पहली बार. रुपया एक डॉलर के मुकाबले 77 के पार , रिकॉर्ड निचले स्तर पर घरेलू मुद्रा, क्या होगा इसका असर ?

आज सुबह 9 बजे के आस-पास घरेलू मुद्रा 77.28 प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रही थी.

आज सुबह 9 बजे के आस-पास घरेलू मुद्रा 77.28 प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रही थी.

मुंबई. रुपया (Rupee) आज सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. आज सुबह 9 बजे के आस-पास घरेलू मुद्रा 77.28 प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रही थी. यह 76.93 के पिछले बंद से 0.48 प्रतिशत कम थी. रुपया 77.06 पर खुला और 77.31 प्रति डॉलर के निचले स्तर को छू गया. पिछली बार 7 मार्च, 2022 को रुपया 76.98 के निचले स्तर पर आ गया था. मुद्रास्फीति की चिंताओं के बीच ग्लोबल इक्विटी में गिरावट का असर रुपया पर भी दिख रहा है.

महंगाई को लेकर ट्रेडर्स के बीच चिंता बनी हुई है. उनका सवाल है कि क्या फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में वृद्धि इंफ्लेशन रोकने के लिए पर्याप्त है. वहीं, बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अपनी ब्याज दरों में वृद्धि करते हुए मंदी के संभावित जोखिम की चेतावनी दी थी. इस सब कारणों का ग्लोबल मार्केट की गिरावट में बड़ा रोल है. इसका असर रुपया पर भी दिख रहा है.

एफपीआई बिकवाली का भी असर
विश्लेषकों का कहना है कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बने रहने और रूस-यूक्रेन युद्ध की अवधि को लेकर अनिश्चितता के कारण वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति का दबाव बना हुआ है. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली की वजह से भी करेंसी में गिरावट आई. एफआईआई लगातार सातवें महीने इक्विटी में लगभग 22.31 अरब डॉलर की बिक्री के साथ शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं.

बढ़ती महंगाई की चिंता
मुद्रास्फीति की बढ़ती चिंताओं के बीच घरेलू स्तर पर, भारतीय रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है और आगे भी इसके जारी रखने के संकेत दे चुका है. 10 साल की बॉन्ड यील्ड 3 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 7.484 फीसदी हो गई. पिछले हफ्ते आरबीआई की अचानक दरों में बढ़ोतरी के बाद बॉन्ड यील्ड 35 बेसिस प्वाइंट से ज्यादा बढ़ गई है.

और गिर सकता है रुपया
यूएस फेड द्वारा रेट हाइक और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के फेवर वाले आउटलुक के बाद घऱेलू पूंजी बाजार से बड़ी मात्रा में फंड निकाला जा रहा है. जनवरी 2021 पॉलिसी के बाद, जब फेड ने रेट हाइक का इशारा किया और बैलेंस शीट को सिकोड़ने लगा, तब से घरेलू कैपिटल मार्केट से 19 अरब डॉलर का फंड बाहर जा चुका है. फंड के बाहर जाने और व्यापार घाटा बढ़ने से रुपये पर और दबाव बढ़ सकता है. Edelweiss Wealth Research ने अपने एक नोट में निवेशकों को यह जानकारी दी है.

गिरते रुपये का नुकसान
गिरते रुपये का हमारे ऊपर चौतरफा असर होता है. रुपये के गिरने से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने का खतरा और बढ़ गया है. डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरने का मतलब दूसरे देश से आयात करना महंगा पड़ता है. बाहर से मंगाया जाने वाला सामान ज्यादा कीमत पर मंगावाना पड़ेगा तो नुकसान होगा. यानी व्यापार घाटा बढ़ेगा. विदेश यात्रा पर जाने वालों को भी रुपया कमजोर होने का नुकसान उठाना पड़ता है.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

विदेशी मुद्रा भंडार में फिर आई गिरावट, समझें-इसकी वजह क्या है

विदेशी मुद्रा भंडार घटने का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में आई गिरावट है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गोल्ड रिजर्व भंडार में गिरावट आने से भी विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है।

