“हम विशेष वैकल्पिक निश्चित आय उत्पादों पर ध्यान दे रहे हैं, और बेहतर जोखिम मूल्यांकन आदि के ज़रिए यह सुनिश्चित करते हैं कि निवेशकों को शानदार अवसर उपलब्ध करवाए जा सकें। हम निवेशकों के लिए एक सुविधाजनक और विश्वसनीय प्लेटफ़ॉर्म का निर्माण करना चाहते हैं”

Sebi की चेतावनी, फर्जी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट स्कीम में किया निवेश तो डूब जाएगा पैसा

Sebi Alert: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) लेनदेन में निश्चित निवेश ने पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस उपलब्ध कराने का दावा करने वाली इकाइयों के गलत तरीके से पैसा जुटाने को लेकर निवेशकों को सतर्क रहने को कहा है. सेबी ने एक बयान में कहा कि ये इकाइयां परचे छपवाकर और सोशल मीडिया के के माध्यम से हाई रिटर्न के वादे के साथ जनता को लुभा रही हैं. यह देखा गया है कि ऐसी योजनाओं में, इकाइयां निश्चित रिटर्न का वादा कर छोटी-छोटी राशि जुटा रही हैं.

सेबी को जानकारी मिली थी कि कुछ इकाइयां ‘पोर्टफोलियो’ मैनेजमेंट सर्विस देने का का दावा कर लोगों से पैसा जुटा रही हैं. उसके बाद यह परामर्श जारी किया गया है.

केवल रजिस्टर्ड संस्था से लें लेनदेन का सुझाव

इनमें से कुछ इकाइयों के नाम सेबी-पंजीकृत मध्यस्थों के जैसे हैं. वे उस नाम के माध्यम से जनता को गुमराह करती हैं कि उन्होंने रेगुलेटर के पास रजिस्ट्रेशन करा रखा है. इसको देखते हुए सेबी ने निवेशकों को इस तरह की इकाइयों से सावधान रहने को कहा है. साथ ही उन्हें केवल रेगुलेटर के पास रजिस्टर्ड इकाइयों के साथ ही लेन-देन का सुझाव दिया है.

फिक्स्ड रिटर्न के चक्कर में न फंसे

Sebi ने यह भी कहा कि पोर्टफोलियो मैनेजमेंट समेत सेबी रजिस्टर्ड इंटरमीडियरिज निवेश पर फिक्स्ड रिटर्न का वादा नहीं कर सकते. फिक्स्ड रिटर्न का दावा करने वाली योजनाएं पोंजी योजनाएं की तरह चलती हैं. इस प्रकार की योजनाओं में पैसा सिक्योरिटीज मार्केट में नहीं लगाया जाता. सेबी ने निवेशकों से निवेश करने से पहले संबंधित इकाई की पूरी जांच-पड़ताल करने की सलाह दी है.

इसके अलावा, एक पोर्टफोलियो मैनेजर ग्राहक से 50 लाख रुपये से कम के फंड या प्रतिभूतियों को स्वीकार नहीं कर सकता है और मानदंडों के अनुसार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी गारंटीकृत या सुनिश्चित रिटर्न का वादा नहीं कर सकता है.

फीचर आर्टिकल: SIP चाहे छोटी हो या बड़ी, म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए है एकदम सही विकल्प

सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP चाहे छोटी हो या बड़ी, म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए है एकदम सही विकल्प है। इसे दैनिक, साप्ताहिक, मासिक, तिमाही, छमाही या वार्षिक आधार पर कर सकते हैं। SIP पिछले कुछ सालों से म्यूचुअल फंड में निवेश करने के सबसे पसंदीदा तरीकों में से एक बन गया है। SIP के जरिए निवेश का विकल्प मिलने के बाद लोग बहुत छोटे-छोटे नियमित निवेश के जरिए भी बड़ी धनराशि जमा करने में सफल हो सकते हैं।

पिछले लगभग एक दशक के दौरान म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने SIP आधारित लेनदेन में निश्चित निवेश निवेश में उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की है। इसके पीछे प्रमुख वजह यही है कि SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश काफी आसान और बाजार के उतार-चढ़ाव से बहुत हद तक बे-असर है। SIP से म्यूचुअल फंड में नियमित रूप से एक निश्चित राशि का निवेश करने का सुविधाजनक तरीका उपलब्ध होता है। सबसे लोकप्रिय तरीका मासिक रूप से निवेश करने का है लेकिन, दैनिक, साप्ताहिक और तिमाही आधार पर भी निवेश करने के विकल्प मिलते हैं।

