Update: Wednesday, May 19, 2021 @ 5:57 PM

ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए?

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Asia Cup 2022: थाइलैंड को 74 रन से हराकर फाइनल में पहुंची 6 बार की चैंपियन भारतीय महिला टीम

थाइलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल अपेक्षा के अनुरूप एकतरफा ही रहा। भारत ने पहले बैटिंग करते हुए थाईलैंड को 149 रनों का लक्ष्य दिया था। लेकिन थाईलैंड की टीम 9 विकेट गंवाकर महज 74 रनों पर ही सिमट गई

भारत की महिला क्रिकेट टीम ने गुरुवार को थाईलैंड के खिलाफ शानदार जीत दर्ज की है। भारत ने थाइलैंड को 74 रन से हराकर रिकॉर्ड आठवीं बार एशिया कप ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? महिला क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कर लिया। बता दें कि भारतीय टीम छह बार यह खिताब जीत चुकी है। 2012 से पहले टूर्नामेंट एक वनडे फॉर्मेट में होता था और भारत चार बार वनडे और टी-20 प्रारूप में फाइनल में पहुंचा है।

थाइलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल अपेक्षा के अनुरूप एकतरफा ही रहा। भारत ने पहले बल्लेबाजी के लिये भेजे जाने पर छह विकेट खोकर 148 रन बनाए और जवाब में थाइलैंड को नौ विकेट पर 74 रन पर रोक दिया। थाइलैंड ने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए। इससे पहले लीग चरण में भारत के खिलाफ थाइलैंड का प्रदर्शन इससे खराब था, जिसमें उसे नौ विकेट से हार मिली थी।

सरकार को आंखें दिखाने के बाद ठंडे पड़े व्यापार मंडल का अब क्या है कहना – सुनो इनकी बात

सोमेश शर्मा बोले, सरकार ने आने वाले दिनों में राहत प्रदान करने का दिलाया है भरोसा

सरकार को आंखें दिखाने के बाद ठंडे पड़े व्यापार मंडल का अब क्या है कहना – सुनो इनकी बात

Update: Wednesday, May 19, 2021 @ 5:57 PM

ऊना। हिमाचल प्रदेश व्यापार मंडल ने 19 मई से बाजारों को पूरी तरह खोलने का अपना फैसला वापस ले लिया है। प्रदेश के मंडी जिला मुख्यालय पर सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) के साथ हुई व्यापारियों की बैठक के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष सोमेश कुमार शर्मा ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों की रोकथाम के लिए कारोबारी प्रदेश सरकार को सहयोग जारी रखेंगे। हालांकि सरकार ने भी यह भरोसा दिलाया है कि आंशिक लॉकडाउन के इन दोनों चरणों के पूरा होने के बाद कारोबार जगत को राहत प्रदान की जाएगी। व्यापार मंडल प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बाजार (Market) खोलने के ऐलान के बाद हुई मध्यस्थता और उसके बाद सीएम जयराम ठाकुर के साथ हुई बैठक के बाद इस मसले का हल निकला है। कारोबारियों ने सरकार को हरसंभव योगदान दिया है और इसे आगे भी जारी रखा जाएगा।

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हिमाचल प्रदेश व्यापार मंडल (Himachal Vyapar Mandal) के प्रदेश अध्यक्ष सोमेश कुमार शर्मा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में सभी कारोबारी दयनीय स्थिति से गुजर रहे हैं। ऐसे में प्रदेश व्यापार मंडल ने 19 मई से सभी दुकानों को खोलने का फैसला लिया था, लेकिन व्यापार मंडल के इस फैसले के बाद मध्यस्थता हुई और सीएम के साथ व्यापार मंडल की बातचीत में मसले का हल निकाला गया। व्यापार मंडल ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? ने सीएम जयराम ठाकुर से बातचीत करके कारोबारियों का पक्ष रखा जिसमें आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को सुबह और अन्य बाजारों को शाम को खोलने की अनुमति देने का भी सुझाव दिया गया था। इसके अलावा सरकार को 5 तरह की योजनाएं भी सुझाए गई हैं जिससे व्यापार मंडल को राहत प्रदान की जा सके।