विदेशी मुद्रा भंडार में फिर आई गिरावट, समझें-इसकी वजह क्या है

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 17 जून को समाप्त सप्ताह में 5.87 अरब डॉलर घटकर 590.588 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले सप्ताह, विदेशी मुद्रा भंडार 4.599 अरब डॉलर घटकर 596.458 अरब डॉलर रह गया था। यह लगातार तीसरा सप्ताह है, जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है।

वजह क्या है: दस जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार घटने का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में आई गिरावट है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा गोल्ड रिजर्व भंडार में गिरावट आने से भी विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 5.362 अरब डॉलर घटकर 526.882 अरब डॉलर रह गयी।

डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है। आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 25.8 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 40.584 अरब डॉलर रह गया।

समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 23.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.155 अरब डॉलर रह गया। आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 1.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.968 अरब डॉलर रह गया।

यूनिवर्सल करेंसी विनिमय

एक मुद्रा कनवर्टर एक कैलकुलेटर होता है, जिसे इसके मुद्रा को जांचने के लिए एक मुद्रा को दूसरे रूप में परिवर्तित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह आपको वर्तमान बाजार या बैंक विदेशी मुद्रा दरों के आधार पर वास्तविक समय के आंकड़े देता है।

एक मुद्रा कनवर्टर आपको दूसरे में आदान-प्रदान करने से पहले मुद्रा का सापेक्ष मूल्य देता है। यह आपको विदेश में यात्रा करते समय कितना पैसा लेना है या विदेश में पैसा भेज रहे हैं, तो आपको कितना धन हस्तांतरण करने की आवश्यकता है, इस पर एक उचित विचार देगा।

थॉमस कुक के साथ करेंसी विनिमय कैसे करें

  • विदेशी मुद्रा खरीदें
  • विदेशी मुद्रा बेचें

यात्रियों संबंधी सम्पूर्ण विवरण और डिलिवरी का तरीका अथार्थ घर पर लेंगे या बैंक की ब्रांच में, जानकारी दें।

यात्रियों संबंधी सम्पूर्ण विवरण और डिलिवरी का तरीका अथार्थ घर पर लेंगे या बैंक की ब्रांच में, जानकारी दें।

Make payment if you choose to block the sell rate by paying 4% of the total transaction, or visit the branch and convert your Forex into INR.

करेंसी कैलकुलेटर संबंधी प्रश्न

विभिन्न तत्व विदेशी मुद्रा के रेट को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें से कुछ हैं मुद्रा स्फीति दर, ब्याज दर, सरकारी ऋण, व्यापार संबंधी शर्तें, दूसरी मुद्राओं की तुलनात्मक मजबूती, अर्थव्यवस्था में अवसाद, प्रतियोगिता में बदलाव और सरकारी नियंत्रण आदि।

मांग और पूर्ति में बदलाव आने के कारण विदेशी मुद्रा में लगभग प्रतिदिन बदलाव आता रहता है। यदि किसी देश की मुद्रा में उछाल आता है तो इससे दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था में कमजोरी आ सकती है। परिणामस्वरूप मुद्रा की खरीद फरोख्त करने वाले अधिकतम समय में संतुलन स्थापित करने की कोशिश करने घरेलू मुद्रा क्या है? का प्रयास करते रहते हैं।

जी हाँ, आप चाहें तो एक बार में ही एक से अधिक मुद्रा का क्रय कर सकते हैं। आपको केवल अपने ऑर्डर कार्ट में घरेलू मुद्रा क्या है? उन मुद्राओं को एड करके भुगतान करना है।

थॉमस कुक पर दिये गए रेट वास्तविक स्थिति के अनुसार निरंतर अपडेट होते रहते हैं। यह रेट आर्थिक बाज़ार से सीधे जुड़े होने के कारण वास्तविक और रियल टाइम मूल्य दिखाते हैं।

