नुकसान को बाजार से मिले अन्‍य लाभ के साथ समायोजित किया जा सकता है. इसे समझने के लिए सबसे पहले ये जानें कि टैक्‍स लगता किस तरह से है. शेयर Stock मार्किट का गणित क्या होता है बाजार से कमाई पर दो तरह से टैक्‍स लगता है, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स और लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स. यह बाजार में निवेश के समय से निर्धारित होता है.

अगर आपको लांग टर्म कैपिटल लॉस हुआ है यानी लंबी अवधि में निवेश के स्‍टॉक्‍स पर नुकसान हुआ है, तो इसका समायोजन सिर्फ Stock मार्किट का गणित क्या होता है लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ के साथ किया जा सकता है. लेकिन, अगर आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस यानी छोटी अवधि के निवेश पर नुकसान हुआ है Stock मार्किट का गणित क्या होता है तो इसकी भरपाई लांग टर्म और शॉर्ट टर्म दोनों ही तरह के निवेश से हुए मुनाफे में समायोजित कर की जा सकती है.

आठ साल तक मिलता है समायोजन का लाभ
आयकर विभाग शेयर बाजार में नुकसान उठाने वाले करदाताओं को इस पर टैक्‍स छूट पाने का लंबा समय देता है. अगर आप अपने नुकसान की भरपाई उसी वित्‍तवर्ष में हुए मुनाफे के साथ नहीं कर सके हैं तो इसे अगले आठ वित्‍तवर्ष तक अपने फायदे में समायोजित किया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए शर्त ये है कि करदाता को हर साल अपना रिटर्न समय पर भरना होगा.

नुकसान को ट्रैक करने के और भी फायदे
बाजार विश्‍लेषकों का कहना है कि अगर आप शेयर बाजार में अपने नफा-नुकसान को सही से ट्रैक करते हैं तो इसके कई फायदे होंगे. एक तो आप किसी एक शेयर में हुए नुकसान की भरपाई दूसरे शेयर में हुए मुनाफे के साथ कर सकेंगे. इससे बाजार से शुद्ध मुनाफे पर ही टैक्‍स की देनदारी बनेगी. दूसरा कि आपको नुकसान कराने वाले शेयरों की पहचान हो जाएगी और उन्‍हें अपने पोर्टफोलियो से बाहर निकालना आसान होगा.

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Stock मार्किट का गणित क्या होता है

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भारतीय स्टॉक मार्किट का एक कम्पलीट कोर्स

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Stock Market Outlook: लड़खड़ाकर गिरेगा बाजार या अब आएगी तेजी? पैसा लगाने से पहले आपके लिए जानना बेहद जरूरी

Stock Market Outlook: अगर हम पिछले 20 वर्षों के आंकड़े देखें, तो 2008 और 2020 के इवेंट बेस्ड मार्केट क्रैश (Market Crash) के अलावा अन्य गिरावट के मौकों पर निफ्टी में गिरावट का स्तर 25 फीसद के करीब रहा है। इस ऐतिहासिक आंकड़ों के अनुसार, बाजार में अभी गिरावट की और गुंजाइश है। इसके अलावा, एसएंडपी 500 (S&P 500) निफ्टी से भी अधिक टूटा है।

Stock Market Outlook

जानिए अगले हफ्ते कैसा रहेगा शेयर बाजार


इस हफ्ते के बड़े इवेंट
इस सप्ताह के दौरान भारत की खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) सुर्खियों में थी, जो 7.79% के साथ 8 साल के उच्च स्तर पर आ गई। यह पिछले महीने के आंकड़े 6.95% से काफी अधिक थी। आरबीआई ने Q1FY23 मुद्रास्फीति को 6.3% पर अनुमानित किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से आगामी जून एमपीसी बैठक में संशोधन होगा। इस मुद्रास्फीति को देखते हुए, रेपो दर में काफी वृद्धि की गुंजाइश है।

1.5 से 2 फीसद तक बढ़ सकती हैं ब्याज दरें

आरबीआई ने पहले ही एक आश्चर्यजनक घोषणा में रेपो दरों (Repo Rates) में 40 बीपीएस की बढ़ोतरी की है और यह भी संकेत दिया है कि वे रेपो दर को पूर्व-कोविड स्तरों पर वापस लाने का इरादा रखते हैं। यह संकेत देता है कि लगभग 75 बीपीएस की एक और बढ़ोतरी तय है। इसके अलावा, यूएस फेड (US Fed) सहित अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने प्रमुख ब्याज दर में लगभग 2% से 2.5% की वृद्धि का संकेत दिया है। इसलिए समानता के लिए, हमारे रेपो को 6% -6.5% के बीच कहीं होना चाहिए। इस प्रकार अगले 12 से 18 महीनों में लगभग 150-200 बीपीएस की अतिरिक्त दर वृद्धि की आवश्यकता है। इसलिए जून की बैठक में रेपो में न्यूनतम 25 बीपीएस की बढ़ोतरी की जाएगी।

टेक्निकल आउटलुक

निफ्टी-50 इस सप्ताह जोरदार गिरावट के साथ बंद हुआ और भारतीय बाजार के साथ ही प्रमुख वैश्विक सूचकांक शॉर्ट टर्म में ओवरसोल्ड (Oversold) हो गए। निफ्टी वर्तमान में 15,700 के मजबूत सपोर्ट जोन (Support Stock मार्किट का गणित क्या होता है Zone) के आसपास ट्रेड कर रहा है, जो नीचे की ओर झुके हुए चैनल का निचला सिरा है। बैंक निफ्टी इंडेक्स (Bank Nifty index) भी मार्च 2020 के निचले स्तर से बढ़ते ट्रेंड लाइन सपोर्ट के आसपास ट्रेड कर रहा है। इसलिए निफ्टी और बैंक निफ्टी में तत्काल उछाल से इंकार नहीं किया जा सकता है। अत्यधिक आक्रामक ट्रेडर्स 15,700 के ठीक नीचे एक सख्त स्टॉप लॉस (Stop Loss) बनाए रखते हुए लॉन्ग पोजीशन ले सकते हैं। निफ्टी के लिए तत्काल प्रतिरोध अब 16,600 पर रखा गया है।

इस सप्ताह के लिए उम्मीदें

नतीजों का सीजन (Quarterly Results) अपने आखिरी चरण के करीब है, इसलिए दलाल स्ट्रीट अपनी दिशा निर्धारित करने के लिए वैश्विक संकेतों पर ध्यान केंद्रित करेगा। भारत में, WPI के आंकड़े जारी होने की उम्मीद है और बहुप्रतीक्षित LIC IPO को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया जाएगा। मौजूदा बाजार परिदृश्य को देखते हुए, यह संभावना है कि एलआईसी डिस्काउंट पर या अपने ऊपरी बैंड के करीब लिस्ट हो। इसके अलावा, अगर अगले सप्ताह कोई सकारात्मक उत्प्रेरक नहीं होता है, तो सूचकांक के दबाव में रहने का अनुमान है, क्योंकि बाजारों ने 'सेल ऑन राइज' मानसिकता को अपनाया है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे साइडलाइन रहें, क्योंकि ऐसे कठिन समय में नीचे मछली पकड़ने के बजाय तूफान खत्म होने का इंतजार करना बेहतर होता है।

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