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आप ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते हैं?

लाखों शौकिया हर साल ऑनलाइन ट्रेडिंग में अपनी किस्मत आजमाते हैं, लेकिन अधिकांश अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने में विफल रहते हैं और थोड़ा गरीब और बहुत समझदार हो जाते हैं। एक बात जो सभी असफल व्यक्तियों में समान होती है, वह यह है कि उनके पास अपने आपको अपनी ट्रेडिंग योजना में क्या शामिल करना चाहिए? पक्ष में पैमाना बनाने के लिए आवश्यक मूलभूत जानकारी का अभाव होता है। लेकिन अगर कोई बाजार के रुझानों का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त समय व्यतीत करता है, तो वे अपनी सफलता की बाधाओं को सुधारने के रास्ते पर अच्छी तरह से हो सकते हैं। अधिकांश निवेशक मूल्य परिवर्तन को प्रभावित करने वाले कारकों को समझे बिना संपत्ति खरीदते हैं। बाजारों को प्रभावी ढंग से व्यापार करना सीखना कार्रवाई का एक बेहतर तरीका है।

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मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान आपकी निवेश यात्रा के लिए आपका गो-टू गाइड

दीवाली एक नई शुरुआत है। यह एक शुभ दिन माना जाता है, जो बहुत सारी सकारात्मकता, खुशी और सफलता लाता है। व्यवसायों (Businesses) और निवेशकों ने मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन के लिए तैयारी शुरू कर दी है। अगर आप चूकना नहीं चाहते हैं, तो यह ट्रेडिंग सेशन आपकी निवेश यात्रा को शुरू करने का एक रोमांचक अवसर है, क्योंकि इसे भाग्यशाली माना जाता है। और चिंता न करें, हम आपके लिए वह सारी जानकारियां लेकर आए हैं, जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है। आइए सबसे पहले मुहूर्त ट्रेडिंग का अर्थ समझते हैं।

Table of Contents

इस लेख में शामिल हैं:

मुहूर्त ट्रेडिंग क्या है?

मुहूर्त ट्रेडिंग दीवाली के दिन एक घंटे के सेशन को दर्शाती है और इसे निवेश के लिए शुभ माना जाता है।इस बार यह 4 नवंबर 2021 को शाम 6:15 बजे से शाम 7:15 बजे तक है । ऐसा माना जाता है कि यदि आप इस समय के दौरान निवेश करते हैं, तो पूरे वर्ष धन के बढ़ने की संभावना अधिक होती है। अच्छा, क्या यह आपको दिलचस्प नहीं लगा? गौरतलब है कि यह केवल भारतीय शेयर बाजार के बारे में सच है।

अब जब आपको मुहूर्त ट्रेडिंग की बुनियादी समझ हो गई है, तो आइए निवेश के इस उपयोगी समय के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।

मुहूर्त ट्रेडिंग भाग्यशाली क्यों है?

इस ट्रेडिंग सेशन को भाग्यशाली माना जाता है क्योंकि देश भर के निवेशक इस एक घंटे की अवधि में, दीवाली जैसे त्योहार के दौरान पैसा निवेश करने की आस्था से प्रेरित होते हैं। यह बहुत समय पहले हि एक परंपरा बन गई थी क्योंकि व्यापारी धन की देवी लक्ष्मी जी को अपनी शुभकामनाएं देकर एक नए सेशन की शुरुआत करते थे।

मुहूर्त ट्रेडिंग तब होती है जब लोग दीवाली के दिन सामूहिक सद्भावना साझा करने के लिए एक साथ आते हैं। शेयर बाजार में नए खिलाड़ी धमाकेदार एंट्री करते हैं। हर निवेशक की निगाहें बाजार में होने वाले घटनाक्रम पर होती हैं, एक् उम्मीद में कि इस दौरान निवेश करने से उन्हें मुनाफा होगा। हालांकि, हमेशा की तरह, आपको निवेश करते समय सावधान रहना चाहिए। दीवाली के रुझानों का आँख बंद करके पालन करने के बजाय, जो कि केवल अटकलें हो सकती हैं, अपना शोध करना और उसके अनुसार निवेश करना सबसे बेहतर होता है।

मुहूर्त ट्रेडिंग में अपनी निवेश यात्रा कैसे शुरू करें?

आरंभ करने में आपकी सहायता करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

चरण 1: एक डीमैट खाता खोलें। यह आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत करता है।

चरण 2: अपने बैंक खाते से अपने डीमैट खाते में धनराशि जोड़ें।

चरण 3: जिन शेयरों में आप निवेश करना चाहते हैं, उन पर थोड़ा शोध करें। इसमें स्टॉक की अतीत की कीमतों को देखना, कंपनी के वित्तीय विवरणों का विश्लेषण करना, तुलना करना और बहुत कुछ शामिल होता है। इस तक आसान पहुंच के लिए, आप टिकरटेप पर जा सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों को चुनें ताकि वे लंबे समय में बाजार में गिरावट का सामना कर सकें और अच्छा रिटर्न दे सकें।