विदेशी मुद्रा के खरदीने और बेचने के लिए थॉमसकुक एक भरोसेमंद जगह माना जा सकता है। सही और सुरक्शित मुद्रा के साथ ही बिना देर किए सेवा देने में तत्पर होने के साथ ही यह आपके घर पर बदली हुई मुद्रा को घर पर पहुंचाने का वादा भी करते हैं। इसका अर्थ है कि आप अपने घर के ड्राइंग रूम में बैठकर बिना किसी भीड़ और लाइन में लगे ऑनलाइन मुद्रा खरीदें और वो आपको घर बैठे ही परिवर्तित रूप में मिल जाएगी।

हमने बिलकुल लास्ट मिनट पर यूरोप घूमने का प्रोग्राम बनाया और थॉमस कुक से विदेशी मुद्रा खरीद ली। उन्होनें बिना कोई अतिरिक्त समय लगाए जल्द से जल्द हमारी परिवर्तित विदेशी मुद्रा हमारे घर भिजवा दी थी। न केवल विदेशी मुद्रा के संबंध में यह भरोसेमंद हैं बल्कि नए ग्राहकों को विदेशी मुद्रा कि कहाँ से और कैसे खरीदें, सलाह भी देने में समर्थ हैं और इससे ग्राहक उपयुक्त दर पर विदशी मुद्रा सरलता से ले सकता है।

मेरा बिजनेस के सिलसिले में निरंतर विदेशी ट्रिप पर रहना होता है इसलिए मैंने अलग-अलग जगह पर कैश और विदेशी मुद्रा विनिमय संबंधी परेशानियों और लगने वाले समय को बचाने के लिए बॉर्डरलैस प्रीपेड कार्ड को लेना अधिक उपयुक्त समझा। इस कार्ड की बदौलत अब मैं सरलता से एक से दूसरे देश बिना करेंसी की परेशानी उठाए जा सकता हूँ। इसके अतिरिक्त बार-बार मुद्रा विनिमय में लगने वाली धनराशि को बचा कर यह कार्ड हमारे धन को सुरक्शित और बचत करने में भी सहायक होता है।

पहली बार. रुपया एक डॉलर के मुकाबले 77 के पार , रिकॉर्ड निचले स्तर पर घरेलू मुद्रा, क्या होगा इसका असर ?

आज सुबह 9 बजे के आस-पास घरेलू मुद्रा 77.28 प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रही थी.

आज सुबह 9 बजे के आस-पास घरेलू मुद्रा 77.28 प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रही थी.

रुपया ( Rupee) आज सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर घरेलू मुद्रा क्या है? पहुंच गया. रुपया 77.06 पर खुला और 77.31 प्रति . अधिक पढ़ें

  • moneycontrol.com
  • Last Updated : May 09, 2022, 12:39 IST

मुंबई. रुपया (Rupee) आज सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. आज सुबह 9 बजे के आस-पास घरेलू मुद्रा 77.28 प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रही थी. यह 76.93 के पिछले बंद से 0.48 प्रतिशत कम थी. रुपया 77.06 पर खुला और 77.31 प्रति डॉलर के निचले स्तर को छू गया. पिछली बार 7 मार्च, 2022 को रुपया 76.98 के निचले स्तर पर आ गया था. मुद्रास्फीति की चिंताओं के बीच ग्लोबल इक्विटी में गिरावट का असर रुपया पर भी दिख रहा है.

महंगाई को लेकर ट्रेडर्स के बीच चिंता बनी हुई है. उनका सवाल है कि क्या फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में वृद्धि इंफ्लेशन रोकने के लिए पर्याप्त है. वहीं, बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अपनी ब्याज दरों में वृद्धि करते हुए मंदी के संभावित जोखिम की चेतावनी दी थी. इस सब कारणों का ग्लोबल मार्केट की गिरावट में बड़ा रोल है. इसका असर रुपया पर भी दिख रहा है.

एफपीआई बिकवाली का भी असर
विश्लेषकों का कहना है कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बने रहने और रूस-यूक्रेन युद्ध की अवधि को लेकर अनिश्चितता के कारण वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति का दबाव बना हुआ है. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली की वजह से भी करेंसी में गिरावट आई. एफआईआई लगातार सातवें महीने इक्विटी में लगभग 22.31 अरब डॉलर की बिक्री के साथ शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं.

