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ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है ? – Types Of Trading In Hindi

कुछ लोग Trading के अलग-अलग प्रकारों के बारे में जानते हैं, जिसके कारण वे अधिक लाभ कमाते हैं, परंतु कुछ अन्य लोगों को Types Of Trading In Hindi के बारे में जानकारी ना होने के कारण अपने पैसे Stock Trading में गवा देते हैं।

इसलिए सभी निवेशकों को Types Of Trading In Hindi के बारे में संपूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। इसीलिए आज के इस लेख में हम ट्रेडिंग के सभी प्रकार को विस्तृत रूप से जानेंगे।

Trading के प्रकार कौन से हैं ? ( Types Of Trading In Hindi )

मुख्य रूप से Trading के प्रकारों को पांच भागों में बांटा गया है। यदि हम Stock Trading की बात करें तो यह पांच प्रकार की होती है जो निम्नलिखित है।

  1. Intraday Trading
  2. स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे?
  3. Scalping
  4. Swing Trading
  5. Delivery Trading
  6. Optional Trading
  7. Momentum Trading
  8. Positional Trading
  9. Technical Trading

1. इंट्राडे ट्रेडिंग ( Intraday Trading )

Intraday Trading को हम Day Trading भी कहते हैं। इस Trading के अंतर्गत स्टॉक को एक ही दिन में बेचना और खरीदना शामिल होता है।

यदि कोई भी Investor या Trader Intraday Trading करता है, तो उसे दिन के आखिरी में बाजार बंद होने से पहले अपने सभी खरीदे गए शेयरों को जरूर भेजना होता है।

ग्लोबल मार्किट सेनारिओ (Global Market Scenario for Trading Setup)

आपको पता होगा की ग्लोबल मार्किट का बहुत बड़ा असर हमरे इंडियन मार्किट पे पड़ता है | इसीलिए हमें ग्लोबल मार्किट की हलचल के बारे में पता होना चाहिए | हमें ग्लोबल मार्किट के तरफ हमेशा नज़र रखनी चाहिए की वहा पे बड़ी हलचल या कोई नया समाचार तो नहीं है | इससे हमें थोड़ा सा अंदाजा आजाता है की इंडियन शेयर मार्किट की कल की ओपनिंग किस तरफ होने वाली है और फिर हम उसी तरह के शेयर्स अगले दिन के अगले दिन के ट्रेडिंग सेटअप (Trading Setup) के लिए चुन सकते है|

दोस्तों हमारा मार्किट हर दिन ३.३० मिनट में बंद हो जाता है | उसी दिन शाम को ७.३० मिनट पर अमेरिका और बाकी मार्किट चालू हो जाते है | तभी हमें ग्लोबल मार्किट की हालचाल पर नज़र रखनी है | हमें ध्यान रखना है की ग्लोबल मार्किट का प्रारम्भ सकारात्मक है या नकारात्मक | हमें शाम के ९.३० मिनट पर ग्लोबल मार्किट सेनारिओ की जाँच करनी है ताकि हमें ग्लोबल मार्किट की दिशा पता चले | अगर दोस्तों ९.३० मिनट पर ग्लोबल मार्किट सकारात्मक है तो हमारा कल का मार्किट भी सकारात्मक हो सकता है, और अगर ग्लोबल मार्किट नकारात्मक है तो इंडियन मार्किट भी कल नकारात्मक हो सकता है|

स्टॉक्स का चुनाव (Stock Selection)

आपको हर दिन मार्किट बंद होने के बाद End Of The Day Study करनी होगी | आपको शेयर के बारे में जानना होगा | कुछ शेयर आपको चुनने होंगे जो आपको कल की ट्रेडिंग में सकारात्मक मूवमेंट दे | कल के दिन ट्रेडिंग करने के लिए अपने पास शेयर की जानकारी पहले से ही होंनी चाहिए | आपके सारे शेयर की सूचि आपके पास तैयार होनी चाहिए ताकि कल जब मार्किट चालू हो तो आप अच्छेसे ट्रेडिंग कर सके |

शेयर का चुनाव एक बहुत ही जरुरी बिंदु है ट्रेडिंग में | आप की ग्लोबल मार्किट की अभ्यास के बाद आप अपने शेयर का चुनाव करके रखे,उन शेयर की सपोर्ट और रेसिस्टेन्स लेवल आपके पास होनी चाहिए ताकि आप उन शेयर में सही टाइम पे प्रवेश या निकास ले सके और मुनाफा कमा सके |