चरण 4: अपने शोध के बाद, आप शेयरों में निवेश शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

मुहूर्त ट्रेडिंग से पहले कुछ् ध्यान रखने योग्य बातें

ट्रेडिंग से पहले कुछ पहलुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए, जो इस प्रकार हैं:

  • सभी खुली पोजीशनें सेशन के अंत में सेटलमेंट ऑब्लिगेशन (Settlement Obligations) के रूप में होंगी।
  • मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के लिए, बाजार केवल एक घंटे के लिए खुला रहेगा।
  • इस सेशन के दौरान बाजार अस्थिर हो सकता है इसिलिये बाजार पर नजर रखें ताकि आप समझदारी से निर्णय ले सकें।
  • लंबी अवधि के लिए किसी शेयर में निवेश करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप कंपनी के मूल सिद्धांतों पर बरकरार हैं। पिछले मुहूर्त ट्रेडिंग सेशनों में यह देखा गया है कि सेशन के दौरान उत्साह के कारण अफवाहें तेजी से फैलती हैं।
  • यदि आप बाजार में उतार-चढ़ाव को भुनाने की योजना बना रहे हैं, तो ऐसे शेयरों का चयन करना सुनिश्चित करें, जिनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम अच्छा हो।

निष्कर्ष

जैसा कि इस लेख में बताया गया है, मुहूर्त ट्रेडिंग व्यापारियों और निवेशकों के लिए एक शुभ समय है। हालाँकि, अपने साथियों या बाज़ार के रुझानों का आँख बंद करके अनुसरण न करें। एक घंटे का ट्रेडिंग सेशन जल्द ही आ रहा है। इसलिए अपने वांछित शेयरों पर शोध करके, उनके मूल सिद्धांतों का अध्ययन करके और उन्हें ट्रैक करने के लिए अपनी वॉचलिस्ट में स्टॉक जोड़कर पहले से अच्छी तैयारी करें । टिकरटेप पर पेश किए गए फिल्टर और आपके लिए सबसे उपयुक्त मेट्रिक्स के आधार पर स्क्रीन स्टॉक का उपयोग करें। #dimaaglaganekamuhurat आ रहा है! आपका निवेश शुभ हो!

सोने के वायदा(गोल्ड फ्यूचर्स) में निवेश करने से पहले क्या जानना चाहिए?

man at laptop

सोने में निवेश परंपरागत रूप से एक साधारण लेनदेन रहा है जिसमें सोने को अपने पास रखना शामिल है। लेकिन समय के साथ, बाजार के विकास ने सोने में निवेश करने के नए तरीके लाए हैं। एक माध्यम जिससे इसका कारोबार किया जा सकता है, वह है सोने का वायदा, जो सोने के बाजार को वायदा कारोबार के सिद्धांतों के साथ जोड़ता है।

यदि आप सोने के वायदा कारोबार में निवेश करना चाह रहे हैं, तो कुछ आसान लेकिन महत्वपूर्ण सवालों के जवाब जानना आवश्यक है।

सोने का वायदा कारोबार कैसे होता है?

भारत में सोने का वायदा कारोबार BSE, NSE और MCX (मल्टी कॉमोडिटी एक्सचेंज) के माध्यम से एक ग्राम से लेकर एक किलो तक के विभिन्न आकारों के ऑर्डर में किया जा सकता है। खरीदार अनुबंध में निर्दिष्ट मूल्य के लिए भविष्य की तारीख में सोना खरीदने या बेचने के लिए एक समझौते के साथ एक निश्चित अवधि के अनुबंध में प्रवेश करता है। हालांकि अनुबंध में एक निश्चित मात्रा में सोने का उल्लेख हो सकता है, लेकिन आपको पूरी राशि को अग्रिम रूप से निवेश करने की आवश्यकता नहीं होती। इसके बजाए, आप कुल मूल्य का एक छोटा प्रतिशत रख सकते हैं, जिसे "मार्जिन" के रूप में जाना जाता है।

अन्य निवेशों की तरह, आप सोने के वायदा अनुबंध के माध्यम से या तो लाभ प्राप्त कर सकते हैं या आपको हानि हो सकती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि अनुबंध अवधि के दौरान सोने की कीमत बढ़ती है या घटती है। मूल्य में परिवर्तन (ऊपर और नीचे दोनों) को टिक्स में मापा जाता है, जो कि बाजारों द्वारा मापा जाने वाला सबसे छोटा मूल्य परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए, MCX के सोने के वायदा अनुबंध में, टिक का आकार 0.10 (या 1 रुपए प्रति 10 ग्राम) होता है। इस प्रकार, यदि आपके पास 1 किलो (1000 ग्राम) का लॉट साइज है, तो आपका लाभ या हानि 100 रुपए प्रति टिक होगा। आप अनुबंध अवधि के दौरान सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव से लाभ उठा सकते हैं या अनुबंध अवधि के अंत में भौतिक रूप से सोने की डिलीवरी का विकल्प चुन सकते हैं।

आपके लक्ष्यों के अनुरूप क्या होगा - दीर्घकालिक या अल्पकालिक अनुबंध?