बढ़ती महंगाई की चिंता
मुद्रास्फीति की बढ़ती चिंताओं के बीच घरेलू स्तर पर, भारतीय रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है और आगे भी इसके जारी रखने के संकेत दे चुका है. 10 साल की बॉन्ड यील्ड 3 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 7.484 फीसदी हो गई. पिछले हफ्ते आरबीआई की अचानक दरों में बढ़ोतरी के बाद बॉन्ड यील्ड 35 बेसिस प्वाइंट से ज्यादा बढ़ गई है.

और गिर सकता है रुपया
यूएस फेड द्वारा रेट हाइक और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के फेवर वाले आउटलुक के बाद घऱेलू पूंजी बाजार से बड़ी मात्रा में फंड निकाला जा रहा है. जनवरी 2021 पॉलिसी के बाद, जब फेड ने रेट हाइक का इशारा किया और बैलेंस शीट को सिकोड़ने लगा, तब से घरेलू कैपिटल मार्केट से 19 अरब डॉलर का फंड बाहर जा चुका है. फंड के बाहर जाने और व्यापार घाटा बढ़ने से रुपये पर और दबाव बढ़ सकता है. Edelweiss Wealth Research ने अपने एक नोट में निवेशकों को यह जानकारी दी है.

गिरते रुपये का नुकसान
गिरते रुपये का हमारे ऊपर चौतरफा असर होता है. रुपये के गिरने से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने का खतरा और बढ़ गया है. डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरने का मतलब दूसरे देश से आयात करना महंगा पड़ता है. बाहर से मंगाया जाने वाला सामान ज्यादा कीमत पर मंगावाना पड़ेगा तो नुकसान होगा. यानी व्यापार घाटा बढ़ेगा. विदेश यात्रा पर जाने वालों को भी रुपया कमजोर होने का नुकसान उठाना पड़ता है.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

रुपया और यूरो समेत दुनिया की कई मुद्राओं की हालत खस्ता, जानिए क्या है डॉलर के मजबूती का कारण

पिछले कुछ महीनों से रुपये में लगातार गिरावट देखी जा रही है। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया समेत कई देशों की करेंसी में इस साल रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है तो आइए जानते हैं कि रुपये के अलावा और किन देशों की करेंसी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुई है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के मुकाबले रुपये की कीमत में लगातार गिरावट (Rupee Price Fall) हो घरेलू मुद्रा क्या है? रही है। इन दिनों अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 80 के करीब पहुंच गया है। लेकिन रुपया अकेली करेंसी नहीं है, जिसका मूल्य डॉलर के मुकाबले कम हो रहा है। दरअसल, इन दिनों दुनिया की सभी प्रमुख मुद्राएं डॉलर के मुकाबले खस्ताहाल हैं। अगर वैश्विक मुद्रा बाजार के आंकड़ों की पड़ताल करें तो पता चलता है कि ग्रीनबैक के मुकाबले अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपया कहीं बेहतर स्थिति में है।

IRCTC Cancelled Train List Today (Jagran File Photo)

रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर उपजे नए भू-राजनीतिक तनावों के बीच उभरते बाजारों की मुद्राएं, डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रही हैं। मंदी की आशंका के बीच जीडीपी की चिंता, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और बढ़ती महंगाई के चलते दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों द्वारा सख्त मौद्रिक नीतियां लागू करने के कारण असुरक्षा का जो माहौल बना है, उसमें डॉलर की लिवाली तेज हो गई है और उसकी मांग दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। उदारीकरण के बाद दुनिया एक ग्लोबल विलेज की तरह हो गई है, ऐसे में विश्व-व्यवस्था में होने वाली किसी भी हलचल का प्रभाव रुपये सहित अन्य उभरती हुई मुद्राओं पर पड़ना लाजमी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने अपनी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial Stability Report) में कहा है कि रुपये की स्थिति दूसरी करेंसीज की तुलना में अपेक्षाकृत बेहतर है। फरवरी के अंत में यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद से आरबीआइ ने रुपये की कीमत को गिरने से रोकने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार को खोल दिया है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर, माइकल डी पात्रा पहले ही कह चुके हैं कि केंद्रीय बैंक रुपये के मूल्य में किसी भी अप्रत्याशित गिरावट को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।