आप इस बात का ध्यान रखे की अगले दिन हमें उन्ही शेयर में ट्रेडिंग करना है जो आपने चुने हुवे है ताकि ट्रेडिंग लाभदायक हो | कोई भी बिना जानकारी वाला ट्रेड न ले जिसके बारे में पता नहीं है , नहीं तो वो ट्रेड नुकसान दिला सकता है |

बाजार का स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे? रुख (Market Trend) :

काफी सरे लोग है जो मार्किट के खिलाफ ट्रेड करते है और नुकसान उठाते रहते है | ये एक सरल सी बात है और हर कोई जनता है की अगर मार्किट ऊपर जा रहा है तो हमें BUY करना चाहिए और जब मार्किट निचे जा रहा है तो हमें SELL करना चाहिए | मगर ये एक मनोवैज्ञानिक समस्या बन जाती है की मै तो मार्किट में SELL ही करूँगा और मार्किट ऊपर जाते हुवे भी वो लोग SELL करने लगते है और भारी नुकसान उठाते है |

दोस्तों इस समस्या से बाहर आईये और मार्किट ट्रेंड के साथ ट्रेड कीजिये ताकि मार्किट में आपका नुकसान ना हो, अगर आप मार्किट में ट्रेंड के साथ चलोगे तो आपको मार्किट में मुनाफा कमाने से कोई नहीं रोक सकता !

निष्कर्ष :

ऊपर बताई सारी बाते एक परिपूर्ण ट्रेडिंग सेटअप (Complete Trading Setup) को दर्शाती है जो की आपको मुनाफे की तरफ लेके जायेगा | अगर आप ऊपर बताये हुवे चीजोंका ध्यान रखेंगे तो आपकी अगले दिन की ट्रेडिंग लाभदायक होने से कोई नहीं रोक सकता |

अप्सटॉक्स (UPSTOX में डीमैट अकाउंट कैसे खोले जानने के लिए यहाँ क्लिक करे – Upstox account opening process

जरुरी संपर्क (LINKS) इन शेयर मार्किट – NSE & BSE INDIA : IMPORTANT LINKS

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

अब जैसा की हमने आपसे ट्रेडिंग की परिभाषा में कहा की आप किसी शेयर को कुछ मिनटों से लेकर हफ्ते भर तक होल्ड कर सकते है। उसी समय अवधि के अनुसार ट्रेडिंग को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया गया है:

इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading):

इंट्राडे का हिंदी में मतलब है ‘दिन के अंदर’। जब आप किसी शेयर को एक ही दिन में खरीदते और मार्किट बंद होने से पहले बेच देते हैं तो उस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें आपको सुबह मार्किट खुलते ही पोजीशन बनानी होती है क्योंकि अच्छे मौके सुबह ही मिलते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग का ही एक और टाइप होता है जिसे हम कहते है स्कल्पिंग(Scalping) जिसमे मार्किट खुलने के एक घंटे के अंदर ही शेयर का खरीदना और बेचना दोनों हो जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading)

स्विंग का हिंदी में मतलब होता है ‘झूलना’ और ट्रेडिंग जगत में भी इसका मतलब होता है किसी शेयर को एक से ज़्यादा ट्रेडिंग सेशन तक पकड़ के रखना और कुछ दिन या हफ़्तों बाद बेचना। हम ऐसा कह सकते है कि आपको एक शेयर लेकर कुछ दिनों या हफ़्तों तक झूलना है और जब उसकी कीमत आपके मुताबिक बढ़ जाये तो उसे बेच देना है। अब क्योंकि स्विंग Trading में हम एक दिन से ज़्यादा शेयर को होल्ड करते हैं इसे हम डिलीवरी(Delivery) ट्रेडिंग भी कहते है।

ट्रेडिंग कैसे सीखें? How to Learn Trading in Hindi?

ट्रेडिंग एक ऐसी चीज़ है जो आपको एक दिन में नहीं आएगी। इसके लिए आपको रोज़ पढ़ना पड़ेगा। जिस प्रकार अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते उन्हें पढ़ना पड़ता है। वैसे ही ट्रेडिंग का ज्ञान लेने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और Trading Psychology से जुड़ी किताबों को पढ़ना पड़ेगा तब जाकर कुछ बात बनेगी।

इसके बाद भी सिर्फ पढ़ने से काम नहीं चलेगा। आपको मार्किट का रुख देखकर अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी और जिस शेयर में ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं उसके कैंडलस्टिक चार्ट को देखकर उसका तकनिकी विश्लेषण करना होगा। इसके बाद ही आपको पता चल पायेगा कि वो शेयर ऊपर जायेगा या नहीं।

मार्किट से बड़ा गुरु कोई नहीं है इसलिए अगर आप Trading सीखना चाहते हैं तो लाइव ट्रेडिंग सेशन के दौरान किसी भी स्टॉक को पकड़ लें जिसके प्राइस में तेजी से बदलाव हो रहे हो। उस शेयर के पीछे के पैटर्न को देखकर आने वाले पैटर्न स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे? का अंदाज़ा लगाएं और खुद का टेस्ट करें।

ट्रेडिंग कैसे की जाती है?