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सोने का वायदा अनुबंध मूल्य में आपको अपनी ट्रेडिंग योजना में क्या शामिल करना चाहिए? उतार-चढ़ाव से बचाव प्रदान करते हैं और सट्टा लाभ अर्जित करने का अवसर प्रदान करते हैं। सोने के आयात, निर्यात, निर्माण या व्यापार में संलग्न व्यवसाय इस जोखिम को कम करने और कम समय में संभावित नुकसान की भरपाई के लिए सोने के वायदा अनुबंध का उपयोग कर सकते हैं।

साधारण निवेशक भी लाभ कमाने के लिए टिक मूवमेंट का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि अधिकांश निवेशक सोने के वायदा को कम समय के हेजिंग के रूप में उपयोग करते हैं, भविष्य में सोने की कीमतों में वृद्धि को भुनाने के इच्छुक निवेशक अपने अनुबंध को एक वर्ष तक की लंबी अवधि के लिए भी निर्धारित कर सकते हैं।

आप किस प्रकार का विश्लेषण और निवेश करने की योजना बना रहे हैं?

सोना वायदा निवेशक अपने निवेश के लिए मौलिक, तकनीकी या दोनों ही दृष्टिकोण का उपयोग कर सकते हैं। मौलिक विश्लेषण सोने की मांग-आपूर्ति की गतिशीलता, वर्तमान स्थिति और बाजार की भावना के साथ-साथ आर्थिक चक्र पर भी विचार करता है। तकनीकी विश्लेषण अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर निर्भर करता है, मूल्य निर्धारण चार्ट, संकेतक और उपकरण जैसे फिबोनिकी एक्सटेंशन और मोमेंटम ऑसिलेटर्स की मदद लेता है। मौलिक दृष्टिकोण परिसंपत्ति के वास्तविक मूल्य को समझना चाहते हैं, जबकि तकनीकी विश्लेषण भविष्य के मूल्य को समझना चाहता है। सोने के वायदा निवेशकों को दोनों दृष्टिकोणों के तहत काम करने से लाभ होगा।

क्या आप सोने के वायदा कारोबार पर बाजार के रुझान के प्रभाव को समझते हैं?

सोने के बाजार को समझना एक व्यापक अभिव्यक्ति है जिसमें वह सब कुछ शामिल है जो सोने की कीमत को प्रभावित करता है। एक सोने के वायदा निवेशक के रूप में, आपको अमेरिकी डॉलर के मूल्य, बॉन्ड की कीमत, सरकार की ब्याज आपको अपनी ट्रेडिंग योजना में क्या शामिल करना चाहिए? दर नीति और सोने की कीमत को प्रभावित करने वाले प्रमुख आर्थिक निर्णयों पर नजर रखनी होगी। शादी का समय और कृषि पैटर्न के शुरु होने से भी भारत में सोने की कीमत प्रभावित हो सकती है। केंद्रीय बैंक द्वारा सोने का भारी मात्रा में व्यापार एक अन्य कारक है जो सोने के बाजार को प्रभावित कर सकता है।

आप किस प्रकार की ट्रेडिंग योजना का पालन करने का मन बना रहे हैं?

इक्विटी निवेश की तरह, आपको तेजी या मंदी की स्थिति की समझ विकसित करनी होगी और उसके अनुसार अपनी निवेश योजना बनानी होगी। इसके अलावा, आपकी परिचालन शैली भी आपकी निवेश योजना को परिभाषित करेगी। आप ऐसे निवेशक हो सकते हैं जो एक सत्र के दौरान कई बार प्रवेश करता है और बाहर निकलता है। डे ट्रेडिंग ऐसी शैली है जिसमें लोग कम काम करते हैं जहां आप एक दिन की कीमत में उतार चढ़ाव का आकलन करते हैं। एक पोजिशन ट्रेडर उतार-चढ़ाव के बजाए ट्रेंड पर ध्यान देगा, जिसके परिणामस्वरूप ट्रेडिंग बहुत कम होगा। आपकी स्थिति से कोई फर्क नहीं पड़ता, सुनिश्चित करें कि आप इसे करने से पहले इसे समझते हैं, और आप इसी ट्रेडिंग योजना के साथ बने रहते हैं।

सोने के वायदा कारोबार में निवेश एक लाभदायक विकल्प हो सकता है, बशर्ते आपको अनुबंध की पूरी समझ हो और आपको अपनी ट्रेडिंग योजना में क्या शामिल करना चाहिए? आपके पास निवेश की एक विस्तृत योजना हो। इससे पहले कि आप सोने के वायदा कारोबार में कोई निवेश करें, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने लिए इन सवालों का जवाब ढूंढ लें ताकि आप सब कुछ समझ सकें।

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का आपको अपनी ट्रेडिंग योजना में क्या शामिल करना चाहिए? पता लगवाने में मदद करना होता है.

  • nupur praveen
  • Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्‍कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.

यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर

शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.

स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्‍वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्‍वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्‍वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.

कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न

स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे

– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न

भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.

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