इन उद्योग में ट्रैक्टर, खाद, बीज, कीटनाशक, बाइक एवं FMCG कंपनियां शामिल हैं. निवेशकों को लगता है कि इन कंपनियों का कारोबार और मुनाफा बढ़ेगा. इनसे जुड़ी कंपनियों के शेयरों की खरीदारी बढ़ जाती है.
Infosys के शेयर में दिखी गिरावट, जानें पूरे आईटी बास्केट में आज क्यों रही कमजोरी
इंफोसिस का स्टॉक सत्र के दौरान लगभग तीन प्रतिशत गिर गया और बाद में मामूली रिकवरी दिखाते हुए अपनी पिछली क्लोजिंग से 1.9 प्रतिशत गिरकर 1,464.4 रुपये पर बंद हुआ
दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) के शेयरों शेयर का मूल्य बढ़ता या घटता क्यों है? में आज वीकली एक्सपायरी के दिन गुरुवार को गिरावट आई। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड ने भारत के आईटी सेक्टर के सेंटीमेंट्स को प्रभावित किया। इंफोसिस के रेवन्यू का बड़ा भाग अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों से आता है। इसकी वजह से भारत के दूसरे सबसे बड़े सॉफ्टवेयर निर्यातक इंफोसिस का स्टॉक सत्र के दौरान लगभग तीन प्रतिशत तक गिर गया। हालांकि बाद में इसमें कुछ रिकवरी भी देखने को मिली।
इंफोसिस के शेयर बीएसई पर 1,464.4 रुपये पर बंद हुए, जो पिछले बंद से 28.8 रुपये या 1.9 प्रतिशत कम है।
विश्लेषकों ने कहा कि पिछले दिन की तेज बढ़त के बाद शेयर में कुछ मुनाफावसूली ने भी गुरुवार को शेयर का मूल्य बढ़ता या घटता क्यों है? गिरावट में योगदान दिया। मंगलवार को शेयर में 2.1 फीसदी की तेजी आई थी। वहीं बुधवार को गणेश चतुर्थी के कारण भारतीय बाजार अगले दिन बंद थे।
जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित
- शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
- अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
- राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर
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कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश
आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.
डिमांड शेयर का मूल्य बढ़ता या घटता क्यों है? और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर
शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्थितियों में शेयरों का मूल्य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा शेयर का मूल्य बढ़ता या घटता क्यों है? उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.
शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों होता है?
अब हम आपको बताते हैं कि किस वजह से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आता है और शेयरों के भाव चढ़ते-गिरते हैं:
आम समझ यह है कि जब किसी कंपनी के शेयरों को खरीदने वाले लोग अधिक हों और उसके कम शेयर बिक्री के लिए उपलब्ध हों, तो शेयरों का भाव बढ़ जाता है. इसके साथ ही कई अन्य वजहें भी हैं, जिनकी वजह से शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव आता है.
यदि दो देशों के बीच कारोबारी और रणनीतिक संबंध बेहतर बनने की उम्मीद हो तो अर्थव्यवस्था की तरक्की के हिसाब से निवेशक शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं.
मसलन भारत-चीन के बीच बेहतर कारोबारी संबंध से अमेरिकी या यूरोपीय निवेशकों को भारत की ग्रोथ रेट बेहतर होने की उम्मीद बढ़ जाती है. वे भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना शुरू करते हैं.
Stock Exchange: जाने, शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट और लोअर सर्किट?
- भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी दिखी
- इस दिन कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी देखी गई
- कुछ बैंकों के कारोबार पर सर्किट ब्रेकर भी लगा
- आपको मालूम है कि क्या होता है सर्किट ब्रेकर
शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट
भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी दिखी। इस दिन बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOI), इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), बैंक ऑफ इंडिया (BOI), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI), इंडियन बैंक (Indian Bank) और यूको बैंक (UCO Bank) के शेयरों में आई तेजी के चलते निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स लगभग 4 फीसदी बढ़कर 2,549.80 के फ्रेश हाई को छू गया। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक के शेयरों पर 20 फीसदी का अपर सर्किट लगा, जबकि बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों पर 10 फीसदी का अपर सर्किट लगा। आपको पता है कि शेयर बाजार में अपर सर्किट या लोअर सर्किट क्या है और यह क्यों लगता है?
निवेश की शुरुआत कैसे करें
स्टॉक में या शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए सबसे पहले डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल शेयर या बांड खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है. वहीं एक डीमैट अकाउंट बैंक अकाउंट की तरह काम करता है, जहां आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में जमा होते हैं.
जब आप शेयर खरीदते और बेचते हैं तो यह आपके अकाउंट में क्रेडिट और डेबिट हो जाते हैं. ट्रेडिंग अकाउंट में लॉग इन करके आप उस स्टॉक को चुन सकते हैं जिसे आप खरीदना या बेचना चाहते हैं. खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके अकाउंट में शेयर खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा है. फिर वह कीमत तय करें जिस पर आप शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं.
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