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हालांकि सीएम जयराम ठाकुर ने व्यापार मंडल को यह भरोसा दिलाया है कि आने वाले दिनों में कारगर रणनीति के तहत व्यापारी वर्ग को राहत प्रदान की जाएगी। लेकिन वर्तमान परिस्थिति में प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले और लगातार बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा चिंता का विषय है। कई कारोबारी भी इस संक्रमण की भेंट अभी तक चढ़ चुके हैं। व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि फिलहाल आंशिक लॉकडाउन के चलते प्रदेश में ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? संक्रमण की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है, लेकिन मौतों का आंकड़ा लगातार अभी भी बढ़ रहा है जो चिंता का विषय है, ऐसी परिस्थिति में बाजारों को पूरी तरह से खुलने की छूट देना संक्रमण को अपने ऊपर हावी होने देने का मौका प्रदान करना होगा। उन्होंने कहा कि कारोबारी संयम से काम लें, आने वाले दिनों में जल्द ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? ही उनके पक्ष में फैसला लेकर बाजारों को खुलने की व्यवस्था बनाई जाएगी।

प्रवासी कामगारों ने भारत भेजा सबसे ज्यादा पैसा, पहली बार किसी देश का रेमिटेंस 100 अरब डॉलर

नई दिल्ली : भारत रेमिटेंस (प्रवासी द्वारा अपने मूल देश भेजा जाने वाला पैसा) अर्जित करने में अन्य देशों के मुकाबले सबसे आगे है। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में भारत का रेमिटेंस 100 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। पिछले साल की तुलना में यह 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में 89.4 अरब डॉलर रेमिटेंस भारत आया था, जो 2022 में 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

वहीं, भारत के बाद रेमिटेंस अर्जित करने वाले देशों में मैक्सिको, चीन, फिलीपींस, मिस्र व पाकिस्तान के टॉप टेन में रहने की उम्मीद है। इसमें मैक्सिको का 60 अरब डॉलर, चीन का 51 ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? अरब डॉलर, फिलीपींस का 38 अरब डॉलर, मिस्र का 32 अरब डॉलर और पाकिस्तान का 29 अरब डॉलर रेमिंटेंस आने की उम्मीद जताई गई है।

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रीय स्तर पर दक्षिण एशिया में रेमिटेंस इस साल करीब 3.5 प्रतिशत बढ़कर 163 अरब डॉलर पहुंच गया है। हालांकि, सभी देशों के बीची बड़ी असमानता है। प्रवासी कामगारों द्वारा भारत को भेजी जाने वाली रकम में 12 फीसदी की ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? बढ़ोतरी का अनुमान है, वहीं नेपाल के रेमिटेंस में केवल चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट की आशंका है।

42 किलो नकली मिल्क केक जब्त किया, प्रकरण

उज्जैन। चिंतामण गणेश मंदिर के आसपास प्रसाद की दुकानों पर मिलावटी सामान बेचने की खबरें आती रहती हैं। कल कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम यहाँ जाँच करने पहुँची और क्षेत्र में संचालित सांवरिया सेठ रेस्टोरेंट से नकली हलवा जब्त कर नमूने लिए। दुकानदार इसे मिल्क केक बताकर सस्ते में बेच रहा था। मिलावट से मुक्ति अभियान अंतर्गत खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के दल ने चिंतामन गणेश स्थित सांवरिया सेठ रेस्टोरेंट पर कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान रेस्टोरेंट में नकली मिल्क केक जो हलवे के नाम से 3.5 किलो की पैकिंग में ग्वालियर से आता है एवं राजस्थान में बनता है। उक्त सांवरिया सेठ रेस्टोरेंट के संचालक अजय बरैया यहाँ बेच रहा था।

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बरैया द्वारा कैटरिंग का भी कार्य किया जाता है। वह उक्त हलवे की पैकिंग को खोलकर मिल्क केक की स्लाइस काटकर ट्रे ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? में रखकर मिल्क केक के रूप में बेच रहा था तथा शादी ऑर्डर आने पर इनके द्वारा सप्लाई किया जाता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने शंका के आधार पर मिल्क केक (हलवा) एवं मावा बर्फी के नमूने लेकर खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजे गये हैं। शेष 42 किलोग्राम नकली मिल्क हलवे को जब्त किया गया। अधिकारियों को पूछताछ में संचालक ने बताया कि उक्त मिल्क केक 170 रुपए किलो की दर से ग्वालियर से खरीदता हैै। वास्तविक मिल्क केक पूर्णत: दूध एवं शक्कर से बनी मिठाई होती है, जिसकी 1 किलो लागत लगभग 350 रुपए आती है। जांच दल में खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष कुमार स्वामी, बी.एस.देवलिया, प्रभुलाल डोडियार एवं नमूना सहायक मोहम्मद सलीम खान आदि शामिल थे।

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