SIP के फायदे

  • SIP इक्विटी या डेट फंड में निवेश शुरु करने वाले उन निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प है जो बाजार के जोखिम से बचना चाहते हैं।
  • SIP के जरिए छोटी रकम के साथ नियमित किश्तों में निवेश कर सकते हैं।
  • SIP में निवेशकों को कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है, लॉन्ग टर्म में ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है।
  • नियमित मासिक SIP जमा करने का फायदा है कि औसत निवेश पर बाजार के उतार-चढ़ाव का खास असर नहीं पड़ता।
  • जरूरत पड़ने पर SIP पॉज करने की भी सुविधा है, बाद में फिर से शुरू कर सकते हैं।
  • बैंक अकाउंट से ऑटो डेबिट की सुविधा होने से हर महीने आपके बैंक अकाउंट से अपने आप किश्त की राशि कट जाएगी और परेशानी से बच सकते हैं।

SIP के जरिए निवेश की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें एकमुश्त किसी बड़ी रकम का निवेश करने की जरूरत नहीं होती। आप 100 या 500 रुपए प्रतिमाह जैसी छोटी रकम का भी निवेश कर सकते हैं। SIP में आपको एक बार में 5000 का निवेश करने के बजाय 500 रुपए की 10 मासिक किश्तों में निवेश की आजादी मिलती है। यही कारण है कि SIP की वजह से अब बहुत सामान्य आमदनी वाले लोग भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने लगे हैं और छोटी-छोटी बचत के माध्यम से लॉन्ग टर्म में अच्छे रिटर्न के साथ बड़ा कॉर्पस जमा कर रहे हैं।

आप अपनी सुविधा, वित्तीय लक्ष्यों और जरूरतों के आधार पर अलग-अलग तरह के म्यूचुअल फंड में SIP कर सकते हैं। यदि आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं लेकिन मार्केट की जानकारी नहीं है और बाजार के उतार-चढ़ाव के जोखिम से बचना चाहते हैं तो इक्विटी म्यूचुअल फंड SIP के जरिए निवेश आपके लिए बेहतर विकल्प है। निवेश एक्सपर्ट कहते हैं कि नए निवेशकों के लिए SIP के जरिए ही निवेश करना अच्छा होता है। बाजार में निप्पन इंडिया म्यूचुअल फंड जैसे कई म्यूचुअल फंड हैं, जिनमें SIP करने से निवेशकों को 5 साल में 20 से 30% के करीब रिटर्न मिला है। यानी पिछले पांच सोलों में बाजार के तमाम-उतार चढ़ाव के बावजूद निवेशकों का पैसा डेढ़ से दोगुना तक बढ़ गया है।

निप्पन इंडिया म्यूचुअल फंडों और बेंचमार्क से भी बेहतर प्रदर्शन किया है।

आज करें Gold में निवेश, और बुरे समय में उठाएं इसका फायदा, आइये जानते है इसके बारे मे।

वित्तीय नियोजकों का कहना है कि सोने में निवेश पेपर गोल्ड के रूप में होना चाहिए। गोल्ड ईटीएफ (ETF) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) निवेशकों के लिए पेपर गोल्ड के रूप में निवेश करने के दो बेहतरीन विकल्प माने जाते हैं ।

वर्तमान समय में लोग गोल्ड को एक निवेश के तौर पे भी देखने लगे हैं| सोने ने पिछले वित्तीय वर्ष (2019-20) में लगभग 42% तक रिटर्न दिया है। जानकारों का मानना है कि कोरोना के कारण वैश्विक विकास में कमी आने तक ब्याज दरें कम रहने की संभावना है। यह अवसर सोने में निवेश करने के लिए सबसे अच्छा मौका है| अगर आप एक अच्छा पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं तो आपको अपने पोर्टफोलियो का 8-10% तक सोने में निवेश करना चाहिए। लेकिन निवेश करने के लिए कभी भी भौतिक सोना( Physical gold) खरीदने से बचना चाहिए ,क्योकि इसमें स्टोरेज लागत ,चोरी होने डर,उच्च लेनदेन का खतरा बना रहता है।

लंबी अवधि के लिए सोने में निवेश कैसे करें

वित्तीय नियोजकों का कहना है कि सोने में निवेश पेपर गोल्ड के रूप में होना चाहिए। गोल्ड ईटीएफ (ETF) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) निवेशकों के लिए पेपर गोल्ड के रूप में निवेश करने के दो बेहतरीन विकल्प माने जाते हैं ।

सोने के मौजूदा मूल्य पर सरकार द्वारा नियमित अंतराल पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड( SGB) जारी किए जाते हैं। इसका आठ साल का निश्चित समय होता है, लेकिन पांच साल के लॉक-इन पीरियड के बाद इसे बेचा जा सकता है। हालांकि, अगर आप मैच्योरिटी तक SGB रखते हैं, तो निवेश पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता है। तीन साल के निवेश के बाद अर्जित गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड फंड कैपिटल गेन्स के मामले में इंडेक्सेशन के बाद 20% टैक्स लगता है।