Trading शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले एक डीमैट अकाउंट की ज़रूरत पड़ती है जो आपको स्टॉक एक्सचेंज के साथ जोड़ता है। बिना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बिना आप शेयर खरीदने की सोच भी नहीं सकते।

अगर आपने डीमैट अकाउंट खुलवा लिया है तो आप बिना किसी दिक्कत के ट्रेडिंग शुरू कर सकते है। दुनिया के शेयर बाज़ारों की टाइमिंग अलग अलग होती है जैसे भारतीय स्टॉक मार्किट सुबह 9:15 पर खुलता है और दोपहर 3:30 बजे बंद हो जाता है जबकि अन्य स्टॉक एक्सचेंज जैसे यूरोप,ऑस्ट्रेलिया, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और अमेरिकी नैस्डेक की ओपन टाइमिंग काफी अलग है।

तो जिस मार्किट में आपको Trading करनी है उसकी ओपनिंग और क्लोजिंग टाइमिंग पता करें। फिर ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाएं। ट्रेडिंग अकाउंट इंट्राडे ट्रेडिंग में मदद करेगा और डीमैट आपको स्विंग ट्रेडिंग करने में मदद करेगा क्योंकि आपके ख़रीदे गए शेयर डीमैट के अंदर ही रखे जायेंगे। ये दोनों काम करने के बाद आप आराम से किसी भी शेयर में ट्रेड करना शुरू कर सकते हैं।

STEP 2 :

Advance trend indicator में ExMov line पीले (yellow) colour से blue(नीला ) colour में

और most line – red colour(लाल) से green colour( हरा ) में बदल चुकी हो (acording default setting )

STEP 3 :

Wave trend indicator में wave trend line और signal line जो (+ sign format में दिखेगी )

दोनों जीरो (zero) line के ऊपर स्थित हो और wave trend line ऊपर की ओर signal line को काटे (crossover)

Weekly Chart में भी Stock , Half Trend के ऊपर Trade करना चाहिए / Advance Trend Indicator की ExMove Line Blue and Most Line Green हो और Wave Trend Indicator में Wave Trend Line ,Signal(+) Line को

cross करके ऊपर की ओर हो

उसी प्रकार Intraday Trade के लिए 1 Hours Chart में भी Stock , Half Trend के ऊपर Trade करना चाहिए / Advance Trend Indicator की ExMove Line Blue and Most Line Green हो और

Wave Trend Indicator में Wave Trend Line ,Signal(+) Line को cross करके ऊपर की ओर हो

Now setup done first practice this strategy on paper then use this on live market.

I will publish more wonderful strategy in comming post so please subscribe this blog .

यदि आप कोई शेयर खरीद कर उसी दिन बेंच देते हैं तो वह डे ट्रेडिंग कहलाती है।

यदि आप कोई शेयर खरीदकर उस दिन न बेचें उसके अगले दिन या बाद में बेचें तो यह स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।

किसी एक बिजनेस में हम कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं और उस पर थोड़ा सा प्रॉफिट लेकर उसे मँहगें में बेच देते हैं। हमारी दुनिया में इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।

लेकिन शेयर बाजार की दुनिया थोड़ी सी अलग है।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है और यह साधारण बाजार से कैसे अलग है, इसे समझते हैं।

1 – शेयर बाजार में आप खरीदते तो अपनी मर्जी से हैं किन्तु बेंचने के लिए एक समय निर्धारित होता है। यदि आप इंट्रा डे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो अगर आपने बाजार बंद होने से पहले अपने शेयर नहीं बेचें तो वह अपने आप बिक जाता है। चाहे आपका फायदा हो रहा हो या नुकसान।

अधिक जानें : स्पर्ट म्यूचुअल फंड का भविष्य कैसा देखते हैं

लेकिन यदि आप स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो उसमें समय का बंधन नहीं होता है।

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