Petrol Diesel cng Price Today 26 December 2022 (Jagran File Photo)

डॉलर के मुकाबले किसकी क्या है स्थिति

डॉलर के मुकाबले दुनिया की कुछ प्रमुख करेंसीज की बात करें तो यूरो हो या युआन, लीरा हो या ब्रिटिश पाउंड, सबका हाल, बेहाल ही नजर आता है।

टर्किश लीरा

तुर्की की मुद्रा लीरा (Turkish lira) की बात करें तो डॉलर के मुकाबले लीरा में लगातार गिरावट हो रही है। गुरुवार, 14 जुलाई को दिसंबर 2021 के बाद पहली बार लीरा का मूल्य 17.5 प्रति डॉलर तक गिर गया। जुलाई 2021 में एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लीरा की कीमत 8 के आसपास थी, जो एक साल बाद 16 से ऊपर बनी हुई है।

SBI Canara HDFC ICICI Bank FD Rates for senior citizen (Jagran File Photo)

डॉलर के मुकाबले सम-मूल्य पर खड़ी होने वाली यूरोपीय देशों की मुद्रा यूरो (Euro) की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। इस माह डॉलर के मुकाबले यूरो में दो बार जबरदस्त गिरावट देखी गई है। बुधवार, 13 जुलाई को डॉलर के मुकाबले यूरो समानता से स्तर से नीचे आ गया। लगभग दो दशकों में यह पहली बार था, जब यूरो में इतनी गिरावट देखी गई। जुलाई 2021 में एक डॉलर 0.84 यूरो के बराबर था। जबकि जुलाई 2022 में यह लगातार 0.95 यूरो से ऊपर बना हुआ है।

सीसीआइ ने Google पर Android बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए करोड़ों का जुर्माना लगाया था।

ब्रिटिश पाउंड

15 जुलाई 2021 को एक ब्रिटिश पाउंड (British Pound) की कीमत 1.38 यूएस डॉलर थी जो जुलाई 2022 में घटकर 1.17 यूएस डॉलर रह गई है। मार्च 2020 के बाद पाउंड का यह सबसे न्यूनतम स्तर है। बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा बार-बार ब्याज दरें बढ़ाने के बावजूद 2022 में स्टर्लिंग में तेजी से गिरावट आई है।

चीनी युआन

15 जुलाई 2021 को एक अमेरिकी डॉलर 6.46 युआन (Renminbi) के बराबर था, जो 15 जुलाई 2022 को 6.79 युआन हो गया। इससे पहले 10 मई 2022 को चीनी युआन में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बड़ी गिरावट देखने को मिली थी और यह 6.7134 पर पहुंच गया था। जीरो कोविड पॉलिसी के चलते सख्त लॉकडाउन और रियल एस्टेट बाजार में आई मंदी से चीन में आर्थिक विकास की दर बुरी तरह प्रभावित हुई है, ऐसे में युआन के दबाव में बने रहने की आशंका जताई जा रही है।

Gold Silver Price Today: Check Rates in Delhi, Hyderabad, Chennai, Mumbai, Jaipur, Patna, Chandigarh and other Cities

जापानी येन

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले जापानी येन (Japanese Yen) भी लगातार कमजोर हो रहा है। 22 जून 2022 को येन 24 साल के रिकॉर्ड निचले स्तर 136.45 प्रति डॉलर तक गिर गया। 2022 में ग्रीनबैक के मुकाबले येन की कीमत में 18 फीसद से अधिक की गिरावट हो चुकी है। 15 जुलाई 2022 एक डॉलर 138.80 येन पर था, जबकि एक साल पहले इसी दिन यह 109.98 युआन पर था।

कनाडियन डॉलर

पिछले एक साल से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1.28 के इर्द-गिर्द घूमने वाला कनाडियन डॉलर (Canadian Dollar) भी 14 जून 2022 के बाद से लगातार हिचकोले खा रहा है। फिलहाल, एक अमेरिकी डॉलर के बदले इसके कीमत 1.32 तक गिर गई है।

रेटिंग: 4.30
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 361