Gold ETF में सोने के मूल्य में मूल्यह्रास आपकी एकमात्र आय है लेकिन एसजीबी के मामले में आपको सालाना 2.5% का ब्याज मिलेगा, जिसका भुगतान अर्ध-वार्षिक किया जाएगा। हालांकि, यह ब्याज आय आयकर के अधीन है।

गोल्ड ईटीएफ पर एसजीबी का एक और फायदा यह है कि गोल्ड फंड्स फंड मैनेजमेंट चार्ज के लिए सालाना 0.5-1% का लेवी चार्ज लेते हैं लेकिन एसजीबी के मामले में ऐसा कोई चार्ज नहीं है। सेकेंडरी मार्केट में SGB को कोई भी बेच सकता है। लेकिन कम मात्रा के कारण, आपको अपनी इच्छा के अनुसार कीमत नहीं मिल सकती है। इस साल, केंद्र ने अभी तक SGBs के तीन किस्तों का शुभारंभ किया है। अगले नौ महीनों में तीन किस्तें और निकाली जाएंगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग नियमित रूप से व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) के रूप में सोने में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए गोल्ड ईटीएफ सबसे अच्छा विकल्प है

इन्वेस्टमेंट प्लेटफ़ॉर्म Jiraaf ने Accel Partners व अन्य से हासिल किया लगभग ₹58 करोड़ का निवेश

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Startup Funding News – Jiraaf: बीतें कुछ समय से देश का फिनटेक जगत तमाम नए आयामों से संबंधित स्टार्टअप्स के चलते, तेजी से खुद को व्यापक बना रहा है। इसी कड़ी में अब बेंगलुरु आधारित इन्वेस्टमेंट प्लेटफ़ॉर्म Jiraaf ने आज अपने सीरीज-ए फ़ंडिंग राउंड में $7.5 मिलियन (लगभग ₹58 करोड़) लेनदेन में निश्चित निवेश का निवेश हासिल करने का ऐलान किया है।

कंपनी को यह निवेश Accel Partners, Mankekar Family Office, Aspire Family Office समेत अन्य कुछ एंजेल निवेशकों से हासिल किया है, जिनमें Capital A और PharmEasy के संस्थापकों आदि ने भागीदारी दर्ज करवाई।

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कंपनी की मानें तो प्राप्त की गई इस नई धनराशि का इस्तेमाल ग्राहक सेवा को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने तथा टीम का विस्तार करने की दिशा में किया जाएगा।

Jiraaf की शुरुआत सितंबर 2021 में सौरव घोष (Saurav Ghosh) और विनीत अग्रवाल (Vineet Agrawal) ने मिलकर की थी।

Jiraaf

यह प्लेटफ़ॉर्म अपने यूजर्स को वैकल्पिक निवेश के बेहतर अवसर प्रदान करता है। इसका मकसद व्यक्तिगत निवेशकों को इक्विटी, फ़िक्सड डिपॉजिट, रियल एस्टेट और गोल्ड से परे हाई-रिटर्न वाले अवसरों की पेशकश करते हुए कमाई के बेहतर विकल्प प्रदान करने का है।

कंपनी हाई-रिटर्न, गैर-बाजार से जुड़े निवेश के अवसर प्रदान करते हुए, 30 दिन से लेकर 3 साल तक की अवधि में 8-20% तक कमाई कर सकने का दावा करती है।

कंपनी के सह-संस्थापक, विनीत ने कहा;

“बीते 8 महीनों में हमने ₹250 करोड़ से अधिक के निवेश अवसर प्रदान किए हैं, और 10,000 से अधिक निवेशक रजिस्टर किए जा चुके हैं। हम इस साल के अंत तक हम इस आँकड़े को ₹1,000 करोड़ के लेनदेन और 100,000 के निवेशक आधार तक ले जाना चाहते हैं।”

वहीं निवेश पर बोलते हुए, सह-संस्थापक सौरव घोष ने कहा;

“हम विशेष वैकल्पिक निश्चित आय उत्पादों पर ध्यान दे रहे हैं, और बेहतर जोखिम मूल्यांकन आदि के ज़रिए यह सुनिश्चित करते हैं कि निवेशकों को शानदार अवसर उपलब्ध करवाए जा सकें। हम निवेशकों के लिए एक सुविधाजनक और विश्वसनीय प्लेटफ़ॉर्म का निर्माण करना चाहते हैं”

आपको बता दें Jiraaf वैसे इस सेगमेंट में अकेला नहीं है और भारत में इसकी सीधी प्रतिस्पर्धा Per Annum, GoldenPi और Dzerv आदि से है।

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